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ठंडे बस्ते में डियर पार्क योजना: पानी के तलाश में रिहायशी इलाके में पहुंचा चीतल, कुत्तों ने किया हमला, इलाज के अभाव में हुई मौत…

पथरिया- ग्राम पंचायत कंचनपुर में वन विभाग की लापरवाही और आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक के कारण एक नर चीतल की दर्दनाक मौत हो गई. शुक्रवार सुबह पानी की तलाश में गांव की ओर आया चीतल आवारा कुत्तों के झुंड का शिकार बन गया. भागते हुए वह खेत में लगे कटीले तार में फंस गया और घायल हो गया, जिसके बाद कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया. ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से उसे बचाया, लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण चीतल की हार्ट अटैक से मौके पर ही मौत हो गई.

वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. एस.एम. पांडेय ने बताया कि मृत चीतल की उम्र लगभग पांच वर्ष थी और उसकी मृत्यु भय व हमले के कारण हृदयघात से हुई है.

डियर पार्क योजना बनी मजाक

ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब हिरन आवारा कुत्तों का शिकार बने हों. पिछले 10–12 वर्षों से वन विभाग को ऐसे मामलों की जानकारी दी जाती रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. वर्ष 2022 में बगबुड़वा और पुछेली में डियर पार्क बनाने की योजना बनी थी, लेकिन यह योजना आज तक कागजों में ही सीमित है.

जंगल में पानी की कमी, जानवरों की जान की दुश्मन

प्राकृतिक जल स्रोतों की कमी के चलते हिरन जैसे वन्यजीव खुले क्षेत्रों और गांव की ओर आने को मजबूर हैं, जहां वे शिकार बन जाते हैं. ग्रामीणों के अनुसार, क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में चीतल विचरण करते हैं, लेकिन वन विभाग को इनके बारे में न तो जानकारी है और न ही वह कोई सर्वे करता है.

ग्रामीणों की मांग: वन्यजीव सुरक्षा और जिम्मेदारी तय करने की ज़रूरत

गांववालों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए और डियर पार्क जैसी योजनाओं को जल्द से जल्द अमल में लाया जाए. इसके अलावा वन विभाग की निष्क्रियता और रेंजर की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं. लोगों का कहना है कि रेंजर कौन है, यह तक उन्हें पता नहीं — और न ही उन्होंने कभी क्षेत्र का दौरा किया है.

पूर्व जिला पंचायत सदस्य वलीउल्ला शेख ने भी वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो आने वाले समय में यह क्षेत्र चीतलविहीन हो सकता है.

वन विभाग की चुप्पी: इस मामले में रेंजर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठाया गया. यह भी विभाग की जवाबदेही पर बड़ा सवाल है.

रेत खदान में दर्दनाक हादसा: हाइवा की चपेट में आने से युवक की मौत, जांच में जुटी पुलिस, अवैध उत्खनन पर उठे सवाल

आरंग- पढ़ने को थोड़ा अजीब लगेगा कि महासमुंद जिले के रेत खदान में रेत से भरे हाइवा में दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और इसकी जांच रायपुर जिले की पुलिस कर रही है, लेकिन ये सच है. शुक्रवार को महासमुंद जिले के बरबसपुर रेत खदान में रेत से भरे हाइवा वाहन में दबने से आरंग के ग्राम पारागांव निवासी संतु पाल की दर्दनाक मौत हो गई. रेत से भरे हाइवा वाहन का चालक गाड़ी को रिवर्स ले रहा था, इसी दौरान मोटरसाइकिल में बैठे संतु पाल को अपनी चपेट में ले लिया. संतु पाल पहिए के नीचे दब गया, जिससे उसकी मौत हो गई.

घटना की जानकारी पहले महासमुंद पुलिस को दी गई. जिस जगह दुर्घटना हुई, वह महानदी के बीच में है. पूर्व में महासमुंद जिले का बरबसपुर और पश्चिम में रायपुर जिले के आरंग विकासखंड अंतर्गत ग्राम राटकाट है. इसके बाद सीमाओं को लेकर आरंग पुलिस और महासमुंद पुलिस के बीच चर्चा हुई, फिर अंत में मामले की जांच आरंग पुलिस द्वारा की जा रही है. अब आरंग पुलिस के जांच करने से यह सवाल भी उठ रहा है कि अगर घटना आरंग क्षेत्र के राटकाट में हुई है, तो महासमुंद के बरबसपुर रेत खदान वाले रायपुर जिले से रेत खदान का अवैध उत्खनन कर रहे हैं.

जानकारी मिली है कि कुछ दिन पहले ही राटकाट के ग्रामीणों द्वारा बरबसपुर रेत खदान से राटकाट क्षेत्र की रेत का अवैध उत्खनन करने की शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई है. अब देखने वाली बात है कि खनिज विभाग अपनी तरफ से क्या कार्रवाई करता है.

फिलहाल, मृतक संतु पाल के शव का आरंग पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है.

शादी समारोह में शामिल होने गए युवक की खेत में मिली लाश, इलाके में फैली सनसनी

सूरजपुर- छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. शादी समारोह में शामिल होने आए युवक की संदिग्ध हालात में खेत में लाश मिली है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई हैं। 

जानकारी के अनुसार, यह घटना चंदौरा थाना क्षेत्र के पकनी गांव की है, जहां गांव का निवासी अनिल मरावी गुरुवार की रात एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकला था. लेकिन रातभर घर वापस नहीं लौटा. परिजनों ने सुबह खोजबीन शुरू की तो उसका शव गांव के ही एक खेत में पड़ा मिला.

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. युवक के सिर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका जताई जा रही है. पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड की टीम साक्ष्यों को एकत्र करने में जुटी हुई है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल घटना के कारणों और आरोपियों का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

रायपुर नगर निगम में नेताप्रतिपक्ष की नियुक्ति पर विवाद, कांग्रेस ने बनाई कमेटी, पूर्व विधायक लेखराम साहू बनाए गए अध्यक्ष

रायपुर- नगर निगम रायपुर के नेताप्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने अब कुरुद विधानसभा के पूर्व विधायक लेखराम साहू की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी और पूर्व विधायक प्रत्याशी सुनील महेश्वरी को सदस्य बनाए गए हैं.

यह कमेटी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस पार्षदों से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत होंगे. इसके बाद तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी. बता दें कि कांग्रेस ने पहले संदीप साहू को नगर निगम रायपुर का नेताप्रतिपक्ष नियुक्त किया था. इसके बाद बागी होकर चुनाव जीतने वाले आकाश तिवारी को नेताप्रतिपक्ष बना दिया. आकाश को नेताप्रतिपक्ष बनाने से साहू समाज नाराज चल रहा है. वहीं कांग्रेस के 5 पार्षद भी इस्तीफा दे चुके हैं.

शवगृह में अव्यवस्था का आलम : सफाई नहीं होने से गंदगी-बदबू के बीच हो रहा पोस्टमार्टम, CMO-BMO एक दूसरे पर झाड़ रहे पल्ला

आरंग- शहर के वार्ड नंबर 6 स्थित शवगृह में जनसुविधाओं को ध्यान में रखकर 01 करोड़ 03 लाख खर्च किया जा रहा है, लेकिन लगभग 03 साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है. इसके चलते यहां अव्यवस्था का आलम है. निर्माण कार्य आरंग नगर पालिका परिषद के अंतर्गत सृजन बिल्डकॉन रायपुर द्वारा किया जा रहा है. बाहर से शवगृह दिखने में अच्छा लग रहा, लेकिन अंदर नर्क से कम नहीं है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यहां सफाई नहीं होने से गंदगी-बदबू के बीच पोस्टमार्टम हो रहा. जब किसी दुर्घटना में मृत व्यक्ति का शव पोस्टमार्टम के लिए यहां लाया जाता है तो पोस्टमार्टम के बाद स्ट्रेचर और कमरे में बिखरे खून और गंदगी की सफाई की जिम्मेदारी किसकी होती है ये तय नहीं हो पा रहा है. बीएमओ और सीएमओ एक दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे।

एक तरफ नगर पालिका द्वारा शवगृह का निर्माण कार्य कराया जा रहा, वहीं दूसरी तरफ पोस्टमार्टम में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका रहती है. पोस्टमॉर्टम के बाद सफाई कौन कराएगा इसकी जिम्मेदारी शायद अभी तक तय नहीं हो पाई है. इसका ताजा उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला, जब ग्राम पारागांव के मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए मुक्तिधाम के शवगृह लाया गया. शव रखने के लिए जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला गया दुर्गंध से पूरा रूम भरा था. इससे पहले यहां हुए पोस्टमार्टम में मृतक के खून से लथपथ कपड़े और स्ट्रेचर में खून के धब्बे ने यहां के जिम्मेदारों की पोल खोलकर रख दी. कमरे में भी खून के निशान हैं. पोस्टमार्टम के लिए आए मृतक के परिजन शव को खून से सनी हुई जगह पर रखने को मजबूर थे.

अफसर बोले – शवगृह में बिजली और पानी की समस्या जल्द दूर करेंगे

इस मामले में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी विजयलक्ष्मी अनंत का कहना है कि शवगृह में बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण वहां सफाई नहीं हो पाती है. नगर पालिका को इस पर ध्यान देना चाहिए. वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी शीतल चंद्रवंशी का कहना है कि मुक्तिधाम में निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन शवगृह में जब किसी शव का पोस्टमॉर्टम हो गया है तो वहां की सफाई की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शवगृह में बिजली और पानी की समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा.

शव रखने के लिए फ्रीजर की भी व्यवस्था नहीं

जानकारी के मुताबिक शवगृह में शव रखने के लिए फ्रीजर की भी व्यवस्था होनी है, लेकिन बिजली व्यवस्था नहीं होने से फ्रीजर का उपयोग नहीं हो पा रहा है. आरंग नगर के सबसे मुख्य मुक्तिधाम में लगभग 03 साल होने के बाद भी शवगृह का निर्माण कार्य अधूरा है, जिससे पोस्टमॉर्टम कराने आए मृतक के परिजन और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश का नोटिफिकेशन जारी, 12 मई से 6 जून तक रहेगी छुट्टी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गर्मी अवकाश को लेकर नोटिफिकेशन जारी की है. इसके अनुसार, हाईकोर्ट 12 मई 2025 (सोमवार) से 6 जून 2025 (शुक्रवार) तक बंद रहेगा और 9 जून 2025 (सोमवार) से पुनः खुलेगा. इस दौरान कुछ चयनित तिथियों को अवकाशकालीन बेंच न्यायिक कार्य करेगी.

अवकाशकालीन में इन तारीखों को लगेगी कोर्ट की बेंच

13, 15, 20, 22, 27 और 29 मई तथा 3 व 5 जून 2025 को अवकाशकालीन पीठ की सुनवाई होगी.

ग्रीष्मावकाश अवधि के दौरान बैठक तथा दाखिल करने के निर्देश

  1. ग्रीष्मावकाश के दौरान सभी सिविल/आपराधिक/रिट मामले दाखिल किए जाएंगे.
  2. किसी भी आपात स्थिति में माननीय अवकाश न्यायाधीश माननीय मुख्य न्यायाधीश की स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात अपने लॉर्डशिप की बैठक को किसी अन्य माननीय न्यायाधीश के साथ बदल सकते हैं.
  3. माननीय अवकाश न्यायाधीश प्रातः 10:30 बजे से डिवीजन बेंच कोर्ट का संचालन करेंगे तथा आपात स्थिति में न्यायालय के समय के बाद भी बैठना जारी रख सकते हैं.
  4. माननीय अवकाश न्यायाधीश, यदि समय की अनुमति हो तो डिवीजन बेंच के मामलों के पूरा होने के पश्चात सिंगल बेंच कोर्ट का संचालन करेंगे.
  5. ग्रीष्म अवकाश के दौरान रजिस्ट्री प्रतिदिन प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक खुली रहेगी, शनिवार, रविवार तथा छुट्टियों को छोड़कर.

ग्रीष्म अवकाश के दौरान निम्नलिखित मामले सूचीबद्ध किए जाएंगे

  1. ग्रीष्म अवकाश के दौरान तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन के साथ सभी नए रिट/सिविल/आपराधिक मामले. नए तथा लंबित जमानत आवेदनों में, तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन तथा ग्रीष्म अवकाश के दौरान सुनवाई के लिए आवेदन की आवश्यकता नहीं है तथा उन्हें ग्रीष्म अवकाश के दौरान सूचीबद्ध किया जाएगा.
  2. जमानत आवेदनों के अलावा अन्य लंबित मामलों की सूची के लिए, तत्काल सुनवाई आवेदन और गर्मी की छुट्टियों के दौरान सुनवाई के लिए आवेदन की आवश्यकता है.
  3. अवकाश न्यायाधीशों के पास नहीं पहुंचे मामलों को अगले अवकाश न्यायाधीशों के समक्ष एक अलग सूची में सूचीबद्ध किया जाएगा.
  4. पीठों के बैठने के दिन से पहले कार्य दिवस पर दोपहर 1.30 बजे तक दायर किए गए मामलों/आवेदनों को उस बैठने के दिन सूचीबद्ध करने के लिए विचार किया जाएगा और बैठने के दिन से ठीक पहले के दिन कारण सूची प्रकाशित की जाएगी.
  5. अवकाश न्यायाधीश 13, 15, 20, 22, 27 और 29 मई, 2025 और 3 और 5 जून 2025 को न्यायालय की बैठकें करेंगे.

सीएम विष्णुदेव साय कल करेंगे पंजीयन विभाग की 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ, मेसर्स रैक बैंक के एआई डाटा सेंटर का होगा शिलान्यास

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 3 मई को नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग की नवाचार आधारित 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ और मेसर्स रैक बैंक द्वारा प्रस्तावित अत्याधुनिक एआई डाटा सेंटर का शिलान्यास भी करेंगे। यह कार्यक्रम राज्य के डिजिटल बुनियादी ढ़ांचे को सुदृढ़ बनाने और आम नागरिकों को पारदर्शी, सरल तथा तकनीकी सुलभ सेवाएं प्रदान करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम होगा।

पंजीयन विभाग द्वारा आम नागरिकों की सुविधा, पारदर्शिता और दस्तावेजों की सुरक्षा के उद्देश्य से पंजीयन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और सरल बनाया गया है। इन सुविधाओं में आधार आधारित प्रमाणीकरण, ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड, कैशलेस भुगतान, डिजीलॉकर, व्हाट्सएप नोटिफिकेशन, घर बैठे रजिस्ट्री, डिजीडॉक्यूमेंट, स्वतः नामांतरण जैसी तकनीकी सेवाएं शामिल हैं। इन सुविधाओं से रजिस्ट्री प्रक्रिया, पेपरलेस सुरक्षित और नागरिकों के लिए सहज हो सकेगी। अब आम नागरिक रजिस्ट्री से जुड़ी सेवाएं घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे, जिससे समय, श्रम और धन की बचत होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिस एआई डाटा सेंटर का शिलान्यास किया जाएगा, वह नवा रायपुर के सेक्टर 22 में विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 5 मेगावॉट क्षमता का यह केंद्र पर्यावरण संरक्षण मानकों का पालन करते हुए सौर ऊर्जा आधारित होगा तथा भविष्य में इसकी क्षमता 150 मेगावॉट तक विस्तार की जा सकेगी। लगभग 1000 करोड़ के निवेश वाली इस परियोजना से 500 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह इकाई राज्य की औद्योगिक नीति वर्ष 2024-30 के तहत एंकर यूनिट के रूप में विकसित होगी। इसके साथ ही राज्य में आईटी, आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेटा सेवाओं से जुड़े एक नए इको-सिस्टम के विकास की नींव रखी जाएगी।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल एक बार फिर प्राक्कलन समिति के सदस्य नियुक्त किये गए

रायपुर-   यह बड़े गर्व और सम्मान की बात है कि रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल को एक बार फिर लोकसभा की महत्वपूर्ण प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) का सदस्य नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति गुरुवार, 1 मई 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए की गई। नई समिति में कई सदस्यों का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें श्री अग्रवाल की नियुक्ति उनकी सक्रिय संसदीय भूमिका और प्रशासनिक अनुभव का प्रमाण है।

इस अवसर पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा,“मैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का आभार प्रकट करता हूँ कि उन्होंने मुझ पर एक बार फिर विश्वास जताया। यह समिति संसदीय कार्य प्रणाली में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा। मेरी प्राथमिकता रहेगी कि जनता के पैसों का सदुपयोग हो और केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जा सके।”

ज्ञात हो कि प्राक्कलन समिति लोकसभा की सबसे बड़ी और प्रभावशाली समितियों में से एक है, जो विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की व्यय नीतियों की समीक्षा कर उनके कुशल प्रबंधन के लिए सुझाव देती है। श्री अग्रवाल पूर्व में भी इस समिति के सदस्य रह चुके हैं और उनके अनुभव से समिति को लाभ मिलने की पूरी संभावना है।

सुशासन तिहार में भटगांव को मिला बड़ा तोहफा, शुरू हुआ एसडीएम लिंक कोर्ट, हर गुरुवार को होगी राजस्व मामलों की सुनवाई

रायपुर-  जनहित को सर्वाेपरि रखने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की सुशासन नीति का असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। सुशासन तिहार के दौरान आम नागरिकों की लंबे समय से मांग को देखते हुए, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश के परिपालन में जिला प्रशासन सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा भटगांववासियों को बड़ी सौगात दी है। अब हर गुरुवार को भटगांव तहसील कार्यालय में एसडीएम लिंक कोर्ट लगेगा, जिससे लोगों को राजस्व मामलों के लिए अब बिलाईगढ़, सारंगढ़ नहीं जाना पड़ेगा।

कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ डॉ. कन्नौजे द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), बिलाईगढ़ का न्यायालय अब प्रत्येक गुरुवार को अस्थाई रूप से तहसील कार्यालय भटगांव में लगेगा। यह व्यवस्था आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगी। इस लिंक कोर्ट से सरसीवां और भटगांव तहसील से संबंधित राजस्व, दाण्डिक और समस्त न्यायालयीन प्रकरणों की सुनवाई और त्वरित निपटारा संभव हो सकेगा। इसके जरिए प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी और न्याय के लिए आमजन की पहुंच आसान होगी।

इस निर्णय से क्षेत्र के नागरिकों में हर्ष व्याप्त है। लंबे समय से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए लोगों को बिलाईगढ़ या सारंगढ़ जाना पड़ता था। अब स्थानीय स्तर पर ही न्यायिक कार्यवाही होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यह पहल प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण की दिशा में एक अहम कदम है, जिससे न्याय व्यवस्था और राजस्व प्रशासन दोनों को सुदृढ़ता मिलेगी। यह लिंक कोर्ट सुशासन के संकल्प को और अधिक मजबूत करेगा। भटगांव में एसडीएम लिंक कोर्ट की शुरूआत इस बात का प्रमाण है कि सुशासन तिहार केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि आमजन के जीवन में ठोस बदलाव लाने का माध्यम बन चुका है।

नगर निगम-विद्युत विभाग की व्यवस्था की खुली पोल : अब तक नहीं हटाए गए आंधी से टूटे पेड़, रायपुर के कई इलाकों में 24 घंटे से बिजली बंद

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार शाम को आंधी-तूफान ने जमकर तबाही मचाई. 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बिजली तारों पर पेड़ गिरने से राजधानी रायपुर के टाटीबंध, कंचन सड्‌ढू, आमसिवनी, दलदलसिवनी समेत कई इलाकों में ब्लैकआउट की स्थिति है. शहर में टूटे पेड़ों को अब तक नहीं हटाया गया है. शहर के कई इलाकों में गुरुवार शाम से बंद बिजली अभी तक नहीं आई है. इसके चलते लोगों के घरों तक पानी भी नहीं पहुंच पाया है.

टाटीबंध में दयासिंह के घर के सामने गुरुवार से बिजली के तार पर पेड़ गिरा हुआ है, जिसे अब तक नहीं हटाया गया है. पेड़ बिजली के तार पर ही लटक रहा है. इस संबंध में कल से ही विद्युत विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी जा रही है, लेकिन अब तक न ही पेड़ को हटाया गया है न बिजली सप्लाई चालू हुई है. शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने नगर निगम भी कोई ध्यान नहीं दे रही. विभागों की सुस्त रवैये से शहरवासी परेशान हैं. लोग अपने रिश्तेदारों या होटलों में रहने को मजबूर हैं.