/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png StreetBuzz थाना परिसर में लगी आग से मची अफरा-तफरी, आरक्षक की कार जलकर खाक Raipur
थाना परिसर में लगी आग से मची अफरा-तफरी, आरक्षक की कार जलकर खाक

कोरबा- बालको थाना परिसर में मंगलवार की शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब अचानक एक कार में आग लग गई. देखते ही देखते कार से उठती लपटों और गहरे काले धुएं ने पूरे थाना परिसर को अपनी चपेट में ले लिया.

जानकारी के अनुसार, आग थाना परिसर में खड़ी स्विफ्ट डिजायर कार में लगी, जो आरक्षक डेविड निराला की बताई जा रही है. कार से अचानक उठती आग की लपटों को देखकर पुलिसकर्मी तत्काल हरकत में आए और पानी व अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेजी से फैल गई कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया.

वहीं तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. मौके पर पहुंचे दमकल वाहनों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. हालांकि तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी.

गनीमत रही कि पास में खड़े अन्य वाहनों को समय रहते वहां से हटा लिया गया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना होने से टल गई. आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है, लेकिन पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

CGPSC घोटाला : पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित CGPSC घोटाला मामले में फंसे पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने टामन सिंह सोनवानी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने 17 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व रखा था, जिसे आज जारी किया गया है।

CGPSC 2021 घोटाला मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की टीम ने पिछले साल नवंबर में CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त सोनवानी सरगुजा में अपने गांव से मैनपाट जा रहा था, जहां उसका आलीशान फॉर्म हाउस है।

सीबीआई को जांच में पता चला था कि टामन सोनवानी ने भतीजे नीतेश सोनवानी, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी समेत 5 रिश्तेदारों का चयन कराया था। इसके अलावा पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, भूपेश सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो की बेटी नेहा खलखो, बेटा निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी ध्रुव, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, एक उद्योगपति के बेटे और बहू, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा, कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम, मीनाक्षी गनवीर समेत अन्य का भी चयन हुआ था, जिसकी जांच जारी है।

पीएससी घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई ने चयनित अभ्यर्थियों के यहां से प्रश्नपत्र से जुड़े दस्तावेज बरामद किए। उनके परिजनों के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन की भी जानकारी ली, जिसके आधार पर सोनवानी को समन जारी कर बुलाया गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए तब उनकी गिरफ्तारी की गई।


एक चयनित अभ्यर्थी के यहां डायरी में लेनदेन का मिला था हिसाब

CGPSC 2021 में चयनित 18 अभ्यर्थियों के घरों में इस घोटाले को लेकर छापेमारी भी की गई थी। अभ्यर्थियों के यहां 300 से ज्यादा किताबों-नोटबुक और मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। इस दौरान एक चयनित अभ्यर्थी के यहां डायरी में लेनदेन का हिसाब भी मिला था। अभ्यर्थियों, उनके परिजन के बैंक खातों की जांच के अलावा सीबीआई ने पीएससी के अफसरों से बातचीत की। 5 साल की कॉल डिटेल और लोकेशन भी खंगाली, जिसके आधार पर सीबीआई ने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया।

CBI ने 7 लोगों को बनाया है आरोपी

बता दें कि इस घोटाले में आरोपी बनाए गए बजरंग इस्पात के डायरेक्टर श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और उनकी बहू भूमिका की पहले ही जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। सीबीआई ने इस घोटाले में मुख्यतः श्रवण गोयल, शशांक गोयल, भूमिका कटियार, नितेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, ललित गणवीर समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया है।

छत्तीसगढ़ की एक और उपलब्धि : जल संरक्षण योजना के लिए मिला प्रधानमंत्री पुरस्कार

धमतरी- जीआईएस आधारित जल संरक्षण योजना के सफल संचालन के लिए छत्तीसगढ़ ने उपलब्धि हासिल की है. 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में आईएएस नम्रता गांधी को प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया। उन्होंने धमतरी में कलेक्टर रहते हुए अपने कार्यकाल के दौरान जिले में पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण पर विशेष काम किया था। नम्रता गांधी ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद इसे टीम धमतरी को समर्पित किया है।

नम्रता गांधी ने अपने संदेश में कहा कि जल संरक्षण और फसल चक्र परिवर्तन जैसे व्यापक विषयों पर सफलता केवल टीम वर्क से ही संभव है। सभी की भागीदारी से धमतरी में पानी बचाने और इसके प्रति आमजनों को जागरूक करने के लिए जो प्रयास किया गया, यह पुरस्कार उसकी सफलता को स्वयं ही बताता है। नम्रता गांधी ने जिले के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओ, औद्योगिक संस्थानों के साथ-साथ सभी जिलेवासियों को भी इस पुरस्कार के मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी है और उन सभी के सकारात्मक सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया है।

पानी बचाने जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों की ली मदद


उल्लेखनीय है कि धमतरी की पूर्व कलेक्टर नम्रता गांधी के कार्यकाल के दौरान धमतरी जिले में पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण पर विशेष काम किए गए। जीआईएस आधारित जल संरक्षण अभियान का संचालन किया गया। इसके तहत पानी बचाने के लिए बनाई जाने वाली सभी संरचनाओं की जीआईएस मैपिंग कराई गई। जिले के सभी गांवों में क्लार्ट एप्प के माध्यम से भूमि की आंतरिक संरचना का परीक्षण कर वहां भूजल स्तर बढ़ाने में उपयोगी जल संरचनाएं बनवाई गईं। पानी बचाने के इस अभियान में जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों की भी मदद ली गई।


सभी बड़े भवनों में अनिवार्य किया रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम


जिले के सभी बड़े भवनों, निजी स्कूलों, अस्पतालों, रेस्टोरेंटों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और रूफ टॉप स्ट्रक्चर बनाना अनिवार्य किया गया। पानी की समस्या से जूझने वाले गांवों में जरूरी बैठकें कर जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया गया, उन्हें रैन वाटर हार्वेस्टिंग, रूफटॉप स्ट्रक्चर, बेस्ट वाटर मैनेजमेंट की तकनीकों की जानकारी दी गई। इस अभियान में जनजागरूकता के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों, निजी संस्थान संचालकों की कार्यशालाएं आयोजित की गईं। रैलियों, प्रभात फेरियों, दीवार लेखन-नुक्कड़ नाटकों के साथ-साथ आधुनिक प्रचार-प्रसार के तरीकों एनीमेटेड वीडियो-ऑडियो आदि के माध्यम से लोगों में जल संरक्षण की अलख जगाई गई। इस काम में स्वयं सेवी संस्थाओं की भी मदद ली गई।


फसल चक्र परिवर्तन के बारे में गांवों में फैलाई जागरूकता


ग्राम पंचायतों में फसल चक्र परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाई गई। स्थानीय स्तर पर पेड़ लगाने, पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधने, शादी-ब्याह और उत्सवों में बहू-बेटियां को उपहार में पौधे देने जैसे सफल प्रयोग किए गए। इस अभियान की सफलता में तत्कालीन कलेक्टर नम्रता गांधी के नेतृत्व में शहरी और ग्रामीण सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नगरीय क्षेत्रों के तालाबों की सफाई से लेकर निस्तारी पानी और बारिश के पानी की समुचित निकासी करने, ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने के लिए भी योजना बनाई गई। भारतीय जैन संगठना, साथी समूह जैसी कई स्वयं सेवी संस्थाओं ने भी इस काम में सहयोग किया। तालाबों को पुनर्जीवित कर जलधारण क्षमता बढ़ाई।


जिले में लगाए गए 11 लाख पौधे

तालाबों से निकली मिट्टी से खेतों की उर्वरा शक्ति में बढ़ोत्तरी हुई। जिले की 225 औद्योगिक इकाईयों ने केन्द्रीय भूजल बोर्ड मानकों के आधार पर बारिश के पानी को बचाने के लिए जल संरचनाओं का निर्माण कराया। राईस मिलां में वाटर फ्लो मीटर लगाए गए। जिले के आदिवासी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए तालाब और डबरियां बनाई गईं। गांव के पास से गुजरने वाले नालों पर डाईक बनाए गए, ताकि गांव में पानी का जलस्तर बढ़े। जिले में लगभग 11 लाख पौधों का रोपण इस दौरान किया गया। गई।

सड़कों पर 240 ई-बस उतारने तैयारियां तेज, तकनीकी तैयारियों और क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण संपन्न

रायपुर- राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई की सड़कों पर 240 ई-बस उतारने की तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत राज्य में ये ई-बसें संचालित की जाएंगी। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव की पहल पर शहरी आवागमन को बेहतर बनाने ई-बस सेवा के प्रभावी संचालन हेतु नगरीय प्रशासन विभाग एवं सुडा (SUDA) के अधिकारियों के क्षमता विकास के लिए आज एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। श्री साव ने ई-बस सेवा को प्रभावी रूप से लागू कर जल्द ही नागरिकों को प्रदूषणरहित बस सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसे धरातल पर उतारने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के विशेषज्ञों और अधिकारियों ने नया रायपुर स्थित विश्राम भवन में विभिन्न सत्रों में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में राज्य के अधिकारियों को ई-बस सेवा के बेहतर संचालन के लिए तकनीकी जानकारियां प्रदान कीं।

राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय ने प्रशिक्षण में कहा कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना नगरीय यातायात में मील का पत्थर साबित होगी। इससे लोगों को सस्ती और प्रदूषणरहित यात्रा सुलभ होगी। आज के इस प्रशिक्षण में ई-बस सेवा के संचालन के लिए तकनीकी जानकारियां दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में कुल 240 ई-बसें मुहैया कराई जा रही हैं। इनमें रायपुर के लिए 100, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसें शामिल हैं। चारों शहरों में बस डिपो, सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए कुल 67 करोड़ 40 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। रायपुर को 27 करोड़ 23 लाख रुपए, दुर्ग-भिलाई को 17 करोड़ 75 लाख रुपए, बिलासपुर को 11 करोड़ 45 लाख रुपए तथा कोरबा को 10 करोड़ 97 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

शहरी परिवहन संस्थान के डिप्टी टीम लीडर राम पौनीकर ने प्रशिक्षण में कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण विश्व के लिए बड़ी चिंता का विषय है। पर्यावरण के प्रदूषण के लिए वाहनों से उत्सर्जित धुआं एक महत्वपूर्ण कारक है। ऐसे में ई-बस सेवा का संचालन पर्यावरण के प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। आईयूटी की एकता कपूर ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना में छत्तीसगढ़ की भागीदारी की जानकारी दी। डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यक्रम प्रमुख चिंतन दफ्तरदार ने सिटी बस सेवाओं के लिए संस्थागत ढांचा एवं प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत एकीकृत निविदा और अनुबंध के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ निविदा और अनुबंध से जुड़े विभिन्न तकनीकी विषयों पर चर्चा की।

श्री दफ्तरदार ने ई-बस और सिटी बस सेवाओं की निगरानी पर कहा कि किसी भी योजना के कुशल संचालन में सेवाओं की निगरानी एवं मूल्यांकन महत्वपूर्ण बिंदु होता है। मूल्यांकन के आधार पर ही सेवाओं की गुणवत्ता के स्तर को देखा जाता है। इस सेवा में भी निगरानी एवं मूल्यांकन महत्वपूर्ण पहलू होगा। सीईएसएल के प्रतिनिधि वेंकट श्रीनिवास और भरत गुप्ता ने ई-बस सेवा योजना में ऑपरेटर को भुगतान, भुगतान की शर्तें, भुगतान हेतु देयक, भुगतान प्रक्रिया तथा पीएसएम प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

सुडा के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुष्यंत कुमार रायस्त, कोरबा नगर निगम के अपर आयुक्त विनय कुमार मिश्रा, अधीक्षण अभियंता सुरेश बरूआ, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी निशिकांत वर्मा, सुडा के उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील अग्रहरि और सचित साहू, रायपुर नगर निगम के कार्यपालन अभियंता प्रदीप यादव और राकेश मसीह, सहायक अभियंता योगेश कडु और सुनील तांडे, विशेषज्ञ बी.एल. चंद्राकर, उप अभियंता पलाश वैद्य, बिलासपुर नगर निगम के कार्यपालन अभियंता अनुपम तिवारी, सहायक अभियंता निलेश पटेल, सुडा के प्रबंधक सुरेन्द्र मृगा और सहायक प्रबंधक देवव्रत सिंह भी प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कामकाज की समीक्षा

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और इसकी गहन निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हैंडपंपों की मरम्मत के लिए पूर्व में दिए गए निर्देशों के तहत तेजी से कार्य हुए हैं और अब तक 86 मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से 11,238 हैंडपंपों की मरम्मत पूरी की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जहाँ भी पेयजल से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहाँ तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली और प्रदेश में पेयजल की उपलब्धता, भूजल स्तर, जल जीवन मिशन की प्रगति और जल संरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने सरगुजा में पीएचई विभाग का मुख्य अभियंता परिक्षेत्रीय कार्यालय खोलने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने “सुशासन तिहार” के दौरान प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर नल से जल पहुँचाने का बड़ा संकल्प लिया है। जल जीवन मिशन के शेष कार्यों को उन्होंने समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन की आगामी वर्षों की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। श्री साय ने कहा कि भूजल स्तर में गिरावट से प्रभावित विकासखंडों के साथ-साथ बिना जल स्रोत वाले ग्रामों की सूची भी तैयार करें, ताकि इसे दूर करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

श्री साय ने भूजल संकट से जूझ रहे 6 जिलों के 10 विकासखंडों को लेकर चिंता जताई और कहा कि अल्पकालिक व दीर्घकालिक योजनाएँ बनाकर जल संकट से निपटना होगा। उन्होंने रिचार्ज पिट और वर्षा जल संचयन जैसी जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही और अनियंत्रित भूजल दोहन पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और वन विभागों को आपसी समन्वय के साथ “कैच द रेन” जैसे जल संरक्षण अभियानों को सुशासन तिहार के दौरान व्यापक रूप से प्रचारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि जल जीवन का आधार है और इसके संरक्षण को हम सभी सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश बंसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद अब्दुल कैसर हक, संचालक जल जीवन मिशन जितेंद्र शुक्ला सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

तेजी से कार्य करते हुए अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में सड़कों, पुल-पुलियों व भवनों के निर्माणकार्य करें पूर्ण : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को तेजी से कार्य करते हुए अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में सड़कों, पुल-पुलियों एवं भवनों के काम पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों पर तेज और सुरक्षित यातायात पर जोर दिया। उन्होंने एआई और नवीन तकनीकों के उपयोग से खराब सड़कों के त्वरित चिन्हांकन व मरम्मत के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरूण साव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में सड़कों और पुल-पुलियों के काम आगामी पांच साल की कार्ययोजना को ध्यान में रखते हुए त्वरित गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों और वृहद पुलों के कार्यों को भू-अर्जन के बाद डेढ़-दो वर्षों में अनिवार्यतः पूर्ण करने को कहा। उन्होंने शहरों के नजदीक बनने वाले बाइपास और रिंगरोड में पर्याप्त संख्या में ओव्हरब्रिजों और अण्डरब्रिजों का निर्माण करते हुए इन्हें एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर विकसित करने के निर्देश दिए। इससे यातायात तेज और सुरक्षित होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर को विशाखापट्नम से जोड़ने बन रहे एक्सप्रेस-वे से रायपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने अच्छी गुणवत्ता के कनेक्टिंग-रोड्स बनाने के निर्देश दिए, ताकि इस एक्सप्रेस-वे का अधिक से अधिक लाभ राज्य के लोगों को मिल सके।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी बड़ी एवं महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए एक-एक डेडीकेटेड (Dedicated) वरिष्ठ अधिकारी नामांकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यों में तेजी लाने एनएचएआई (NHAI) के साथ बेहतर समन्वय बनाकर काम करने को कहा। उन्होंने आगामी तीन वर्षों में 30 हजार करोड़ रूपए के सड़क विकास के कार्यों को पूर्ण करने के लक्ष्य के साथ काम करने को कहा। उन्होंने नए बजट में प्रावधानित कार्यों की प्राथमिकता तय करते हुए शीघ्र ही उनके इस्टीमेट (Estimate), डीपीआर और टेण्डर की कार्यवाही पूर्ण करते हुए कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। श्री साय ने पुल-पुलियों के रखरखाव एवं मरम्मत की प्रभावी व्यवस्था बनाने को भी कहा। उन्होंने इसके लिए आवश्यक प्रोटोकाल तैयार कर कड़ाई से अमल करने को कहा। उन्होंने एआई और नवीन तकनीकों के उपयोग से खराब सड़कों की तुरंत पहचान के लिए सिस्टम तैयार करने को कहा। इससे सड़कों के संधारण एवं त्वरित मरम्मत में मदद मिलेगी। उन्होंने खदान क्षेत्रों में सड़कों के मजबूतीकरण पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने वहां निर्माणाधीन सड़कों और पुल-पुलियों के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। नई सड़कों और पुलों के निर्माण से सुदूर वनांचलों के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जुड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को वर्तमान समय की जरूरतों और लाइफस्टाइल के अनुरूप सर्किट हाउसों और विश्राम गृहों को अपग्रेड करने के निर्देश दिए। उन्होंने इनके अच्छे रखरखाव के साथ ही साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने को कहा।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि नया रायपुर में निर्माणाधीन विधानसभा के नए भवन का 95 प्रतिशत सिविल एवं विद्युत यांत्रिकी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। नए राजभवन का भी 60 प्रतिशत काम पूर्ण हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सड़क सुरक्षा के कार्यों के लिए 106 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। सड़क दुघर्टनाओं को रोकने आगामी पांच-छह महीनों में ब्लैक-स्पॉट और जंक्शन सुधार के कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और मुकेश बंसल, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी और संयुक्त सचिव एस.एन. श्रीवास्तव सहित सभी मुख्य अभियंता भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने इन कार्यों की समीक्षा की

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में प्रगतिरत राष्ट्रीय राजमार्गों, एनएचएआई द्वारा किए जा रहे कार्यों, निर्माणाधीन सड़कों, पुल-पुलियों एवं भवनों की प्रगति, खेल विभाग के अधोसंरचना निर्माण कार्यों तथा सीआरआईएफ, आरआरपी (एलडब्ल्यूई) तथा आरसीपीएलडब्लूईए योजनाओं के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।

धर्मांतरण पर गरमाई सियासत : भाजयुमो प्रदेश के अध्यक्ष के बयान को पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बताया हिंसक, कहा- ये लोग चाहते हैं प्रदेश को अशांत करना

रायपुर- छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है. भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने आदिवासी क्षेत्रों में हो रहे धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में बने चर्च को तोड़ देना चाहिए. रवि भगत के इस बयान को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने हिंसक बताया है.

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि यह प्रदेश को अस्थिर करने और हिंसा फैलाने वाला बयान है. ये लोग चाहते हैं कि प्रदेश को अशांत करें. इस तरह के बयानों का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. शांत छत्तीसगढ़ को ऐसे लोग अशांत करना चाहते हैं. ऐसे लोगों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.

रवि भगत का बयान

भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने कहा कि हमारे देश के जनजातीय क्षेत्रों में जिस प्रकार से धर्मांतरण का खेल चल रहा है, वह जनजाति समाज की संस्कृति को खत्म करने का एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है. पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के व्यक्तियों के अलावा किसी अन्य संस्था को धार्मिक केंद्र बनाने का कोई अधिकार नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में जो चर्च बने हैं, वे या तो गलत हैं या असंवैधानिक हैं. मुझे लगता है कि हमारी न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं को इस पर ध्यान देना चाहिए. जहां-जहां पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में चर्च बने हैं, उन्हें तोड़ा जाना चाहिए, हटाया जाना चाहिए. तभी जाकर जनजातीय समाज की संस्कृति बच सकेगी. साथ ही समाज को भी इसके लिए आगे आना चाहिए कि हमारे पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में इस प्रकार धड़ल्ले से चर्च का निर्माण और धर्मांतरण का खेल बंद होना चाहिए.

भीषण गर्मी की वजह से बदला स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय, 25 अप्रैल से होगा शुरू…

रायपुर- गर्मी की तपीश ने आखिरकार स्कूल शिक्षा विभाग को ग्रीष्मकालीन छुट्टी में संशोधन करने के लिए मजबूर कर दिया. विभाग ने ताजा आदेश में तमाम शासकीय, अनुदान प्राप्त और गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों में 25 अप्रैल से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन छुट्टी घोषित किया है, जबकि पहले एक मई से 15 जून तक अवकाश घोषित किया गया था. ताजा आदेश शिक्षकों पर लागू नहीं होगा.

इसके पहले छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर को देखते हुए छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सीएम विष्णुदेव साय को पत्र लिखा और स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों की मांग की थी. विभाग के आदेश से बच्चे और उनके पालकों के साथ स्कूल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी लिखा था पत्र

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर स्कूलों में तत्काल प्रभाव से ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने की मांग की थी. उन्होंने पत्र में बताया था कि अप्रैल महीने में छत्तीसगढ़ में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. ऐसे में तपती सड़कों और गर्म हवाओं ने बुजुर्गों को परेशान किया है, वहीं छोटे-छोटे मासूम बच्चों को भी स्कूल मजबूर है.

मंत्री नेताम के प्रस्ताव पर केंद्रीय खेल मंत्री ने दी सहमति, कई गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर

रायपुर- छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम ने रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया, इस पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।

मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।

मंत्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रुपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रुपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रुपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण के लिए लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल और बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़, रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रुपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष रखा गया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप : छत्तीसगढ़ सरकार की सुशासन की दिशा में अभिनव पहल, मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के लिए 23 अप्रैल से कर सकते हैं आवेदन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए लगातार नवाचार और प्रभावी नीतियों पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को गवर्नेंस के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा एवं व्यावहारिक अनुभव प्रदान कर एक दक्ष एवं उत्तरदायी प्रशासनिक पीढ़ी तैयार करना है। योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर के साथ मिलकर पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करेगी। फेलो को शासन के विभिन्न विभागों में प्रायोगिक प्रशिक्षण का अवसर भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख पहल है जिसकी घोषणा नवंबर 2024 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पेशेवरों को शासन और नीति कार्यान्वयन में योगदान देना, प्रशासनिक दक्षता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए आकर्षित करना है। इसके माध्यम से शासन की कार्यप्रणाली में दक्षता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही युवाओं को शासन, एनजीओ, थिंक टैंक एवं निजी क्षेत्र के साथ समन्वय में कार्य कर गवर्नेंस सुधार की दिशा में योगदान देने का अवसर प्राप्त होगा। आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी, अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष,न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए। बैंक खाता और आधार मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए। प्रवेश के लिए कैट परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार इस पाठ्यक्रम की संपूर्ण फीस वहन करेगी, साथ ही प्रत्येक नामांकित छात्र को प्रतिमाह 50,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण आईआईएम रायपुर परिसर में आयोजित होगा।

मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के लिए फेलो छत्तीसगढ़ सरकार के शासन-प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चयनित अभ्यर्थी डेटा-आधारित नीतियों के डिजाइन और मूल्यांकन में सहयोग, प्रशासनिक कुशलता के लिए सरकारी विभागों में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित, संसाधनों का बेहतर उपयोग और ई-गवर्नेंस को सुदृढ़ करने के साथ ही जमीनी स्तर पर योजनाओं के प्रभाव का विश्लेषण कर नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप नीतियां बनाने में मदद करेंगे।

इस फेलोशिप के माध्यम से प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक कुशल और पारदर्शी होंगी, जिससे सरकारी योजनाओं का प्रभाव बढ़ेगा। यह कार्यक्रम युवा पेशेवरों को नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर देगा, जिससे सुशासन की संस्कृति मजबूत होगी और नागरिकों का सरकार पर भरोसा बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप न केवल युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करती है, बल्कि राज्य के सुशासन के लक्ष्य को साकार करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह पहल छत्तीसगढ़ को समृद्ध, समावेशी और प्रगतिशील राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के तहत लोक नीति और सुशासन में दो वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के लिए चयनित फेलो छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज में लोक नीति और सुशासन में विशेषज्ञता के साथ प्रशासनिक नीतियों के डिजाइन, विश्लेषण और कार्यान्वयन में सहायता करेंगे। वे डेटा-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देकर योजनाओं की प्रभावशीलता को भी बेहतर बनाएंगे।

फेलोशिप धारक विभिन्न सरकारी विभागों में कार्य करते हुए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने, जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। फेलो नागरिकों की जरूरतों को समझकर योजनाओं और सेवाओं को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने में योगदान देंगे। वे जमीनी स्तर पर योजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन कर सरकार को फीडबैक प्रदान करेंगे, जिससे नीतियां अधिक लक्षित और प्रभावी बनेंगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह फेलोशिप कार्यक्रम सुशासन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चयनित अभ्यर्थी न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को मजबूत करेंगे, बल्कि राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह पहल छत्तीसगढ़ को एक प्रगतिशील और समावेशी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर द्वारा लोक नीति और सुशासन में दो वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के लिए 23 अप्रैल से 11 मई तक आवेदन आमंत्रित हैं। इसके लिए अभ्यर्थी के पास किसी भी विषय में स्नातक डिग्री के साथ न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक (आरक्षित वर्ग के लिए 55 प्रतिशत अंक या समतुल्य सीजीपीए) होना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2022, 2023, या 2024 का वैध कैट स्कोर कार्ड भी आवश्यक है। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ की आरक्षण नीति के अनुसार लाभ मिलेगा। विस्तृत जानकारी और आवेदन के लिए आईआईएम रायपुर की वेबसाइट https://iimraipur.ac.in/mba-ppg/ का अवलोकन किया जा सकता है। प्रवेश संबंधी जानकारी के लिए दूरभाष क्रमांक 0771-2474612 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।