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नवरात्र में प्रकाशित हुआ डॉ विद्यासागर उपाध्याय का दार्शनिक ग्रंथ 'अथातो मृत्यु जिज्ञासा'
संजीव सिंहबलिया। नवरात्र के अवसर पर प्रबुद्ध दर्शन शास्त्री डॉ विद्यासागर उपाध्याय की नवीन ग्रंथ अथातो मृत्यु जिज्ञासा के प्रकाशन से बुद्धिजीवी समाज में हर्ष व्याप्त है। पुस्तक पर चर्चा करते हुए डॉ उपाध्याय ने बताया कि सोचिए , जब आप मधुर संगीत सुनते हैं,,आनंद आता है, तो आँखें धीरे - धीरे बंद होने लगती हैं।कभी भी जब आनन्द आता है तो आँखें बंद होती हैं।लेकिन जब परमानन्द आता है तो आँखें सदैव के लिए बन्द हो जाती हैं। मृत्यु परमानंद है ऐसा मेरा मत है।मृत्यु कैसी है इसे जानने के लिए मरना होगा और जो मर गया वो अपना अनुभव बताने आज तक नहीं आया।फिर करें तो क्या करें। ऐसी दशा में हम दर्शन का आश्रय लेते हैं। ज्ञान,भक्ति,कर्म,सेवा,गुरु,संन्यास इत्यादि से हम परम सत्य को जानना चाहते हैं।अभी कुम्भ मेले में एक आईआईटीयन बाबा को देखकर भारत-देश की जनता विस्मय-विमुग्ध हो गई। इन्होंने इससे पहले कोई शिक्षित संन्यासी नहीं देखा था?व्यास से लेकर कृष्ण तक, आदि गुरु शंकराचार्य से लेकर महावीर तक, महर्षि अरविन्द - सभी उच्च-शिक्षित थे।कृष्णमूर्ति, रजनीश, अरविन्द, चिन्मयानंद सभी उच्च शिक्षित।वास्तव में, अत्यन्त मेधावी होना संन्यासी होने की पहली शर्त है।जबसे मनुष्य जाति के अंदर चिंतन की योग्यता आयी हुई तबसे वो शंका में है।हर वस्तु और विचार को तर्क की कसौटी पर कसने हेतु व्याकुल है।उसकी सबसे बड़ी जिज्ञासा है कि मृत्यु क्या है?जीवन क्या है?सृष्टि कैसे हुई है?इसका रचनाकार कैसा है?इसी जिज्ञासा ने अनेक दार्शनिक,विचारक,चिंतक,पैगम्बर,अवतार उत्पन्न किए हैं।किसी ने कहा ईश्वर है,किसी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया।किसी ने कहा सृष्टि ईश्वर की रचना है तो किसी ने इसे प्रकृति के नियमों के अधीन माना।हजारों विचारधाराओं के टकराव के बावजूद सबने स्वीकार किया कि अंतिम सत्य तो मृत्यु ही है।संसार में किसी की गारंटी नहीं है लेकिन मृत्यु की गारंटी है।मृत्यु आनी ही है।आप रोए,चिल्लाए, स्वयं की खूब सुरक्षित करें लेकिन मृत्यु आएगी जरूर।दुर्भाग्य से जिस दिन शरीर छूट जाता है उसी को लोग मृत्यु समझते है लेकिन सच तो ये है कि जिस क्षण आपका जन्म हुआ उसी दिन से मृत्यु का आरंभ हो गया।एक - एक क्षण आप एक्सपायर हो रहे हैं अर्थात मर रहे है।जन्म दिन पर मोमबत्ती बुझाते है अर्थात आपकी एक वर्ष की जीवन ज्योति बुझ गई।अगले साल एक और दीपक बुझेगा।एक दिन अंतिम दीपक भी बुझ जाएगा। हर व्यक्ति मृत्यु से भयभीत होता है। श्मशान घाट पर बैठा हर व्यक्ति घबराने लगता है।किसी असाध्य रोग की सूचना मिलते ही खून सूखने लगता है।यह भय बड़ा भयानक है।क्यों ना इस भय को मार डाला जाय।आप जानते है कि किसी विषय से आप जितना डरते है वो उतना ही डराता है।इस ग्रन्थ के प्रणयन का एकमात्र उद्देश्य है मनुष्य जाति से मृत्यु का भय समाप्त करना ।उसे बताना कि मृत्यु एक साधारण घटना मात्र है।मृत्यु नए जीवन का प्रवेश द्वार है।नया जन्म,नया शरीर,नई उमंग के लिए मृत्यु एक सामान्य प्रक्रिया है।जैसे सांप अपनी केंचुली छोड़ कर आनंदित होता है वैसे ही आपको भी इस नश्वर शरीर का त्याग कर नवीन शरीर का आनंद लेना है। जीवन गंगा की तरह प्रवाहमान है।गंगा गंगोत्री से निकलती है और गंगासागर में मिलती है।गंगोत्री जन्म है और गंगासागर मृत्यु।गंगोत्री और गंगासागर अलग नहीं है बल्कि एक ही प्रवाह के दो छोर हैं।मृत्यु ही वो माध्यम है जो नव जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। मृत्यु से भय इसलिए होता है क्योंकि शरीर और संसार से आपको मोह है।जब आप जन्म लिए तो केवल हाथ पैर ही लेकर पैदा नहीं हुए बल्कि भूख प्यास काम क्रोध और अहम वृत्ति भी लेकर पैदा हुए।ये जो अहम वृत्ति है यही बंधन का कारण है।अहम वृत्ति अर्थात ये शरीर मेरा है,घर मेरा है,परिवार मेरा है,धरती मेरी है। जिस दिन ज्ञान हो जाएगा कि ये कुछ भी मेरा नहीं है,शरीर तो छूटेगा ही बाकी सब कुछ छूट जाना है,उसी दिन इस अहम वृत्ति का नाश हो जाएगा।जिसके अहम वृत्ति का नाश होगा वहीं विजेता होगा , मृत्यु को हंसते हुए वरण करेगा।सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिलाचार्य के अनुसार यदि दर्पण गोरे आदमी को देख कर उसे अपना प्रतिबिंब माने और खुश हो जाय तथा काले आदमी को देख कर दुखी हो जाय तो माना जायेगा कि दर्पण पुरुष है जो प्रकृति के बंधन में जकड़ा हुआ है।जिस दिन दर्पण अर्थात पुरुष को यह ज्ञात हो जायेगा कि मैं तो केवल दर्पण हूं, प्रतिबिंब से मेरा कोई नाता नहीं है उसी दिन पुरुष प्रकृति के बंधन को तोड़कर अलग हो जायेगा जिसे मोक्ष कहा जाता है। अभी तो हम जिस तरह से हैं, उससे हमको ये लगता है कि ये एक खराब चीज़ है, पर अगर हम हज़ार साल तक जीवित रहें तो मृत्यु हमारे लिये एक बड़ी राहत होगी। अगर हम बहुत ज्यादा समय तक जीवित रहें तो लोग सोचने लगेंगे कि हम कब मरेंगे? मृत्यु एक जबरदस्त राहत है। बस, बात इतनी ही है कि ये अकाल न हो, समय से पहले न हो।मृत्यु कोई घटना नहीं है यह तो एक यात्रा है, जिसकी शुरुआत जन्म के साथ होती है। मृत्यु परम सत्य है जबकि जीवन तो क्षणभंगुर है, आज है तो कल नहीं है। मृत्यु सदैव साथ चलती है, किसी भी पल मृत्यु उपलब्ध हो सकती है। जो मृत्यु का उत्सव मना सकता है वही जीवन का आनंद ले सकता है। शेष लोग तो भयभीत हैं कि पता नहीं कब प्राण निकल जाए और जीवन रूपी स्वप्न का तथा स्वयं के जीवित होने के अहंकार का अंत हो जाए। जीवन को शाश्वत मानकर व्यक्ति अपने "मैं" को सघन बना लेता है, और भूल जाता है कि वह कौन है। उसके लिए मृत्यु उस "मैं" का अंत है जिसे उसने जीवन भर विकसित किया है। मेरी पत्नी, मेरे बच्चे, मेरी संपत्ति, मेरा सम्मान, मेरा पद, मेरी प्रतिष्ठा आदि ना जाने कितने सारे "मैं" उसके साथ जुड़ जाते हैं कि फिर स्वयं से जुड़ने का विचार भी नहीं आता है। लेकिन यह मृत्यु ही है जो सारे भ्रमों का समापन कर देती है।श्रीपाद शंकराचार्य के शब्दों में बुद्धिमान मनुष्य को जीवन की नश्वरता का नित्य स्मरण करना चाहिए । अतएव क्षण - क्षण ईश्वर के स्मरण में ही व्यतीत कीजिए, क्या पता कौन सा क्षण अंतिम हो? पल पल मृत्यु की और बढ़ रहे हैं और संसार में बेहोश हैं। मृत्यु क्या है? मृत्यु के पूर्व जीवन तो है परंतु उसके पूर्व क्या है? मृत्यु के समय कैसा अनुभव होता है? मृत्यु के बाद क्या होता? है यह प्रश्न अनादिकाल से मनुष्य के समक्ष खड़ा है। मृत्यु मनुष्य को कितना भयभीत करती है, कितना ज्यादा कष्ट उत्पन्न करवाती है और कितना तनाव देती है यह अनुभव लगभग प्रत्येक व्यक्ति को है। हर मनुष्य जीवन में किसी ना किसी व्यक्ति के मृत्यु का साक्षी अवश्य होता है। उस समय मृत्यु के संबंध में असंख्य विचार उठते हैं कि मृत्यु की वास्तविकता है क्या? मृत्यु के रहस्य को जानने के लिए हर व्यक्ति उत्सुक है लेकिन उसका रहस्य ना खुलने के कारण वही का वही अटका पड़ा है। बहुत बड़ा प्रश्न है कि मैं कौन हूं? जन्म से पूर्व मैं क्या था? मृत्यु के बाद क्या होना है? यह हाथ मेरा है, लेकिन मैं हाथ नहीं हूं। यह पैर मेरा है, लेकिन मैं पैर नहीं हूं। यह शरीर मेरा है, लेकिन मैं शरीर नहीं हूं, तो आखिर मैं कौन हूं?मैं बहन के पास जाता हूं तो भाई बन जाता हूं। मां के पास जाता हूं तो पुत्र बन जाता हूं।गुरु के पास शिष्य और शिष्य के पास गुरु बन जाता हूं ।आखिर मैं कौन हूं?शरीर तो मर जाता है लेकिन इस मै का क्या होता है?इस प्रश्न ने मानव जाति को हमेशा उलझा के रखा।मृत्यु को देखकर ही बुद्ध ने गृह त्याग किया। मृत्यु को जानकर ही परीक्षित और शुकदेव जी के द्वारा भागवत महापुराण की रचना हुई।आप ये भी जानते हैं कि मृत्यु हमेशा कष्टदाई नहीं होती। कई बार तो जीवन और मृत्यु के बीच कौन सुखद है, यह चुनने में मनुष्य को मौत के पक्ष में अपना निर्णय देना पड़ता है। प्रसंग जीवन और मरण में से वरिष्ठता किसे दी जाए यह निर्णय करने का है। यहाँ सब कुछ सापेक्ष ही ठहरता है। उपयोगिता ही प्रधान है। न जीवन ही सदा सर्वदा उत्तम समझा जा सकता है और न मृत्यु को ही सर्वथा हेय ठहराया जा सकता है। दोनों ही अपने-अपने स्थान पर गुण-दोष की कसौटी पर कसे जाने के उपरान्त श्रेष्ठ समझे जा सकते हैं। आवश्यकता मृत्यु से डरने की नहीं है और न ही उस अनिवार्य वास्तविकता की उपेक्षा करने की है। मृत्यु निश्चित है, और जो निश्चित है, उसकी चिन्ता कैसी? कहते हैं कि कायर रोज मरते हैं जबकि वीर की मृत्यु एक बार होती है।जीवन को जीवन जाना और मृत्यु को जीवन से पृथक और विपरीत जाना, तो चूक गए। फिर बार-बार भटकना होगा और साधक उसे भी न पहचान पाएगा जो दोनों के पार है। एक क्षण पहले या बाद में मृत्यु नहीं हो सकती है। यदि आयु या काल पूरा नहीं हुआ है तो सैकड़ों गोली लगने के बाद भी मृत्यु नहीं होती है। यदि आयु समाप्त हो तो फूल लगने या कुशा के चुभ जाने मात्र से भी मृत्यु हो जाती है। प्रस्तुत ग्रन्थ दर्शन विधायक है।चूंकि दर्शन का शाब्दिक अर्थ होता है दृष्टि और सबकी दृष्टि और दृष्टिकोण भिन्न भिन्न होता है। इसलिए प्रत्येक महापुरुष ने अपने - अपने दृष्टिकोण से इस सर्वोच्च प्रश्न का उत्तर दिया है। प्रस्तुत पुस्तक में मृत्यु को जानने हेतु अनेक महापुरुषों का मत, विभिन्न दृष्टिकोण, सनातन वैदिक वांग्मय, विभिन्न पंथों के मत, स्थानीय विधियों इत्यादि का सहारा लिया गया है। ज्ञान पिपासु पाठक इसे विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से संपूर्ण विश्व में कहीं भी प्राप्त कर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकते हैं।उक्त दार्शनिक ग्रंथ के प्रकाशन पर चिन्मय वेदान्त मिशन के संस्थापक श्री कौशिक चैतन्य जी महाराज, अध्यक्ष शंकराचार्य परिषद स्वामी आनन्द स्वरूप जी महाराज,महामंडलेश्वर डॉ सुमनानंद जी महाराज,महामंडलेश्वर राधाशरण सरस्वती जी, इस्कॉन बेंगलुरु के अध्यक्ष श्री मधु पंडित दास,श्री कृष्ण संकीर्तन धाम न्यूयार्क अमेरिका के संस्थापक पण्डित सत्यनिवास वशिष्ठ आदि विद्वत जन ने लेखक को बधाई दी है।
बलिया:चैत्र नवरात्र पर श्रद्धालु भक्तों का पूजन हेतु मन्दिरो़ पर लगा रहा रेला
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। चैत्र वासन्तिक नवरात्र के पहले दिन मन्दिरों में श्रद्धालु भक्तों की भारी भींड उमड़ पड़ी। अल सुबह सुबह लेकर शाम तक जय माता के जयकारे की गूंज रही। नवरात्र को देखते हुए सेव केला कन आदि फलों के दामों में इजाफा हो गया है। स्थानीय नगर पंचायत स्थित प्राचीन दुर्गा मन्दिर जगत जननी जगदम्बा भवानी के पूजन अर्चन के लिए प्रातः काल से ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुजन यथाशिघ्र पूजन करके मां दुर्गा से आशीष लिया। जय मां दुर्गे हरहर महादेव के उद्घोष से क्षेत्र भक्तिमय हो गया। भक्त गण अपने घरों में कलश स्थापना कर मां भगवती का विधि विधान से श्रद्धा पूर्वक पूजन अर्चन किया। विभिन्न घरों में मां दुर्गा के पाठ का आयोजन किया गया। या देवी सर्वभुतेषु ------- सर्व मंगल मांगले के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। नगर पंचायत के प्राचीन दुर्गा मन्दिर, बाजार दुर्गा मंदिर, ब्लाक दुर्गा मन्दिर सहित क्षेत्र के श्रीनाथ बाबा नरहीं, कामेश्वर नाथ मंदिर पाण्डेयपुर, चण्डीहार मठ सारी सलेमपुर, ढेकवारी स्थित बाबा नर्वदेश्वर महादेव, कोठियां स्थिति सधुआइन की कुटी बाबा भोले नाथ मंदिर आदि क्षेत्र के विभिन्न मन्दिर देवालयों पर श्रद्धालु भक्तों ने जल अक्षत पुष्प प्रसाद सहित सर्वोच्चार विधि से मां भगवती के पूजन अर्चन किये। घरों में माता रानी के लिए कलश स्थापना अखण्ड दीप के साथ मां दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ हुआ। लोगों ने मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखा। महिला पुरुष सहित युवा युवती भी पुजन अर्चन करने में पीछे नहीं रहे। थानाध्यक्ष कौशल पाठक अपने हमराहियों के साथ दिनभर चक्रमण करते रहे।
पुरानी पेंशन के लिए एक अप्रैल से काला दिवस मनाएगा अटेवा बलिया
संजीव सिंह बलिया।नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत एक अप्रैल को काला दिवस मनाया जाएगा। शिक्षक और कर्मचारी काली पट्टी बांधकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेंगे
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर एक अप्रैल को यूपीएस के विरोध में पूरे बलिया में काला दिवस मनाया जाएगा। एक अप्रैल को पूरे देश का शिक्षक और कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेगा। बलिया में अटेवा के बैनर तले पूरे जिले का शिक्षक व कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थल पर काम कर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेगा और जिला अधिकारी को एनपीएस और यूपीएस समाप्त करने का ज्ञापन देगे।
इसी के तहत  आज नगरा ब्लाक के शिक्षक /शिक्षिकाओ ने आज दिनांक 29/03/2025 को जिला प्रवक्ता  विनय राय  की अध्यक्षता में अपराह्न 02:30 बजे  BRC नगरा के प्रांगण में  जिला मुख्यालय पर 01 अप्रैल को काला दिवस मनाने, 01 मई दिल्ली कार्यक्रम पर परिचर्चा तथा संगठन के विस्तार हेतु बैठक बुलाई गई। जिसमें .नगरा  ब्लॉक के  शिक्षक व विभिन्न कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष व नेताओं ने भाग लिया। जिसमें  अटेवा नगरा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद-  राहुल उपाध्याय प्रा.वि. भंडारी ,उपाध्यक्ष पद गुड्डू यादव प्रा.वि. मालीपुर, संयुक्त मंत्री पद- सुभाष चंद  प्रा. वि. अब्दुलपुर मदारी, संयुक्त मंत्री पद-  निर्भय नारायण सिंह प्रा.वि.सपही सभी चुने गये। सभी ने एक सुर में यूपीएस को हटाकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। बैठक को संबोधित करते हुए  जिला प्रवक्ता विनय राय ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिये गए निर्णय के अनुसार पूरे देश मे काला दिवस मनाया जाएगा। सभी संगठनों से आह्वान है कि पुरानी पेंशन बहाली के लिये काला दिवस पर अटेवा का साथ दें और एक मई को जंतर मंतर दिल्ली में विशाल प्रर्दशन किया जायेगा।सभी शिक्षक साथी पेंशन आंदोलन की मजबूती हेतु अपना योगदान अवश्य प्रदान करें। साथियों अगर पेंशन पाना है तो सबको मिलकर लड़ना होगा।   जिसमें विभिन्न कर्मचारी संगठनों के अध्यक्ष व नेताओं ने भाग लिया। सभी ने एक सुर में यूपीएस को हटाकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। बैठक को संबोधित करते हुए अटेवा नगरा अध्यक्ष  राकेश कुमार सिंह ने कहा कि ब्लॉक कार्यकारिणी की बैठक में लिये गए निर्णय के अनुसार पूरे जिला मे काला दिवस मनाया जाएगा। सभी संगठनों से आह्वान कि पुरानी पेंशन बहाली के लिये काला दिवस पर अटेवा का साथ दें और एक मई को जंतर मंतर दिल्ली में विशाल प्रर्दशन किया जायेगा।आज के बैठक में विनय राय जिला प्रवक्ता, राकेश सिंह अध्यक्ष अटेवा नगरा, ब्रजेश कुमार सिंह तेगा,डा0 बृजेश यादव, राजीव नयन पाण्डेय,जय प्रकाश सिंह, सुधीर तिवारी, श्रद्धानंद सिंह,राजीव रंजन सिंह,  राकेश सिंह,संतोष यादव, राजू गुप्ता, संतराज शर्मा, हेमंत यादव, संजय सिंह, अंजनी सिंह ,वेदप्रकाश गोलू सिंह, निर्मल वर्मा ,दयाशंकर ARP ,गिरधारी लाल , अंजनी सिंह,रामप्रवेश वर्मा,यशवंत सिंह दिलीप यादव ,गिरिजेश उपाध्याय समेत सैकड़ो की संख्या में शिक्षक  उपस्थित रहे|
पुरानी पेंशन कार्यक्रम का नगरा से अटेवा अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में आगाज
पुरानी पेंशन कार्यक्रम का नगरा से अटेवा अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में आगाज
परिषदीय विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चो के शैक्षिक प्रगति रिपोर्ट कार्ड कैसे बनाएं :जानिए पूरी खबर
संजीव सिंह बलिया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तरप्रदेश,बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के क्रम मे परिषदीय विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चो के शैक्षिक प्रगति (सत्र परीक्षा 1 व 2, अर्द्धवर्षिक व वार्षिक परीक्षा ) का विवरण प्रेरणा पोर्टल (prernaup.in) पर फिल स्टूडेंट एग्जाम डाटा माड्यूल (FILL STUDENT EXAM DATA) के द्वारा निम्न विवरण के अनुसार बच्चों के अंक पूरित किए जाएं। प्रथम सत्र परीक्षा प्रति विषय =10 अंक अर्द्धवर्षिक परीक्षा प्रति विषय=30 अंक द्वितीय सत्र परीक्षा प्रति विषय= 10 अंक वार्षिक परीक्षा प्रति विषय=50 अंक कुल पूर्णाक प्रति विषय=100 अंक पति
परिषदीय विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चो के शैक्षिक प्रगति रिपोर्ट कार्ड कैसे बनाएं :जानिए पूरी खबर
संजीव सिंह बलिया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तरप्रदेश,बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के क्रम मे परिषदीय विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चो के शैक्षिक प्रगति (सत्र परीक्षा 1 व 2, अर्द्धवर्षिक व वार्षिक परीक्षा ) का विवरण प्रेरणा पोर्टल (prernaup.in) पर फिल स्टूडेंट एग्जाम डाटा माड्यूल (FILL STUDENT EXAM DATA) के द्वारा निम्न विवरण के अनुसार बच्चों के अंक पूरित किए जाएं।
प्रथम सत्र परीक्षा प्रति विषय =10 अंक 
अर्द्धवर्षिक परीक्षा प्रति विषय=30 अंक
द्वितीय सत्र परीक्षा प्रति विषय= 10 अंक 
वार्षिक परीक्षा प्रति विषय=50 अंक
कुल पूर्णाक प्रति विषय=100 अंक
कक्षा 1 पूर्ण रूप से मौखिक होगी।
बलिया:एसबीआई ने पात्रों को दिया प्रधानमंत्री योजना का लाभ नगरा(बलिया)
ओमप्रकाश वर्मा। नगरा(बलिया)। भीमपुरा थाना क्षेत्र के स्टेट बैंक शाखा कसौण्डर में प्रधानमंत्री योजना से सम्बन्धित लाभ दो लोगों को प्रदान किया गया। जनपद मऊं निवासी ग्राम मुलेरी स्व अनुराग चौहान का निधन 10 अगस्त 2024 को सड़क दुर्घटना में हो गया। जिनका खाता भारतीय स्टेट बैंक में था जिसमें उन्होने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सूरक्षा बीमा योजना कराया गया था। इसके तहत नामिनी पिता राम कुंवर चौहान को चार लाख रुपये का चेक प्रबन्धक मिथिलेश सिंह द्वारा प्रदान किया गया। साथ ही संजय कुमार मौर्य की पत्नी सरस्वती देवी ग्राम बरौली निधन 13 दिसम्बर 2024 को धान कुटाई मशीन से दबकर हो गया। नामिनी पति संजय कुमार मौर्य को भी उपरोक्त योजना के तहत दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। शाखा प्रबन्धक ने कहा कि ऐसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक से सम्पर्क कर परिवार के सदस्य की असामायिक मृत्यु पर बैंक को अवगत कराकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए स्टेट बैंक के किसी भी ग्राहक सेवा केन्द्र व बैंक शाखा से नामांकन करा सकते हैं। इस मौके पर सुधीर कुमार सिन्ह कृषि सहायक, घनश्याम यादव, देवानंद जी, अखिलेश सिंह, अशोक सिंह, राकेश सिंह, सूर्य प्रकाश उपाध्याय, सन्तोष सिंह आदि रहे।
बलिया:नगरा गोलीकांड : भाजपा के पूर्व विधायक समेत 18 आरोपी साक्ष्य के अभाव में किए गए बरी
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया। स्थानीय थाना परिसर में 21 साल पूर्व हुए हिंसक घटना में कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सभी आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिये गये. फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक के जज ज्ञानप्रकाश तिवारी ने भाजपा से पूर्व विधायक रहे राम इकबाल सिंह समेत सभी 18 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. बताया जाता है कि मामला 18 मार्च 2004 का है. जब हजारों समर्थकों के साथ विधायक नगरा थाने पहुंचे थे. उस समय हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार पुलिस ने हत्या और लूट का केस दर्ज कर कर चार्ज सीट दाखिल की थी. बताया जाता है कि 56 गवाहो के गवाही के बाद कोर्ट ने सबूत के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
बलिया:शिक्षा ही भारत को विश्व गुरु बना सकती है:शिवम पांडेय उप शिक्षा निदेशक
संजीव सिंह बलिया: विद्यालय प्रबंध समिति उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन आमंत्रण मैरिज हाल गोठाई चट्टी, विकासखंड नगरा में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन शिवम पांडेय प्राचार्य/ उप शिक्षा निदेशक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाईनार बलिया , शिवांकित वर्मा खंड विकास अधिकारी नगरा एवं सी एम फेलो सुश्री प्रियंका यादव के कर कमलों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह ने अतिथिगण को माल्यार्पण अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया तथा विद्यालय प्रबंध समिति कार्यशाला पर वार्षिक योजना प्रस्तुत करते हुए प्रस्ताविकी पर व्याख्यान प्रस्तुत किया ।इसके उपरांत सरस्वती वंदना प्राथमिक विद्यालय गोठाई के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय गोठवां के बच्चों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में इंस्पायर अवार्ड में चयनित कल 11 बच्चों को कलम ,कॉपी, स्मृति चिन्ह ,मेडल तथा माल्यार्पण द्वारा सम्मानित किया गया जिसमें अभिषेक, प्रीति, प्रिया ,अमृता ,संध्या, रुखसार, अमन ,रेनू ,रागिनी एवं निशा बच्चों को उक्त सम्मान दिया गया। इसके बाद जनपद स्तर पर राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा में अर्सिया अंसारी ने जनपद में 144 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान इसी क्रम में अंकित यादव, प्रिया, श्वेता, अंश, आदित्य ,प्रिंस एवं राहुल आदि कुल नगरा के 17 स्थान प्राप्त बच्चों को मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि गणने उक्त बच्चों को कलम, कॉपी ,मेडल एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया । प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ बृजेश यादव एवं एवं राम प्रवेश वर्मा ने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के उन्मुखीकरण के संबंध में विस्तृत ढंग से उत्तरदायित्व एवं कर्तव्यों से अवगत कराया ।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरपी सिंह खंड शिक्षा अधिकारी नगरा ने कहा कि यदि बच्चों का सर्वांगीण विकास चाहते हैं तो 3 से 14 वय वर्ग के बच्चों का आयु संगत कक्षा में नामांकन , ठहराव एवं पाठ्यचर्या के अनुरूप शिक्षण सुनिश्चित करें ताकि राष्ट्र को सशक्त किया जा सके ।विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधन समितियों के अध्यक्ष एवं सचिव ने कहा कि हम सामुदायिक सहयोग से बच्चों में सामाजिक एवं शैक्षिक मूल्य का संचार करेंगे ।कार्यक्रम को उप शिक्षा निदेशक डायट बलिया शिवम पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बच्चों के विकास हेतु दृढ़ संकल्पित है और प्रत्येक दशा में सबको शिक्षा सबको ज्ञान कहावत को चरितार्थ करना है ।कार्यक्रम में शिवांकित वर्मा खंड विकास अधिकारी नगरा ,सी एम फेलो प्रियंका यादव,ए आर पी दयाशंकर ,राजीव कुमार मिश्रा, आदि ने अपने विचार व्यक्त किया। इंस्पायर अवार्ड राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा में विशिष्ट योगदान प्रस्तुत करने के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय नगरा की शिक्षिका कुसुम मौर्य एवं शिवाजी उ प्रा वि भाऊपुर को अतिथिगण ने अंगवस्त्रम, पुष्प गुच्छ/ माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया। उक्त कार्यक्रम में ब्रजेश कुमार सिंह ,राकेश सिंह,सुधीरकुमार तिवारी, जितेंद्र सिंह, सुदीप तिवारी, दयाशंकर, रामप्रवेश वर्मा ,बच्चा लाल, गिरीश चंद, दुर्गेश प्रजापति, संजीव कुमार सिंह ,शिव कुमार, हेमंत यादव,  जयप्रकाश सिंह,अशोक शर्मा, चंद्रमोहन ,शिव कुमार, पुष्पांजलि श्रीवास्तव, ओमप्रकाश, मनोज सिंह, राघवेंद्र प्रताप राही, नारायण पांडे, पुष्पेंद्र सिंह, विनोद भारती, संतोषकुमार यादव आदि शिक्षकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत हो रहे फारूक अहमद, इश्तियाक अहमद, आतिफअख्तर , गौरी शंकर तिवारी ,मंजू सिंह ,मोहन वर्मा एवं रेखा पांडेय को स्मृति चिह्न, माल्यार्पण ,अंग वस्त्रम तथा धार्मिक पुस्तक देकर सम्मानित किया एवं कहा कि आपकी सेवा निवृत्ति विद्यालय से है अब आपकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है अब समाज में शिक्षा की मशाल को दूर तक ले जाना है और देश को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। कार्यक्रम में आर पी सिंह खंड शिक्षा अधिकारी नगरा द्वारा अभियान गीत द्वारा शिक्षकों को प्रेरित किया गया। ए आर पी दयाशंकर ने सबको विभिन्न कर्तव्यों के प्रति शपथ दिलाया गया एवं राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन राम कृष्ण मौर्य ने किया।
बलिया:आइसक्रीम खरीदने गए कक्षा एक के छात्र को विद्यालय के शिक्षक ने बेरहमी से पीटा:बीएसए मनीष कुमार सिंह ने दिए जांच के आदेश
संजीव सिंह बलिया|शिक्षा क्षेत्र रेवती में पड़ने वाले कंपोजिट विद्यालय रेवती (वार्ड नंबर 8) है, जहां आइसक्रीम खरीदने गए कक्षा एक के छात्र को विद्यालय के शिक्षक ने बेरहमी से पीट दिया। शिक्षक की पिटाई से छात्र के हाथ और पीठ पर गंभीर चोटें आई है। इससे छात्र न सिर्फ सदमे, बल्कि बहवास स्थिति में है।
छात्र का एक वीडियो भी सामने आया है। वायरल वीडियो में छात्र डरा सहमा दिख रहा है। वह बता रहा है कि बर्फ खरीदने गया था, लौटा तो सर जी ने उसे डंडे से मारा। छात्र पीटने वाले सर का नाम भी बता रहा है। वायरल वीडियो में छात्र के शरीर पर छड़ी के चोट से बने निशान भी दिख रहा है। वहीं, वीडियो का संज्ञान बीएसए मनीष कुमार सिंह ने लिया है। बीएसए ने कहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट मिलते ही सम्बंधित शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।