दुश्मनों की नहीं लगेगी “बुरी नजर”, सेना के पास होंगी दुनिया की सबसे ज्यादा रेंज वाली तोपें
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रक्षा क्षेत्र में भारत सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला लिया है।भारतीय सेना के लिए 155 एमएम कैलिबर की अडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की खरीद को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने मंजूरी दे दी है। ये स्वदेशी गन सिस्टम है जिसे डीआरडीओ ने डिवेलप किया है। भारतीय सेना के लिए इस गन सिस्टम की डील करीब 7000 करोड़ रुपये की है। डील 307 हावित्जर की है। सरकार की इस पहल को आर्टिलरी गन निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यह गन पूरी तरह से स्वदेशी हैं। कुल 307 हावित्जर तोपों की खरीद स्वदेशी कंपनी से की जा रही है। इन तोपों की मारक क्षमता दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा सेना की 15 आर्टिलरी रेजिमेंटों को हथियार देने के लिए 327 गन-टोइंग व्हीकल्स की डील भी की जाएगी। टीओआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस डील पर अगले हफ्ते ही साइन होने की उम्मीद है।
जो तोपें सेना को दी जाएंगी, उन ATAGS को देश में डिजाइन और डेवलेप किया गया है। डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इसे डेवलेप किया है, जबकि इसका उत्पादन प्राइवेट कंपनी भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स करेंगे। भारत अब डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों को आगे बढ़ रहा है, इसलिए इन 307 तोपों का उत्पादन दोनों प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया गया है। जहां भारत फोर्ज 60 फीसदी तोपों का उत्पादन करेगी, वहीं टाटा एडवांस्ड 40 फीसदी तोपें बनाएगी।
आर्टिलरी गन में इस्तेमाल 65 फीसदी से अधिक पार्ट्स को घरेलू स्तर पर तैयार किया गया है। इनमें बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, फायरिंग, रिकॉइल सिस्टम और गोला-बारूद हैंडलिंग मैकेनिज्म शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट से न केवल भारत के रक्षा उद्योग को मजबूत मिलेगी बल्कि विदेश पर निर्भरता भी कम होगी। ATAGS भारतीय सेना में पुरानी 105 मिमी और 130 मिमी की तोपों की जगह लेंगी। इससे सेना का तोपखाना आधुनिक होगा।
करगिल युद्ध के बाद सेना का आधुनिकीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए। सेना की आर्टिलरी यानी तोपखाने को और मजबूत किया गया और स्वदेशी तोपों को भी सेना में शामिल किया गया। भारतीय सेना के पास अब 155 Mm अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर M-777 गन भी हैं। इसकी खास बात ये है कि ये इतनी हल्की है कि हेलिकॉप्टर के जरिए हाई ऑल्टिट्यूट इलाके में पहुंचाया जा सकता है।
Mar 20 2025, 19:51