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अमेरिका में भारतीय छात्र को हिरासत में, हमास के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप

#indianstudentarrestinus

अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र को गिरफ्तार किया गया है। बदर सूरी नाम के इस छात्र पर फिलिस्तीनी गुट हमास से संबंध का आरोप लगाया गया है। बदर सूरी पर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने ये आरोप लगाया है।अमेरिका के इमिग्रेशन अधिकारियों ने सोमवार रात बदर खान सूरी को वर्जीनिया से गिरफ्तार किया है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रही है।

बदर सूरी पर सोशल मीडिया पर हमास का प्रचार और यहूदी विरोधी बातें फैलाने का भी इल्जाम है। अमेरिका गाजा को नियंत्रित करने वाले हमास को आतंकी गुट मानता है। बदर के वकील ने बुधवार को बताया कि ट्रंप प्रशासन उसे अमेरिकी विदेश नीति के लिए खतरा बताकर भारत डिपोर्ट करने की योजना बना रहा है। फिलहाल उसका केस लुइसियाना के अलेक्जेंड्रिया की इमिग्रेशन कोर्ट में है।

व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने बताया है कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि सूरी के काम उसके निर्वासन के लिए काफी हैं। बयान में कहा गया है कि सूरी एक छात्र वीजा पर अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहा था। उसने एक अमेरिकी लड़की से शादी की हुई है। बदर को सोमवार रात वर्जीनिया के रॉसलिन में उसके घर के बाहर से पुलिस ने गिरफ्तार किया।

कौन है सूरी?

बदर खान सूरी अमेरिका में छात्रा वीजा पर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी नागरिक मफेज़ सालेह से शादी की है। वो जॉर्जटाउन के अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्टडॉक्टरल फेलो हैं, जो यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस का हिस्सा है।

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के अनुसार, सूरी की पत्नी मफेज सालेह गाजा से हैं और उन्होंने अल जजीरा और फिलिस्तीनी मीडिया आउटलेट्स के लिए लिखा है। साथ ही उन्होंने युद्धग्रस्त गाजा में विदेश मंत्रालय के साथ भी काम किया है। वहीं, सूरी ने एक भारतीय यूनिवर्सिटी से शांति और संघर्ष अध्ययन में पीएचडी की है और इस सेमेस्टर में “दक्षिण एशिया में बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यक अधिकार” विषय पर एक क्लास को पढ़ा रहे हैं।

रंजनी श्रीनिवासन को भी छोड़ना पड़ा यूएस

सूरी से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी की भारतीय पीएचडी छात्रा रंजनी श्रीनिवासन को भी हाल ही में अमेरिका छोड़ना पड़ा है। उन्होंने भी फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किया था। इसके चलते उनका वीजा 5 मार्च को रद्द कर दिया गया था। उन पर भी आतंकवाद का समर्थन करने और हमास से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया। इससे रंजनी श्रीनिवासन को सेल्फ डिपोर्टेशन के लिए मजबूर होना पड़ा।

बीसीसीआई ने टीम इंडिया पर की पैसों की बारसात, चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम के हर खिलाड़ी को मिलेंगे कितने?

#bcci_announces_rs_58_crore_cash_prize_for_team_india

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम पर पैसों की बारिश की है। चैंपियंस ट्रॉफी जीती टीम इंडिया को 58 करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने यह इनाम देने का ऐलान किया है। यह राशि टीम के सभी खिलाड़ियों, कोचिंग और सहयोगी स्टाफ में बांटी जाएगी।भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया था। यह भारत का लगातार दूसरा आईसीसी टूर्नामेंट खिताब था। इससे पहले 2024 में टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप जीता था।

रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। यह वित्तीय इनाम खिलाड़ियों, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ और अजित आगरकर की अध्यक्षता वाली पुरुष चयन समिति के सदस्यों को कवर करेगा। 

बीसीसीआई ने इनाम के ऐलान के लिए एक बयान जारी किया. इसमें उसने कहा कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारत ने टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाए रखा। भारतीय टीम चार दमदार जीत के साथ फाइनल तक पहुंची। टीम ने अपने बांग्लादेश के खिलाफ 6 विकेट की जीत के साथ अभियान की शुरुआत। फिर पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत हासिल की। उन्होंने न्यूजीलैंड को 44 रनों से हराकर अपना लय बरकरार रखा और अंत में सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया। 

बोर्ड ने अपने बयान में आगे कहा, बीसीसीआई आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में जीत के बाद टीम इंडिया के लिए 58 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए प्रसन्न है। खिलाड़ियों, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ और सेलेक्शन कमेटी के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए इस इनाम का ऐलान किया जा रहा है।

बोर्ड ने अपने बयान में इनाम का विस्तृत विवरण नहीं दिया। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने एक विज्ञप्ति में कहा, लगातार दो आईसीसी खिताब जीतना विशेष है और यह इनाम टीम इंडिया की वैश्विक मंच पर समर्पण और उत्कृष्टता को मान्यता देता है।

दिशा सालियान के पिता की बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, आदित्य ठाकरे पर एफआईआर और सीबीआई जांच की मांग

#disha_salian_father_filed_petition_in_court_against_aditya_thackeray

दिशा सालियान की मौत को पांच साल गुजर चुके हैं। इतना वक्त गुजर जाने के बाद एक बार फिर मामले ने तूल पड़का है। दरअसल, दिशा सालियान के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के पिता ने बेटी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया है। साथ ही मौत की नई सिरे से जांच की भी मांग की है। याचिका में दिशा सालियान के पिता ने शिवसेना के आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।

दिशा के पिता सतीश सालियान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में शिवसेना यूबीटी के विधायक आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिशा के पिता का कहना है कि इस केस में आदित्य ठाकरे की संलिप्तता है। सतीश सालियान ने आदित्य ठाकरे के अलावा पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर और अन्य के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। सतीश सालियन ने कोर्ट से मांग की है कि आदित्य ठाकरे और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(डी), 302, 201, 218, 409, 166, 107, 109, 120(बी) और 34 के तहत मामला दर्ज किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की भी मांग की है।

वहीं, इस पूरे मामले पर बीजेपी विधायक नितेश राणे ने आदित्य ठाकरे पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, मैं पहले दिन से कह रहा था कि यह हत्या है और इसकी जांच होनी चाहिए। इसमें आदित्य ठाकरे की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। पहले दिन से ही मैंने उन लोगों के नामों की जांच की मांग की थी, जिनका नाम अब सतीश सालियान ने कोर्ट में अपनी याचिका में लिया है। अब यह साफ हो गया है कि उस वक्त के मुख्यमंत्री के बेटे यानी आदित्य ठाकरे को बचाने के लिए पुलिस ने क्या-क्या कदम उठाए थे।

दरअसल, करीब तीन साल पहले बीजेपी नेता नितेश राणे ने आरोप लगाया था कि दिशा सालियान की गैंगरेप के बाद हत्या की गई। हालांकि, तब दिशा की मां और पिता ने नितेश के खिलाफ यह कहते हुए केस दर्ज करवा दिया था कि यह उनकी बेटी को बदनाम करने की साजिश है। पर अब पिता का कुछ और ही कहना है। उन्होंने बेटी की मौत की नए सिरे से जांच का आग्रह किया है।

नागपुर हिंसा: सोशल मीडिया पर 140 आपत्तिजनक पोस्ट की पहचान, अब तक 69 गिरफ्तार

#nagpur_violence_cyber_cell_identifies_over_140_posts

महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा के बाद साइबर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 140 से अधिक पोस्ट और वीडियो की पहचान कर ली है। ये सभी पोस्ट फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब पर शेयर किए गए थे। महाराष्ट्र साइबर विभाग नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर ऐसे अकाउंट्स की पहचान कर रहा है जिनसे भड़काऊ पोस्ट हुई। अब तक 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

महाराष्ट्र साइबर ने नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर, सोमवार को हुए नागपुर दंगों से संबंधित आपत्तिजनक पोस्ट को प्रसारित करने में लगे कई सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की।हिंसा को बढ़ाने में शामिल इन सोशल मीडिया अकाउंट को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं ताकि इस तरह की सामग्री को तुरंत हटाया जा सके। 

इसके अलावा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 94 के तहत भी नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के वास्तविक संचालकों की पहचान की जा सके। महाराष्ट्र साइबर विभाग नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर उन अकाउंट्स की पहचान कर रहा है जो नागपुर दंगों से जुड़ी भड़काऊ सामग्री को फैलाने में शामिल थे।

महाराष्ट्र साइबर विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इन पोस्ट और वीडियो का उद्देश्य एक विशेष धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना, सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाना और राज्य में कानून व्यवस्था को और अधिक खराब करना था।इस तरह की सामग्री लोगों की आस्था का गलत फायदा उठाकर सार्वजनिक आक्रोश भड़काने, समुदायों के बीच फूट डालने और समाज में वैमनस्यता बढ़ाने के लिए बनाई गई थी।

साइबर विभाग ने कहा कि नागपुर में हुए दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है और भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र साइबर विभाग उन सभी व्यक्तियों की पहचान करेगा और उन पर मुकदमा चलाएगा जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल करके सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

पंजाब में किसानों पर एक्शन, पुलिस शंभू बॉर्डर से खदेड़ा, जानें क्या है पूरा मामला?

#punjabpoliceactions_farmers

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 माह से चल रहे किसानों के धरने को पंजाब सरकार ने बुधवार रात पुलिस की मदद से हटा दिया। पंजाब पुलिस ने देर रात एक्शन में किसानों को धरना स्थल से उठा दिया। पुलिस ने बुलडोजर चलाकर खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बने मंच ढहा दिए और टेंट भी उखाड़ दिए। इस तरह से 13 महीने बाद शंभू बॉर्डर खुल गया है। पंजाब के बाद हरियाणा ने भी अपनी-अपनी ओर से रास्तों को खोलना शुरू कर दिया है। अब जब शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटा दिया गया है, ऐसे में सवाल है कि आखिर इस कार्रवाई के पीछे क्या-क्या वजहें हैं?

किसान नेता बुधवार को केंद्र के साथ सातवें दौर की बैठक के लिए चंडीगढ़ पहुंचे थे। केंद्र सरकार और किसान संगठनों की बुधवार काे चंडीगढ़ में हुई बैठक बेनतीजा रही। बैठक खत्म होने के बाद खनौरी व शंभू बॉर्डर लौट रहे किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत 300 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया। पुलिस कार्रवाई के दौरान किसानों व पुलिस के बीच जमकर हाथापाई भी हुई, जिमसें कुछ किसान नेताओं की पगड़ियां उतर गईं। सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर करीब 5000 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं। वहीं, बॉर्डर एरिया में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर किसान सड़कों पर उतर आए। विपक्ष समेत सभी किसान नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है।

कांग्रेस का आप पर हमला

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने किसान नेताओं की हिरासत की निंदा की और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। साथ ही कांग्रेस ने आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का “कायरतापूर्ण कृत्य” बताया। किसान यूनियन नेताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस के एक्शन को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेर लिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि सरकार ने बैठक के बहाने नेताओं को बुलाकर गिरफ्तार किया हो। बाजवा ने कहा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के पूरे कृषि समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है। पंजाबी इसे कभी नहीं भूलेंगे और इस शर्मनाक कृत्य के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।

बीजेपी ने भी आप को घेरा

जहां एक तरफ कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को घेरने का काम किया है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने भी आप पर हमला किया है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया कि पंजाब की आप सरकार केंद्र और किसानों के बीच बातचीत को ”बर्बाद” करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा, किसान नेताओं पर पंजाब पुलिस के लिए गए एक्शन को जान कर वो हैरान हैं। केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर है और पंजाब सरकार की अचानक कार्रवाई का मकसद बातचीत को विफल करना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को धोखा दिया है। पिछले तीन दिनों से पंजाब में डेरा डाले हुए अरविंद केजरीवाल ने किसानों के खिलाफ साजिश रची है।

डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट से बड़ा झटका, कोर्ट ने ट्रांसजेंडर्स के सेना में शामिल होने पर लगी रोक हटाई

#donald_trump_gets_a_big_setback

डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका राष्ट्रपति पद की शपथ ली एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए। उनमें कुछ पर विवाद भी हुआ। इसी क्रम में डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिकी की मिलिट्री में शामिल ट्रांसजेंडर समुदाय पर बैन लगा दिया था। अब एक फेडरल जज ने समानता के सिद्धांत का हवाला देते हुए ट्रंप प्रशासन के इस बैन को ही सस्पेंड कर दिया है।

वाशिंगटन डीसी में न्यायाधीश एना रेयेस ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रंप का ट्रांसजेंडर सैनिकों को सैन्य सेवा से बाहर करने का आदेश संभवत: उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने प्रशासन को अपील करने के लिए समय देते हुए अपने आदेश को तीन दिन के लिए टाल दिया।

दरअसल,सेना में सेवा दे रहे छह ट्रांसजेंडर्स और सेना में शामिल होने के इच्छुक दो ट्रांसजेंडर्स ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर संघीय जज ने यह प्रारंभिक निषेधाज्ञा जारी की है।

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद 27 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर सैन्यकर्मियों की यौन पहचान सैनिकों की सम्मानजनक, सत्यनिष्ठ और अनुशासित जीवनशैली के प्रति प्रतिबद्धता के साथ टकराव करती है। जिसके तहत ट्रांसजेंडर्स लोगों के सेना में भर्ती होने पर रोक लगा दी गई थी। इस आदेश के जवाब में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने जेंडर डिस्फोरिया वाले लोगों को सैन्य सेवाओं के लिए अयोग्य घोषित करने की नीति जारी की।

जेंडर डिस्फोरिया वह अवस्था है, जिसमें किसी व्यक्ति का निर्धारित लिंग और उसकी लिंग पहचान मेल नहीं खाते। चिकित्सा स्थिति में इसे अवसाद और आत्महत्या के विचारों से जोड़ा जाता है। अदालत में जब इस आदेश को चुनौती दी गई तो दावा किया गया कि यह अमेरिकी संविधान के पांचवें संशोधन के तहत ट्रांसजेंडर्स को मिले अधिकारों का उल्लंघन है। अमेरिकी सेना में हजारों की संख्या में ट्रांसजेंडर्स सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन ये कुल सैनिकों की संख्या का एक प्रतिशत से भी कम है

बीजेपी के नए अध्यक्ष का इंतजार बढ़ा, जानें कब होगा चुनाव

#bjp_president_election

बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कब मिलेगा? इसका काफी समय से इंतजार हो रहा है। अब जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इस महीन के अंत या अगले महीने में होने की संभावना है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बेंगलुरु बैठक में जेपी नड्‌डा के उत्तराधिकारी का ऐलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, 18-20 अप्रैल को बेंगलुरु में बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो सकती है, जिसमें नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगाई जाएगी।

बीजेपी के संगठन चुनावों में देरी के चलते अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान में और देरी की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसकी वजह है कि बीजेपी चार बड़े राज्यों में संगठन चुनावों को पूरा नहीं कर पाई है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश शामिल हैं। चारों बड़े राज्यों में संगठन चुनावों में देरी, जिला अध्यक्षों की सूची फंसने से राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पेंच फंस हुआ है।

अभी 13 राज्यों में संगठन चुनाव हो चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 18 राज्यों में चुनाव संपन्न होना जरूरी है। अगले कुछ दिनों में पांच बड़े राज्यों- यूपी, एमपी, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में नए अध्यक्ष बना दिए जाएंगे। इनके अलावा ओडिशा, कर्नाटक, हरियाणा और तेलंगाना के अध्यक्षों के नाम भी करीब-करीब तय हो चुके हैं। पार्टी संविधान के अनुसार आधे राज्यों में संगठन चुनाव पूरे होने पर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए बीजेपी और आरएसएस के बीच बातचीत जारी है। आरएसएस की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में हो रही है। उसके बाद नए अध्यक्ष को लेकर गतिविधि और तेज होगी।

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उत्तर से लेकर दक्षिण तक के करीब दर्जन भर नेताओं के नाम सुर्खियों में आ चुके हैं। बीच-बीच में भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र यादव के ही प्रबल दावेदार होने की रिपोर्ट सामने आई है लेकिन पिछले कुछ दिनों में संघ की तरफ से जो बातें सामने आई हैं। उनमें कहा गया है कि संघ ऐसे व्यक्ति को बीजेपी अध्यक्ष बनाना चाहता है जिसका जुड़ा आरएसएस से रह हो। आश्चर्यजनक तौर पर अब बीजेपी के नए अध्यक्ष के लिए हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल और संगठन महामंत्री बीएल संतोष के नाम भी चर्चा में आया है। ये दोनों संघ से बीजेपी के आए हैं।

बता दें कि वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2020 में शुरू हुआ था और उनका मूल तीन साल का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था। हालांकि, उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर एक्सटेंशन दिया गया था, जो अब समाप्ति की ओर है।

कौन है फहीम खान, जिसने रची थी नागपुर हिंसा की साजिश! इस पार्टी से है नाता

#mdpleaderfaheemkhanismastermindofnagpurviolence

महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड माने जा रहे फहीम शमीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वो 21 मार्च तक पुलिस की हिरासत में है। फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का शहर अध्यक्ष है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के सामने नागपुर से लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। दोनों ही चुनावों में उसकी जमानत जप्त हुई थी।

महाराष्ट्र के मध्य नागपुर में सोमवार रात को हुई हिंसा में महाल और आसपास के इलाकों में आगजनी और पथराव हुआ था। इस मामले में दर्ज एफआईआर में हिंसा के मास्टरमाइंड का भी जिक्र किया गया है। पुलिस ने 38 वर्षीय फहीम शमीम खान को नागपुर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

एफआईआर के अनुसार, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम खान ने हिंसा वाले दिन लोगों को एकत्रित किया था। बताया जा रहा है कि हिंसा तब भड़की जब सोमवार दोपहर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ महाल इलाके में विरोध प्रदर्शन किया। औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए इस प्रदर्शन में धार्मिक चिंह जलाये जाने की अफवाह उड़ी।

पहले भीड़ के साथ पुलिस को ज्ञापन सौंपा

बताया जा रहा है कि फहीम खान ने सबसे पहले 17 मार्च की सुबह 11 बजे 30 से 40 लोगों की भीड़ जुटाई और पुलिस को ज्ञापन सौंपने पहुंचा। इस दौरान उसने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगाए, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बाद भी फहीम खान ने भीड़ इकट्ठी की और इलाके में तनाव फैलाना शुरू किया।

भीड़ इकट्ठा कर माहौल भड़काया

आरोप है कि अफवाह को लेकर फहीम खान ने भीड़ इकट्ठा कर माहौल को और भड़काया। फहीम खान की अध्यक्षता में पुलिस स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा हुई। इस भीड़ ने कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियां और अन्य खतरनाक हथियारों के साथ क्षेत्र में आतंक पैदा करने के इरादे से घातक हथियारों को हवा में लहराया और लोगों में भय पैदा किया और धार्मिक दुश्मनी बढ़ाने के इरादे से सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम किया।

महिला कांस्टेबल के साथ दुर्व्यवहार

भीड़ के सदस्यों ने जान से मारने की नियत से भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर घातक हथियार, पत्थर से हमला किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनके सरकारी कर्तव्यों से हतोत्साहित करने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके। उनमें से कुछ ने अंधेरे का फायदा उठाकर आरसीपी दस्ते की एक महिला कांस्टेबल की वर्दी और शरीर को छुआ। उसने अन्य महिलाओं के साथ भी यौन दुर्व्यवहार किया और उनका यौन उत्पीड़न किया। कुछ महिला कर्मचारियों को देखकर उन्होंने अश्लील इशारे किए और भद्दे कमेंट किए।

आप नेता सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें, जानें 7 करोड़ का क्या है नया मामला, दर्ज हुई एफआईआर

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि उन्होंने प्रोजेक्ट में 16 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे सत्येंद्र जैन के खिलाफ एबीसी ने भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि सत्येंद्र जैन सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर मनमाने ढंग से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड डैमेज (एलडी) को माफ कर दिया। इस जुर्माने को सुलझाने के बदले में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। बीईएल पर यह जुर्माना दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी लगाने में देरी पर लगाया गया था।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली सरकार ने 2019 में राजधानी के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और उसके ठेकेदारों को दिया गया था। लेकिन समय पर काम पूरा न होने के कारण दिल्ली सरकार ने बीईएल और उसके ठेकेदारों पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया था।

लेकिन अब एबीसी को एक शिकायत मिली है कि यह जुर्माना बिना किसी ठोस कारण के माफ कर दिया गया। आरोप यह भी है कि इसके बदले सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। यह रिश्वत उन ठेकेदारों के जरिए दी गई, जिन्हें बीईएल से आगे का काम मिला था। शिकायत के अनुसार, यह रिश्वत भुगतान विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से की गई थी, जो आदेश की कीमतों को बढ़ा कर किया गया था।

दिल्ली की गली में क्रिकेट खेलते दिखे न्यूजीलैंड के पीएम, ईंटों की विकेट वाली तस्वीर आपने देखी?

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न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन भारत दौरे पर हैं। इस बीच उनका एक अलग ही अंदाज देखने को मिल रहा है। पीएम क्रिस्टोफर ने दिल्ली की सड़कों पर बच्चों के साथ गली क्रिकेट खेला। पीएम लक्सन के अलावा उनके साथ आए पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रॉस टेलर ने भी बच्चों के साथ गली क्रिकेट खेला। पीएम क्रिस्टोफर की दिल्ली की सड़कों पर क्रिकेट खेलते तस्वीर लोगों को काफी पसंद आ रही है।

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन रविवार को पांच दिवसीय भारत दौरे पर आए हैं। प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ न्यूजीलैंड के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रॉस टेलर दिल्ली में हैं। क्रिस्टोफर 17 से 19 मार्च तक दिल्ली में आयोजित हो रहे रायसीना डायलॉग में मुख्य अतिथि हैं। इस बीच दिल्ली में पीएम क्रिस्टोफर लक्सन बच्चों के साथ वह क्रिकेट खेलते नजर आए, जो खेल के प्रति उनके लगाव को दर्शाता है। पीएम लक्सन ही नहीं, बल्कि उनके साथ पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रॉस टेलर बच्चों के साथ गली क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं।

इन खूबसूरत पलों को उन्होंने अपने आधिकारिक पोस्ट एक्स पर साझा भी किया। लक्सन ने एक्स पर क्रिकेट खेलते हुए तत्वीरें पोस्ट कीं और लिखा,क्रिकेट के प्रति हमारे प्रेम से ज्यादा न्यूजीलैंड और भारत को कोई चीज नहीं जोड़ती। पीएम लक्सन भारत में 16 से 20 मार्च तक रहने वाले हैं।

सोमवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लक्सन ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच को बारे में भी कहा और उसे स्वीकारा। आईसीसी मेंस चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को हराया था। उसी मैच का जिक्र करते हुए पीएम लक्सन ने कहा, मैं वास्तव में सराहना करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत और न्यूजीलैंड की हार का मुद्दा नहीं उठाया और मैं भारत में हमारी टेस्ट मैच की जीत का मुद्दा नहीं उठाया। आइए इसे ऐसे ही रहने देते हैं और डिप्लोमेटिक इंसिडेंट से बचते हैं। पीएम लक्सन के ऐसा कहने के बाद दर्शक हंसने लगे।

न्यूजीलैंड के पीएम लक्सन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की थी। राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री लक्सन और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। जो लोकतंत्र, कानून के शासन और लोगों के बीच मज़बूत संबंधों में निहित साझा मूल्यों पर आधारित हैं। राष्ट्रपति ने पिछले साल अगस्त में न्यूजीलैंड की अपनी राजकीय यात्रा की यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि न्यूज़ीलैंड की प्राकृतिक सुंदरता और उसके लोगों की सांस्कृतिक विविधता ने उनके मन पर अमिट छाप छोड़ी है।