डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट से बड़ा झटका, कोर्ट ने ट्रांसजेंडर्स के सेना में शामिल होने पर लगी रोक हटाई
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डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका राष्ट्रपति पद की शपथ ली एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए। उनमें कुछ पर विवाद भी हुआ। इसी क्रम में डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिकी की मिलिट्री में शामिल ट्रांसजेंडर समुदाय पर बैन लगा दिया था। अब एक फेडरल जज ने समानता के सिद्धांत का हवाला देते हुए ट्रंप प्रशासन के इस बैन को ही सस्पेंड कर दिया है।
वाशिंगटन डीसी में न्यायाधीश एना रेयेस ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रंप का ट्रांसजेंडर सैनिकों को सैन्य सेवा से बाहर करने का आदेश संभवत: उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने प्रशासन को अपील करने के लिए समय देते हुए अपने आदेश को तीन दिन के लिए टाल दिया।
दरअसल,सेना में सेवा दे रहे छह ट्रांसजेंडर्स और सेना में शामिल होने के इच्छुक दो ट्रांसजेंडर्स ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर संघीय जज ने यह प्रारंभिक निषेधाज्ञा जारी की है।
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद 27 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर सैन्यकर्मियों की यौन पहचान सैनिकों की सम्मानजनक, सत्यनिष्ठ और अनुशासित जीवनशैली के प्रति प्रतिबद्धता के साथ टकराव करती है। जिसके तहत ट्रांसजेंडर्स लोगों के सेना में भर्ती होने पर रोक लगा दी गई थी। इस आदेश के जवाब में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने जेंडर डिस्फोरिया वाले लोगों को सैन्य सेवाओं के लिए अयोग्य घोषित करने की नीति जारी की।
जेंडर डिस्फोरिया वह अवस्था है, जिसमें किसी व्यक्ति का निर्धारित लिंग और उसकी लिंग पहचान मेल नहीं खाते। चिकित्सा स्थिति में इसे अवसाद और आत्महत्या के विचारों से जोड़ा जाता है। अदालत में जब इस आदेश को चुनौती दी गई तो दावा किया गया कि यह अमेरिकी संविधान के पांचवें संशोधन के तहत ट्रांसजेंडर्स को मिले अधिकारों का उल्लंघन है। अमेरिकी सेना में हजारों की संख्या में ट्रांसजेंडर्स सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन ये कुल सैनिकों की संख्या का एक प्रतिशत से भी कम है
Mar 20 2025, 10:07