बिहार बजट सत्र : कब्रिस्तानों के जीर्णोद्धार को लेकर विधान मंडल में भारी हंगामा, विपक्ष के सवाल का मंत्री ने दिया यह जवाब
डेस्क : बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। भोजन अवकाश के पश्चात उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट सदन में प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की जाएगी। विपक्षी दलों की ओर से कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, पलायन सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है।
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वहीं आज दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के बीच 11 बजे प्रश्नकाल से आरंभ हुई। प्रश्नकाल के दौरान बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में सोमवार को कब्रिस्तानों के जीर्णोद्धार से जुड़े सवाल को लेकर भारी हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्य राजेश कुमार ने इसे लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा बिहार में कब्रिस्तानों की घेराबंदी हुई है। लेकिन जो बनेगा वह टूटेगा ही ऐसे में क्या सरकार की ओर से इनके जीर्णोद्धार का प्रावधान है। उनके इस सवाल पर मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि विधायक चाहें तो इसे अपने क्षेत्र विकास फंड से करा लें।
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विजेंद्र यादव के इस जवाब से बड़ी संख्या में विपक्षी सदस्य नाराज दिखे। इस बीच राजेश कुमार ने पुनः कहा कि मंत्री जी अगर ऐसा चाहते हैं तो वे तय प्रावधानों में बदलाव कराएँ। मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के तहत धार्मिक स्थलों के विकास का प्रावधान नहीं है। इस पर विजेंद्र यादव ने कहा कि जीर्णोद्धार से जुड़े मुद्दे पर विधायक अपने क्षेत्र के कलेक्टर को लिख कर दें। उनके इस जवाब से विपक्षी नाखुश हो गया और काफी देर तक नारेबाजी जारी रही। इस दौरान स्पीकर बार बार सदस्यों को अपनी जगह पर बैठने और हंगामा नहीं करने की अपील करते रहे।
इसके पहले प्रश्नकाल के दौरान कब्रिस्तान की घेराबंदी को लेकर कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने सवाल किया। इस पर मंत्री के जवाब से विपक्ष के विधायक संतुष्ट नहीं दिखे।इसी कारण विधायकों ने हंगामा किया। यहां तक कि विपक्ष के विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे।
वहीं औरंगाबाद विधायक आनंद शंकर सिंह ने विधानसभा में साइबर फ्रॉड के मामले में पूछा कि साइबर क्राइम रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है। प्रभारी गृहमंत्री बिजेंद्र यादव ने जवाब में कहा कि इस तरह के रोजाना 10-12 मामले दर्ज किए जा रहे हैं। विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर यहां के लोगों का पासपोर्ट जब्त कर उनसे साइबर फ़्रॉड का काम कराया जाता है। विदेश भेजने वाले एजेंटों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए EOU को भी जिम्मेदारी दी गई है। ये केवल बिहार का नहीं, देश-विदेश का भी मामला है।
Mar 03 2025, 14:44