पटना के गांधी मैदान में बदलो बिहार महाजुटान के बहाने भाकपा माले ने दिखाई अपनी ताकत, केन्द्र सरकार पर लगाया यह बड़ा आरोप
डेस्क : बीते रविवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान बदलो बिहार महाजुटान के बहाने भाकपा माले ने अपनी ताकत दिखाई। 200 से अधिक सामाजिक, राजनीतिक संगठनों को एकजुट किया। उनके मुद्दे उठाकर बिहार में बदलाव का संकल्प दिलाया। इससे पहले राज्य सचिव कुणाल ने स्वागत किया। शोक प्रस्ताव कुमार परवेज ने पढ़ा। संचालन रणविजय कुमार और शशि यादव ने किया। महाजुटान में झारखंड के निरसा के विधायक अरूप चटर्जी, बगोदर के पूर्व विधायक विनोद सिंह, यूपी के राज्य सचिव सुधाकर यादव, और झारखंड के जनार्दन प्रसाद, कार्तिक पाल, और पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, केडी यादव, रामेश्वर प्रसाद, प्रभात कुमार चौधरी, मीना तिवारी, मंजू प्रकाश आदि शामिल थे। पार्टी सांसद राजाराम सिंह और सुदामा प्रसाद के अलावा महबूब आलम आदि थे।
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महाजुटान के खुले मंच से 44 वक्ताओं ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक मुद्दे उठाए। माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि विशेष राज्य और विशेष पैकेज के नाम पर धोखा मिला है। यदि महागरीब परिवारों को 2 लाख रुपये नहीं मिल रहे तो कौन सा विशेष पैकेज है? आशा, ग्रामीण चिकित्सक जिनके आधार पर स्वास्थ्य व्यव्स्था चल रही है, उनके लिए कुछ नहीं किया गया। संविदा कर्मियों को सम्मानजनक वेतन नहीं मिल रहा है।
कहा कि राज्य में गरीब, किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, महिलाएं, मुस्लिम, फुटपाथी दुकानदार जैसे कमजोर समुदायों की पीड़ा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अब समय आ गया है कि इस पीड़ा को एक ताकत में बदल दिया जाए। चुनाव आया है, तो जातिगत रैलियां हो रही हैं। जाति के आधार पर एक ही अधिकार मिला हुआ था- आरक्षण का। वह आरक्षण का अधिकार खतरे में है। संविधान खतरे में है। यदि सरकारी नौकरी व शिक्षा नहीं मिलेगी तो कहां आरक्षण मिलेगा? डबल इंजन सरकार ने आरक्षण बढ़ाने के नाम पर धोखा दिया है। लेकिन ये आरक्षण खत्म कर रहे हैं। इसलिए 65 फीसदी आरक्षण के लिए एकसाथ लड़िए। उन्होंने आरोप लगाए कि भाजपा बिहार को दमन और उत्पीड़न की प्रयोगशाला बनाना चाहती है। इस साजिश को कामयाब नहीं होने देना है। बिहार आगे बढ़ेगा और वह बदलेगा।
Mar 03 2025, 10:33