क्या कांग्रेस में नजर चल रहे हैं शशि थरूर? कहीं बढ़ा ने दें पार्टी की मुश्किलें
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कांग्रेस मुश्किलों के दौरा से गुजर रही है। कभी देश की सियासत का सबसे मजबूत स्तम्भ रही कांग्रेस आज अपना जनाधार खोते-खोते बेहद कमजोर हो गई है। पिछले कुछ सालों से कई बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इस बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा, "कांग्रेस में मेरा क्या रोल है।"
शशि थरूर की ओर से किए गे इस सवाल के बाद सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। असल में कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का मुद्दा उठाया है। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या थरूर पार्टी से दूरी बना रहे हैं या अपनी भूमिका को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल से उनकी मुलाकात भी हुई है।
शशि थरूर ने 18 फरवरी को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी में किनारे किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें संसद के महत्वपूर्ण बहसों में बोलने का मौका नहीं मिलता और पार्टी में उन्हें इग्नोर किया जा रहा है। थरूर ने कहा कि वह पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं और चाहते हैं कि राहुल गांधी उन्हें उनकी भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी ने थरूर की शिकायतों का कोई खास जवाब नहीं दिया और न ही उनकी कोई गंभीर समस्याओं को सुलझाया। थरूर को यह महसूस हुआ कि राहुल गांधी इस मामले में कोई भी खास वादा करने को तैयार नहीं थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी कि केरल के कांग्रेस नेताओं में थरूर के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान भी अब थरूर के प्रति नरमी नहीं दिखाना चाहता।
दरअसल, शशि थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ कर पार्टी के अंदर विवाद खड़ा कर दिया है। केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चार बार के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने हाल ही में केरल की वामपंथी विजयन सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की तारीफ की थी। इतना ही नहीं उन्होंने केरल में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। शशि थरूर के बयान से कांग्रेस कश्मकश में पड़ गई थी। इसके बाद कांग्रेस की केरल इकाई के मुखपत्र ने शशि थरूर को नसीहत देते हुए लेख छापा था। मुखपत्र वीक्षणम डेली के द्वारा लिखा गया था कि थरूर को स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पार्टी की उम्मीद को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा न दें।
थरूर पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा तो जवाब में थरूर ने कहा कि वो कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे पास भी विकल्प मौजूद है।
6 hours ago