दीवारों पर उकेरी जा रही काकोरी ट्रेन एक्शन की दास्तां
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- बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज की 180 मीटर दीवार पर 30 कलाकार बना रहे वॉल पेंटिंग
- ललित कला अकादमी की पहल से जीवित हुई काकोरी ट्रेन एक्शन की ऐतिहासिक गाथा
लखनऊ। स्वतंत्रता संग्राम का एक गौरवमयी अध्याय, ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’, अब चित्रों के रूप में जीवंत हो रहा है। काकोरी स्थित बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज की 180 मीटर लंबी दीवार पर 30 कलाकार स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों की वीरता और बलिदान की दास्तां को ऐतिहासिक वॉल पेंटिंग के जरिए साकार कर रहे हैं। यह चित्रकला 20 फरवरी तक पूरी हो जाएगी, जिसमें काकोरी कांड के शहीदों के संघर्ष, मुकदमे और फांसी के दृश्य उकेरे जा रहे हैं।
ललित कला अकादमी की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि यह पहल स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को उनके गौरवमयी इतिहास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस दीवार पर बनाई जा रही कलाकृतियां न केवल काकोरी कांड के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करती हैं, बल्कि आजादी के संघर्ष की शौर्य गाथाओं को भी जीवंत करती हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि का अनूठा तरीका: जयवीर सिंह
इस पहल की सराहना करते हुए, संस्कृति और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह प्रयास आजादी के सच्चे सिपाहियों को नमन करने का एक प्रेरणादायक और सराहनीय तरीका है। उन्होंने बताया कि इस वॉल पेंटिंग के जरिए न केवल काकोरी कांड को याद किया जा रहा है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला महत्वपूर्ण संदेश भी है।
1925 में काकोरी में हुए इस ऐतिहासिक कृत्य को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे साहसिक और क्रांतिकारी घटनाओं में से एक माना जाता है। शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद और उनके साथी क्रांतिकारियों ने 09 अगस्त 1925 को ब्रिटिश खजाने को लूटकर अंग्रेजी सत्ता को चुनौती दी थी, जिससे ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिली थी। इस साहसिक कदम ने उन्हें न केवल ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक खतरे के रूप में प्रस्तुत किया, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी नई दिशा दी। यह वॉल पेंटिंग इस ऐतिहासिक घटना और उसके नायक शहीदों की वीरता को अगले कई दशकों तक याद रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका साबित होगी।
Feb 19 2025, 10:14