मध्यम वर्ग, किसान, महिला और युवा केंद्रित बजट 2025-26: समावेशी विकास पर जोर
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 को मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं और युवाओं के विकास को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। इस बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और आवास सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यय बढ़ाया गया है, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
किसानों और श्रमिकों के लिए राहत
इस बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे छोटे किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी और वे कृषि उत्पादन में वृद्धि कर सकेंगे। साथ ही, गिग वर्कर्स का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने की पहल की गई है, जिससे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
आयकर में बदलाव
आयकर के संदर्भ में बजट भाषण में 12 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर की घोषणा की गई थी, लेकिन बजट दस्तावेजों में शून्य से चार, चार से आठ और आठ से बारह लाख के स्लैब के तहत कर व्यवस्था रखी गई है। 12 लाख से अधिक आय वालों के लिए कर व्यवस्था अपेक्षाकृत कड़ी बनाई गई है, जिससे उच्च आय वर्ग को अतिरिक्त कर भार का सामना करना पड़ सकता है।
सामाजिक और सामुदायिक सेवाओं में बढ़ोतरी
बजट में शिक्षा, चिकित्सा, खेल, कला और संस्कृति, आवास जैसे सामाजिक एवं सामुदायिक सेवाओं के लिए अधिक धनराशि आवंटित की गई है। इसके साथ ही, कृषि, पशुपालन, सहकारिता और भूमि सुधार के लिए भी बजटीय व्यय में वृद्धि की गई है, जिससे ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
समावेशी विकास की ओर कदम
डॉ. मनमोहन लाल विश्वकर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, जी.एस.एस.पी.जी. कॉलेज, कोयलसा, आजमगढ़, का कहना है कि यह बजट समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं और युवाओं को लाभ मिलेगा, बल्कि रोजगार और आय में भी वृद्धि होगी।
निष्कर्ष
बजट 2025-26 को आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। सरकार की यह कोशिश है कि सामाजिक कल्याण और आर्थिक सुधारों के माध्यम से देश की प्रगति को नई दिशा दी जाए। हालांकि, उच्च आय वर्ग के लिए कर ढांचे में किए गए बदलाव कुछ लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि यह बजट कितनी प्रभावी रूप से जमीनी स्तर पर लागू होता है और वास्तविक लाभ कितने लोगों तक पहुंचता है।
Feb 10 2025, 17:01