जयशंकर 'प्रसाद' की जन्म जयंती पर हिन्दी एवं पत्रकारिता विभाग में हुआ व्याख्यान
![]()
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के हिन्दी एवं आधुनिक भारतीय भाषा तथा पत्रकारिता विभाग में वृहस्पतिवार को जयशंकर 'प्रसाद' की जन्म जयन्ती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर पूर्व पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग के प्रो. हितेंद्र मिश्र ने अपना विशिष्ट व्याख्यान दिया।
प्रो. मिश्र ने अपने व्याख्यान में 'प्रसाद' की विभिन्न रचनाओं का सन्दर्भ देते हुए कहा कि आज 'प्रसाद' को आज नए ढंग से पढ़ने की आवश्यकता है।
इसके पूर्व प्रो. बिमलेश मिश्र ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि साहित्यकार अपनी रचनाओं से समाज कि विषमता को दूर करता है और समरसता को स्थापित करता है।
कार्यक्रम में विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार राय ने जयशकर 'प्रसाद' की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के किसी भी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से लेकर संघ लोक सेवा आयोग के हिन्दी के पाठ्यक्रम में 'प्रसाद' की उपस्थिति अपरिहार्य है। प्रो. राय ने आगे कहा कि 'प्रसाद' विमर्श के पोलिटिकल करेक्टनेस में फँसे हैं, क्योंकि मुक्तबोध ने भले ही उन्हें समझने का प्रयास किया परन्तु प्रगतिशील आलोचना में 'प्रसाद' प्राय: उपेक्षित ही रहे हैं। दूसरी तरफ एक विचारधारा उनका अपहरण कर उनके विश्वबोध को स्थानीय बोध बनाने में लगी है, इससे 'प्रसाद' को मुक्त कराने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने कहा कि 'प्रसाद' की रचनाएं अतिवादिता के विरूद्ध है। उन्होंने बताया कि 'प्रसाद' पर यह विभाग का पहला आयोजन है।
इस आयोजन में छात्र-छात्राओं ने 'प्रसाद' की कविताओं का पाठ भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अखिल मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन विभाग के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति के संयोजक प्रो. राजेश कुमार मल्ल ने किया। इस अवसर पर प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी, प्रो. प्रत्यूष दुबे, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. संदीप यादव, डॉ. सुनील कुमार यादव, डॉ. रामनरेश राम, डॉ. अभिषेक शुक्ल, डॉ. ऋतु सागर,डॉ. प्रियंका नायक, डॉ. अपर्णा पाण्डेय, डॉ. रजनीश कुमार चतुर्वेदी, डॉ. नरगिस बानो, डॉ. अन्वेषण सिंह, डॉ. अभय शुक्ल और विभाग छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
















Jan 30 2025, 18:31
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0.3k