बिहार की यूनिवर्सिटी से हटाए जाएंगे कई पुराने विषय, नए सब्जेक्ट को जोड़ने की तैयारी शुरु
डेस्क: राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नीति-2020 के आलोक राज्य के विश्वविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रम अपग्रेड होंगे। कई पुराने विषय हटाए जाएंगे और उसकी जगह नए जोड़े जाएंगे। इसके लिए कुलाधिपति कार्यालय की पहल पर शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया है।
शिक्षा विभाग के अनुसार विभिन्न विश्वविद्यालयों के माध्यम से पाठ्यक्रम के कई विषयों में अब छात्र-छात्राओं की रुचि नहीं रही। ऐसे विषयों को लेकर सभी कुलपतियों ने बीते साल जानकारी दी थी और पाठ्यक्रम को अपग्रेड करने तथा नए विषय को शामिल करने संबंधी रिपोर्ट भी दी थी।
इस रिपोर्ट के आने पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने एक कमेटी गठित की थी, जिसने सुझाव दिया था कि कौन-कौन विषय अनुपयोगी हैं। पाठ्यक्रम में पर्यटन, फिजियोथेरेपी, योग, आपदा प्रबंधन एवं पारा मेडिकल आदि विषय जोड़े जा सकते हैं।
अभी दर्शन शास्त्र, ग्रामीण अर्थशास्त्र, बांग्ला, उर्दू, मैथिली, वनस्पति शास्त्र जैसे पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या नहीं के बराबर है।
नए सत्र 2024-28 में संबंधित विषयों में नामांकन के लिए विश्वविद्यालयों को पांच बार तिथि बढ़ानी पड़ी थी। फिर भी छात्रों की संख्या संतोषप्रद नहीं रही।
व्यावसायिक विषयों को भी किया जाएगा अपग्रेड
शिक्षा विभाग के मुताबिक, कमेटी ने 20-25 साल पुराने व्यावसायिक पाठ्यक्रम की भी समीक्षा कर रिपोर्ट दी है। व्यवसायिक पाठ्यक्रम को अपग्रेड करने का कार्य भी किया जाएगा। व्यावसायिक पाठ्यक्रम में नये विषय सम्मिलित होंगे।
स्नातकोत्तर संकाय स्तर पर एलाइड सब्जेक्ट (संबद्ध विषय) के रूप में माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, एप्लाइड मैथमेटिक्स, इंडस्ट्रियल मैथ, इंजीनियरिंग मैथ, इंवायरमेंटल केमिस्ट्री (पर्यावरण रसायन) और फार्मा केमिस्ट्री शुरू करने का प्रस्ताव है।
Jan 26 2025, 09:12