कनाडा के पीएम ट्रूडो को आखिरकार देना पड़ा इस्तीफा, अब आगे क्या?
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कनाडा के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो ने लंबे चले विरोध के बाद सोमवार को इस्तीफा दे दिया। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद उनके 10 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया। यह फैसला उन्होंने अपनी ही पार्टी में विद्रोह और जनता में बढ़ती अलोकप्रियता के बीच लिया है। इस साल होने वाले आम चुनावों में पियरे पोइलिवरे की कंजरवेटिव पार्टी के सत्ता में आने की भविष्यवाणी की जा रही है। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे से पहले एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष के कारण उन्होंने पद छोड़ने का फैसला लिया।
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कनाडाई सरकार के एक अधिकारी ने कहा, सत्ताधारी लिबरल पार्टी में अगले नेता का चुनाव होने तक ट्रूडो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि देश की संसद का सत्र 27 जनवरी से प्रस्तावित था। अब इस्तीफे के कारण संसद की कार्यवाही 24 मार्च तक स्थगित रहेगी।अधिकारी ने बताया कि 24 मार्च तक लिबरल पार्टी अपने नए नेता का चुनाव कर लेगी। सियासी उथल-पुथल के बीच यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कनाडा में आम चुनाव कब कराए जाएंगे।
इस्तीफा देते हुए ट्रूडो ने क्या कहा?
53 वर्षीय नेता ने ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, मैं पार्टी के नए नेता के चयन के बाद पार्टी नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं। इसका मतलब है कि ट्रूडो तब तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में बने रहेंगे जब तक कि नए नेता का चुनाव नहीं हो जाता। बतौर रेगुलर पीएम अपने आखिरी भाषण में उन्होंने खुद को फाइटर करार दिया। ट्रूडो ने कहा, यह देश अगले चुनाव में एक असल विकल्प का हकदार है और यह मेरे लिए साफ हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता।
ट्रूडो दो बार से कनाडा के पीएम चुने जा रहे हैं, हाल ही में 2021 में वे सत्ता में रहने में तो कामयाब रहे शुरुआत में उनकी नीतियों को सराहा गया था। लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ती खाद्य और आवास की कीमतों और बढ़ते आप्रवासन के कारण उनका समर्थन घट गया है। यह राजनीतिक उथल-पुथल ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर कनाडा अपने यहां अमेरिका में आने वाले अप्रवासी और नशीली दवाओं को रोकने में विफल रहा तो, कनाडा के सभी सामानों पर 25 फीसदी शुल्क लगा दिया जाएगा।
क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी दिया था वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा
कनाडा की पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने 16 दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े ट्रुडो के फैसलों की आलोचना की थी। फ्रीलैंड और ट्रूडो के बीच नीतियों पर मतभेद थे। फ्रीलैंड का कहना था कि इस समय कनाडा को आर्थिक रूप से मजबूत रहना चाहिए और खर्चों को नियंत्रण में रखना चाहिए, ताकि अगर अमेरिका से किसी प्रकार के आर्थिक दबाव या शुल्क का सामना करना पड़े, तो कनाडा के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन हों। उनका मानना था कि ब्रिकी कर पर अस्थायी छूट और नागरिकों को 250 डॉलर भेजने जैसी योजनाएं राजनीतिक दिखावा हैं और इनसे आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है।
कौन होगा लिबरल का नया लीडर?
संभावित नेताओं में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी, विदेश मंत्री मेलानी जोली और पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड शामिल हैं। उम्मीद है कि 20 अक्टूबर को या उससे पहले होने वाले आम चुनाव से पहले एक नया पार्टी नेता लिबरल्स को उनकी निराशा से बाहर निकाल सकता है।
हाल के सर्वों में ट्रूडो की लिबरल पार्टी विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी से पीछे है, जिसका नेतृत्व तेजतर्रार पियरे पोलीवर कर रहे हैं। पार्टी से जुड़े लोग मानते हैं कि एक नया नेता ही पिछड़ती पार्टी को आगे ला सकता है।






* दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर फिर चर्चा में है। दिल्ली चुनाव से ठीक पहले सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए। दावा किया गया कि सीएम हाउस पर तय लागत से 342 प्रतिशत ज्यादा रकम खर्च की गई। पहले ही अरविंद केजरीवाल के घर को 'शीशमहल' बता चुकी बीजेपी दिल्ली चुनाव के बीचे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करने में लगी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है। साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया। साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया। कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए। पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था। साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कैग रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2020 में जब दिल्ली की जनता अपने लोगों को खो रही थी। उस समय अरविंद केजरीवाल अपना शीश महल बनवा रहे थे। किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके निर्माण में अनियमितताएं बरती गईं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2024 में जो इन्वेंटरी घोषित की है और जो समान दिखाया है कि यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह समान कहां से आया। वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।
* दिल्ली चुनाव की तारीखों के एलान से पहले सियासी हलचल तेज है। पार्टियां जनता को अपने पाले में करने के लिए एक से बढ़कर एक दांव चल रही हैं। आम आदमी पार्टी ने पहले ही जनता के सामने अपान पिटारा खोल दिया है। महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिए योजनाओं की घोषणा की है। अब आप की राह पर चलते हुए कांग्रेस ने भी बड़ी घोषणा की है। कांग्रेस ने 'प्यारी दीदी योजना' का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं यहां प्यारी दीदी योजना को लॉन्च करने आया हूं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस दिल्ली में सरकार बनाएगी और हमारी पहली कैबिनेट में प्यारी दीदी योजना लागू की जाएगी और दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये दिए जाएंगे। यह उसी मॉडल पर है जो हमने कर्नाटक में लागू किया था। कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस जरूरी है। *दिल्ली की महिलाओं को 2100 रुपए देगी आप सरकार* इससे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली में हमारी सरकार फिर से सत्ता में आएगी तो हम इस सम्मान की राशि 1000 से बढ़ाकर 21 रुपये कर देंगे। केजरीवाल ने 2024 के बजट में इसका ऐलान किया था। 18 से 60 साल तक की महिलाओं को इस योजना का फायदा मिलेगा. लाभार्थियों की संख्या 38 लाख है।
Jan 07 2025, 10:48
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