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रोहित शर्मा का टेस्ट करियर खतरे में! 3 बड़ी वजहें जो संन्यास की ओर कर रही हैं इशारा

टेस्ट की एक और पारी, रोहित शर्मा पर भारी. अगर आप ये सोचकर बैठे थे कि मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में नजारा कुछ बदलेगा. 30 दिसंबर की सुबह जब आप सोकर उठेंगे तो रोहित की बल्लेबाजी में कुछ बदला-बदला सा दिखेगा, तो माफ कीजिएगा ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. रोहित ने बेशक गेंदों के हिसाब से बीते 2 महीनों में अपनी सबसे लंबी टेस्ट इनिंग खेली, मगर रनों के मामले में वो एक बार फिर से फिसड्डी ही रहे. टेस्ट क्रिकेट में लगातार नाकामियों ने रोहित की नाक में दम तो कर ही रखा था, मेलबर्न वाली इनिंग के बाद अब उनके सफेद जर्सी में मैदान पर वापसी में भी सवालिया निशान लग रहे हैं.

क्या रोहित शर्मा टेस्ट से लेंगे संन्यास?

सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या मेलबर्न टेस्ट, रोहित शर्मा का आखिरी होने वाला है? क्या रोहित शर्मा सिडनी में होने वाला अगला टेस्ट नहीं खेलेंगे? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब मेलबर्न टेस्ट के नतीजे में छिपे हैं. भारत अगर मेलबर्न टेस्ट जीतता है तो हो सकता है कि रोहित, सिडनी में भी कप्तानी करते दिखें. लेकिन, अगर हारा तो खबरें ऐसी चल रही हैं कि सिडनी टेस्ट में कप्तानी की बागडोर बुमराह को सौंपी जा सकती है. बीते दिनों एक रिपोर्ट भी थी कि चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ऑस्ट्रेलिया में मौजूद ही इसी वजह से हैं कि वो रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर फैसला ले सकें.

क्यों तनी है रोहित पर उंगली?

बहरहाल, अब ये जानना जरूरी है कि रोहित शर्मा पर उंगलियां क्यों तनी हैं? इस अहम सवाल के तार सिर्फ मेलबर्न टेस्ट की पारी से नहीं जुड़ी है. बल्कि, ये तो रोहित के पिछले कई टेस्ट मैचों में एक जैसे प्रदर्शन का असर है. वो प्रदर्शन जिससे कोई भी पीछा छुड़ाना चाहेगा. अब रोहित का तो अपने खराब फॉर्म से पीछा छूट नहीं रहा तो भारतीय टीम मैनेजमेंट ही चाहेगा कि रोहित से अलग हो लिया जाए.

मौजूदा BGT में 6.20 का औसत

टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी में रोहित शर्मा की विफलता का खेल इसी से समझा जा सकता है कि उन्होंने जितने रन नहीं मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बनाए हैं. करीब-करीब उतने विकेट जसप्रीत बुमराह ने अपने नाम कर लिए हैं. रोहित शर्मा ने 3 टेस्ट की 5 पारियों में 6.20 की औसत से सिर्फ 31 रन बनाए हैं. जबकि. बुमराह ने 30 विकेट लिए हैं. साफ है कि बुमराह के लिए विकेटों से सिर्फ एक ज्यादा है रोहित के रनों की संख्या. खैर, ये तो हुई पहली वजह, जिसके चलते रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर तलवार लटकी है.

एक या दो नहीं, पिछली 15 पारियों की रामकहानी एक जैसी

दूसरी वजह, रोहित को संन्यास की ओर धकेलने की ये है कि सवाल सिर्फ मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ही रोहित की असफलता का नहीं है. बल्कि उन्होंने पहले भी ऐसे ही नाकामियों का दौर देखा है. रोहित शर्मा की अगर पिछली 15 टेस्ट पारियों की बात करें तो उन्होंने वहां भी कुछ खास परफॉर्म नहीं किया. रोहित ने पिछली 15 टेस्ट पारियों में 10.93 की औसत से केवल 164 रन बनाए हैं, जिसमें उनका बेस्ट स्कोर 23 रन का रहा है. मतलब शतक तो दूर की बात है अर्धशतक भी भारतीय कप्तान से नहीं लग रहा.

बल्लेबाजी फेल, कप्तानी भी डिरेल

रोहित शर्मा की बल्लेबाजी तो फेल है ही. कप्तानी में भी हाथ उतने ही तंग है. पर्थ में भारत ने पहला टेस्ट जीता क्योंकि कमान जसप्रीत बुमराह के हाथ में थी. लेकिन, जैसे ही एडिलेड में रोहित में कप्तानी की बागडोर संभाली, टीम को हार का सामना करना पड़ा. ब्रिसबेन में खेला तीसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ, जिसमें बारिश की बड़ी मेहरबानी रही. इतना ही नहीं, इससे पहले घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी रोहित की कप्तानी सवालों के घेरे में रही थी, जब भारत को क्लीन स्वीप का शिकार होना पड़ा था.

संन्यास की बातें तो होंगी ही?

अब इतने सारे लूपहोल्स होंगे तो सवाल तो उठेंगे ही. लोग संन्यास की बातें तो करेंगे ही. वहीं हो भी रहा है. सोशल मीडिया पर रोहित शर्मा का संन्यास ट्रेंड में हैं

केएल राहुल ने इंटरनेशनल क्रिकेट में पूरे किए 10 साल, बॉक्सिंग डे टेस्ट में है दमदार रिकॉर्ड

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट की शुरुआत हो गई है. 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का यह चौथा टेस्ट है. दोनों टीमों के बीच ये मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है. टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज केएल राहुल के लिए ये मैच काफी खास है. उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 10 साल पूरे कर लिए हैं. खास बात ये भी है कि केएल राहुल ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेला था और वो भी बॉक्सिंग डे टेस्ट ही था. उतार चढ़ाव से भरे इन 10 सालों में केएल राहुल ने भारतीय टीम के लिए कई मौकों पर मैच विनिंग प्रदर्शन किया है.

केएल राहुल के बेमिसाल 10 साल

केएल राहुल का जन्म साल 1992 में बेंगलुरु में हुआ था. उनका पूरा नाम कन्नौर लोकेश राहुल है, लेकिन उन्हें ज्यादातर केएल राहुल के नाम से जाना जाता है. राहुल ने 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. साल 2014 में इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने वाले केएल राहुल भारतीय टीम के लिए अभी तक 77 वनडे और 72 टी20 मैच खेल चुके हैं. वहीं, ये उनके करियर का 57वां टेस्ट मैच है.

राहुल अब तक अपने करियर में 3216 टेस्ट रन बना चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने 77 वनडे मैचों में 2851 रन बनाए हैं. टी20 करियर में 72 मैच खेलते हुए उन्होंने 2,265 रन भी बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने टेस्ट में 8 शतक, वनडे में 7 शतक और टी20 में 2 शतक लगाए हैं. केएल राहुल टेस्ट फॉर्मेट में भारत के लिए विदेशी दौरों पर हमेशा अहम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. उन्होंने अपने टेस्ट करियर के 8 शतक में से 7 शतक विदेशी सरजमीं पर शतक पर लगाए हैं. वह अभी तक साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में 2-2 टेस्ट शतक लगा चुके हैं. श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज में उनके नाम 1-1 शतक दर्ज है.

बॉक्सिंग डे टेस्ट में दमदार आंकड़े

बॉक्सिंग डे टेस्ट से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने वाले केएल राहुल के आंकड़े इस खास टेस्ट में शामिल शानदार हैं. वह भले ही अपने डेब्यू बॉक्सिंग डे टेस्ट पर क्रमश: 03 और 01 रन ही बना पाए थे. लेकिन 2021 और 2023 के बॉक्सिंग डे टेस्ट में उन्होंने शतक जड़ा है. 2021 और 2023 के बॉक्सिंग डे टेस्ट में उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक जड़े थे. ऐसे में फैंस को उस बार भी केएल राहुल से खास पारी की उम्मीद रहेगी.

BGT 2024-25 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय

2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में केएल राहुल ने अभी तक काफी बेहतरीन खेल दिखाया है. वह इस सीरीज में अभी तक बतौर ओपनर खेले हैं और भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. राहुल 3 मैचों की 6 पारियों में 235 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं. केएल राहुल इस साल टेस्ट में एक भी शतक नहीं लगा सके हैं, ऐसे में ये उनके लिए एक बड़ा मौका रहने वाला है. उनकी नजर बॉक्सिंग डे टेस्ट में इस इंतजार को खत्म करने पर रहने वाली है.

विराट कोहली पर गिर सकती है गाज! ऑस्ट्रेलियाई ओपनर सैम कॉन्स्टस के साथ हुई घटना के बाद आईसीसी करेगी जांच

विराट कोहली पर बैन लगेगा या जुर्माना? आप सोच रहे होंगे कि ये सवाल किसलिए? 26 दिसंबर को तड़के जिस वक्त हिंदुस्तान नींद की आगोश में थे, ये घटना उस वक्त की है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में धूप खिली थी. तापमान में गर्मी थी क्योंकि पारा 40 डिग्री के पार जा चुका था. मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट की शुरुआत हो चुकी थी. ऑस्ट्रेलिया टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रही थी और दुनिया, उसके 19 साल के ओपनर सैम कॉन्स्टस को डेब्यू पर अपनी काबिलियत का दम दिखाते देख रही थी. लेकिन, इसी बीच विराट अपने कंधे से कॉन्स्टस को हिट करते हैं और वो विवाद जन्म ले लेता है, जिसकी चर्चा होने लगती है.

जानबूझकर या अनजाने में विराट कोहली ने किया ऐसा

घटना ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 10वें ओवर का खेल खत्म होने के बाद की है. जैसे ही ओवर खत्म होता है, विराट कोहली सामने से चलकर आते हैं और सैम कॉन्स्टस को अपने कंधे से मारते हैं. इसके बाद दोनों में बहस भी होती है. विराट कोहली ने अब ऐसा जानबूझकर किया या अनजाने में, ICC इसे लेकर जांच करेगी.

ICC करेगी जांच, पॉन्टिंग की नजर में विराट की गलती

अब ICC तो इस मामले को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए पहले घटना की जांच करेगी. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग को अभी से लगता है कि गलती विराट कोहली की है.

पॉन्टिंग ने चैनल 7 पर कहा कि विराट पूरी पिच पर चल रहे थे, जिससे उनके इरादे का पता चलता है. मुझे पूरा यकीन है कि गलती उन्हीं की है. मुझे उम्मीद है कि अंपायर और रेफरी ने भी जो हुआ उसे देखा होगा. जहां तक कॉन्स्टस की बात है, ऐसा लगता है कि उन्हें देर से पता ही चला कि सामने से कोई आ भी रहा है. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने उम्मीद जताई कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट इस मामले में दखल देंगे.

विराट को 3-4 डिमेरिट पॉइंट का हो सकता है नुकसान

ICC के नियमों के मुताबिक क्रिकेट में किसी भी तरह से फिजिकल होना मना है. इस तरह की घटनाओं में खिलाड़ी लेवल 2 के तहत दोषी माना जाता है. जांच में विराट या कॉन्स्टस में से जिस किसी की भी गलती पाई जाती है तो उसे 3 से 4 डिमेरिट पॉइंट का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

हालांकि, पूर्व टेस्ट अंपायर साइमन टफेल के मुताबिक, इस मामले में किसी बड़े एक्शन की गुंजाइश कम है. मतलब दोनों खिलाड़ी सस्पेंड होने से बच सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये घटना पहली बार हुई है.

ऋषभ पंत को मेलबर्न टेस्ट से पहले लगा बड़ा झटका, रोहित-विराट का भी हुआ बुरा हाल

मेलबर्न टेस्ट से पहले आईसीसी ने टेस्ट रैंकिंग जारी की है और उससे पहले टीम इंडिया के 4 खिलाड़ियों को बड़ा झटका लगा है. ऋषभ पंत, रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल की आईसीसी टेस्ट रैंकिंग बुरी तरह गिर गई है. ये चारों ही खिलाड़ी बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में अबतक कुछ खास नहीं कर पाए हैं और चारों को ही टेस्ट रैंकिंग में नुकसान हुआ है. सबसे बड़ा झटका ऋषभ पंत को लगा है जो टॉप 10 से बाहर हो गए हैं. ब्रिसबेन टेस्ट से पहले पंत की रैंकिंग 9 थी लेकिन वहां खराब प्रदर्शन की वजह से अब वो टॉप 10 से बाहर होकर नंबर 11 पर आ गए हैं.

विराट-रोहित और गिल का क्या हुआ?

विराट कोहली को ब्रिसबेन टेस्ट में फ्लॉप होना काफी भारी पड़ा है. वो टॉप 20 से ही बाहर हो गए हैं. विराट के रेटिंग प्वाइंट 646 हो गए हैं. शुभमन गिल को भी ब्रिसबेन में फेल होना भारी पड़ा है और वो 4 स्थान गिरकर 20वें स्थान पर पहुंच गए हैं. रोहित शर्मा का तो और बुरा हाल है. ये खिलाड़ी टॉप 30 से ही बाहर हो गया है. रोहित शर्मा पांच स्थान गिरकर 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. यशस्वी जायसवाल को भी एक स्थान का नुकसान हुआ है और वो पांचवें स्थान पर लुढ़क गए हैं.

सिर्फ बुमराह ने रखी है लाज

आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में जसप्रीत बुमराह ने लाज रखी हुई है. दाएं हाथ का ये तेज गेंदबाज नंबर 1 पोजिशन पर बरकरार है. बुमराह के रेटिंग प्वाइंट 904 हो गए हैं. वो भारत के इकलौते तेज गेंदबाज हैं जो 900 रेटिंग प्वाइंट का आंकड़ा पार कर पाए हैं. बुमराह ने अगर मेलबर्न में अच्छा प्रदर्शन किया तो वो भारतीय इतिहास में सबसे ज्यादा रेटिंग प्वाइंट हासिल करने वाले गेंदबाज बन जाएंगे.

भारत के पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा को 7 साल की सजा, जानें क्या है मामला*

भारत के पूर्व क्रिकेटर और विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा के पिता विनय ओझा के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है. विनय ओझा को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है और 7 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. दरअसल, बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में 2013 में हुए सवा करोड़ के गबन मामले में 11 साल बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है. इस चर्चित मामले में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा दी गई है. इनमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा भी शामिल हैं.

नमन ओझा के पिता विनय ओझा को हुई सजा

बता दें, नमन ओझा के पिता विनय ओझा को साल 2022 में ही इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, साल 2013 में बैंक आफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में पदस्थ बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनय ओझा सहित अन्य ने मिलकर फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित की थी. तब लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी. इस मामले का मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम था, जिसने बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का दुरुपयोग कर फर्जी खातों के माध्यम से गबन को अंजाम दिया था.

अब कोर्ट ने विनय ओझा के अलावा अभिषेक रत्नम को 10 साल की जेल और 80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. धनराज पवार और लखन हिंगवे भी 7-7 साल की जेल सुनाई गई और 7-7 लाख रुपए जुर्माने लगाया गया है. बता दें, लोक अभियोजक राजेश साबले के मुताबिक, जांच में यह पाया गया कि आरोपियों ने बैंक अधिकारियों के आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर फर्जी खातों के माध्यम से धन का गबन किया. केस की जांच के दौरान बैंक के कैशियर दीनानाथ राठौर की मृत्यु हो गई थी. वहीं, ट्रेनी ब्रांच मैनेजर निलेश छात्रोले, जिनकी आईडी और पासवर्ड का दुरुपयोग किया गया था, को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया. अधिवक्ता विशाल कोड़ले ने बताया कि आरोपियों ने एजेंटों के माध्यम से फर्जी खाते खोलकर गबन किया था, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया था.

टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं 4 मैच

भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने साल 2021 की शुरुआत में संन्यास का ऐलान किया था. उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान टीम इंडिया के लिए 1 टेस्ट, 1 वनडे और 2 टी20 मैच खेले. इस दौरान टेस्ट में उन्होंने 56 रन, वनडे में 1 रन और टी20 में 12 रन बनाए. वहीं, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 22 शतक के साथ कुल 9753 रन बनाए हैं. लिस्ट ए में भी उनके नाम 4278 रन दर्ज हैं, जिसमें 9 शतक भी हैं. इसके अलावा टी20 में भी उन्होंने 2972 रन बनाए.

मोहम्मद शमी की फिटनेस पर बड़ा अपडेट, बीसीसीआई ने बताया क्यों नहीं खेल पाएंगे विजय हजारे ट्रॉफी!

टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की फिटनेस को लेकर लगातार क्रिकेट फैंस परेशान हैं और सवाल खड़े कर रहे हैं. कप्तान रोहित शर्मा से भी हर बार उनकी फिटनेस को लेकर अपडेट लिया जा रहा है. अब आखिरकार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने शमी की मौजूदा स्थिति पर पहली बार अपडेट जारी किया है और बीसीसीआई ने जो बातें बताई हैं, वो टीम इंडिया और शमी के फैंस की चिंताएं बढ़ाने वाली है. शमी की टीम इंडिया में वापसी फिलहाल तो मुश्किल ही नजर आ रही है और विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने की संभावनाएं भी कम ही दिख रही हैं.

टेस्ट सीरीज के लिए अभी तक फिट नहीं शमी

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सोमवार 23 दिसंबर को शमी की फिटनेस को लेकर एक विस्तृत अपडेट दिया और बताया कि शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आखिरी दो टेस्ट के लिए नहीं चुना गया. बीसीसीआई ने बताया कि एड़ी की चोट से जूझ रहे शमी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में मेडिकल टीम के साथ अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे और इस चोट से पूरी तरह उबर गए थे. हालांकि पिछले कुछ दिनों में लगातार बॉलिंग करने के कारण उनके घुटने में सूजन आने लगी, जिसके चलते मेडिकल टीम ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आखिरी दो टेस्ट मैच के लिए फिट नहीं माना.

बीसीसीआई ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि एड़ी की चोट से पूरी तरह उबरने के बाद शमी ने रणजी ट्रॉफी में वापसी की थी और 43 ओवर की गेंदबाजी की थी. इसके बाद शमी ने सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में बंगाल के लिए सभी 9 मैच खेले. बोर्ड ने साथ ही बताया कि इन मुकाबलों के अलावा भी शमी ने सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में काफी गेंदबाजी की, ताकि वो टेस्ट मैच में बॉलिंग के लिए तैयार हो सकें. हालांकि इस दौरान उनके बाएं घुटने में सूजन आने लगी, जो ज्यादा बॉलिंग वर्कलोड के कारण आ रही थी. बोर्ड ने बताया कि वर्कलोड बढ़ने के कारण ऐसा होना स्वाभाविक था.

मैदान पर उतरना भी हुआ मुश्किल

इसके आगे BCCI ने जो बात बताई, उसने शमी के करियर पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलने के बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि शमी विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट में भी खेलेंगे लेकिन बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें शुरुआती दोनों मैचों से आराम दिया था. अब बोर्ड ने बताया कि शमी का इस टूर्नामेंट में खेलना उनके घुटने की समस्या में सुधार की स्थित पर ही निर्भर करेगा. यानि अगर उनकी फिटनेस ऐसी ही चलती रही तो शमी इस पूरे टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे. बोर्ड ने बताया है कि वो मेडिकल टीम की निगरानी में रहेंगे और साथ ही गेंदबाजी में जरूरी वर्कलोड पर भी काम करेंगे.

चैंपियंस ट्रॉफी नहीं खेल पाएंगे शमी?

इसका असर चैंपियंस ट्रॉफी में शमी के सेलेक्शन पर भी पड़ सकता है. टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेलनी है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी भी खेली जाएगी. पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप में शमी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए तो यही उममीद थी कि वो चैंपियंस ट्रॉफी में भी ऐसा कमाल दिखाएंगे लेकिन मौजूदा फिटनेस को देखते हुए तो उनकी टीम इंडिया में वापसी भी अब मुश्किल नजर आ रही है.

वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे डेब्यू करने वाली प्रतीका रावल ने खेली शानदार पारी, जानें इस साइकोलॉजी स्टूडेंट के बारे में।

भारत की महिला टीम और वेस्टइंडीज की महिला टीम के बीच टी20 सीरीज के बाद अब वनडे सीरीज का आगाज हो गया है. टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में 2-1 से बाजी मारी थी. वहीं, वनडे सीरीज का पहला मैच वडोदरा के कोटांबी स्टेडियम में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में टीम इंडिया के लिए एक युवा बल्लेबाज ने डेब्यू किया है. ये खिलाड़ी साइकोलॉजी की स्टूडेंट भी है और अपने पहले ही मुकाबले में वह एक शानदार पारी खेलने में कामयाब रही.

साइकोलॉजी की स्टूडेंट ने टीम इंडिया के लिए किया डेब्यू

वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में प्रतीका रावल को डेब्यू करने का मौका मिला. इसी के बाद महिला वनडे क्रिकेट में डेब्यू करने वाली प्रतीका रावल 150वीं भारतीय खिलाड़ी भी बन गईं. प्रतीका रावल का जन्म 1 सितंबर 2000 को हुआ था. वह घरेलू सर्किट में दिल्ली के लिए खेलती हैं और एक सलामी बल्लेबाज हैं. इसके साथ-साथ वह साइकोलॉजी की स्टूडेंट भी हैं. उन्होंने 10 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था, इसके बाद कॉलेज के दिनों में ही उन्हें एहसास हुआ कि उसके अंदर इस खेल के लिए एक विशेष प्रतिभा है और एक पेशेवर क्रिकेटर बनने के लिए कड़ी मेहनत करने का फैसला किया.

प्रतीका रावल ने इस मुकाबले में स्मृति मंधाना के साथ पारी की शुरुआत की. इस दौरान प्रतीका रावल ने 69 गेंदों पर 40 रन की पारी खेली. इस पारी में उनके बल्ले से 4 चौके भी देखने को मिले. इन दोनों खिलाड़ियों के बीच पहले विकेट के लिए कुल 110 रनों की साझेदारी हुई. बता दें, साल 2018 के बाद ये पहला मौका है जब भारत में टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी ने 100 या उससे ज्यादा रन जोड़े हैं. वहीं, वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में साल 2022 के बाद पहली बार भारतीय ओपनिंग जोड़ी की ओर से ऐसा देखने को मिला है.

घरेलू क्रिकेट में प्रतीका रावल के दमदार आंकड़े

प्रतीका रावल ने अपने पहले घरेलू सीजन में उन्होंने 49.50 की औसत से 247 रन बनाए थे. इसके अलावा 2021 में उन्होंने दिल्ली के लिए एक यादगार पारी खेली थी, जिसमें देहरादून में असम के खिलाफ 155 गेंदों पर 161 रन बनाए थे. इस पारी ने सबका ध्यान खींचा था. 2022-23 सीजन में प्रतीका रावल ने 14 मैचों में 552 रन बनाए, जिसमें पांच अर्धशतक शामिल रहे. इसके बाद अगले साल उन्होंने 7 पारियों में 411 रन बनाए, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल थे.

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: रोहित शर्मा की चोट ने बढ़ाई टीम इंडिया की टेंशन!

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अब दो मुकाबले बचे हुए हैं. सीरीज के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए भी ये दोनों ही मैच बेहद अहम हैं. इसलिए टीम इंडिया मेलबर्न में होने वाले चौथे टेस्ट के लिए जमकर पसीना बहा रही है. खराब दौर से गुजर रहे भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी नेट्स में खूब मेहनत कर रहे हैं. रविवार 22 दिसंबर को वो टीम के साथ दूसरे सेशन के लिए मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में पहुंचे हुए थे. नेट में बैटिंग करते हुए वो चोटिल हो गए. उनके घुटने में चोट लगी है. पहले नेट सेशन के दौरान केएल राहुल को हाथ में चोट लगी थी.

आइस पैक लगाकर बैठ गए रोहित

टीम इंडिया ने सीरीज में बढ़त लेने के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में अभी से पसीना बहाना शुरू कर दिया है. लेकिन इसके दूसरे नेट सेशन से एक बुरी खबर सामने आई है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कप्तान रोहित शर्मा चोटिल हो गए हैं. वो थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट दया का सामना कर रहे थे. इस दौरान उनके बाएं घुटने पर चोट लग गई.

भारतीय कप्तान ने इसके बावजूद थोड़ी देर बल्लेबाजी करने की कोशिश की. लेकिन जब दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने रुकने का फैसला किया. फिर रोहित ने आइस पैक लगाकर कुर्सी पर बैठे हुए दिखे. इस दौरान टीम के फिजियो भी उनके साथ थे. रिपोर्ट के मुताबिक ये चोट ज्यादा गंभीर नहीं है. घुटने में सूजन ना हो इसके लिए फिजियो सावधानी बरत रहे हैं. इसके अलावा बॉक्सिंग डे टेस्ट में अभी 4 दिनों का समय है. इसलिए उनके पूरी तरह फिट होने की भी संभावना है.

टीम इंडिया की बढ़ी टेंशन

रोहित की चोट से भारतीय टीम की मुसीबत बढ़ गई है. टीम इंडिया के ज्यादातर बल्लेबाज पहले ही संघर्ष कर रहे हैं. वो अभी तक ऑस्ट्रेलिया में रन बनाने में असफल रहे हैं. इस बीच पहले टीम के सबसे सफल बल्लेबाज केएल राहुल और अब भारतीय कप्तान चोटिल हो गए हैं. राहुल पहले नेट सेशन के दौरान दाएं हाथ में चोट लगी थी. वहीं मेलबर्न के मैदान को स्पिनरों मदद मिलने की उम्मीद रहती है. लेकिन मुकाबले से पहले टीम के सबसे अनुभवी स्पिनर अश्विन ने संन्यास ले लिया है. इन सभी चीजों ने भारतीय टीम की टेंशन बढ़ा दी है.

12 साल पहले किया गया वादा टूटने के बाद अश्विन ने लिया संन्यास

18 दिसंबर 2024 का दिन भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए जितनी राहत लेकर आया, उससे बड़ा दर्द दे गया. एक तरफ टीम इंडिया ने ब्रिसबेन टेस्ट में हार टालते हुए ड्रॉ हासिल किया. इसने टीम के साथ ही फैंस को सुकून तो दिया लेकिन इसके बाद तुरंत ही रविचंद्रन अश्विन ने संन्यास का ऐलान कर पूरे देश को चौंका दिया. भारत के महानतम स्पिनर्स और ऑलराउंडर्स में से एक अश्विन ने सीरीज के बीच में ही ये हैरान करने वाला फैसला लिया. इसके बाद से हर कोई यही जानना चाहता है कि आखिर अश्विन ने ऐसा क्यों किया? शायद इसकी असली वजह उनका खुद से किया वो वादा था, जिसे वो बरकरार रखने में सफल नहीं हो पाए.

अश्विन के संन्यास के ऐलान के बाद से ही कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं और कई रिपोर्ट्स में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. एक तरफ अश्विन के पिता ने कहा कि उनके बेटे का बार-बार अपमान हो रहा था, वहीं एक रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि अश्विन ने कोच और कप्तान से पहले ही बोल दिया था कि अगर प्लेइंग इलेवन में उनके लिए जगह नहीं बनती तो वो बैठे रहना नहीं चाहेंगे. कप्तान रोहित शर्मा ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये कह दिया कि वो पर्थ टेस्ट के बाद ही संन्यास लेना चाहते थे लेकिन उन्होंने अश्विन को एडिलेड टेस्ट के लिए मनाया था.

अश्विन ने खुद से किया था वादा

अब सच्चाई क्या है, ये तो अश्विन ही बेहतर जानते हैं और शायद यही सच अब उनकी जुबान से भी बाहर आ गया. अश्विन ने 12 साल पहले खुद से एक वादा किया था, जो इस साल टूट गया और शायद यही उनके संन्यास की वजह रही. ये वादा था भारत में फिर कोई सीरीज नहीं हारना. बीसीसीआई की ओर से अश्विन के लिए पोस्ट किए गए एक खास वीडियो में खुद अश्विन ने ये बात कही. इस वीडियो की शुरुआत में ही अश्विन ने बताया कि 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ घर में ही एक मुश्किल सीरीज में टीम इंडिया को हार मिली थी. अश्विन ने कहा, “वो मेरे करियर की शुरुआत थी और मैं खुद से कह रहा था कि अब हम फिर कभी घर में नहीं हारेंगे. मैंने खुद से ये वादा किया था.”

अश्विन की आंखों के सामने टूटा ये वादा

वीडियो में इसके आगे तो अश्विन ने इस बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन पिछले महीने ही जो हुआ, वो सच पूरी दुनिया जानती है. अश्विन खुद से किया वो वादा पूरा नहीं कर पाए. कुछ ही हफ्तों पहले टीम इंडिया को अपनी जमीन पर न्यूजीलैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में हार मिली थी. ये सिर्फ हार नहीं थी, बल्कि 0-3 से सूपड़ा साफ होने जैसी फजीहत मिली थी. इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की सीरीज के बाद भारत की घर में ये पहली टेस्ट सीरीज हार थी और अश्विन इसका हिस्सा थे, जहां वो एकदम बेअसर साबित हुए थे. शायद इसी हार का दर्द उनके दिल में गहराई तक बैठ गया था और फिर उन्होंने ये फैसला लिया.

टीम इंडिया के लिए 106 टेस्ट मैच खेलकर अपने इंटरनेशनल करियर को विराम देने वाले दिग्गज ऑफ स्पिनर अश्विन को भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सिर्फ एक मैच में मौका मिला था. एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में अश्विन मैदान पर उतरे थे लेकिन इसके बाद ब्रिसबेन में उनकी जगह रवींद्र जडेजा को चुना गया था, जबकि सीरीज के पहले मैच में वॉशिंगटन सुंदर को तरजीह मिली थी.

मुझे दिल का दौरा पड़ जाता… संन्यास के बाद अपनी कॉल हिस्ट्री दुनिया को दिखाकर ये क्या बोले अश्विन?

रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. ऑस्ट्रेलिया में खेले तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास लेकर वो अब भारत लौट चुके हैं. लेकिन, संन्यास के बाद ऐसा क्या हुआ जिसके चलते अश्विन ने कहा कि उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता. अश्विन ने ऐसा अपनी कॉल हिस्ट्री को देखकर कहा है. उन्होंने अपनी उस कॉल हिस्ट्री को दुनिया के सामने भी रखा है. सवाल है कि संन्यास लेने के बाद अश्विन को अपनी कॉल हिस्ट्री में क्या चीज अलग दिखी?

मुझे हार्ट अटैक आ जाता… अश्विन ने शेयर की कॉल हिस्ट्री

संन्यास लेने के बाद अब अश्विन भी सचिन और कपिल जैसे रिटायर क्रिकेटरों के क्लब में शामिल हो गए हैं. अश्विन ने कॉल हिस्ट्री को अपने एक्स हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा- अगर कोई मुझे 25 साल पहले ये कहता कि मेरे पास स्मार्टफोन है, जिसका कॉल लॉग मेरे करियर के आखिरी दिन पर ऐसा दिखने वाला है, तो तब मुझे हार्ट अटैक आ जाा. मैं इसके लिए सचिन और कपिल पाजी को धन्यवाद देना चाहता हूं.

अश्विन ने गाबा टेस्ट के बाद लिया संन्यास

अश्विन ने इंटरनेशनल करियर में 765 विकेट अपने नाम किए हैं. ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे पर अश्विन ने सिर्फ एक मैच खेला, जिसमें उन्होंने 1 विकेट हासिल किया. उन्हें पर्थ में खेले पहले टेस्ट में टीम में जगह नहीं मिली थी. उसके बाद एडिलेड में अश्विन प्लेइंग इलेवन में आए मगर ब्रिसबेन में अगले टेस्ट से उन्हें फिर से ड्रॉप कर दिया गया था. गाबा में खेले तीसरे टेस्ट के बाद अश्विन ने संन्यास का ऐलान कर दिया.