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जम्मू-कश्मीर में ड्रग तस्करों पर पुलिस का शिकंजा, 156 गिरफ्तार और 4.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

जम्मू-कश्मीर में पुलिस लगातार ड्रग तस्करों पर अपनी कार्रवाई कर रही है. हर रोज ये कार्रवाई देखने को मिल रही है. इस साल जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) अधिनियम के तहत 94 मामले दर्ज किए हैं. इसमें से 64 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी पेश कर दी गई है. वहीं इन पूरे मामलों में अब तक 156 लोगों को गिरफ्तार कर किया गया है.

इस साल हुई कार्रवाई को लेकर श्रीनगर के एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने कहा कि यहां आतंकवाद के साथ-साथ नशीली दवाओं का खतरा भी है. जिसके कारण हम इसे रोकने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तस्करों के पास से 4.5 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि, 26 कुख्यात ड्रग तस्करों पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट) के तहत केंद्रीय जेल उधमपुर, भद्रवाह, कठुआ, कोट बलवाल जम्मू सहित जम्मू-कश्मीर में मामला दर्ज किया गया है.

चार मामलों में 1.28 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

एसएसपी ने बताया कि 22 दिसंबर को बडगाम पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत चार मामलों में 1.28 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. संपत्तियों में एक आवासीय घर और एक महिंद्रा स्कॉर्पियो कार, मिनी ट्रक और अशोक लीलैंड जैसे वाहन शामिल हैं.

जिसका मालिक शोलीपोरा बडगाम का मुहम्मद यासीन डार हैं. जिस पर ड्रग तस्करी के खिलाफ मामले दर्ज हैं. अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, चाडूरा में, पुलिस ने एफआईआर संख्या 47/2024 में शामिल मुहम्मद अयूब बेघ की 63.7 लाख रुपये की जमीन और एक आवासीय घर को कुर्क कर दिया.

पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में पुलिस लगातार ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी हुई है. 10 दिसंबर को अवंतीपोरा पुलिस ने ड्रग तस्कर जितेंद्र सिंह की 3.30 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी. उन्होंने कहा कि संपत्ति, एक चार पहिया वाहन, को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के जरिए हासिल किए जाने के आरोप में जब्त किया गया था.

अक्टूबर में, अनंतनाग पुलिस ने एक अंअंतरराज्यीय ड्रग तस्करी रैकेट का खुलासा किया था. जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और कोडीन फॉस्फेट की 413 बोतलें बरामद की गईं. उन्होंने बताया कि सोपोर और श्रीनगर के लिए भेजी गई खेप को दूनीपोरा संगम पर रोक लिया गया. पुलिस ने बताया कि आरोपी नए-नए तरीकों से तस्करी करने की कोशिश करते हैं, फिर भी पुलिस उनकी तलाश में लगी रहती है. जिसके कारण ही पुलिस को सफलता मिली है.

WhatsApp पर एक क्लिक और सारे राज दफन, नहीं खोल पाएगा कोई पोल

आपके वॉट्सऐप पर कुछ पर्सनल चैट्स हैं जिन्हें आप छिपाना चाहते हैं. तो ये आप आसानी से कर सकते हैं. आपके वॉट्सऐप पर एक फीचर है जिसकी मदद से आपकी प्राइवेट चैट भी हाइड हो जाएगी. इसके बाद कोई आपकी चैट नहीं देख पाएगा. कई बार फैमिली, दोस्त या पार्टनर फोटो-वीडियो क्लिक या सेंड करने के लिए फोन मांग ही लेते हैं. ऐसे सारे राज खुलकर उनके साथ सामने आ सकते हैं. इन्हें हाइड करके रखने का यहीं सबसे आसान तरीका है.

वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर

ऐप में वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर मिलता है. इस फीचर को ज्यादातर लोगों ने देखा होगा. लेकिन यूज नहीं किया. इस फीचर का काम आपकी प्राइवेट चैट पर लॉक लगाना है.

अगर फोन किसी और के हाथ में और आपसे दूर है तो कोई भी इस चैट को नहीं खोल पाएगा. यहां जानें कि आप इस फीचर को किस तरह से यूज कर सकते हैं. कैसे प्राइवेट लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड सेट कर सकते हैं.

WhatsApp चैट को हाइड करने का प्रोसेस

वॉट्सऐप चैट को हाइड करना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें. इसके लिए उस चैट पर लॉन्ग प्रेस करें. चैट सलेक्ट करने के बाद ऊपर की तरफ राइड साइड में बनी थ्री डॉट पर क्लिक करें. .

इसके बाद Lock Chat वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. इस ऑप्शन पर जाने के बाद कंफर्म करें. फोन में फिंगरप्रिंट लॉक लगा या पिन दोनों में से जो लॉक सेट है. वो वॉट्सऐप चैट लॉक पर भी सेट करें.

आप पासवर्ड अलग-अलग रख सकते हैं.

कंफर्म करते ही चैट डायरेक्ट लॉक्ड चैट फोल्डर में पहुंच जाएगी. ये आपके फोन के पिन या फिंगरप्रिंट सेंसर से ही ओपन होगा.

ध्यान रहे कि अगर आपके फोन का पिन या पैटर्न किसी दूसरे को पता है तो आप लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड क्रिएट कर सकते हैं. इस सीक्रेट कोड को डाले बिना कोई इस फोल्डर तक नहीं पहुंच पाएगा.

लॉक्ड चैट फोल्डर हाइड

सीक्रेट कोड के अलावा आप अपने लॉक्ड चैट के फोल्डर को भी चैट लिस्ट से गायब कर सकते हैं. फोल्डर और चैट हाइड होने के बाद लॉक्ड चैट को सर्च करने के लिए सर्चबार में अपना सीक्रेट कोड डालना होगा. सीक्रेट कोड डालते ही लॉक्ड चैट का फोल्डर शो हो जाएगा.

दिल्ली चुनाव: केजरीवाल का बीजेपी पर बड़ा आरोप, कहा- मेरे विधानसभा क्षेत्र में वोट खरीदने का काम शुरू कर दिया है

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन सियासी पारा हाई है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग चरम पर है. केजरीवाल गली-गली जाकर अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं और बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने नया आरोप लगाया है. केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों ने मेरे विधानसभा क्षेत्र में अभी से वोट खरीदने का काम शुरू कर दिया. खुलेआम 1000 रुपये प्रति वोट कैश दे रहे हैं.

वोट काटने का केजरीवाल ने कोई पहला आरोप नहीं लगाया है. चुनाव प्रचार में जुटे आम आदमी पार्टी संयोजक लगातार इसका जिक्र कर रहे हैं. बीते दिन उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया था. केजरीवाल ने कहा था, आज जब हम महिला सम्मान योजना का रजिस्ट्रेशन शुरू करने गए तो एक बहन ने मुझे बताया कि किसी ने उनका वोट कटवा दिया.

आप सभी अपना वोट चेक कर लें: केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा, हम उनका वोट फिर से बनवा देंगे लेकिन मैं दिल्ली की अपनी सभी माताओं बहनों से कहना चाहता हूं कि आप सभी अपना वोट चेक कर लें. हर महीने 2100 लेने के लिए वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी है. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा था, बीजेपी ने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है. पूरे देश में दूसरी पार्टी के वोटर्स की वोट कटवाने का खेल चल रहा है. सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है.

उधर, मंगलवार को केजरीवाल ने राजेंद्र नगर क्षेत्र में पांडव नगर डीडीए फ्लैट में चौबीस घंटे जल आपूर्ति की सुविधा शुरू की. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब हम दिल्ली में सत्ता में आए थे तब करीब 50-60 फीसदी पानी की आपूर्ति टैंकर से होती थी. टैंकर माफिया हुआ करते थे. ये कहते हुए मुझे खुशी हो रही है कि आज दिल्ली में 97 फीसदी पानी पाइपलाइन से पहुंचता है. राजेंद्र नगर में आज 24 घंटे स्वच्छ पेयजल आपूर्ति शुरू हो गई है. आने वाले समय में हम इसका विस्तार करेंगे.

अटल जी की 100वीं जयंती: पूर्व PM परिवार संग कैसे मनाते थे अपना जन्मदिन?

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बुधवार को जन्मदिन है. उनके जन्मदिन को बीजेपी सेवा-संकल्प दिवस के रूप में मना रही है. वहीं उनके परिवार वाले परंपरागत तरीके से आयोजन करने वाले हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी माला वाजपेयी तिवारी का कहना है कि वह साल भर चाहे जहां रहे, अपने जन्मदिन के अवसर पर वह अपने घर में होते थे और परिजनों के बीच में होते थे. माला तिवारी के मुताबिक एक बार वह किसी कारणवस जन्मदिन के अवसर पर ग्वालियर नहीं आ पाए थे, उस समय उन्होंने परिवार के कुछ लोगों को दिल्ली बुला लिया था.

इंदौर में रहने वाली माला वाजपेयी तिवारी के मुताबिक ग्वालियर में उनका पैत्रिक घर है. उसी घर में रहकर अटल जी पले बढ़े और पढ़े लिखे. इसलिए वह अपने जीवन भर उस घर से जुड़े रहे. वह कहती है कि चाहें कितनी भी व्यस्तता हो, वह अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों से हमेशा जुड़े रहे. खासतौर पर जन्मदिन के अवसर पर वह परिजनों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. उस दिन वह ग्वालियर आकर अपने बड़े भाई से मिलते और उनका आशीर्वाद लेते थे.

एक बार दिल्ली में मनाया जन्मदिन

अटल जी के साथ अपनी यादों को साझा करते हुए माला वाजपेई तिवारी कहती है कि एक बार किसी कारणवस जन्मदिन के मौके पर अटल जी ग्वालियर नहीं आ पाए थे. उस समय उन्होंने परिवार के लोगों को ही दिल्ली बुलवा लिया था. उस समय उन्होंने परिवार के सभी लोगों को रिटर्न गिफ्ट भी दिया था. इसमें एक चांदी का सिक्का था, जिसमें उनकी तस्वीर बनी हुई थी. वह कहती है कि आज भी उस सिक्के को परिवार के सभी लोग सहेज कर रखे हैं.

ग्वालियर मनाएगा गौरव दिवस

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर आयोजन के लिए हमेशा की तरह इस बार भी ग्वालियर में खूब तैयारियां हो रही है. ग्वालियर में इस बार अटल जी का जन्मदिन ग्वालियर गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस मौके पर 25 दिसंबर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में कई कार्यक्रम होंगे. इन कार्यक्रमों में खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पहुंच रहे हैं.

दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश , चार आरोपी गिरफ्तार।

दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह नकली वीजा स्टिकर और अस्थायी निवास कार्ड बनाने का काम करता था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 पासपोर्ट, 50 नकली वीजा स्टिकर, 5 अस्थायी निवास कार्ड, 14 रबर स्टैंप, 4 मोबाइल फोन और 2 पेन ड्राइव बरामद की है. साथ ही नकली दस्तावेज बनाने वाले उपकरण जैसे यूवी लाइट मशीन, खाली स्टिकर पेपर, रबर स्टैंप और सील भी जब्त की गई है.

पुलिस के मुताबिक 16 दिसंबर को लखवीर सिंह नाम के शख्स ने चाणक्यपुरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने कहा था कि उसने और उनके चार दोस्त अर्शदीप, गगनदीप, राजदीप और छिंदा सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए रणवीर नामक व्यक्ति से संपर्क किया था. जर्मनी का वीजा दिलाने के लिए 8 लाख रुपए प्रति व्यक्ति की मांग की थी. रणवीर ने उन्हें परमीजत सिंह नामक व्यक्ति से संपर्क कराया, जिसने अगस्त 2024 में उनसे पासपोर्ट और 20,000 रुपए टोकन मनी के लिए थे. इसके बाद 1 लाख रुपए प्रति व्यक्ति से और भी वसूले थे.

1 दिसंबर को परमीजत सिंह ने राजदीप सिंह का वीजा भेजने का दावा किया, लेकिन जांच करने पर वो वीजा नकली निकला. 16 दिसंबर को परमीजत सिंह ने सभी से वीजा देने और बाकी पैसे लेने के लिए मिलने को कहा. उसी दिन लखवीर सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने बरामद किए कई दस्तावेज

पुलिस ने परमीजत सिंह को चाणक्यपुरी में कुवैत एंबेसी के पास से गिरफ्तार किया. उसके पास से पांच नकली वीजा स्टिकर, पांच अस्थायी निवास कार्ड, पांच पासपोर्ट और जर्मन एंबेसी की एक नकली मुहर बरामद की गई. इसके बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई. जांच में पता चला कि परमीजत सिंह पहले भी इसी तरह के मामलों में शामिल रहा है. उसने पुलिस को बताया कि उसे नकली वीजा गुरुद्वारा बंगला साहिब के पास अनजान टीएसआर ड्राइवरों से मिलते थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और टीएसआर ड्राइवर से पूछताछ की. उसने बताया कि उसे महिंदर पार्क चौक, रानी बाग में दो अज्ञात लोगों से यह सामान मिलता था.

जांच के दौरान पुलिस ने रानी बाग के सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी से एक स्कूटी की पहचान की, जिसे तजिंदर सिंह चला रहा था. 21 दिसंबर को पुलिस ने तजिंदर सिंह को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने गिरोह के अन्य सदस्यों और उनकी भूमिकाओं का खुलासा किया.

पुलिस ने 4 लोगों को किया अरेस्ट

तजिंदर की जानकारी पर पुलिस ने उसी दिन सुनील कुमार सूद को गिरफ्तार किया. उसने बताया कि नकली वीजा बनाने का काम उदय पाल सिंह करता था. पुलिस ने उदय पाल सिंह को तिलक नगर से गिरफ्तार किया, जब वह नकली वीजा डिलीवर कर रहा था. उदय पाल सिंह के चंदर विहार स्थित घर पर छापेमारी के दौरान पुलिस को 25 पासपोर्ट, 50 नकली वीजा स्टिकर, 14 रबर स्टैंप, एक लैपटॉप, प्रिंटर, यूवी लाइट मशीन और नकली दस्तावेज बनाने के अन्य उपकरण मिले. लैपटॉप और पेन ड्राइव से 8.5 जीबी डेटा मिला, जिसमें कई नकली वीजा स्टिकर की जानकारी थी.

महाराष्ट्र के बदलापुर में बढ़ी ब्रेड की कीमत, इस वजह से लिया गया फैसला

महाराष्ट्र के ठाणे के लोगों को अब ब्रेड (डबल रोटी) खाना महंगा पड़ेगा. इसके लिए उन्हें अब ज्यादा रुपए देने होंगे. ठाणे जिले के बदलापुर शहर में ब्रेड की कीमत बढ़ गई है, जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा. मंगलवार 24 दिसंबर को यहां के बेकरी मालिकों के संघ ने ब्रेड की कीमत में तीन रुपए का इजाफा किया है, जिसके बाद जो ब्रेड पहले 20 रुपए की मिलती थी वो अब 23 रुपए की मिलेंगी

कुलगांव-बदलापुर बेकरी ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी अयूब गडकरी का कहना है कि कच्चे माल की लागत में वृद्धि होने की वजह से उनके पास कीमतों में बढ़ोतरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. उन्होंने कहा कि खाद्य तेल से लेकर किराने के सामान तक, ब्रेड उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में लगातार वृद्धि देखी गई है. जिसका सीधा असर बेकरी के परिचालन पर पड़ा है. ऐसे में ब्रेड की कीमतों में इजाफा करने के उनके पास कोई दूसरी विकल्प नहीं बचा था.

कच्चे माल की लागत में वृद्धि होने के चलते बढ़ी कीमत

वहीं एसोसिएशन के सदस्य का कहना है कि पिछले साल की तुलना में आटे, तेल और अन्य सामग्रियों की कीमत में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. सदस्य ने कहा कि हमने लंबे समय तक कीमत न बढ़ाने की कोशिश की लेकिन अब स्थिति असहनीय हो गई थी. ऐसे में न चाहते हुए भी उन्हें ब्रेड की कीमत बढ़ानी पड़ी. इधर बेकरी मालिकों के संघ के प्रतिनिधियों ने साथ ही कहा कि वो बाजार की स्थितियों पर नजर रखेंगे और गुणवत्ता तथा सामर्थ्य के बीच संतुलन सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे.

कीमत बढ़ने से लोगों की जेब पर पड़ेगा असर

देश में हर रोज ज्यादातर घरों में ब्रेड का इस्तेमाल किया जाता है. नाश्ते से लेकर विभिन्न रूपों में इसका यूज किया जाता है. ऐसे में इसकी कीमत बढ़ने से कहीं उनकी जेब पर पड़ेगा. इसके साथ ही छोटे व्यवसायियों पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है. लोगों का मानना है कि बढ़ती महंगाई के चलते बेकरी ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने ये फैसला किया है.

सीमा हैदर की प्रेग्नेंसी पर पहले पति गुलाम हैदर का बड़ा बयान, कहा- बद्दुआ लगेगी

पाकिस्तान से भागकर भारत आई सीमा हैदर प्रेग्नेंट है. वह पांचवीं बार मां बनने जा रही है. चार बच्चे पहले पति से हैं. अब वो प्रेमी सचिन मीणा के बच्चे की मां बनने जा रही है. सचिन संग वीडियो शेयर कर सीमा ने प्रेग्नेंसी की खबर की पुष्टि की. लेकिन जैसे ही इसकी भनक सीमा के पहले पति गुलाम हैदर को लगी तो वो बौखला उठा. उसने भी यूट्यूब पर वीडियो शेयर किय. सीमा और सचिन को लेकर बड़ी बात कही.

सीमा की प्रेग्रेंसी की खबर पर गुलाम हैदर बोला- हालांकि, मुझे सीमा से कोई मतलब नहीं. लेकिन वो जो कुछ भी कर रही है उसका अंजाम वो जल्द देखेगी. सीमा ने मेरे चार बच्चों को मुझसे दूर कर दिया. वो उन्हें लेकर भारत चली गई. मैं अपने बच्चों के लिए यहां तड़प रहा हूं. वो वहां सचिन के बच्चे की मां बनने जा रही है. बीवी वो मेरी है और बच्चा सचिन जा जन्मेगी. मैं उस औरत के लिए बस इतना ही कहूंगा कि उसे मेरी बद्दुआ लगेगी.

गुलाम हैदर ने वीडियो के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि उसके बच्चे उसे वापस दिलाए जाएं. गुलाम ने कहा- सीमा को जिसके साथ रहना है रहे. लेकिन मेरे बच्चे मुझे वापस लौटा दिए जाएं. मैं उनके बिना कैसे जी रहा हूं मैं ही जानता हूं.

सीमा हैदर ने बेबी बंप दिखाया

दो दिन पहले ही सीमा हैदर ने सचिन मीणा के साथ एक वीडियो बनाकर यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर डाला. सीमा ने प्रेग्नेंसी किट में टेस्ट कर दिखाया. साथ ही बेबी बंप भी दिखाया. वीडियो में सचिन सीमा को गले लगाता दिखा. सीमा ने कहा- पहले तीन महीने मुझे काफी परेशानी हुई. मेरी तबीयत खराब रहती थी. हमने सोचा था कि जब सब कुछ सही होगा तभी यह गुड न्यूज देंगे. फरवरी में मैं सचिन के मुन्ने या मुन्नी की मां बनूंगी. हम अपने होने वाले बच्चे को लेकर काफी खुश हैं.

पाकिस्तान से भागकर आई थी सीमा हैदर

पिछले साल सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ अवैध तरीके से बाहर आई थी. उसे गैरकानूनी तरीके से भारत आने पर गिरफ्तार भी किया गया था. सीमा को सचिन से PubG गेम खेलने के दौरान ऑनलाइन प्यार हुआ था. इसके बाद वो नेपाल के रास्ते अवैध तरीके से भारत आई. पुलिस ने जून 2023 में उसे और सचिन को गिरफ्तार किया. फिलहाल दोनों जमानत पर रिहा हैं. उनके खिलाफ नोएडा कोर्ट में केस चल रहा है. सीमा ने अपील की है कि उसे पाकिस्तान वापस न भेजा जाए. नहीं तो वहां उसे मार डाला जाएगा.

दिल्ली से होगा बांग्लादेशी घुसपैठियों का सफाया, पुलिस ने चलाया स्पेशल ड्राइव

दिल्ली में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी रह रहे हैं, जिनकी पहचान करने के लिए अब दिल्ली पुलिस अभियान चला रही है. अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए मंगलवार की सुबह दिल्ली पुलिस की टीम कालिंदी कुंज पहुंची. यहां के स्लम एरिया मदनपुर खादर इलाके में पहुंचकर पुलिस ने स्पेशल ड्राइव चलाया. पैरामिलिट्री फोर्स के साथ पहुंची कालिंदी कुंज थाने की पुलिस ने झुग्गियों मे रहने वाले लोगों के आधार कार्ड, पहचान पत्र समेत अन्य दस्तावेज की जांच की.

यहां कबाड़े का काम करने वाले हर एक शख्स का आधार कार्ड और पहचान पत्र के साथ उनकी एक-एक डिटेल को दिल्ली पुलिस ने नोट किया. यहां पर ज्यादातर रहने वाले लोग धुबरी असम और पश्चिम बंगाल के हैं. उनका कहना है कि वह यहां पर काफी सालों से रह रहे हैं और सभी ने अपना सही आधार कार्ड धुबरी से बनवाया है. यहां वह कूड़े का काम करते हैं.

दूसरे राज्यों से होगी जांच

मदनपुर खादर की झुग्गियों में रहने वाली नाजमी का कहना है कि वह असम के धुबरी की रहने वाली है और दिल्ली का उसका आधार कार्ड है. क्योंकि यहां पर स्कूल में एडमिशन के लिए दिल्ली का आधार कार्ड मांगा गया था. उनका कहना है कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, तो नौकरी भी नहीं मिलेगी. इसीलिए कूड़े का काम कर रही हैं और बांग्लादेश से उनका कोई रिश्ता नहीं है. पुलिस अब उनकी डिटेल की असम और पश्चिम बंगाल से जांच करेगी और अगर ये दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं तो इन पर एक्शन लिया जाएगा.

1500 से ज्यादा लोग सस्पेक्ट

पुलिस के मुताबिक अब तक पूरी दिल्ली में 1500 से ज्यादा लोगों को सस्पेक्ट बनाया गया है, जिनके डॉक्यूमेंट चेक किए जा रहे हैं. साउथ ईस्ट जिला पुलिस अब तक अपने जिले में 8 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर चुकी है, जिनको गिरफ्तार किया जा चुका है. आउटर दिल्ली से 10 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. साउथ जिला पुलिस ने भी अवैध बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट का खुलासा किया है, जिसमें 11 लोग पकड़े गए हैं.

बांग्लादेश किया जाएगा डिपोर्ट

दरअसल दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को कहा था कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बांग्लादेशी रह रहे हैं. उनकी पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इसके बाद दिल्ली पुलिस पूरी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान कर उनको गिरफ्तार कर रही है. इसके बाद उन्हें FRRO को सौंपा जा रहा है. फिर उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट किया जाएगा.

अरविंद केजरीवाल भगवान और कृष्ण के अवतार, 2029 में बन सकते हैं प्रधानमंत्री: अवध ओझा

दिल्ली विधासभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लग गया है. आम आदमी पार्टी (आप) नेता अवध ओझा ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान और कृष्ण के अवतार से की है. साथ ही साथ उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई है कि 2029 में केजरीवाल प्रधानमंत्री बन सकते हैं. अभी कुछ सप्ताह पहले ही अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. वह पटपड़गंज सीट से आप के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए अवध ओझा ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल जी निश्चित तौर पर भगवान हैं. मैं उनको कह चुका हूं कि वे कृष्ण के अवतार हैं. जब भी कोई व्यक्ति समाज बदलने की कोशिश करता है और गरीबों का मसीहा बनने की कोशिश करता है, तो उसके पीछे समाज के कंस पड़ जाते हैं. भगवान कृष्ण जेल में क्यों पैदा होते, देवकी और वासुदेव ने क्या बिगाड़ा था… समाज के कंस नहीं चाहते हैं कि कोई गरीबों और मजलूमों के लिए काम करे, सताए हुए लोगों के लिए काम करे.’

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की स्थिति पूरे भारत के लिए उदाहरण बनती जा रही है. सबकी हालत खराब है कि 2029 में कहीं केजरीवाल जी प्रधानमंत्री न बन जाएं. निश्चित तौर पर लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं, मैं तो कहता हूं कि वो भगवान हैं. उन्होंने शिक्षा फ्री कर दी. स्वास्थ्य को लेकर हमारे नेता की बहुत बड़ी दूर दृष्टि है.’

कौन हैं अवध ओझा?

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के मूल निवासी शिक्षाविद् अवध प्रताप ओझा 2 दिसंबर को नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए थे. ओझा को लोकप्रिय रूप से ओझा सर कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कोचिंग संस्थानों में यूपीएससी अभ्यर्थियों को पढ़ाया है.

पार्टी में शामिल होने के दौरान अवध ओझा ने पत्रकारों से कहा था कि वे आप के हर निर्देश का पालन करेंगे. ओझा ने मीडिया से बातचीत के दौरान भी विवाद खड़ा किया जब उनसे पीएम मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तारीफ करने के बारे में पूछा गया. राजनीति में आने से पहले ओझा यूपीएससी उम्मीदवारों को इतिहास पढ़ाते थे और खुद का कोचिंग संस्थान चलाते थे. ओझा के पिता माता प्रसाद ओझा गोंडा में पोस्टमास्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और उनकी मां वकील हैं.

दिल्ली चुनाव: अलका लांबा कालकाजी से कांग्रेस की उम्मीदवार, आतिशी को देंगी टक्कर

अलका लांबा कालकाजी से कांग्रेस की उमीदवार होंगी. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. अलका दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को टक्कर देंगी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फरवरी, 2025 में विधानसभा का चुनाव हो सकता है. आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. अब सभी की नजर बीजेपी और कांग्रेस पर है.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस एससी-एसटी विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया सीमापुरी से कांग्रेस के उमीदवार होंगे. इसके अलावा सीमापुरी से राजेश लिलोठिया, जंगपुरा से फरहाद सूरी, मटिया महल से आसिम अहमद और बिजवासन से देवेंद्र सहरावत पार्टी के प्रत्याशी होंगे.

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज मंगलवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है. 49 सीटों पर उम्मीदवार तय हो सकते हैं. पहली सूची में 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए थे.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर महिला को रिस्टबैंड देने की घोषणा करेगी. हर घर की एक महिला को 3100 रुपया महीने देने की घोषणा भी पार्टी करेगी. वो 400 यूनिट बिजली फ्री देने का ऐलान करेगी.

अलका लांबा को जानें

अलका लांबा की बात करें तो वह दिल्ली में कांग्रेस की कद्दावर नेता रही हैं. वह महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. हालांकि 2014 में वह कांग्रेस से अलग होकर आप में शामिल हो गई थीं. फरवरी, 2015 में वह चांदनी चौक से विधायक बनीं. 2019 में उन्होंने आप से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस में वापसी की.

बीजेपी की पहली लिस्ट कब?

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट इस हफ्ते आ सकती है. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक इसी हफ्ते होने की संभावना है. बीजेपी अपने कुछ पूर्व सांसदों को विधानसभा में टिकट दे सकती है. नई दिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व सांसद परवेश वर्मा का अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.

बीजेपी तय कर चुकी है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में वो बिना सीएम उम्मीदवार के उतरेगी. जनवरी के पहले हफ्ते में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है. बीजेपी उससे पहले अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करेगी.

दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला

दिल्ली चुनाव के लिए आप और कांग्रेस में गठबंधन नहीं हो पाया है. लोकसभा चुनाव दोनों पार्टियां साथ लड़ी थीं, लेकिन कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाईं. पिछले कुछ चुनाव की तरह इस बार भी दिल्ली में मुकाबला त्रिकोणीय है. एक ओर जहां आप फिर से सत्ता में वापसी करने की कोशिश में है तो बीजेपी 26 साल का सूखा खत्म करना चाहती है.