आजमगढ़ : *किसान संगठनों ने निकाला ‘चेतावनी किसान मार्च
निजामाबाद ( आजमगढ़ )
।संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर विभिन्न किसान संगठन क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान संग्राम समिति,अ.भा.किसान महासभा,अ.भा.किसान सभा, जनमुक्ति मोर्चा, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति ,संयुक्त किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान यूनियन ,जय किसान आंदोलन, जनवादी लोक मंच आदि ने नरौली बस स्टैंड से कलेक्ट्रेट तक *चेतावनी किसान मार्च* निकाला। मार्च के बाद जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को 23 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। वक्ताओं ने देश के वर्तमान हालात पर कहा कि सरकार किसानों-मजदूरों के बुनियादी सवालों का समाधान करने के बजाय साम्प्रदायिक अपराध की साज़िशों में लिप्त दिखाई दे रही है। किसानों से वादाखिलाफ़ी,अडाणी के गिरफ्तारी वारंट, झांसी में 17नौनिहालों की अस्पताल में दर्दनाक मौत , मणिपुर नरसंहार पर चुप्पी साध लेने वाली सरकार के संरक्षण में लोकतंत्र के महापर्व में किसी धर्म विशेष के लोगों को वोट डालने से रोकने और मंदिर-मस्जिद के मुद्दे में उलझाने व भटकाकर उत्तर प्रदेश को गुजरात माडल की प्रयोगशाला बनाने का काम चिंताजनक है। बहराइच,संभल की घटनाएं उसी की एक और कड़ी हैं। *सुप्रीम कोर्ट का शुक्र है कि संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने की मांग को खारिज करते हुए इसे बुनियादी ढांचे का हिस्सा बताया।* सरकार ने खाद्य सब्सिडी में 60,470 करोड़ रुपये (272802 करोड़ रुपये से 2,12,332 करोड़ रुपये) और उर्वरक सब्सिडी में 2,12,332 करोड़ रुपये की कटौती की है। पिछले लगातार तीन वर्षों में 62,445 करोड़ (2.51,339 करोड़ रुपये से 1,88,894 करोड़ रुपये) सब्सिडी कम हो गया है। किसानों ने अपनी मांगों में सरकार द्वारा लिखित वादा किए गए सभी फसलों पर भारत रत्न डाँ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+ 50% की दर से एमएसपी की कानूनी गारंटी के साथ ही आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण रद्द होने का लिखित शासनादेश आंदोलनकारी नेतृत्व को सौंपने,आजमगढ़ में हाजीपुर व मदनपुर पुल के बगल में सपोर्ट लाईन बनवाने,नहरों में सिंचाई के समय पानी सुनिश्चित करने,घाघरा नदी के बाढ़ में विस्थापित गरीब भूमिहीन किसानों को पुनर्वास की व्यवस्था कराने और घाघरा नदी को छोटी-छोटी नदीयों से जोड़ा जाने,बाढ़ में नष्ट हुए फसलों का उचित मुआवजा प्रबंधन करने,घाघरा कटान का स्थाई समाधान ,माईक्रोफाईनेंस कम्पनियों के कर्ज़ के जाल व सूदखोरी से गरीब किसानों को मुक्त कराने,मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने,गांव में नक्शे के आधार पर कब्ज़ा हुए या पाट दिये गये तालाब -पोखरें की खुदाई कराने,नगरपालिका व शहरीकरण के नाम पर गांव-गांव में स्थापित पंचायती राज व्यवस्था को खत्म करके ग्रामीणों को पंगु बनाने पर रोक लगाई जाए और पंचायतों से इस मुद्दे पर लोकतांत्रिक तरीके से स्वस्थ चर्चा कराने,नजरुल जमीनों पर सदियों से बसें ग़रीबों को उजाड़ने पर रोक लगाई जाए और उन्हें घरौनी प्रमाण पत्र जारी करते हुए पुनर्वास की गारंटी करने आदि मांगों को भी उठाया। मार्च कार्यक्रम में दुखहरन राम ,का.नंदलाल , रामाश्रय यादव, दानबहादुर मौर्य,अवधराज यादव,जयप्रकाश नारायण, डॉ रवीन्द्र नाथ राय, तेज बहादुर, अनिल चतुर्वेदी,प्रशांत,कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय, विनोद सिंह,रामजीत प्रजापति ,सुदर्शन,राजनेत यादव,रामराज,रामजन्म यादव,,राजेश आज़ाद, जगनंदन मास्टर, बसंत,कालिका,फिरतू राजभर, यशवंत, दीपचंद,मुखराम,अवध राज यादव,भीमराव, विश्वजीत, संदीप, प्रेमनारायण, निर्मल,विनोद सिंह आदि मौजूद रहे।
Nov 26 2024, 19:25