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यूपी में लगातार ट्रेनों को पलटाने की हो रही साजिश, रोकने पर पुलिस व जीआरपी नाकाम

लखनऊ । यूपी में पिछले कई महीने से ट्रेनों को पलटाने की साजिश रजी जा रही है लेकिन हर बार किसी ने किसी वजह से हादसा होते-होते बच जा रहा है। ऐसा कुछ दो दिन पहले बरेली में हुआ ।यहां इज्जतनगर रेल मंडल के बरेली पीलीभीत ट्रैक के दिबनापुर स्टेशन के पास खुराफातियों ने रेलवे ट्रैक पर सीमेंट बेंच और रेल पटरी का कटा हुआ टुकड़ा रख दिया था। मालगाड़ी के लोको पायलट को कुछ टकराने का एहसास हुआ तो उसने ट्रेन को रोका, तो देखा कि ट्रैक पर रेलवे की ही टूटी हुई सीमेंटेड बेंच और रेल पटरी का एक टुकड़ा पड़ा था। रेल कंट्रोल को सूचना दी गई. आरपीएफ, इंजीनियरिंग और ऑपरेटिंग विभाग के अधिकारी पहुंचे. मामले की जांच पड़ताल के बाद दोनों वस्तुओं को हटाकर मालगाड़ी को रवाना कराया गया. हाफिजगंज थाने में अज्ञात मुकदमा दर्ज कराया गया।

आपको बता दें कि बरेली से पीलीभीत लाइन पर सेंथल-भोजीपुरा स्टेशन के बीच दिबनापुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर किसी ने मालगाड़ी पलटने की साजिश की थी। शुक्रवार की रात करीब 12 बजे मालगाड़ी दिबनापुर से बरेली की ओर आ रही थी। ट्रेन गुजर रही थी, तभी लोको पायलट को इंजन से कुछ टकराने की आवाज सुनाई दी। लोको ने ट्रेन को रोका जिस जगह पर कुछ टकराया था, वहां जाकर देखा। ट्रैक के किनारे सीमेंटेड बेंच टूटी हुई पड़ी थी। इंजन का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी हो गया था। कुछ दूरी पर रेल पटरी का टुकड़ा (1.25 मीटर लंबा) पड़ा था। लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर और रेलवे कंट्रोल को सूचना दी। इसके बाद आरपीएफ, सिविल पुलिस, रेलवे खुफिया टीम, इंजीनियर टीम मौके पर पहुंची।

जांच पड़ताल के बाद सीमेंटेड बेंच और रेल पटरी का टुकड़ा हटाया गया। इसके बाद ट्रेन रवाना हुई। शनिवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियरिंग पीलीभीत की ओर से हाफिजगंज थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. पूर्वोत्तर रेलवे इज्ज्तनगर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है, दिबनापुर हाल्ट के पास किसी अज्ञात व्यक्ति ने सीमेंटेड बेंच टूटी हुई और रेल पटरी का टुकड़ा ट्रैक पर रखा था, जो इंजन से टकराया. इस मामले में हाफिजगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। घटना के दो दिन हो गए अभी तक पुलिस सच्चाई पता नहीं लगा सकी है। विभाग की इसी लापरवाही के चलते ट्रेनों पर लकड़ी, लोहा, पत्थर, सिलेंडर रखने से लोग बाज नहीं आ रहे है। ऐसे मामलाे का खुलासा करते हुए इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो किसी दिन बड़ा रेल हादसा हो सकता है।
बेहतर इलाज का झांसा देकर केजीएमयू से बाहर मरीज को भेजने पर पांच जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की सेवाएं समाप्त
लखनऊ । केजीएमयू में मरीजों का ज्यादा दबाव होने का फायदा उठाने में कई जूनियर रेजिडेंट (जूनियर डॉक्टर) भी पीछे नहीं हैं। मरीजों को अच्छे इलाज का झांसा देकर कई रेजिडेंट निजी अस्पताल भेज रहे हैं। केजीएमयू प्रशासन ने इसकी जानकारी होने पर गुपचुप तरीके से ट्रॉमा सेंटर में तैनात पांच जूनियर रेजिडेंट (नॉन पीजी) की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इस समय 450 बेड हैं। ज्यादातर बेड भरे रहते हैं। हालत यह होती है कि रोजाना यहां सौ से ज्यादा घायलों का इलाज स्ट्रेचर पर होता है। मरीजों का ज्यादा दबाव होने की वजह से शाम के बाद और विशेषकर रात में आने वाले घायलों को बेड मिलने में समस्या रहती है। इसका फायदा उठाते हुए यहां तैनात कई रेजिडेंट मरीजों को निर्धारित अस्पताल भेजते हैं।ट्रॉमा सेंटर के बाहर इन अस्पतालों की एंबुलेंस पहले से मौजूद रहती हैं। ये एंबुलेंस घायलों और मरीजों को सीधे वहां पहुंचा देती हैं। केजीएमयू के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कुछ जूनियर रेजिडेंट (नॉन पीजी) के खिलाफ मरीजों को शिफ्ट करने की शिकायत मिली थी। जांच कराने पर शिकायत सही पाई गई थी। इसके बाद इनको हटा दिया गया।

सिविल अस्पताल में दिल के मरीजों की 2 डी ईको जांच की राह आसान होगी। अस्पताल में लगी नई मशीन का ट्रायल चल रहा है। अफसरों का कहना है कि इसी हफ्ते मरीजों को जांच की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। जांच के लिए मरीजों को 300 रुपये खर्च करने होंगे। आयुष्मान व गरीब मरीजों को मुफ्त जांच की सुविधा मिलेगी।सिविल अस्पताल में कार्डियक आईसीयू यूनिट है। यहां ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से 50 से अधिक मरीजों की 2डी ईको जांच कराने की जरूरत होती है। अस्पताल में सुविधा नहीं होने से मजबूरी में मरीजों को केजीएमयू, लोहिया या फिर निजी केंद्र जाना पड़ रहा था। उल्लेखनीय है कि 2डी ईको जांच की सुविधा किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी नहीं है। सीएमएस डॉ. राजेश के मुताबिक, जांच की सुविधा इसी सप्ताह से मरीजों को मिलेगी।
महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्य ने आंगनबाड़ी केंद्र का किया निरीक्षण
लखनऊ/ सीतापुर । महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंका मौर्य ने सीतापुर के अंकोइया, विकासखंड खैराबाद में संचालित आँगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया।बच्चों के समग्र विकास और पोषण संबंधी देखभाल के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में आँगनवाड़ी केंद्रों का योगदान अहम है।

इससे पहले शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंका मौर्या ने अचानक जिला महिला अस्पताल पहुच गईं। उन्होंने निरीक्षण किया और साफ सफाई व्यवस्था की खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिये। इस दौरान महिला खनन अधिकारी से छेड़छाड़ के मामले में एक बड़ा बयान दिया। कहा कि यह योगी आदित्यनाथ जी की सरकार है। ऐसे माफिया को निश्चित रूप से मिट्टी में मिलाने का काम किया जाएगा।उन्होंने कहा कि खनन अधिकारी की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों से बात हुई है। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। देर से एफआईआर दर्ज होने के सवाल पर बोलीं कि महिला खनन अधिकारी घटना के नाद सहम गई थीं।वह उच्चाधिकारियों से बात करके कार्रवाई करवाना चाहती थीं। जैसे ही उन्होंने घटना रिपोर्ट की, वैसे ही तीन आरोपी पकड़े गए।
अयोध्या हार की भरपाई करने के लिए बीजेपी ने अंबेडकरनगर में झोंकी ताकत, बार-बार कटेहरी पहुंच रहे सीएम योगी
लखनऊ/अंबेडकरनगर । उत्तर प्रदेश में इन दिनों उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और भाजपा मैदान में डटी हुई हैं। वहीं भाजपा पिछले लोक सभा चुनाव में जहां पर हार गई थी अब उन क्षेत्रों में अपनी पूरी ताकत झोक दी है। अयोध्या में लोकसभा चुनाव में मिली हार के झटके से उबरने के लिए बीजेपी ने अंबेडकरनगर के कटेहरी उपचुनाव को जीतने के लिए पूरा दम लगा रखा है। यहां से भाजपा को बड़ी आस है। सरकार की तरफ से लंबे समय से बार-बार यह संदेश दिया जा रहा है कि अयोध्या के साथ ही अंबेडकरनगर का भी विकास प्राथमिकता पर होगा।मालूम हो कि अंबेडकरनगर जनपद का सृजन करीब तीन दशक पहले अयोध्या (तत्कालीन फैजाबाद ) जनपद को ही विभक्त कर हुआ था। ऐसे में अयोध्या से खासी नजदीकी अभी भी यहां के लोगों को रहती है। इसे भांपते हुए ही बीजेपी और सरकार की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि अयोध्या की तर्ज पर यहां का भी विकास होगा।

अब उपचुनाव में फिर से कटेहरी और पूरे जिले के विकास का मुद्दा उठा

हालांकि यह वायदे तो लोकसभा चुनाव के पहले भी किए गए थे। लेकिन, उसका कोई असर यहां हुआ नहीं। सवा एक लाख से अधिक मतों के अंतर से बीजेपी प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब उपचुनाव में फिर से कटेहरी और पूरे जिले के विकास का मुद्दा उठा है। इस बार यहां ज्यादा विकास कराने की बात स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। वह बार-बार कटेहरी पहुंच रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी यह सीट जीतकर अयोध्या की हार के बाद बड़ा संदेश देना चाहती है। वह बताना चाहती है कि अयोध्या और आसपास के जिलों में भगवा राजनीति का दबदबा अभी कायम है। कटेहरी की जीत का एक असर यह भी होगा कि लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में सामने आई सपा की धमक के असर को कम किया जा सकेगा। इसका फायदा आगे होने वाले मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव में उठाया जा सकेगा।

सांसद लालजी वर्मा ने मतदाताओं को धमकाने का  लगाया आरोप

सपा सांसद लालजी वर्मा ने उपचुनाव में प्रशासन पर मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने वीडियो जारी करके कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी प्रधानों और कोटेदारों को अपने बूथ पर बीजेपी को जीत दिलाने का दबाव बना रहे हैं। सांसद ने अलग-अलग अधिकारियों के पद और नाम का जिक्र किया। इसमें थानेदार तक शामिल हैं। कहा कि मेरे गांव को जाने वाली सड़क के मोड़ पर रोज चेकिंग की जा रही है। जिन वाहनों को मंजूरी मिली है, उन्हें भी रोका जा रहा है। हमने लोगों से संपर्क साधने के लिए नाम सहित जो फोन नंबर नोट किए हैं। उनकी भी कॉपी की जा रही। यह निजता और गोपनीयता का उल्लंघन है। सांसद ने कहा कि बीजेपी की जो गाड़ियां चल रही हैं, प्रशासन को वह नहीं दिख रहा है। मनमानी यह है कि पाबंद करने की जो कार्रवाई हुई है, उसमें 99 फीसद लोग सपा के कार्यकर्ता हैं। प्रशासन उपचुनाव में हर तरह की मनमानी कर रहा है। इस तरह का आरोप उप चुनाव की घोषणा के बाद से लगातार लगाये जा रहे है लेकिन इस पर जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज अग्निकांड : 11 वें नवजात शिशु की उपचार के दौरान मौत
लखनऊ /झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एनआईसीयू) में हुए भीषण अग्निकांड में मरने वाले शिशुओं की संख्या रविवार को बढ़कर 11 हो गयी है।

अस्पताल प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी में जिन बच्चों का इलाज इमरजेंसी आईसीयू में चल रहा था, उनमें से एक की आज इलाज के दौरान मौत हो गयी। इस मामले में डॉ. एनएस सेंगर का बयान भी सामने आया है। बताया गया कि इस शिशु की मृत्यु जलने या झुलसने के कारण नहीं बल्कि सामान्य बीमारी के कारण हुई है।

शुक्रवार देर रात हुए इस दुखद हादसे में 10 शिशुओं की मौत हो गयी थी। वार्ड में भर्ती 49 शिशुओं में से 38 शिशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया था। इनमें से तीन की हालत गंभीर थी। तीन में से एक शिशु की इलाज के दौरान आज मौत हो गयी।जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि दुखद हादसे के बाद एक बच्चे के माता पिता के बारे में पता नहीं चल पा रहा था। साथ ही एक ऐसा परिवार भी था जो अपने बच्चे की नहीं मिलने का दावा कर रहा था। तमाम तरह के तथ्यों को जांच में पता चला कि बच्चा उसी परिवार का है, जिसके बाद उन्हें बच्चा सौंप दिया गया है।

9 पीड़ित परिवारों तक पहुंची सहायता राशि

10 पीडित परिवारों को शासन द्वारा पांच- पांच लाख की सहायता राशि की घोषणा की गयी थी। इस क्रम में 10 में से नौ परिवारों के बैंक खातों में यह राशि भेज दी गयी है। एक परिवार का खाता नहीं होने के कारण राशि नहीं भेजी जा सकी है। जैसे ही खाता खुलेगा, उनकी राशि भी भेज दी जायेगी।
कांग्रेस ने कभी भी देश को महत्व नहीं दिया : योगी

मुंबई/ लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने रविवार को कोल्हापुर की चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस ने कभी भी देश को महत्वपूर्ण नहीं समझा। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की विभाजन नीति का ही परिणाम है कि देश का विभाजन हो गया। कांग्रेस के कालखंड में आतंकवाद बढ़ा, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद किसी ने भी देश की ओर टेढ़ी नजर से नहीं देखा। ये नया भारत है, कोई छेड़ेगा तो उसे छोडेÞगे  नहीं। योगी आदित्यनाथ रविवार कोल्हापुर जिले में एनडीए गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार सभा को संबोधित कर रहे थे। योगी आदित्य नाथ ने कहा कि ये चुनाव न सिर्फ सत्ता के लिए, बल्कि महाराष्ट्र और देश के लिए भी अहम है। एक तरफ एनडीए गठबंधन है और दूसरी तरफ नैतिकता से रहित गठबंधन है।

महाविकास अघाड़ी में नूरा कुश्ती चल रही है। पवार और ठाकरे के बीच लड़ाई चल रही है और वे खुद को और देश को खतरे में डाल देंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास देश को धमकाने का रहा है। अगर कांग्रेस न होती तो ये देश कभी न टूटता। अगर देश न टूटा होता तो आज पाकिस्तान न होता। उन्होंने कहा कि कल प्रियंका वाड्रा आई थीं तो उन्होंने विकास के बारे में कुछ नहीं कहा होगा, वह सिर्फ तोड़ने की बात करने आई थीं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर बाला साहेब ठाकरे होते तो क्या वे कांग्रेस के साथ गठबंधन करते लेकिन उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब के मूल्यों को किनारे रखकर कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया।
प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के स्वागत में लखनऊ में बना भव्य सेल्फी प्वाइंट


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजधानी के अति महत्वपूर्ण 1090 चौराहे पर उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा भव्य 'महाकुम्भ सेल्फी प्वाइंट' का निर्माण किया गया है। यह सेल्फी प्वाइंट यहां आने वाले लोगों के बीच उत्सुकता और उत्साह का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

सेल्फी प्वाइंट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कट आउट के साथ ही महाकुम्भ का विशाल लोगो और महाकुम्भ के दौरान होने वाले विशेष स्नान पर्वों की तारीखों का भी उल्लेख किया गया है। महाकुम्भ सेल्फी प्वाइंट का निर्माण श्रद्धालुओं और आगंतुकों को आगामी महाकुम्भ 2025 के महत्व से परिचित कराने और इस आयोजन के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महाकुम्भ आयोजित होने जा रहा है। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले इस महाकुम्भ में दुनियाभर के सनातनधर्मी, साधु-संत और अखाड़े गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
लखनऊ में भी झांसी जैसा हो सकता है अग्निनकांड, कई सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में आग से निपटने के नहीं हैं पुख्ता इंतजाम

लखनऊ । झांसी ही नहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में भी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजाम नहीं है। यहां भी झांसी जैसा अग्निकांड हो सकता है। चूंकि राजधानी के अंदर बड़े पैमाने पर अस्पतालों में आग से निपटने का इंतजाम ही नहीं है। आज भी 29 सरकारी अस्पताल में आग से बचाव के इंतजाम वेंटिलेटर पर हैं। बिना अग्निशमन के अनापत्ति प्रमाणपत्र के ये अस्पताल चल रहे हैं। साफ है कि घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेते। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में आग लगने से 10 नवजातों की मौत हो गई। इस घटना ने सबको झकझोर दिया। अस्पतालों में आग से बचाव के इंतजाम और मानकों का पालन सवालों के घेरे में है। राजधानी की बात करें तो यहां 29 सरकारी अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी नहीं है।

इस कतार में बड़े अस्पतालों में शुमार सिविल अस्पताल, डफरिन, झलकारीबाई, बीआरडी, रानीलक्ष्मीबाई, रामगसागर मिश्रा, जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय शामिल हैं। यही नहीं इन अस्पतालों में स्मोक अलार्म तक बंद पड़े हैं। वार्डों में अग्निशामक यंत्र नहीं लगे हैँ। यही नहीं इन अस्पतालों के बाहर जाम जैसे हालात रहते हैं। जो किसी भी हादसे की भयावहता को बढ़ा सकते हैं।सीएमओ के अधीन 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें अलीगंज, रेडक्रॉस, इंदिरानगर, आलमबाग चंदरनगर, गोसाईंगंज, गुडंबा, बेहटा, हजरतगंज एनके रोड, सिल्वर जुबली, मोहनलालगंज, इटौंजा, बीकेटी, चिनहट, ऐशबाग, टुड़ियागंज, माल, मलिहाबाद, काकोरी, नगराम व अन्य सीएचसी शामिल हैं। इनमें से किसी के पास फायर एनओसी नहीं है। सरकारी के साथ ही अगर निजी अस्पतालों को जोड़ दिया जाए तो बगैर अनापत्ति प्रमाणपत्र के चल रहे अस्पतालों की संख्या 650 तक पहुंच जाती है। स्वास्थ्य विभाग छोटे निजी अस्पतालों से शपथ पत्र लेकर उनका पंजीकरण कर लेता है। निजी केंद्रों में अग्निशामक यंत्र दिखाकर खानापूर्ति की जाती है। अहम बात यह है निजी अस्पतालों में प्रवेश-निकास का गेट भी एक है। इसके बाद भी उनके संचालन पर विभाग मुहर लगा रहा है।

शपथ पत्र दिया...सिस्टम ने मान लिया...और हो जाता है अस्पताल का पंजीकरण

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है 50 बेड से अधिक अस्पतालों के लिए फायर एनओसी जरूरी है। इससे कम बेड वाले अस्पतालों के लिए एनओसी की जरूरत नहीं है। इसका फायदा निजी अस्पताल उठाते हैं। मानक पूरे करने के नाम पर आग बुझाने में काम आने वाले सिलिंडर टांगकर खानापूर्ति कर लेते हैं। ज्यादातर निजी अस्पतालों में स्मोक अलार्म सिस्टम नहीं है। ये निजी अस्पताल शपथ पत्र देकर पंजीकरण करा लेते हैं। शपथ पत्र में हवाला देते हैं कि अगर अस्पताल में आग लगने से जन हानि हुई तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।
कब-कब हादसे

2024 : 2 जनवरी सिविल अस्पताल की पैथोलॉजी में आग लगी।
23 मई को गोमतीनगर के ऋषि हॉस्पिटल में आग लगी।
2 नवंबर को क्वीन मेरी अस्पताल में आग लगी। इसी दिन गोमतीनगर में डॉक्टर के क्लीनिक में भी आग लगी थी।
2023 : 9 जुलाई को आलमबाग के सिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में आग लगी।
19 सितंबर को रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल की इमरजेंसी में आग लगी।
2023 में ही 18 दिसंबर को आग लगने से पीजीआई में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
2020 : केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में 8 अप्रैल को आग लगी थी। गनीमत रही जनहानि नहीं हुई।
2018 : 19 मई को ग्लोब हॉस्पिटल निरालानगर में घटना।
अदब, तहज़ीब और मोहब्बतों का शहर लखनऊ इस समय किताबों के खुमार की गिरफ्त में

लखनऊ । अदब, तहज़ीब और मोहब्बतों का शहर लखनऊ इस समय किताबों के खुमार की गिरफ्त में है। गोमती किनारे रिवर फ्रंट पर भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय और नेशनल बुक ट्रस्ट के तत्वावधान में गोमती पुस्तक महोत्सव चल रहा है। पुस्तक मेले में बच्चों और युवाओं के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रम इसका एक आकर्षण है।

डॉ आकांक्षा दीक्षित की पुस्तक 'प्रेमदूत' और 'लखनौव्वा गड़बड़झाला' पर चर्चा

गोमती पुस्तक महोत्सव में 16 नवंबर को लेखक गंज के मंच पर 'वैदिक साहित्य से अद्यतन साहित्य में प्रेम का बदलता स्वरुप - लौकिक एवं आध्यात्मिक' विषय पर परिचर्चा हुई। इसमें डॉ आकांक्षा दीक्षित से कंकना लोहिया द्वारा प्रेम के विभिन्न स्वरुपों को जानने की चेष्टा की गई। इस कार्यक्रम में डॉ आकांक्षा दीक्षित की पुस्तक 'प्रेमदूत' और 'लखनौव्वा गड़बड़झाला' की विषयवस्तु पर भी बातचीत हुई।इस पुस्तक मेले ने एक हजार से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध है। मेले में लेखकों से मिलने का अवसर भी पाठकों को मिल रहा है। इस मेले में बच्चों और युवाओं द्वारा प्रतिभाग किया जाना एवं रुचि दिखाया जाना बहुत उत्साहजनक है।

पद्मश्री मालिनी जी ने कुछ लोकगीत भी सुनाए

लेखकगंज के मंच पर प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी और प्रख्यात फिल्मकार मुजफ्फर अली की उपस्थिति ने रौनक बढ़ाने का काम किया। पद्मश्री मालिनी जी ने कुछ लोकगीत भी सुनाए। लेखक गंज के मंच पर डॉ आकांक्षा दीक्षित और सुश्री कंकना लोहिया के मध्य हुई रोचक परिचर्चा ने दर्शकों को बहुत आनंदित किया। पुस्तक मेला 9 नवंबर से 17 नवंबर के मध्य आयोजित किया गया है। इसमें लेखक गंज के मंच पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई साथ ही मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने 1.94 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित ड्रग ऑक्सीटोसिन पकड़ी

लखनऊ । राजधानी में चारबाग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने 1.94 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित ड्रग ऑक्सीटोसिन पकड़ी है। लखनऊ जंक्शन स्टेशन के पार्सल घर से यह बरामद की गई है। ड्रग बिहार से छपरा-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस से लाई गई थी। मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।चारबाग जीआरपी प्रभारी मुकेश सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सतर्क के तहत यह कार्रवाई की गई है। बीते 14 नवंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि 15053 छपरा-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस से प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन ड्रग अवैध रूप से लखनऊ लाई जा रही है।

38 पैकेट बरामद किए गए, जिनका कोई रिसीवर नहीं था

यह दवा 43 पैकेटों के खेप में है। इसमें पांच पैकेट पार्टी द्वारा ले लिए गए हैं तथा शेष लखनऊ पहुंच रहे हैं।  इस पर सतर्कता दिखाते हुए उपनिरीक्षक प्रशांत सिंह यादव की टीम ने दोपहर दो बजे पार्सलघर की जांच-पड़ताल की। इसमें 38 पैकेट बरामद किए गए, जिनका कोई रिसीवर नहीं था। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वाणिज्य अधीक्षक संजीव चौधरी से पार्सल पैकेट का पूरा विवरण निकलवाया गया, जिसमें पैकेटों को भेजने व किसको भेजा गया है, इसका विवरण मिला।

जीआरपी ने प्रतिबंधित दवा को कब्जे में लिया

टीम पैकेटों को रिसीव करने वालों का इंतजार करती रही। पर, उन्हें कोई रिसीव करने नहीं पहुंचा। इसके बाद जीआरपी ने प्रतिबंधित दवा को कब्जे में लिया। आगे बताया कि कुल 10.87 लाख एमएल संदिग्ध ऑक्सीटोसिन बरामद की गई है। इसकी कीमत 1,93,73,904 रुपये बताई जा रही है। पार्सल के प्रेषक के रुप में बिहार छपरा के रहने वाले संतोष सिंह का नाम दर्ज था तथा यह सीतापुर निवासी राम लौटन को भेजी गई है।ऐसे में पैकेटों पर छपे नामों के साथ ही इस तस्करी में और भी कई लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए जीआरपी ने रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ दो नामजद के साथ अन्य के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा किया गया है।