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*नवजात में चार लक्षणों के प्रति रहें सतर्क, घरेलू उपचार में न गवाएं समय, निमोनिया नियंत्रण अभियान के तहत सलाह*

गोरखपुर- बच्चे के जन्म से लेकर 28 दिन तक की अवस्था उसके सेहत के दृष्टि से अति संवेदनशील होती है। इस अवधि में बच्चे को नवजात शिशु कहते हैं। इस अवस्था में चार लक्षणों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक सतर्क रहना है। अगर यह लक्षण दिखें तो घरेलू उपचार में समय बर्बाद मत करें। तत्काल स्थानीय आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क करना है और बिना समय गवाएं नवजात शिशु को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाना है। 

यह संदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन जन को निमोनिया नियंत्रण अभियान के तहत दिया जा रहा है। जनजागरूकता संबंधी यह विशेष अभियान 12 नवम्बर से शुरू हुआ है और 28 फरवरी तक चलेगा। लोगों को बताया जा रहा है कि निमोनिया का यह खतरा नवजात शिशुओं के साथ साथ बच्चों पर भी होता है। उनकी सेहत के प्रति खासा सतर्कता बरतनी होगी, अन्यथा जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि अगर किसी नवजात शिशु या बच्चे को तेज बुखार आ रहा हो, पसली चल रही हो या छाती नीचे धंस रही हो, तेजी से सांस चल रही हो और खांसी जुकाम बढ़ रहा हो तो सतर्क हो जाएं। यह संभावित निमोनिया का लक्षण हो सकता है । इन लक्षणों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार प्रसार हो रहा है। समुदाय को बताया जा रहा है कि पांच साल तक के बच्चों के मृत्यु की सबसे बड़े कारणों में से एक निमोनिया है। ‘’निमोनिया नहीं, तो बचपन सही’’ और ‘‘चैन की सांस लेगा बचपन जब आप तुरंत पहचानेंगे निमोनिया के लक्षण’’ जैसे नारों की मदद से लोगों को स्वस्थ व सुरक्षित बचपन की राह दिखाई जा रही है।

डॉ दूबे ने बताया कि जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने पर और समय से पहले बच्चे का जन्म होने पर उसे निमोनिया होने की आशंका अधिक है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती है और उनकी श्वसन नली भी छोटी होती है, इसलिए बच्चों के निमोनिया के प्रति अपेक्षाकृत ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। विश्व में हर 43 सैकेंड में निमोनिया के कारण एक बच्चे की मौत हो जाती है। यूनिसेफ संस्था द्वारा नवम्बर 2023 में सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के प्रति एक लाख बच्चों पर निमोनिया के 1400 मामले देखे गये हैं।

ऐसे कर सकते हैं बचाव

सीएमओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण के जरिये बच्चों में निमोनिया के मामले नियंत्रित किये जा रहे हैं। बच्चे के जन्म के छह हफ्ते और चौदह हफ्ते पर एवं इसके बाद नौ माह पर निमोनिया से बचाव के लिए उन्हें निमोकॉकल वैक्सीन (पीसीवी) लगाई जाती है। हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी निमोनिया से बचाव में पेंटावेलेंट टीका भी मददगार है। यह टीका बच्चे के जन्म के छह, दस और चौदहवें सप्ताह में सरकारी खर्चे पर लगाया जा रहा है। नवजात को शीघ्र स्तनपान, बच्चों को छह माह तक सिर्फ स्तनपान और छह माह बाद स्तनपान के साथ साथ दो वर्ष की उम्र तक पोषणयुक्त घरेलू पूरक आहार भी निमोनिया से बचाने में मददगार है। बच्चों में दस्त के कारण भी निमोनिया की आशंका अधिक होती है । दस्त से बचाव के लिए ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाती हैं।

*समाधान दिवस में समस्याएं लेकर पहुंचे 59 फरियादी, तहसीलदार की अध्यक्षता में हुआ आयोजन*

गोरखपुर- तहसील मुख्यालय में आयोजित नवंबर माह के पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी के समक्ष कुल 59 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए, तहसीलदार ने सभी फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए निर्देशित किया। इस दौरान 4 मामलों का तत्काल मौके पर समाधान करा दिया गया।

रानीडीह के निवासी कृष्णधर चौबे ने अपने गांव की पोखरी पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत की वहीं भिटौली सिकरीगंज के अशोक कुमार ने भूमि विवाद के निपटारे की मांग की तथा छताई गांव के ग्रामप्रधान गौकर्ण ने आरआई सेंटर बनाने के लिए गांव में सरकारी जमीन चिह्नित करने की मांग की सभी मामलों में तहसीलदार ने जांच और कार्रवाई का आदेश दिया।

इस दौरान दिवस प्रभारी तहसीलदार कृष्ण गोपाल त्रिपाठी, नायब तहसीलदार राकेश कुमार शुक्ला सहित अन्य विभागीय कर्मचारी और अधिकारीगण उपस्थिति रहे।

*अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करेंगे प्रतिमाओं का अनावरण, 17 नवंबर को उनवल में होगा भव्य आयोजन

गोरखपुर- पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार 17 नवंबर रविवार को प्रातः 11 बजे नवल्स नेशनल एकेडमी ग्रुप आफ स्कूल्स एण्ड कॉलेजेस एवं राष्ट्रीय पूर्वांचल हिन्दी मंच के संयुक्त तत्वावधान में खजनी क्षेत्र के मूल निवासी रहे महान शिक्षाविद् शब्दपुरुष आचार्य सत्यनारायण त्रिपाठी एवं गुरूमाता नवलपति त्रिपाठी के युगल मूर्तियों का अनावरण मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के द्वारा किया जाएगा।

इस अवसर पर आयोजन सभा के संरक्षक के रूप में पूर्व सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के द्वारा की जाएगी, साथ ही सदर सांसद एवं अभिनेता रवि किशन शुक्ल सहजनवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप शुक्ल, गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक विपिन सिंह चिल्लुपार विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश त्रिपाठी एमएलसी ध्रुव कुमार, सीपी चंद सहित गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कृष्णचंद लाल, प्रोफेसर अन्नत मिश्र प्रोफेसर रामदरश राय प्रोफेसर सुरेन्द्र दुबे प्रोफेसर चित्तरंजन मिश्र प्रोफेसर अनिल राय सहित 40 साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है।

*लोगों को 6 घंटे नहीं मिलेगी बिजली, उपकेंद्र में होगी मरम्मत*

गोरखपुर- तहसील क्षेत्र के उनवल उपकेंद्र में 16 नवंबर 2024 को 33/11केवीए बांसगांव पर 11 केवीए की लाइन में कार्य होने के कारण सुरक्षा कारणों से 33 केवीए के उपकेंद्र उनवल को बंद रखा जाएगा।

इस वजह से बिजली की सप्लाई सबेरे 10 बजे से सायं 4 बजे तक उनवल कस्बे और आस पास के इलाकों में बंद रहेगी। उक्त जानकारी उप खंड अधिकारी खजनी अखिलेश कुमार मल्ल के द्वारा दी गई।

*राम की भांति त्याग से ही मिलेंगे भरत और लक्ष्मण से समर्पित भाई: ब्रम्हानंद महाराज*

गोरखपुर- क्षेत्र के बिहारी बुजुर्ग में गांव में चल रही 9 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ और रामकथा में अयोध्या से पधारे कथा व्यास ब्रह्मानन्द महाराज ने श्रोताओं को भरत के चरित्र की महिमा सुनाकर श्रद्धालु श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने छोटे भाई भरत के लिए अयोध्या का राज सौंप कर स्वयं वन में रहना पसंद किया तो वहीं छोटे भाई भरत जी ने भगवान श्रीराम की चरण पादुका को राज सिंहासन पर रखकर अयोध्या में अपने आदर्श आचरण का परिचय दिया। साथ ही चौदह वर्षों तक नंदीग्राम में भूमि पर शयन करते हुए एक वनवासी की भांति ही रहकर संसार के समक्ष उच्च मानवीय आदर्श और बड़े भाई के प्रति अपने अनन्य प्रेम और समर्पण को प्रस्तुत किया।

वहीं भगवान राम ने कहा था कि भरत हमारे रघुकुल के हंस हैं जो इस कुल में अवतरित होकर सिर्फ गुणों को ग्रहण करते हैं। इतना ही नहीं जब लक्ष्मण जी ने भरत जी के प्रति राज मद् होने की शंका की तो भगवान ने लक्ष्मण से कहा कि हे भाई भरत को कभी राज मद् नहीं हो सकता। व्यासपीठ से उन्होंने कहा कि राम चरित मानस एक आदर्श जीवन जीने के लिए पथ प्रदर्शक की भांति है जब आप राम जैसा व्यवहार करेंगे तभी छोटे भाईयों से भरत, लक्ष्मण जैसे आचरण और सम्मान पाने की आशा कर सकते हैं।

कथा के अंतिम दिन देव दीपावली के पावन पर्व पर आयोजित श्रीराम महायज्ञ के समापन पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की साथ ही सायंकाल एक हजार दिए जलाकर भव्य दीपोत्सव मनाया गया। समापन के अवसर पर आयोजकों ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार जताया साथ ही इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों को निरंतर आयोजित करने का सामुहिक संकल्प लिया।

मुख्य यजमान सुग्रीव मिश्रा सपत्नीक आचार्य पंडित हरिओम पांडेय आयोजक राहुल पांडेय कार्य समिति अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अजय पांडेय कोषाध्यक्ष प्रभात दुबे सचिव केशव पांडेय मार्गदर्शक प्रह्लाद पांडेय, अनिरुद्ध पांडेय ,सुभाष पांडेय, धीरेंद्र दुबे, नितेश पांडेय, सुरेन्द्र मौर्य, देवेंद्र पांडेय, मुकेश पांडेय, सुनील पांडेय, दयाराम मौर्य, राकेश भारती और ग्रामवासीयों ने अपना अमूल्य समय व श्रम दान कर 9 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ और कथा रासलीला के आयोजन को संपन्न कराया।

सिकरीगंज पुलिस ने 10 हजार के इनामी को दबोचा

खजनी गोरखपुर।सिकरीगंज पुलिस के हांथ आज बड़ी सफलता लगी, पुलिस टीम ने धोखाधड़ी के अपराध में वांछित 10 हजार के इनामी अभियुक्त को दबोचने में कामयाबी हासिल कर ली और विधिक कार्रवाई के बाद न्यायालय में पेश करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

बीते मई महीने की 3 तारीख को थाना क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान खान निरीक्षक अमित सिंह को अवैध खनन में लगे गिट्टी से लदे दो ट्रक बरामद हुए थे, जिन्हें सीज करते हुए सिकरीगंज थाने में तहरीर देकर बताया था कि अभियुक्तों ने कूट रचित फर्जी दस्तावेज दिखाकर सीज किए गए ट्रकों को छुड़ा लिया था।

मामले में मुख्य अभियुक्त दयाशंकर पाल व बच्चालाल निवासी दांती कोटवां जिला मिर्जापुर पिंटू कुमार निवासी बहुली मिर्जापुर तथा चंदन कुमार निवासी मोहनपुर पड़री के खिलाफ सिकरीगंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या 187/ 2024 में भादवि की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471 में केस दर्ज किया गया था। पुलिस टीम लगातार अभियुक्तों को तलाश कर रही थी। एसएसपी ने 10 हजार रूपए का इनाम घोषित किया था।

मारपीट कर मोबाइल और चैन छीन कर भागे बदमाश

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के सीयर सहजुपार गांव के निवासी स्वर्गीय राम नरेश मौर्या के पुत्र हरिकिशुन मौर्या आज सबेरे 4.30 बजे अपने घर से टहलने के लिए निकले थे, इस दौरान 4.50 बजे एक बाइक पर सवार दो अज्ञात युवकों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और नकली बंदूक दिखा कर जबरन मोबाइल और चैन छीनने लगे।

पीड़ित ने जब विरोध किया तो उसे भद्दी गालियां देते हुए लात घूंसे और पंच से मारपीट कर लहुलुहान कर दिया और मोबाइल तथा चैन छीन कर भाग गए।

पीड़ित के द्वारा 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को घटना की सूचना दी गई तथा थाने में पहुंच कर तहरीर देकर अज्ञात

हमालावर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

इस संदर्भ में थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि शिकायत मिली है जांच की जा रही है।

निक्षय मित्र योजना में भटहट सीएचसी ने पूरे जिले में पेश की मिशाल

गोरखपुर, टीबी के उपचाराधीन मरीजों को गोद लेकर पोषण में सहयोग, मानसिक संबल देने और योजनाओं का लाभ दिलवाने से संबंधित निक्षय मित्र योजना में लगातार अभिनव प्रयास सामने आ रहे हैं।

इसी कड़ी में भटहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ने पूरे जिले में मिसाल पेश की है। इस केंद्र के चिकित्सकों, स्टॉफ और सत्रह सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) ने 71 टीबी उपचाराधीन मरीजों को एक साथ गोद लिया है। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने बताया कि जिले की अन्य स्वास्थ्य इकाइयों को भी एडॉप्शन का भटहट मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ।

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में निक्षय मित्र योजना से सरकारी व गैर सरकारी संगठनों, जनप्रतिनिधियों और समाज के अलग अलग वर्गों के लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विभिन्न वर्गों के लोग और कई संस्थाएं जन्मदिन, पुण्यतिथि और स्थापना दिवस जैसे मौकों पर नये उपचाराधीन टीबी मरीजों को गोद ले रही हैं। गोद लेने वाले मरीज को इलाज चलने तक प्रति माह पोषण संबंधी सहयोग देने के साथ साथ लगातार फॉलो अप करना है ताकि उसकी दवा नियमित तौर पर चलती रहे । टीबी मरीज की दवा बीच में बंद होने पर जटिलताएं बढ़ जाती हैं। टीबी उपचारीधीन मरीजों को यह विश्वास भी दिलाना है कि नियमित दवा सेवन से वह ठीक हो जाएंगे। पात्र मरीजों और उनके परिजनों को सरकार की महत्वपूर्ण सामाजिक योजनाओं जैसे पीएम आवास, पेंशन, आयुष्मान भारत योजना आदि से जोड़ने में भी निक्षय मित्र मदद कर करते हैं। इसी कड़ी में भटहट सीएचसी पर 71 लोगों ने कुल 71 टीबी मरीजों को गोद लिया है।

भटहट सीएचसी के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) सद्दाम हुसैन ने बताया कि टीबी उपचाराधीन 53 पुरुष और 18 महिलाएं गोद ली गयी हैं। यह सभी कमजोर आय वर्ग के हैं और ज्यादातर छोटे किसान या मजदूर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। इनमें पांच मरीज बाल श्रेणी के हैं। सीएचसी के अधीक्षक डॉ अविनाश सिंह के नेतृत्व में पूरे एक माह तक पूरी सीएचसी का संवेदीकरण किया गया, जिससे लोगों ने निक्षय मित्र बनने के प्रति उत्साह दिखाया। गुरूवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राघवेंद्र सिंह, एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, भाजपा नेता संजय सिंह और चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रशांत ने सीएचसी की तरफ से टीबी उपचाराधीन मरीजों को पोषण पोटली सौंपा।

प्रत्येक मरीज का रखेंगे ध्यान

निक्षय मित्र और भटहट सीएचसी के डेंटल हाइजिनिस्ट प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि सीएचसी के सभी निक्षय मित्रों ने संकल्प लिया है कि वह ठीक होने तक गोद लिये गये मरीजों का फॉलो अप करेंगे। सभी मरीजों को पोषण पोटली में भुना चना, सोयाबीन, अरहर दाल, मूंगफली दाना, गुड़, कच्चा चना, किसमिस, सेब और केला दिया गया है। आगे भी यथासंभव पोषण सामग्री प्रदान की जाएगी।

1000 रुपये मिलेगी प्रोत्साहन राशि

एसीएमओ आरसीएच ने उपस्थित लोगों को बताया कि टीबी के इलाज में पोषण की महत्ता को देखते हुए ही निक्षय मित्र योजना चलाई जा रही है। पोषण से भरपूर खानपान से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं। सरकार ने भी एक नवम्बर से पोषण के लिए प्रति माह 500 की दर से मिलने वाली धनराशि बढ़ा कर 1000 रुपये कर दिया है।

इन्होंने किया विशेष सहयोग

एसटीएस ने बताया कि डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ नॉविल रोज, चिकित्सा अधिकारी डॉ शिप्रा राज, डॉ सीबी शर्मा, डॉ एजाज अहमद, डॉ दिनेश साहनी, पीपीएम समन्वयक एएन मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, एचईओ कमलेश्वर सिंह, प्रकाश श्रीवास्तव, रतनलाल श्रीवास्तव, डीडी भारतीय, मुरलीश्याम, संजय कुशवाहा, मनोज, संदीप सिंह, राकेश चौधरी, आरती त्रिपाठी, राकेश गौंड, सौम्या श्रीवास्तव, सुख सागर, पिंटू और अमीरुन्निशा का इस पहल में विशेष योगदान रहा है।

डीडीयू के कृषि संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ अवधेश यादव को मिला 2023-24 का "बेस्ट पी एच डी अवार्ड"


गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के कृषि अभियांत्रिकी के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ अवधेश यादव को उत्तर-प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ द्वारा सर्वोत्तम पी. एच डी. थीसिस अवार्ड के लिए चुना गया है। जिसके तहत डाॅ यादव को रूपये पांच हजार नकद तथा प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।

डाॅ यादव ने कृषि अभियांत्रिकी विषय मे सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय से शोध की उपाधि प्राप्त की है। डाॅ यादव ने अपने शोध मे ये सिद्ध किया है कि सरसो, सूरजमुखी और मूंगफली की तुलना मे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभदायक है। उन्होने यह निष्कर्ष चिप्स तलने मे तेल सोखने की मात्रा के आधार पर निकाला है। इन्होने अपने शोध के माध्यम से यह सलाह दी है कि ह्रदय रोग से पीङित व्यक्ति भी कैनोला तेल मे फ्राई किए गये चिप्स का सेवन कर सकता है। कैनोला तेल नई पीढी के लिए स्वास्थ्य वर्धक होगा। ऐसे मे चिप्स लवर्स के लिए यह एक बेहतर विकल्प के रूप मे प्रयोग किया जा सकता है। डाॅ यादव की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टण्डन, कृषि संस्थान के निदेशक प्रो शरद कुमार मिश्र व विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षकों ने बधाई दी।

टीम भावना से महायोगी गोरखनाथ विवि को पहुंचाएंगे नई ऊंचाइयों पर : डॉ. सुरिंदर सिंह

गोरखपुर, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर के नवनियुक्त कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने शुक्रवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया। इसके पहले गुरुवार देर शाम विश्वविद्यालय में एक समारोह का आयोजन कर नवनियुक्त कुलपति का स्वागत किया गया और कुलपति के रूप में सफल कार्यकाल पूर्ण करने वाले मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी को विदाई दी गई।

स्वागत एवं विदाई समारोह में नए कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने बहुत ही कम समय में जो उपलब्धियां हासिल की हैं वह सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रेरक हैं। इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यहां के कुलपति का दायित्व मिलना उनके लिए गर्व की बात है। उनकी पूरी कोशिश होगी कि टीम भावना से इस विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके। कार्यकाल पूर्ण करने वाले कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि इस पीढ़ी के बच्चों में ज्ञान, साहस और बुद्धिमत्ता का स्तर बहुत अच्छा है, इसलिए उन्हें अच्छी दिशा देकर हम भविष्य को बदल सकते हैं और विश्वविद्यालय को नए रूप में विकसित कर सकते हैंI उन्होंने बताया कि विकसित विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए तीन बातों का हमेशा ध्यान रखना आवश्यक है। पहला सही समय, स्थान और व्यक्ति, दूसरा उच्च गति, समय और गुणवत्ता के साथ काम करना और अंतिम एक है उन सभी उच्च स्तरीय लोगों से मिलना जिन्हें हम टेलीविजन पर देखते है I उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक कार्य करना आसान है और यह टीम के साथ मिलजुलकर किया जाएगा।

कार्यक्रम में मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने नए कुलपति का स्वागत करने के साथ अपने कार्यकाल के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की पूरी टीम बहुत ही ऊर्जावान है। आज विश्वविद्यालय जहां भी पहुंचा है वह समवेत प्रयास का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस संकल्प के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की है, उनको सिद्ध करने की दिशा में यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार के वरिष्ठों ने नए कुलपति का अभिनंदन किया और कार्यकाल पूर्ण करने वाले कुलपति के साथ किए गए कार्यों से जुड़े संस्मरण साझा किए।

इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय के निदेशक कर्नल डॉ. राजेश बहल, श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्राचार्य डॉ. अरविन्द सिंह कुशवाहा, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शशिकांत सिंह, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील सिंह, कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल दूबे, उप कुलसचिव (प्रशासन) श्रीकांत, परीक्षा नियंत्रक अमित कुमार सिंह एवं विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।