जय श्रीराम के उद्घोष के साथ अयोध्या में शुरू हुई 14 कोसी परिक्रमा, उमड़े लाखों श्रद्धालु
अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार 14 कोसी परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। यही वजह है कि लाखों श्रद्धालु एक दिन पूर्व ही अयोध्या पहुंच गए। शनिवार शाम को 6 बजकर 32 मिनट पर परिक्रमा आरंभ कर दी। यह अगले दिन मुहूर्त अनुसार रविवार दोपहर बाद 4:44 तक चलेगी। यहां पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने रामनाम संकीर्तन और लोक गीतों के साथ परिक्रमा करते हैं। उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था के साथ सफाई के बीच परिक्रमा हो, योगी सरकार का इस पर भी विशेष फोकस रहा।
ड्रोन कैमरे की देखरेख में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। परिक्रमा मार्ग पर सिर पर आस्था की गठरी लिए नंगे पांव श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई देने लगा है। बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। परिक्रमा मार्गों पर बड़ी संख्या में पुरुष व महिला पुलिस कर्मियों के साथ सादी वर्दी में भी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही ड्रोन से पूरे मेले की निगरानी की जा रही है। परिक्रमा एटीएस की निगरानी में शुरू होगी खास भीड़ भाड़ वाले स्थान परिक्रमा पथ पर सुरक्षा के इंतजाम हैं।
अयोध्या में शुरू हुए कार्तिक परिक्रमा मेले में इस बार और भी श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना जताई गई है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए निमार्णाधीन परिक्रमा पथ पर युद्ध स्तर पर काम करते हुए बालू बिछवा दी गई हैं, ताकि नंगे पांव चलने वाले परिक्रमार्थियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। जगह-जगह पर खोया-पाया कैम्प लगाए गए हैं।
सेहत का ख्याल रखने को बने हैं 12 अस्थाई शिविर
14 कोसी परिक्रमा को लेकर अस्थाई 12 प्राथमिक उपचार केंद्र बनाये गए हैं। इनमें हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, दर्शननगर, अचारी का सगरा, जनौरा, सहादतगंज हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, अफीम कोठी, अमानीगंज, चकरतीरथ और झुनकी घाट शामिल है। 14 जगहों पर एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। पूरे कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में 20-20 व श्रीराम चिकित्सालय में 10 बेड आरक्षित रखा गया है।
सुरक्षा, सफाई व संसाधन पर विशेष फोकस
परिक्रमा में किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो, इसके लिए योगी सरकार ने प्रशासन को विशेष निर्देश दिए हैं। प्रशासन भी सुरक्षा, सफाई व मूलभूत संसाधन उपलब्ध करा रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि आने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी असुविधा के पूरे परिक्रमा मेले को संपन्न कराया जाएगा। इधर, 14 कोसी परिक्रमा को सकुशल संपन्न कराने के लिए महापौर गिरिशपति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, मंडलायुक्त गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह, एसएसपी राजकरण नैयर आदि निरीक्षण करते हुए दिखाई पड़े।
क्या है धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि 14 कोसी परिक्रमा यानी 42 किलोमीटर की परिक्रमा को पूरा करने पर सात जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है। अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक परिक्रमा का आयोजन आज भी अपनी परंपरा के मुताबिक होता है।
जगह-जगह होंगे शिविर
पूरे परिक्रमा पथ पर संगठनों के शिविर होंगे चाय नाश्ते के साथ अल्पाहार की व्यवस्था होगी, चाहे तो इसका सेवन कर सकते हैं।
यहां से उठी 14 कोसी परिक्रमा मार्ग
नाका हनुमान गढ़ी नयाघाट, हनुमान गुफा, दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय चौराहा, श्री सीताराम आरोग्य निकेतन, रामायणम् आश्रम, श्री रामाज्ञाश्रम, कारसेवक पुरम, श्री सीताराम आश्रम, धूनीवाले बाबा, श्रीरामजन्मभूमि कार्यशाला राम-घाट चौराहा, मानस भवन, श्री हरिधाम महादेवा मंदिर आदि 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के प्रमुख स्थल रहे।
कंट्रोल रूम में दे सकते हैं सूचना
14 कोसी परिक्रमा मेला शांतिपूर्वक चले। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर मुस्तैद रहे। यहां से जुड़ी किसी भी प्रकार की सूचना-जानकारी कंट्रोल रूम में दी/ली जा सकती है। कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर 9120989195 व 05278-232043, 232044, 46, 47 है। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए इस नंबर पर फोन किया जा सकता है। साथ ही मेला सहायक कौशल किशोर श्रीवास्तव से मोबाइल नंबर 9454402642 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
बीस नवम्बर से रजाई ओढ़ेंगे श्रीराम लला
श्रीराम लला को अगहन की पंचमी (20 नवम्बर) से रजाई उढ़ाई जाएगी। तभी से गुनगुने जल से स्नान भी प्रारम्भ होगा और भोग में से ठंडी चीजें हटाई जाएंगी आवश्यकतानुसार कंबल अथवा रजाई का उपयोग होता है। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने दी। आचार्य जी बीते कुछ दिनों से लखनऊ पीजीआई में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। अब वे आयुजनित रोगों से स्वस्थ होकर अयोध्या आ गये हैं। मुख्य अर्चक ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ-साथ जैसे हम लोगों के खान-पान, पहनावे में धीरे-धीरे परिवर्तन होता है वैसे प्रभु राम लला के भोग और वस्त्रों में बदलाव होता है। आम तौर पर अगहन की पंचमी से श्री विग्रह को रजाई उढ़ाई जाती है। तभी से प्रभु को स्नान कराने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग किया जाता है। इसी अनुसार भोग में सर्द चीजें हटाकर गरमी पहुंचाने वाला भोग तैयार किया जाता है।अधिक ठंड बढ़ने पर ब्लोवर भी लगाया जाता है।
Nov 10 2024, 18:33