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छठ घाटों पर उमडी व्रती माताओं की भीड़, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर की पूजा

खजनी गोरखपुर। इलाके में सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य को अर्घ देने पहुंची माताओं ने श्रद्धापूर्वक सूर्य देव की पूजा की अर्घ्य दिया दीप जलाए तथा विभिन्न प्रकार के फल, नैवेद्य आदि पूजन सामाग्री चढ़ाकर अपने पुत्रों, सौभाग्य और परिवार के हित समृद्धि के लिए सूर्य देव से प्रार्थनाऐं की। इससे पूर्व छठ पूजा के मंगलगीत भजन आदि गाते हुए गाजे बाजे के साथ और परिजनों तथा बच्चों के साथ छठ घाटों पर बनी बेदियों तक पहुंची माताओं ने जल में खडे होकर सूर्य देव के अस्त होने की प्रतिक्षा की। छठ पूजा की व्यवस्थाओं में समाजसेवियों, ग्राम प्रधानों नगर पंचायत अध्यक्ष आदि ने विशेष सहयोग किया।

इस दौरान भरोहियां जयश्वरनाथ शिव मंदिर, सरयां तिवारी गांव के पूण्यहवां पोखरे, उनवल नगर पंचायत क्षेत्र के जलेश्वर शिव मंदिर, नीलकंठ शिव मंदिर, झारखण्डेश्वर महादेव मंदिर टेकवार, सतुआभार मंदिर के समीप बने पोखरे जमुरा नाला पुल अकटहवा बाबा स्थान, भैंसा बाजार, मुरदेवां बाजार, बढनी, बढैपुरवां, लोनावं, हरनहीं, रकौली, खजुरी बाजार, छताईं, पल्हीपार हनुमान मंदिर, आशापार , कटयां बाजार, आदि सभी स्थानों पर पोखरों और जलाशयों में छठ घाटों पर बनी पूजा की वेदियों के समीप पहुंची माताओं ने अस्त होते सूर्य देव की पूजा अर्चना और आरती करते हुए पुत्रों के स्वस्थ लंबे जीवन और सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान छठ घाटों को बिजली की झालरों और लाइट से आकर्षक ढंग से सजाया गया।

पटाखे गाजे बाजे और छठ गीतों के साथ माताओं ने छठ व्रत रहकर मंगलगीत गाते हुए श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की, पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। पूजा के दौरान स्थनीय प्रशासन एसडीएम कुंवर सचिन सिंह, तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी तहसील के सभी नायब तहसीलदार क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा उनवल चौकी प्रभारी राजीव तिवारी महुआडाबर चौकी प्रभारी एसआई विवेक चतुवेर्दी तथा पुलिस टीम शांति और सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए मौके पर मुस्तैदी के साथ मौजूद रही।

5 किलोमीटर जमीन पर लेटकर घाट तक पहुंची महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी

गोरखपुर। छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं और व्रतियों में जबरदस्त उत्साह है। गुरुवार को छठ घाटों पर डूबते सूर्य को पहला अर्घय देकर भगवान सूर्य देव से अपने यजमान और समाज के लोगों के लिए मंगल कामना की। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी ने भी 72 घंटे का व्रत रख कर छठी मईया की पूजा-आराधना नहाए खाए मंगलवार से ही शुरू है।

आज पुनः हमेशा की तरह अपने यजमानों की सलामती एवं खुशहाली के लिए विशेष छठ पूजा कर रही हैं। महामंडलेश्वर ने गुरुवार को बैंड-बाजा के साथ घर से घाट के लिए निकलीं। उनके साथ किन्नर और स्थानीय महिलाओं की हुजूम चल रही थी। घर से 5 किलोमीटर तक जमीन पर लेटते हुए वह छठ घाट पर पहुंची। इस दौरान उन्हें देखने वालों की भीड़ लगी रही। कुछ देर में व्रती महिलाओं से घाट पट गया। सभी ने तालाब में खड़ी होकर डूबते सूर्य देव से अपने यजमानों और समाज की सलामती एवं खुशहाली के लिए मंगल कामना की। पीपीगंज किन्नरों की विशेष छठ पूजा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। छठी मईया की आराधना किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी 16 वर्षों से अनवरत 72 घंटे की व्रत रख कर कड़ी तपस्या कर रही हैं।

16 सालों से अनवरत छठ पूजा कर रही हैं महामंडलेश्वर

महामंडलेश्वर पिछले 16 सालों से अनवरत 72 घंटे की व्रत रख कर कड़ी तपस्या के बीच छठी मईया की पूजा करती आ रही हैं। उनके पीपीगंज स्थित आवास से घाट की दूरी करीब 5 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले छठ माता से मन्नत मांग रखी थी। इसके पूरा होने पर भी 9 वर्षों तक जमीन पर लेटकर घाट तक पूजन के लिए पहुंचती हैं। मन्नत पूरी होने के बाद भी वह कड़ी तपस्या कर विशेष पूजा कर रही हैं। आज उनके जुलूस में 12 किन्नर और स्थानीय महिलाएं भी शामिल थीं। वह कहती हैं कि यहां का पूरा समाज और यजमान ही मेरा सब कुछ हैं। इसलिए उनकी सलामती के लिए में व्रत रखती हूं। और लेटते हुए घाट तक जाने की कठिन तपस्या करती हूं। ताकि छठ मैया सबका कल्याण करें। सभी सुखी रहें। उन्होंने कुछ साल पहले छठ माता से मन्नत मांग रखी थी। इसके पूरा होने के बाद भी 9 वर्षों से अनवरत छठ पूजा अर्चना करते चली आ रही हैं।

इस अवसर पर प्रयागराज की वैष्णवी, किन्नर नैना पांडेय, शिल्पा जाधव, नंदनी, सिंदूर, सिमरन, सोनी, बेबी, अर्पिता, समाजसेवी भारतीय बरनवाल, एकता, स्वयंसेविका अंजू चौहान, पूनम गुप्ता, गुंजन चौधरी, सिमरन गुप्ता, रामाय सिंह, गोलू, तनिष्क, शुभम तिवारी, सन्नी आदि लोग मौजूद रहे।

‘नवजात शिशु के सात अधिकार, सुखमय भविष्य का हैं आधार

गोरखपुर।बच्चे के जन्म से लेकर अट्ठाइस दिन की अवस्था तक उसे नवजात शिशु कहा जाता है । प्रत्येक नवजात शिशु को सात प्रमुख ऐसे अधिकार हैं जो उसके सुखमय भविष्य का आधार बन सकते हैं। सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिये नवजात शिशु को यह सेवाएं उपलब्ध करवा रही है ।

इन अधिकारों और सेवाओं के प्रति जनजागरूकता का स्तर बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक नवम्बर से सात नवम्बर तक नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया जाता है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। उन्होंने बताया कि जन्म के बाद शीघ्र स्तनपान, जीरो डोज टीकाकरण, 102 एम्बुलेंस सेवा, अस्पताल से ही जन्म प्रमाण पत्र, कंगारू मदर केयर, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल और प्रत्येक बीमारी की शीघ्र पहचान के साथ इलाज नवजात शिशु का हक है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद उसे तुरंत मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाया जाना चाहिए। इस दूध में मौजूद कोलेस्ट्रोम नवजात शिशु को रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करता है। सरकारी अस्पताल में संस्थागत प्रसव के बाद उपलब्ध स्टॉफ मां को तुरंत स्तनपान के लिए प्रेरित करते हैं। जन्म के 24 घंटे के भीतर प्रत्येक नवजात शिशु को ओपीवी, बीसीजी और हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाता है ताकि उसका संक्रमण और बीमारियों से बचाव हो सके। नवजात शिशु का स्वास्थ्य खराब होने पर उसे प्रत्येक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाने और घर वापस लौटने की सुविधा के लिए सरकारी खर्चे पर 102 नंबर एम्बुलेंस की सेवा दी जा रही है। संस्थागत प्रसव करवाने वाली माताओं के नवजात शिशुओं को सरकारी अस्पताल से ही जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है और इस प्रमाण पत्र के बाद गांव, ब्लॉक या नगर निगम से कोई अन्य जन्म संबंधी प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।

डॉ दूबे ने बताया कि कम वजन वाले बच्चों और हाइपोथर्मिया से बचाव के लिए बच्चों की मां या परिवार के किसी एक सदस्य को कंगारू मदर केयर सिखाया जाता है। इसके तहत नवजात शिशु को शरीर से चिपका कर रखना होता है। इससे बच्चों का वजन तो बढ़ता ही है, साथ में ठंड से भी उनका बचाव होता है। इसके लिए अस्पतालों में केएमसी कार्नर भी बनाये गये हैं। जब नवजात शिशु डिस्चार्ज होकर घर चले जाते हैं तो आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) करती हैं। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर नवजात को तुरंत एम्बुलेंस की सहायता से नजदीकी अस्पताल भेजने का प्रावधान है। नवजात शिशु को बीमारी या संक्रमण होने पर नजदीकी न्यू बोर्न स्टेबिलाइज़ेशन यूनिट (एनबीएसयू) या स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) पर भेजा जाता है। स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर उसे नवजात शिशु गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में भी रेफर किया जाता है। जिले के प्रत्येक ब्लॉक में सक्रिय राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम को दिशा निर्देश है कि वह प्रसव केंद्र से ही जन्मजात विकृति वाले नवजात शिशुओं को चिन्हित करें और योजना के तहत इलाज की सुविधा दिलवाएं।

होता है फॉलो अप

सीएमओ ने बताया कि इलाज के बाद जो नवजात शिशु एनबीएसयू और एसएनसीयू से स्वस्थ होकर घर चले जाते हैं उनका भी समुदाय स्तर पर फॉलो अप किया जाता है। इस वर्ष अप्रैल से सितम्बर माह तक ऐसे 4912 नवजात शिशुओं का समुदाय स्तर पर फॉलो अप किया गया है। आशा कार्यकर्ता को चौबीस घंटे के भीतर, दूसरे दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन, चौदहवें दिन, इक्कीसवें दिन और अट्ठाइसवें दिन नवजात शिशु के घर जाकर उसकी स्थिति देखने का निर्देश है। इसके लिए आशा कार्यकर्ता को 250 रुपये भी दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि अठारह हजार से अधिक नवजात शिशुओं को जीरो डोज टीकाकरण की सुविधा अप्रैल से सितम्बर तक दी गयी है।

स्वास्थ्य देखभाल की हैं सुविधाएं

सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि जिले के प्रत्येक सरकारी अस्पताल में एक बेड का न्यू बार्न केयर सेंटर (एनबीसीसी), छह अस्पतालों में चार बेड का एनबीएसयू, दो अस्पतालों में 26 बेड का एसएनसीयू और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वेटीलेटर युक्त एनआईसीयू क्रियाशील है। सहयोगी संस्था यूनिसेफ की मदद से इन सेवाओं की लगातार मॉनीटरिंग की जाती है। प्रत्येक एनबीसीसी में रेडियेंट वार्मर होता है जहां प्रसव के तुरंत बाद नवजात को रखा जाता है ताकि उसके शरीर का तापमान मेंटेन रह सके। अगर नवजात शिशु को हल्की फुल्की सांस लेने संबंधी समस्या होती है तो एम्बु बैग से मदद की जाती है। म्यूकस स्ट्रक्चर की मदद से नवजात शिशु के संवेदनशील अंगों की आवश्यकतानुसार सफाई की जाती है। एनबीएसयू में नवजात शिशु को ऑक्सीजन चढ़ाने की भी सुविधा दी जाती है।

नवजात की सेहत के प्रति रहें सतर्क, परेशानी हो तो 102 नंबर एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाएं

गोरखपुर, छठ पर्व के बाद ठंडक और बढ़ेगी। ऐसे मौसम में नवजात शिशु के संक्रमण और बीमारियों से पीड़ित होने पर शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विभाग ने जनपदवासियों से अपील की है कि अगर बच्चे को हाइपोथर्ममिया, निमोनिया, बुखार या स्वास्थ्य संबंधित कोई भी दिक्कत हो तो बिना देरी किये नजदीकी सरकारी अस्पताल पर पहुंचें। शिशुओं और उनके एक अभिभावक को 102 नंबर एम्बुलेंस से अस्पताल जाने और घर वापस लौटने की सुविधा सरकारी खर्चे पर प्रदान की जा रही है। नवजात शिशु की मां को यह ध्यान रखना है कि बच्चे के जन्म से छह माह तक सिर्फ स्तनपान उसे रोगों से लड़ने की ताकत देता है, इसलिए माताएं शिशु को अपना दूध पिलाना बंद न करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिले में 102 नंबर की 50 एम्बुलेंस हैं। उन्हें निर्देश है कि मां और उसके दो साल की उम्र तक के बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर उनके घर से पिक एंड ड्रॉप की सुविधा प्रदान करें। बच्चे के जन्म से लेकर 28 दिन तक की अवस्था को नवजात शिशु की श्रेणी में रखा गया है। बच्चे की स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अवधि बेहद संवेदनशील होती है। खासतौर से सर्दियों में पैदा होने वाले बच्चों के प्रति अधिक एहतियात बरतनी है। सरकारी अस्पताल पर संस्थागत प्रसव ही नवजात शिशु के लिए भी सुरक्षित होता है । वहां बने नवजात शिशु देखभाल कार्नर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के उपकरण और सुविधाएं मौजूद हैं। संस्थागत प्रसव के बाद अतिशीघ्र बच्चों का जीरो डोज टीकाकरण किया जाता है और शीघ्र स्तनपान करवाया जाता है। मां या घर के सदस्य को कंगारू मदर केयर (केएमसी) का भी प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वह नवजात शिशु को हाइपोथर्मिया से बचा सकती हैं। कम वजन के बच्चों का वजन बढ़ाने में भी केएमसी की अहम भूमिका है।

डॉ दूबे ने बताया कि जो नवजात शिशु और उनकी मां अस्पताल से छुट्टी पाकर घर चले जाते हैं, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर आशा कार्यकर्ता की मदद लेनी चाहिए। अभिभावक खुद भी फोन करके एम्बुलेंस के जरिये ऐसे शिशुओं को अस्पताल पहुंचा सकते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में नवजात शिशुओं के देखभाल की प्राथमिक सुविधा उपलब्ध है। शिशु को ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सक द्वारा उन्हें आवश्यकतानुसार न्यू बोर्न स्टेबिलाइज़ेशन यूनिट (एनबीएसयू) और स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) के लिए रेफर कर दिया जाता है । रेफरल के दौरान भी नवजात शिशु और मां को एम्बुलेंस से ही अस्पताल पहुंचाया जाता है।

यह लक्षण दिखें तो ले जाएं अस्पताल

नाक बंद होने से सांस लेने और मां का दूध पीने में भी दिक्कत

सांस छोड़ने पर घरघराहट की आवाज़

खांसी या बलगम

बुखार आना या बच्चे का सुस्त रहना 

ठंड लगने पर उल्टी या दस्त की समस्या

यहां पर सक्रिय हैं एनबीएसयू

सीएमओ ने बताया कि जिले में बेलघाट, चौरीचौरा, जंगल कौड़िया, बांसगांव और पिपराईच सीएचसी पर, जबकि कैम्पियरगंज पीएचसी पर एनबीएसयू सक्रिय है । नवजात शिशु को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत पर चिकित्सक की निगरानी में वहां बच्चों का इलाज होता है।

गंभीर दिक्कत पर एसएनसीयू की सुविधा

नवजात शिशु में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दिक्कत होने पर जिला महिला अस्पताल में बने एसएनसीयू में रेफर किया जाता है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति में देखभाल की जाती है। अति गंभीर स्वास्थ्य संकट की स्थिति में चिकित्सक नवजात शिशु को बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित नवजात शिशु गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में रेफर किया जाताहै। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफरल के दौरान भी एम्बुलेंस की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं।

शीघ्र अस्पताल पहुंचना जरूरी

सीएमओ डॉ दूबे ने कहा कि नवजात शिशु में स्वास्थ्य संबंधी कोई भी दिक्कत होने पर सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाने की आवश्यकता नहीं है। बेहतर है कि पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर एम्बुलेंस की सहायता से पहुंचे। शीघ्र उपचार शुरू होने से नवजात के स्वास्थ्य में जल्दी सुधार होने की संभावना होती है। सिर्फ उन्हीं बच्चों को एनबीएसयू, एसएनसीयू या एनआईसीयू भेजा जाता है जिन्हें चिकित्सक के परामर्श के अनुसार वहां भेजना आवश्यक है।

भाई” ने शारदा सिन्हा को दी भावभीनीं श्रद्धांजलि

गोरखपुर। लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा का निधन भोजपुरी जगत की एक अपूरणीय क्षति है , उन्होंने पूरी दुनियाँ में भोजपुरी गीतों को सम्मान दिलायी यह हम भोजपुरियों के लिये गर्व की बात है , भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि शारदा सिन्हा जी ने कभी भी मंच पर उछल कूद या उल जलूल गीत नहीं गाया जिसका परिणाम आज सारी दुनियाँ देख रही है कि उनका कितना सम्मान हो रहा है । भोजपुरी एसोशियेशन ऑफ़ इंडिया”भाई “ ने आज एस एस एकेडमी में श्रद्धांजलि अर्पित किया । इस अवसर पर भाई के क्षेत्रीय निदेशक डॉ रूप कुमार बनर्जी, ने कहा कि शारदा सिन्हा जी ने यह संदेश दिया है कि कलाकार को अंतिम समय तक अपना रियाज़ नहीं छोड़ना चाहिये। संरक्षक डॉ सुरेश, सुधा मोदी, कनक हरि अग्रवाल, शिवेंद्र पांडेय , राकेश मोहन, लोक गायिका, स्वीटी सिंह, नीतू मोहन, लक्ष्मी गुप्ता सहित तमाम लोग उपस्थित थे ।

एसडीएम व क्षेत्राधिकारी ने किया छठ घाटों का निरीक्षण

खजनी गोरखपुर।छठ महापर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कमर कस ली है।आज अपराह्न छठ घाटों पर पहुंचे उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह तथा क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह ने क्षेत्र के छठ घाटों का निरीक्षण किया तथा छठ पूजा की तैयारियों और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

उन्होंने सरयां तिवारी गांव के पुण्यहवां पोखरे, भरोहियां गांव के जएश्वरनाथ शिव मंदिर परिसर में स्थित तालाब कटघर अकटहवा बाबा स्थान उनवल नगर पंचायत सहित इलाके में स्थित विभिन्न छठ घाटों पर पहुंचकर सुरक्षा की दृष्टि से उनका निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, साथ ही आयोजकों और ग्राम प्रधानों को प्रकाश का प्रबंध कराने बच्चों को गहरे पानी से दूर रखने और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल स्थानीय प्रशासन को सूचना देने का सुझाव दिया।

छठ पर्व पर सजे बाजारों में उमडी भीड़, नहाय-खाय के साथ व्रत प्रारंभ

खजनी गोरखपुर।कस्बे और आसपास के सभी चौराहों पर छठ पर्व की धूम रही। छठ पूजा के लिए लगने वाले फलों और चढावे के अन्य ज़रूरी सामानों से सजी दुकानों पर भारी भीड़ के कारण स्थानीय लोगों को दिनभर जाम से जूझना पड़ा।भीड को नियंत्रित करने में स्थानीय पुलिस प्रशासन भी बेबस नज़र आया।

इस बीच नहाय-खाय के साथ छठ पूजा का प्रारंभ होते ही खरना की तैयारी में लगी महिलाओं और पुरुषों ने ज़रूरी सामानों की खरीदारी की साथ ही छठ घाटों और पूजा की वेदी को श्रद्धा पूर्वक विशेष रूप से सजाया गया।

इलाके के नगर पंचायत उनवल, हरनहीं, रकौली, खजुरी बाजार, बढ़नी चौराहा, सतुआभार,छताईं आदि सभी स्थानों पर सड़क की पटरियों के किनारे छठ पूजा की सामग्रियों की दर्जनों दुकानें लगी रही, जहां व्रती महिलाओं के साथ पहुंचे उनके परिवारीजन सामानों की खरीदारी करते रहे।

चिलुआताल थाना क्षेत्र के नकहा नंबर 1 में युवक की गला काटकर हत्या

गोरखपुर। चिलवाताल थाना क्षेत्र के नकहा नंबर 01 में मोती लॉन मैरिज हॉल के पीछे अनिल गुप्ता नाम के एक युवक की गला रेत कर हत्या कर दी गई और लाश को नाली में फेंक दिया गया। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अज्ञात कातिलों की तलाश में जुट गई है।

बुधवार की सुबह 7:00 बजे स्थानीय लोगों ने आखा नंबर एक मोती लान के पीछे खून से सनी हुई एक युवक की लाश को देखकर स्थानीय लोगों ने चिलुआताल पुलिस को सूचना दिया। मौके पर पहुंच पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस ने शव की शिनाख्त की कोशिश की तो मालूम हुआ कि मृतक यादव टोला नकहा नंबर 1 का रहने वाला अनिल गुप्ता है। अनिल गुप्ता की 3 वर्ष पूर्व शादी हुई थी, डेढ़ साल का बच्चा है। 6 भाइयों में चौथे नंबर पर था। मृतक के परिजनों का कहना है कि किसी से किसी प्रकार की कोई रंजिश या दुश्मनी नहीं थी। मृतक की बरगदवा में कपड़े की दुकान है। अज्ञात लोगों ने मृतक अनिल गुप्ता की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या की और लाश को नाली में फेंक दिया। पुलिस कातिलों की तलाश में जुटी हुई है।

सिंधी समाज ने मनाया महान संत कंवर राम जी की 50वीं पुण्यतिथि
गोरखपुर। जटाशंकर स्थित सिन्धी धर्मशाला कल्याण पैलेस में महान संत कवर राम जी की 85 वी पुण्य तिथि सिन्धी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोरखपुर के संत रवि दास जी व सिन्धी समाज के मुखी साहब जन द्वारा आरती व अरदास करके की गई भजन संध्या का कार्यक्रम लखनऊ से पधारे सूफी भगत सोनू एंड पार्टी द्वारा किया गया। समाज के बच्चे संत कवर राम के रूप में प्रस्तुति की गई बस्ती से सिन्धी महिला मण्डल द्वारा संत जी की जीवनी प्रस्तुत किया गया।

गोरखपुर महिला मण्डल के द्वारा सामूहिक नृत्य किया गया कार्यक्रम में गोंडा, देवरिया, बस्ती व अयोध्या से भी संगत ने कार्यक्रम में पधारकर संतो का आशीर्वाद लिया।

कार्यक्रम के आयोजक पूज्य श्री झूलेलाल सिन्धी सेवा मण्डल के सदस्यों द्वारा आम भंडारे का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन शरद लखमानी ने किया समाज के सभी वर्गो का सहयोग रहा। मुख्य रूप से विक्की कुकरेजा देवा केशवानी दीवान चंद ओम प्रकाश रूपरेला जय प्रकाश केशवानी पंकज गुरनानी विक्की चंगलनी कमल सचदेवा नीरज रहेजा अमित जेसलानी पायल कुकरेजा शालिनी शर्मा आदि सभी लोग मौजूद रहे।

खजनी पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी इनामी अभियुक्त भेजा गया जेल

खजनी गोरखपुर।आशनाई में अपने आटो चालक मित्र की हत्या करने वाले 15 हजार के इनामी वांछित अभियुक्त को खजनी पुलिस ने गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया।

एसएसपी डाॅक्टर गौरव ग्रोवर एसपी साउथ जितेंद्र कुमार तथा क्षेत्राधिकार खजनी के मार्गदर्शन तथा थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा के नेतृत्व में थाने के तेज तर्रार एसआई विवेक चतुर्वेदी ने वांछित इनामी अभियुक्त को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया।

हत्या का आरोपित बीते 5 साल से पुलिस की पकड़ से दूर फरार चल रहा था। मिली जानकारी के अनुसार थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने तेज तर्रार दारोगा विवेक चतुर्वेदी को गिरफ्तारी की इस कठिन चुनौती को अंजाम देने के लिए विशेष रूप से लगाया था। बीते 12 अक्टूबर 2019 को थाना क्षेत्र के खुटहना गांव के निवासी आॅटो चालक वीरेंद्र बेलदार की हत्या के बाद उसका शव अकटहवा बाबा मंदिर के पास बरामद हुआ था जिसमें पत्नी ने पति का हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। बताया जाता है कि अभियुक्त सनी उर्फ वशिष्ठ मुनि पुत्र किशोर सिंह निवासी माल्हनपार थाना बांसगांव हत्या के बाद बाजार से सब्जी खरीद कर मृतक के घर पहुंचा था, साथ ही उसके घर उसका लगातार आना जाना बना हुआ था। किंतु पुलिस के शिकंजे से दूर अभियुक्त वर्ष 2019 से ही फरार चल रहा था। एसएसपी के द्वारा 15 हजार रूपए इनाम घोषित करने के बाद अंततः सक्रिय हुई खजनी पुलिस के हांथ बड़ी सफलता लगी। आशनाई में हत्या के इस मामले की क्षेत्र में हर जुबान पर चर्चा बनी हुई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तारी और विधिक कार्रवाई के बाद अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।