पैसे के लिए रिश्तेदारों ने किया अंतिम संस्कार से इनकार, पत्नी ने खुद दी पति की मुखाग्नि
पैसा इंसान से कुछ भी करवा देता है. इसके लिए आज के समय में लोग हर अच्छा-बुरा काम करने के लिए तैयार हो जाता है. पैसा और जमीन ऐसी चीज है, जिसके लिए कहा जाता है कि भाई-भाई का भी दुश्मन हो जाता है. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के कोरिया के एक गांव में हुआ, जहां एक शख्स की मौत हो जाने पर उसके रिश्तेदारों ने उसकी पत्नी से तब तक उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. जब तक वह उन्हें एक लाख रुपये या फिर 5 डिसमिल जमीन नहीं दे देती.
दरअसल मामला करजी गांव का है, जहां कतवारी लाल राजवाड़े की मुंह का कैंसर होने के चलते बहुत बीमार होने के बाद मौत हो गई. उसकी पत्नी ने उसका काफी इलाज कराया. पत्नी ने अपनी पैतृक संपत्ति तक बेचकर पति का इलाज कराया लेकिन उसकी पति की 6 महीने के अंदर बहुत ज्यादा हालत खराब होने से मौत हो गई, जिसकेबाद कतवारी का अंतिम संस्कार किया जाना था.
रिश्तेदारों ने रखी शर्त
कतवारी और उसकी पत्नी की कोई संतान नहीं थी, जिस वजह उसके अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने के लिए गांव वालों ने कतवारी के बड़े पापा के बेटे संतलाल से कहा लेकिन उसने अपने तेहरे भाई का अंतिम संस्कार करने के लिए उसकी पत्नी के सामने एक लाख रुपये या फिर 5 डिसमिल जमीन देने की शर्त रख दी, जिसके बाद हैरान रह गए. कतवारी की पत्नी पति के भाई को 15 हजार रुपये देने के लिए मानी लेकिन संतलाल ने इनकार कर दिया.
खुद किया अंतिम संस्कार
इसके बाद पत्नी ने फैसला किया वह खुद ही अपने पति का अंतिम संस्कार करेगी और मुखाग्नि भी देगी. उसने अपने पति का न सिर्फ अंतिम संस्कार किया, बल्कि उसने सभी रीति रिवाज निभाए और पति की अर्थी को कंधा भी दिया. इस तरह दुनिया ही नहीं एक पत्नी ने अपने पति का साथ उसके आखिरी तक दिया. कतवारी की पत्नी ने कहा कि अगर वह जमीन संतलाल को दे देगी, तो उसके पास कमाई का कोई तरीका नहीं बचता.
Nov 07 2024, 17:47