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पद्मनाभस्वामी मंदिर पर जीएसटी विभाग का बड़ा नोटिस, 1.57 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने का दिया आदेश

केरल के तिरुवनन्तपुरम में पद्मनाभ स्वामी मंदिर है. यह मंदिर सालों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. अब जीएसटी विभाग ने मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर 1.57 करोड़ रुपये के बकाया जीएसटी भुगतान की मांग की है.

नोटिस में इस बात का जिक्र है कि मंदिर पर सात साल से जीएसटी बकाया है.

विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस के मुताबिक, मंदिर को कई तरीके से आय होती है. इनमें भक्तों की ओर से चढ़ाये गए कपड़े भी शामिल हैं, जिनसे मंदिर प्रबंधन को काफी आय होती है. इसके अलावा मूर्तियों की बिक्री से होने वाली आय भी शामिल है. साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालु हाथियों को किराए पर लेते हैं, जिससे मंदिर को आमदनी होती है.

सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया

अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. इसके बाद मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजा गया है. वहीं, इस मामले पर मंदिर के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. उनका कहना है कि मंदिर को टैक्स में कई तरीके की छूटें हैं. इस अवधि के दौरान टैक्स योग्य आय केवल 16 लाख रुपये ही है, जिनमें से तीन लाख रुपये चुकाए जा चुके हैं. विभाग के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने बकाया टैक्स 2017 से जमा नहीं किया है. राशि का भुगतान नहीं करने पर जुर्माना लगेगा. जुर्माना नहीं देने पर 18 प्रतिशत ब्याज का भी लगेगा

पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुअनन्तपुरम में स्थित है. यहां भगवान विष्णु की पूजा होती है. 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया. त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. यहां मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति है, जोकि श्रद्धालुओं के लिए सालों से आस्था का केंद्र बना हुई है. इस मंदिर में भगवान विष्ण की मूर्ति शयन मुद्रा में विराजमान है. भगवान विष्णु की विश्राम करने की अवस्था को ‘पद्मनाभ’ कहा जाता है, यहीं वजह है इस मंदिर को पद्मनाभस्वामी मंदिर कहा जाता है.

गुजरात के अमरेली में दर्दनाक हादसा: एक ही परिवार के 4 बच्चों की कार में बंद होने से मौत

गुजरात के अमरेली में एक दिल दहलाने वाली घटना हुई है. यहां एक ही परिवार के चार बच्चों की कार में बंद हो जाने की वजह से मौत हो गई है. यह हादसा रविवार की दोपहर अमरेली के रंधिया गांव का है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने चारो बच्चों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अमरेली के डिप्टी एसपी चिराग देसाई के मुताबिक फिलहाल इस मामले को हादसे की धाराओं में दर्ज किया गया है. हालांकि पुलिस इस हादसे की असली वजह की पड़ताल के लिए मामले की हर संभावित एंगल से जांच कर रही है.

डिप्टी एसपी चिराग देसाई के मुताबिक बच्चों के माता पिता मध्य प्रदेश के रहने वाले खेतीहर मजदूर हैं. रविवार को एक खेत मालिक भरत मंदानी उन्हें अपने साथ लेकर खेतों में काम करने के लिए ले गए थे. खेत में जाते समय भरत मंदानी ने अपनी कार बच्चों के घर के बाहर खड़ी कर दी. ऐसे में माता-पिता और खेत मालिक के वहां से जाने के बाद सभी बच्चे कार में घुसकर खेलने लगे. इसी दौरान अचानक से कार का दरवाजा बंद हुआ और गेट लॉक हो गया. चूंकि बच्चों को गेट खोलने या शीशा उतारने नहीं आता था.

कार से निकलने के लिए बच्चों ने खूब किया था संघर्ष

ऐसे में कुछ देर में ही कार के अंदर आक्सीजन की कमी होने लगी और इसकी वजह से बच्चों का दम घुटने लगा. इन बच्चों ने कार से निकलने की काफी कोशिश भी की, लेकिन बाहर से किसी व्यक्ति की इन बच्चों पर नजर तक नहीं पड़ी. ऐसे में समय रहते मदद नहीं मिल पाने की वजह से इन बच्चों की मौत हो गई. डिप्टी एसपी देसाई के मुताबिक इन चारों बच्चों की उम्र दो से सात साल के बीच थी. शाम को जब कार मालिक और इन बच्चों के माता पिता खेत से घर लौटे तो गाड़ी में बच्चों के शव मिले.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

आनन फानन में मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद बच्चों का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है. पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया यह मामला हादसा है. हालांकि पुलिस इस घटना की असली वजह की पड़ताल के लिए पूरे मामले की जांच कर रही है. इसमें पुलिस यह देखने की कोशिश कर रही है कि बच्चे इस कार के अंदर कैसे बंद हो गए.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने तेज की तैयारियां

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी है. बीजेपी नवंबर आखिरी हफ्ते से दिल्ली में प्रचार प्रसार के काम में तेजी लाएगी. हफ्ते भर के अंदर प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति, उम्मीदवार चयन समिति और प्रदेश कोर ग्रुप का गठन किया जाएगा. बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में करीब 10 पार्षद और एल्डरमैन पार्षदों को चुनाव में उतारने की तैयारी में है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी मजबूत पकड़ और अच्छी छवि वाले पार्षदों को चुनाव लड़ाएगी. दिल्ली के कालका से योगिता सिंह, बाबरपुर से मुकेश बंसल और मुंडका से गजेंद्र दलाल जैसे मजबूत पार्षदों को विधानसभा चुनाव में मौका दिया जा सकता है. दिल्ली के पूर्व सांसद जिन्हें इस लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था, उनमें से कई चुनाव लड़ेंगे.

वहीं, पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा का विधानसभा चुनाव लड़ना तय. बीजेपी दिल्ली विधानसभा में 3 सीट गठबंधन में सहयोगी दलों को दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक एनडीए के सहयोगी दल जदयू को दिल्ली में दो सीट और लोजपा (रामविलास) को एक सीट दे सकती है. दिल्ली की सीमापुरी, बुराड़ी और संगम विहार विधानसभा सीट जेडीयू और लोजपा जैसे गठबंधन दलों को दे सकती है.

कई विधायकों का कट सकता है पत्ता, पार्टी करा रही है सर्वे

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के मौजूदा 7 विधायक में से ज्यादातर का टिकट कट सकता है. बीजेपी के कई मौजूदा विधायकों का सर्वे रिपोर्ट नकारात्मक मिला है. दिल्ली के लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से अभय वर्मा, गांधीनगर से अनिल बाजपेई, विश्वास नगर से सिटिंग विधायक ओमप्रकाश शर्मा, गोंडा विधानसभा क्षेत्र से सिटिंग विधायक अजय महावर, जैसे सीटिंग विधायकों की सीट पर पार्टी सर्वे करवा रही है.

फरवरी 2025 में खत्म होगा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल

दिल्ली की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा. इससे पहले कभी भी चुनाव कराए जा सकते हैं. फिलहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद आतिशी दिल्ली की सीएम बनीं. वह दिल्ली की तीसरी महिला सीएम बनी हैं. इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम थीं.

छठ पूजा में आखिर क्यों बांस के सूप का किया जाता है इस्तेमाल, जानें क्या है महत्व

हिन्दू धर्म में छठ पूजा के दौरान बांस के सूप का बहुत अधिक महत्व होता है. बांस एक प्राकृतिक वस्तु है और इसे प्रकृति का प्रतीक माना जाता है. छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है, इसलिए बांस के सूप का इस्तेमाल छठ पूजा में किया जाता है. बांस को शुद्ध और पवित्र माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाता है. छठ पूजा में सूप का इस्तेमाल करने के पीछे यह मान्यता भी है कि इसके उपयोग से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं और व्रती को मनचाहा फल प्राप्त होता है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और यह छठ पूजा का एक हिस्सा बन चुकी है.

छठ पर्व की तिथि

द्रिक पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर दिन गुरुवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 नवंबर दिन शुक्रवार को तड़के सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी.

ऐसे उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा. छठ पूजा संपन्न करने के लिए इस तरह से शाम के समय का अर्घ्य 7 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा. इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा.

छठ पूजा में बांस से बनी हुई कई सारी चीजों का उपयोग होता है. जैसे कि बांस की टोकरी, सूप, कोनी आदि. सूप का उपयोग सूर्य देव की पूजा में होता है और इसके बिना पूजा को अधूरा माना जाता है. सूर्यदेव की पूजा में जब अर्घ्य दिया जाता है तब बांस के सूप का ही उपयोग किया जाता है. साथ ही इसमें कई प्रकार के फल और ठेकुआ आदि भी रखा जाता है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

ऐसा माना जाता है कि जो भी पति-पत्नी पूरे श्रद्धा भाव से छठ माता का पूजन करते हैं उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और निःसंतान दम्पत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही परिवार में सभी सुखी जीवन व्यतीत करते हैं.

छठ पूजा में मुख्य रूप से तीन दिनों के लिए मनाया जाता है जिसमें नहाय खाय, खरना और संध्या अर्घ्य प्रमुख हैं. इस पूजा को विधि-विधान के साथ किया जाता है. इस पूजा में बांस के सूप का उपयोग किया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में लोग प्राकृतिक वस्तुओं का ही उपयोग करते थे, बांस आसानी से उपलब्ध होने के कारण इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाने लगा था.

कुछ मान्यताओं के अनुसार, आदिवासी संस्कृति में बांस का विशेष महत्व होता था और इसे पूजा में इस्तेमाल किया जाता था. सूर्य देवता को ऊर्जा और जीवन का दाता माना जाता है. बांस एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, इसलिए इसे सूर्य देवता की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.

छठ पूजा में विशेष रूप से डोम जाति के द्वारा बनाए गए बांस के सूप का उपयोग किया जाता है. इन सूपों को बनाने में विशेष प्रकार की बांस की लकड़ी का उपयोग किया जाता है.

छठ पूजा में सूप का उपयोग केवल अर्घ्य देने के लिए ही नहीं, बल्कि प्रसाद रखने के लिए भी किया जाता है.

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय सूप का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान व्रती महिलाएं बांस से बने सूप, टोकरी या दउरा में फल आदि रखकर छठ घाट ले जाती हैं और सूर्यदेव (सूर्यदेव मंत्र) की आराधना करती हैं. बांस के बने सूप या टोकरी की मदद से ही छठी मैया को भेंट दी जाती है. मान्यताओं के अनुसार. बांस से पूजा करने से लोगों के घर में धन और संतान सुख दोनों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जीवन में आने वाली परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं.

मध्य प्रदेश में हाथी संरक्षण की नई पहल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्यस्तरीय हाथी टास्क फोर्स गठित करने का किया ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में राज्यस्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हाथी-मानव सह अस्तित्व के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे. हाथियों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग लगाई जाएगी. किसानों को कृषि वानिकी एवं अन्य वैकल्पिक कार्यों से जोड़ा जाएगा.

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हाथियों की बसाहट और सह अस्तित्व की भावना की मजबूती देने के लिए सुरक्षित वन क्षेत्र विकसित के संबंध में केंद्रीय वन मंत्री से चर्चा हो चुकी है. हाथी मित्र जन जागरूकता के लिए काम किया जाएगा.

फील्ड डायरेक्टर, अधिकारी रहें जागरूक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उमरिया वन क्षेत्र में 10 हाथियों की अलग-अलग हुई मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने इसे गंभीरता से लिया है. मंत्री समेत अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा किया है. शुरुआती रिपोर्ट में कीटनाशक नहीं मिला है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है. उमरिया और सीधी में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं. फील्ड डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों को जागरूक रहने की दरकार है.

दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में पता चला है कि समय पर फील्ड डायरेक्टर अवकाश से वापस नहीं आए और हाथियों की सुरक्षा में कोताही की गई, इससे हाथियों की मौत हुई. इस लापरवाही के चलते फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और प्रभारी एसीएफ फतेहसिंह निनामा को को निलंबित कर दिया गया है.

कर्नाटक, केरल और असम में होगा अध्ययन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बांधवगढ़ जैसे क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल स्थिति है. छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आने वाले हाथियों के दल अब वापस नहीं जा रहे. यहां बड़े पैमाने पर हाथी दल डेरा डाल रहे हैं. यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा हैं. ऐसे में स्थाई प्रबंधन के लिए हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है.

हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस प्रकार रखा जाए, इसकी योजना बन रही है. कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा. इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा और वे हाथियों के रहवास को लेकर अध्ययन करेंगे.

हाथी की सुरक्षा चिंता और जागरूकता का विषय

उन्होंने कहा कि यह चिंता के साथ जागरूकता का भी विषय है. बफर क्षेत्र में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी हाथियों और मानव के सहअस्तित्व को सुनिश्चित कर सके ताकि यह एक दूसरे के साथ जीना सीख सकें. अभी जो घटना हुई है इसमें जनहानि को लेकर 8 लाख रुपए हर व्यक्ति को दिया जाता था, उसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति करने का निर्णय लिया है. जो इस घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को भी इससे जोड़ा है.

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना: मां ने नवजात बच्ची को फेंका कूड़े के ढेर में ,स्थानीय लोगों ने बचाया जान

उत्तर प्रदेश के जनपद सम्भल से मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. यहां बेरहम मां ने नवजात को 9 महीने कोख में तो रखा. लेकिन जब उसे पैदा किया तो कूड़े और मिट्टी के ढेर में छोड़कर चली गई. बच्चे को स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल संभल ले जाया गया. यहां डॉक्टरों ने नवजात के स्वास्थ्य की जांच की. फिलहाल बच्चा स्वस्थ है, उसे अभी अस्पताल में ही रखा गया है. उधर, पुलिस अब इस मासूम की मां की तलाश में जुट गई है.

मामला नखासा थाना क्षेत्र के गांव मन्नीखेड़ा का है. यहां रविवार को कूड़े और मिट्टी की ढेर में कुछ लोगों को एक नवजात शिशु पड़ा मिला. लोगों का कहना है कि हो सकता है कि किसी बिन ब्याही मां ने बदनामी से बचने के लिये नवजात को कूड़े के ढ़ेर पर छोड़ दिया होगा और खुद फरार हो गई हो. कूड़े के ढेर से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई देने पर लोग वहां पहुंचे. मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी.

नवजात बच्ची को जान लेने के इरादे से सरसो की फसल में गड्ढा खोदकर मिट्टी में दबा दिया गया. लेकिन जब उसके रोने की आवाज वहां खेल रहे बच्चों ने सुन ली. इसके बाद बच्चों ने शोर मचा दिया. बच्चों का शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने नवजात शिशु को मिट्टी से बाहर निकाला. इसके बाद पुलिस को सूचना दी और बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार चल रहा है.

सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे

पुलिस इस मामले की छानबीन करने में जुट गई है. आसपास के इलाकों के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं. जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ. दीपशिखा ने बताया कि नवजात शिशु की आंख और नाक में मिट्टी थी उसको साफ कर दिया है. बच्ची की हालत फिलहाल ठीक है.

इंस्टाग्राम पर सुरक्षित रहने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स: कैसे बचाएं अपनी एक्टिविटी को ट्रैक होने से?

सोशल मीडिया ऐप इंस्टाग्राम दोस्त, परिवार और रिश्तेदारों को आपस में जोड़ने में काफी मददगार है. आज की भागदौड़ वाली लाइफ में सोशल मीडिया ऐप इंस्टाग्राम की मदद से सभी लोगों को एक दूसरे की एक्टिविटी के बारे में जानकारी होती रहती है.

इस सबके बीच इंस्टाग्राम कुछ लोगों के लिए खतरनाक भी साबित हुआ है. अक्सर देखा गया है कि क्रिमिनल माइंड के लोग सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लोगों की एक्टिविटी को ट्रैक करते हैं. जो काफी खतरनाक होता है. अगर आपको भी ऐसे लोगों से बचना है तो यहां कुछ टिप्स बता रहे हैं, इन्हें आपको फॉलो करना चाहिए.

इंस्टाग्राम अकाउंट प्राइवेट

इंस्टाग्राम ने यूजर्स की सेफ्टी के लिए कई फीचर्स दिए हैं, जिसमें अकाउंट प्राइवेट करना भी शामिल है. इस फीचर को जब आप एक्टिव करते हैं तो कोई ऐसा व्यक्ति जो आपको फॉलोअर नहीं है वो आपके अकाउंट पर पोस्ट की गई जानकारी को देख नहीं सकता.

फेसबुक और इंस्टाग्राम अलग करें

फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा है. इसी वजह से मेटा फेसबुक और इंस्टाग्राम को लिंक करने की सुविधा देता है. अगर आप फेसबुक पर कोई पोस्ट करते हैं तो वो इंस्टाग्राम पर और इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट करते हैं तो वो खुद ब खुद फेसबुक पर शेयर हो जाती है.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आपके अलग-अलग सर्कल के लोग ऐड होते हैं, ऐसे में आप अगर दोनों अकाउंट की पोस्ट को एक दूसरे पर शेयर करने के ऑप्शन को बंद कर देते हैं तो आपकी एक्टिविटी को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है.

क्लोज फ्रेंड की लिस्ट बनाएं

इंस्टाग्राम आपको क्लोज फ्रेंड लिस्ट बनाने की परमिशन देता है. इस फीचर में आप अपनी पोस्ट कुछ ही लोगों को दिखाने के लिए क्लोज फ्रेंड की लिस्ट बना सकते हैं, जिसके बाद जिन लोगों को आप जानते नहीं हैं वो आपकी पोस्ट और जानकारी को सीन नहीं कर सकेंगे और ट्रैक नहीं कर सकेंगे.

NICL में नौकरी का अवसर: असिस्टेंट पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू,ऐसे करे अप्लाई

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NICL) ने असिस्टेंट पदों पर भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन पदों के लिए इच्छुक कैंडिडेट कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट nationalinsurance.nic.co.in पर जाकर 11 नवंबर तक आवेदन जमा कर सकते हैं. एप्लीकेशन प्रोसेस 24 अक्टूबर से ही शुरू है.

कंपनी ने असिस्टेंट के कुल 500 पदों पर भर्तियों के लिए आवेदन मांगे हैं. ये पद महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली सहित कई राज्यों में भरे जानें हैं. अभ्यर्थी निर्धारित लास्ट डेट तक या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि आवेदन करने के लिए उम्र सीमा क्या होनी चाहिए और चयन कैसे किया जाएगा.

क्या है आवेदन की योग्यता?

सहायक पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास किसा भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. वहीं कैंडिडेट की उम्र 21 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. अधिकतम उम्र सीमा में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 3 वर्ष और एससी व एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट को 5 वर्ष की छूट दी गई है. आवेदक के उम्र की गणना 1 अक्टूबर 2024 से की जाएगी.

कितनी है एप्लीकेशन फीस?

जनरल और ओबीसी कैटेगरी के लिए एप्लीकेशन फीस 850 रुपए निर्धारित की गई है. वहीं एससी, एसटी और दिव्यांग श्रेणी के आवेदकों को 100 रुपए आवेदन शुल्क जमा करना होगा.

इन स्टेप्स में करें अप्लाई

NICL की आधिकारिक वेबसाइट nationalinsurance.nic.co.in पर जाएं.

होम पेज पर दिए गए Recruitment टैब पर क्लिक करें.

अब यहां असिस्टेंट भर्ती के लिए आवेदन करने के लिंक पर क्लिक करें.

अब डिटेल दर्ज करें और डाक्यूमेंट्स अपलोड करें.

फीस जमा करें और फाॅर्म सबमिट करें.

कैसे होगा चयन?

असिस्टेंट के पदों पर आवेदकों का चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के जरिए किया जाएगा. प्रारंभिक परीक्षा 100 नंबरों की होगी और समय 60 मिनट का होगा. इसमें सफल कैंडिडेट मेन्स एग्जाम में शामिल होंगे. मुख्य परीक्षा 200 नंबरों की होगी और समय 120 मिनट का होगा. दोनों की एग्जाम ऑनलाइन मोड में होगा.

प्रियंका गांधी का बीजेपी पर बड़ा हमला, कहा: मोदी सरकार लोगों को बांट रही है

केरल के वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी इन दिनों जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. प्रियंका इस सीट से अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर रही हैं. रविवार को उन्होंने एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा साथ ही सूबे की जनता का आभार जताया.

उन्होंने कहा कि पांच साल पहले जब उनके भाई राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़ा था, उस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया था. बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी छवि को खराब करने के लिए एक एक अभियान चलाया, जिसके तहत लगाता उनकी इमेज उनकी प्रतिष्ठा को नष्ट किया जा रहा था.

मेरे भाई की छवि खराब करने के लिए BJP ने चलाया अभियान

प्रियंका ने कहा कि बीजेपी ने इस अभियान में बड़े प्रयास, बड़े संसाधन लगाए गए. मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके मेरे भाई के बारे में बहुत सारे झूठी बातें फैलाई गई ताकि लोग उन बातों पर विश्वास करें. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है जिने भी सच्चाई के लिए लड़ाई लड़ी है उसे झूठे बातों से अटैक करके झुकाने की कोशिश की गई है. कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि वो वायनाड के लोगों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने सच को पहचाना.

मेरा भाई भारत के लिए लड़ रहा है’

उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान के बावजूद आप इस आदमी (राहुल गांधी) को पहचानते हैं, जो कुछ भी आपसे कहा जा रहा था उसके बावजूद आपने इनका साथ दिया. प्रियंका ने कहा कि मेरा भाई आपके लिए लड़ रहा था, वह भारत के लिए लड़ रहा था, वह सच्चाई के लिए लड़ रहा था. उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया ने राहुल से मुंह मोड़ लिया, तो आपने उसका समर्थन किया, आपने उसे साहस दिया, आपने उसे प्यार दिया, आप उसे अपने घरों में ले आए, आपने उसका परिवार के रूप में स्वागत किया और उसे आपसे बहुत साहस और ताकत मिली.

प्रधानमंत्री को अपने बिजनेसमैन दोस्तों की चिंता’

इसके आगे पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोगों की भलाई के बजाय बड़े व्यापारिक हितों को प्राथमिकता देती है. एयरपोर्ट से लेकर सड़कों के कॉन्ट्रैक्ट तक सभी अपने बिजनेसमैन दोस्तों के हवाले कर दी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ अपने बड़े व्यापारी मित्रों के लिए काम करती है. उनका आम लोगों से कोई लेना देना नहीं है उन लोगों पर ये सरकार कोई ध्यान नहीं देती.

इसके आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का उद्देश्य आपको बेहतर जीवन देना नहीं है. उनका उद्देश्य नई नौकरियां बेहतर स्वास्थ्य या शिक्षा प्रदान करना नहीं है. बल्कि उनका उद्देश्य किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना है. प्रियंका ने कहा कि बीजेपी लोगों को बांट रही है, नफरत फैला रही है, लोगों के अधिकारों को छीन रही है. मोदी सरकार का लक्ष्य लोगों को बांटकर, नफरत फैलाकर और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अत्याचार करके सत्ता में बने रहना है.

शरद पवार का बड़ा बयान: महाराष्ट्र अब नंबर 1 से 6वें नंबर पर आ गया

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है. टिकट बंटवारे से खाली होने के बाद राजनीतिक दल के नेता अब मैदान में नजर आने लगे हैं. हालांकि, बागी नेताओं को मनाने का सिलसिला भी तेज हो गया है. इस बीच राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के नेता शरद पवार ने चुनावी नतीजों को लेकर बड़ा बयान दिया है.

इंदापुर में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद शरद पवार ने कहा कि हमने लोकसभा में अच्छा काम किया. महाराष्ट्र कभी नंबर 1 राज्य था. अब नंबर 1 महाराष्ट्र 6वें नंबर पर आ गया है. शासकों द्वारा राज्य की उपेक्षा की गई है. कपास और गन्ने पर सरकार की नीति किसान विरोधी है.

चीनी की कीमतों को लेकर बोला हमला

उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में उत्पादित चीनी और शेष चीनी देश की जरूरतों को पूरा करने के बाद निर्यात की जाती है, लेकिन चीनी निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसलिए चीनी की कीमतें गिरेंगी और गन्ने की कीमतें भी गिरेगी. पवार ने कहा, जब हमने केंद्र सरकार से सवाल उठाया तो उन्होंने जवाब दिया कि आप उगाने वालों के बारे में सोचते हैं, हम खाने वालों के बारे में सोचते हैं.

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब सूखा पड़ता था तो अमेरिका से गेहूं मंगवाना पड़ता था. जब हम सत्ता में थे तो हमने कृषि वस्तुओं की कीमतें बढ़ा दीं. इस क्षेत्र में गन्ने और केले की बड़ी फसल है. यह सरकार किसान विरोधी है. कल के चुनाव में सरकार बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. शरद पवार ने भी सांकेतिक बयान दिया है कि मैं कई जगहों पर जाता हूं, राज्य की जनता बदलाव चाहती है. इस दौरान उन्होंने हर्षवर्धन पाटिल को भारी मतों से जिताने की अपील की.

हर्षवर्धन पाटिल की उम्मीदवारों पर नाराजगी

विधानसभा से पहले ही हर्षवर्धन पाटिल की राष्ट्रवादी शरद पवार गुट में एंट्री हुई है. इसके बाद उन्हें पार्टी ने इंदापुर से उम्मीदवार बनाया था.

हालांकि, इंदापुर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रवादी शरद पवार समूह के पदाधिकारी हर्षवर्धन पाटिल को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज भी नजर आए थे. इसके बाद शरद पवार आज इंदापुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने नाराज नेताओं से मुलाकात की.