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सांसद रवि किशन ने दीपों की रोशनी संग बच्चों के चेहरों पर बिखेरी मुस्कान

गोरखपुर। दीपावली के पावन अवसर पर गोरखपुर के सांसद और सुप्रसिद्ध अभिनेता रवि किशन शुक्ला ने बैंक रोड पर जरूरतमंद बच्चों के साथ दीपावली का त्योहार मनाया। बच्चों के बीच सांसद को पाकर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। इस मौके पर रवि किशन ने बच्चों को मिठाई, पटाखे, और रंग-बिरंगी दीयों का वितरण किया, जिससे बच्चों के चेहरों पर अनोखी मुस्कान झलकने लगी।

रवि किशन ने बच्चों के साथ दीयों की रोशनी में दीप जलाकर अंधकार को दूर करने का संदेश दिया और उन्हें दीपावली का महत्व समझाया। बच्चों के साथ घुल-मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

दीपावली के इस खास अवसर पर रवि किशन ने कहा, "हमारी संस्कृति में दीपावली का विशेष महत्व है, और इस पर्व को सभी के साथ मिल-जुल कर मनाना चाहिए। हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाना मेरे लिए सच्ची दीपावली है।" उन्होंने इस अवसर पर सभी देशवासियों और प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं, और प्रार्थना की कि यह त्योहार सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।

इस अवसर पर बच्चों ने भी उनके साथ खूब आनंद लिया और कई ने उनसे आशीर्वाद भी लिया। सांसद रवि किशन के इस कदम से न केवल बच्चों में, बल्कि उनके परिवारों और उपस्थित लोगों के बीच भी दीपावली की खुशी चार गुना बढ़ गई।

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा कुष्ठ आश्रम में भेजा गया उपहार

गोरखपुर। दीपावली के शुभ अवसर पर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार बेतियाहाता स्थित चन्द्रलोक कुष्ठ आश्रम में निवास कर रहे कुष्ठ परिवारों व बच्चों को मिष्ठान एवं चाकलेट आदि का वितरण परियोजना अधिकारी डूडा व उनकी टीम द्वारा कराया गया है। वितरण में कम से कम 50 से 60 परिवार एकत्रित थे। इनमें गायत्री, नंदलाल, शाहजहां, जमुना देवी, नसीब, रामसूरत, शंकर तथा कुनारू आदि के परिवार उपस्थित रहे।उपहार पा कर सभी परिवार बहुत प्रसन्न हुए। विशेषकर बच्चे तो बहुत ही खुश थे। परियोजना अधिकारी ने सभी अतः वासियों को जिलाधिकारी महोदय की ओर से दीपावली की शुभकामनाएं दीं। वितरण कार्यक्रम में विकास कुमार सिंह, परियोजना अधिकारी, डूडा के साथ श्री सन्त कुमार, अभिषेक कौशल श्रीवास्तव, अनिल, हरिकेश, रविकेश, अभिषेक मिश्रा व अंकित मल्ल उपस्थित रहे।

आतिशबाजी से दूर रहें टीबी के मरीज, मास्क लगा कर ही बाहर निकलें

गोरखपुर, क्षय रोग अथवा टीबी के मरीजों (पल्मनरी टीबी मरीजों) के फेफड़े बीमारी के कारण पहले से संक्रमित और कमजोर होते हैं। ऐसे में आतिशबाजी का प्रदूषण उनकी जटिलताएं और भी बढ़ा सकता है । इसलिए बेहतर यह है कि टीबी के उपचाराधीन मरीज आतिशबाजी से दूर रहें।

सुबह शाम अगर घर से बाहर निकलना भी पड़े तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। यह अपील जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने की। उन्होंने पर्व की बधाई देते हुए दीपावली से लेकर छठ पर्व तक टीबी मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है । साथ ही समुदाय से अपील की है कि इन पर्वों पर घर लौटने वाले प्रवासी लोगों में अगर टीबी के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें नजदीकी चिकित्सा इकाई पहुंच कर जांच व इलाज करवाने के लिए प्रेरित करें।

डॉ यादव ने बताया कि टीबी का सम्पूर्ण इलाज संभव है । जिले में प्रति वर्ष करीब दस हजार से अधिक टीबी मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो रहे हैं। सिर्फ फेफड़े की टीबी (पल्मनरी टीबी) ही संक्रामक होती है और अगर समय से इसकी पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो तीन सप्ताह बाद ऐसे मरीज से भी संक्रमण नहीं फैलता है । इसके प्रमुख लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक की खांसी, शाम को पसीने के साथ बुखार, सांस फूलना, भूख न लगना, तेजी से वजन घटना, बलगम में खून आना और सीने में दर्द शामिल हैं। अगर प्रवासी लोगों में यह लक्षण दिखे तो तुरंत जांच और इलाज से उनके जरिये संक्रमण नहीं फैलेगा।

डीटीओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों की पहचान कर निक्षय पोर्टल पर जब उन्हें पंजीकृत कर देता है तो प्रत्येक मरीज की यूनीक आईडी बन जाती है। इस आईडी के जरिये प्रवासी टीबी मरीज वापस अपने कार्यस्थल पर लौटने के बाद भी इलाज जारी रख सकते हैं। इसके विपरीत अगर प्रवासी मरीज जांच और इलाज नहीं करवाते हैं तो टीबी होने पर उनके जरिये संक्रमण तो फैलेगा ही, साथ ही बीमार होने पर उनकी भी कार्यक्षमता और आय प्रभावित होगी।

टीबी मरीजों के इलाज से जुड़े उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव ने बताया कि आतिशबाजी के प्रदूषण से न बचने पर टीबी मरीज को अधिक खांसी आ सकती है। ऐसे में उनके जरिये संक्रमण के तेज से फैलने की भी आशंका बढ़ जाएगी। पर्वों के दौरान भी टीबी मरीजों को पौष्टिक खानपान जैसे दूध, पनीर, अंडा, मछली, सोयाबिन आदि का सेवन जारी रखना चाहिए।

मधुमेह पीड़ित टीबी रोगी रखें खास ख्याल

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि जिन टीबी मरीजों में मधुमेह की भी समस्या है, उन्हें ज्यादा सतर्क रहना है। ऐसे मरीजों को मिठाइयों से दूरी बना कर रखनी होगी। साथ में आलू, ओल, शकरकंद और चावल आदि के सेवन से बचना है। मधुमेह को नियंत्रित रख कर टीबी मरीज आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं ।

श्रद्धापूर्वक मनाया गया बजरंगबली हनुमान जी का जन्मोत्सव

खजनी गोरखपुर।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि के अवसर पर बुधवार को तहसील परिसर में स्थित हनुमान जी के मंदिर पर श्रद्धापूर्वक हर्षोल्लास के साथ जन्मोत्सव मनाया गया।

इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों ने हनुमान जी के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ सुंदरकांड पाठ, भजन-कीर्तन और पूर्णाहुति हवन तथा भंडारे के साथ आयोजनों का समापन किया गया।

तहसील परिसर स्थित हनुमान मंदिर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी संगीतमय सुंदरकांड पाठ के आयोजन में उपजिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह, तहसीलदार कृष्ण गोपाल त्रिपाठी एड.महेश दूबे समेत तहसील के सभी कर्मचारी और अधिवक्ता संयुक्त रूप में सम्मिलित हुए।

पंडित अजय पाठक ने बताया कि श्री हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी अमावस के एक दिन पूर्व मेष लग्न और स्वाति नक्षत्र में मध्याह्न के समय हुआ माना जाता है। हनुमान जी का जन्मोत्सव प्रति वर्ष मनाया जाता है।

वनटांगिया गांव में दिवाली की खुशियां बांटेंगे सीएम योगी

गोरखपुर। कुसम्ही वन के बीच बसे वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की प्रतीक्षा में उल्लसित और उमंगित हैं।

कारण, सीएम योगी इस वनटांगिया गांव में दीपोत्सव मनाने आते हैं। यहां दीप योगी के नाम पर प्रज्वलित होते हैं। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन में प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है तो गांव के लोग मुख्यमंत्री की अगवानी के लिए अपने-अपने घर-द्वार को साफ सुथरा बनाने, रंग रोगन करने और सजाने-संवारने मेंतैयारी ऐसी मानों उनके घर उनका आराध्य आने वाला हो। सब कुछ स्वतः स्फूर्त और मिलजुलकर।

मुख्यमंत्री इस गांव में गुरुवार (31 अक्टूबर) को आकर दीपोत्सव मनाएंगे। वनटांगिया समुदाय के साथ दीपावली की खुशियां साझा करने के साथ मुख्यमंत्री जिले की कई ग्राम पंचायतों को कुल 185 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे।

वनटांगिया गांव के दीपोत्सव में सीएम योगी उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) द्वारा 42 गांवों में उपलब्ध कराई गई पेयजल परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इस पर 150 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत आई है। इसके अलावा वह 32 ग्राम पंचायतों में परफॉर्मेंस ग्रांट से 34 करोड़ 66 लाख की लागत से कराए गए विकास कार्यों का भी लोकार्पण करेंगे। दीपावली के इस समारोह में कार्यक्रम स्थल पर कई विभागों की तरफ से स्टाल लगाकर शासन की जनहित वाली योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन और ग्रामीण जोरदार तैयारियों में जुटे हुए हैं।

सीएम योगी की अगवानी के लिए वनटांगिया समुदाय के लोगों का उत्साह स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ की ही वजह से वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन को अब प्रदेश के अति विशिष्ट गांव के रूप में जाना जाता है। योगी यहां वर्ष 2009 से ही बतौर सांसद यहां दीपावली मनाते रहे हैं और 2017 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने खुद द्वारा शुरू की गई परंपरा में रुकावट नहीं आने दी है। बतौर मुख्यमंत्री वह गुरुवार को लगातार आठवीं बार वनटांगियों के साथ दीपावली की खुशियां साझा करेंगे।

उल्लेखनीय है योगी के कदम पड़ने के साथ ही वनटांगियों की उपेक्षा लगातार पूरी होती उम्मीदों में बदलती गई। बतौर सांसद उन्होंने लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाया। 2017 में मुख्यमंत्री बने तो वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें शासन प्रदत्त सभी सुविधाओं का हकदार बना दिया। उन्होंने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, जैसे संसाधनों के साथ ही यहां रहने वालों को जनहित की सभी योजनाओं से आच्छादित कर दिया है। रविवार को वनटांगिया गांव में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं तो गांव के लोग भी उमंग-तरंग के साथ स्वागत को तैयार हैं।

सौ साल तक उपेक्षित रहे वनटांगिया

ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो स्लीपर के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई। इसकी भरपाई के लिए बर्तानिया सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया। साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की "टांगिया विधि" का इस्तेमाल किया गया, इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए। कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं। इसी के आसपास महराजगंज के जंगलों में अलग अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे। 1947 में देश भले आजाद हुआ लेकिन वनटांगियों का जीवन गुलामी काल जैसा ही बना रहा। जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी। नागरिक के रूप में मिलने वाली सुविधाएं तो दूर की कौड़ी थीं। जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण की इजाजत नहीं थी। पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं। समय समय पर वन विभाग की तरफ से वनों से बेदखली की कार्रवाई का भय अलग से।

वनटांगियों के लिए तारणहार बने योगी

वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर के सांसद चुने गए। उनके संज्ञान में यह बात आई कि वनटांगिया बस्तियों में नक्सली अपनी गतिविधियों को रफ्तार देने की कोशिश में हैं। नक्सली गतिविधियों पर लगाम के लिए उन्होंने सबसे पहले शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को इन बस्तियों तक पहुंचाने की ठानी। इस काम में लगाया गया उनके नेतृत्व वाली महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं एमपी कृषक इंटर कालेज व एमपीपीजी कालेज जंगल धूसड़ और गोरखनाथ मंदिर की तरफ से संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ अस्पताल की मोबाइल मेडिकल सेवा को। जंगल तिनकोनिया नंबर तीन वनटांगिया गांव में 2003 से शुरू ये प्रयास 2007 तक आते आते मूर्त रूप लेने लगे। इस गांव के कोटेदार रामगणेश कहते है कि महाराज जी (योगी आदित्यनाथ को वनटांगिया समुदाय के लोग इसी संबोधन से बुलाते हैं) यहां तारणहार बनकर आए। बकौल रामगणेश, 2009 में जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में योगी के सहयोगी वनटांगिया बच्चों के लिए एस्बेस्टस शीट डाल एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कर रहे थे। वन विभाग ने इस कार्य को अवैध बताकर एफआईआर दर्ज कर दी। योगी ने अपने तर्कों से विभाग को निरुत्तर किया और अस्थायी स्कूल बन सका। हिन्दू विद्यापीठ नाम से यब विद्यालय आज भी योगी के संघर्षों का साक्षी है।

योगी के कदम पड़े तो हुआ जंगल से इतर जीवन के रंगों का अहसास

वनटांगियों को सामान्य नागरिक जैसा हक दिलाने की लड़ाई शुरू करने वाले योगी ने वर्ष 2009 से वनटांगिया समुदाय के साथ दीपोत्सव मनाने की परंपरा शुरू की तो पहली बार इस समुदाय को जंगल से इतर भी जीवन के रंगों का अहसास हुआ। फिर तो यह सिलसिला बन पड़ा। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी इस परंपरा का निर्वाह करना नहीं भूलते हैं। इस दौरान बच्चों को मिठाई, कापी-किताब और आतिशबाजी का उपहार देकर पढ़ने को प्रेरित करते हैं तो सभी बस्ती वालों को तमाम सौगात।

ब्लॉक में ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन के लिए कार्यशाला

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक सभागार में वर्ष 2024-25 के ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन हेतु साॅलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट(एस.एल.डब्ल्यु.एम.) में चयनित ग्राम पंचायतों को मांडल ग्राम पंचायत के रुप में विकसित किए जाने हेतु उपनिदेशक पंचायत गोरखपुर मंडल गोरखपुर की अध्यक्षता में डी.पी.आर.सी. महाराजगंज में 28 अक्टूबर 2024 और 29 अक्टूबर 2024 को ग्राम प्रधानों पंचायत सहायकों और सफाई कर्मचारीयों की दो दिवसीय उन्मुखीकरण हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आज दूसरे दिन सभागार में एडीओ पंचायत राजीव दुबे की अध्यक्षता में प्रशिक्षण के बाद क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत गोपालपुर में नव निर्मित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में स्थापित घटकों से प्रशिक्षक के द्वारा उनकी उपयोगिता पर्यावरण हित और योजना से होने वाले लाभ के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही ग्राम पंचायत गोपालपुर को जिले के सर्वश्रेष्ठ माॅडल पंचायत भवन का भी भ्रमण और निरीक्षण किया। साथ ही ब्लॉक में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में एस.एल.डब्ल्यु.एम योजना से जुड़े सभी कर्मचारी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान मौजूद रहे।

किशोरी का अपहरण करने वाले युवक को पुलिस ने दबोचा

खजनी गोरखपुर।थाने के एसआई विवेक चतुर्वेदी और सत्यदेव ने पुलिस टीम के साथ किशोरी के अपहरण के आरोपित युवक को अपहृता के साथ गिरफ्तार कर लिया।

16 वर्षीया किशोरी को लखनऊ का रहने वाला आरोपित युवक बहला फुसलाकर भगा ले गया था। युवती के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित युवक के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 137 (2), 87 में बहला फुसलाकर अपहरण करने और जबरन कैद रखने का केस दर्ज किया था। महिला अपराध से जुड़े मामले में थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस टीम सक्रियता से लगी हुई थी।

आखिरकार मुखबिर की सूचना पर महुआडाबर चौकी के प्रभारी एसआई विवेक चतुर्वेदी और सत्यदेव ने वांछित अभियुक्त युवक सुजीत कुमार पुत्र स्वर्गीय रामनाथ निवासी नई बाजार थाना माल जनपद लखनऊ उम्र करीब 22 वर्ष

को थाना क्षेत्र के नंदापार मोड़ से गिरफ्तार कर लिया साथ ही अपहृता किशोरी को भी बरामद कर मेडिकल परीक्षण हेतु संरक्षण गृह में भेज दिया गया है।

पुलिस टीम में कांस्टेबल यादवेश यादव और शीलू सिंह शामिल रही।

विश्वसनीय मिठाई ही खाएं, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हो तो एम्बुलेंस बुलाएं

गोरखपुर, चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जनपदवासियों को दीपावली की बधाई देते हुए पूरी सतर्कता के साथ त्योहार मनाने की अपील की है । उन्होंने कहा है कि बाजार में नकली खाद्य पदार्थों की भरमार को देखते हुए दीपावली पर विश्वसनीय मिठाई का ही सेवन करें। सेहत की दृष्टि से बेहतर होगा कि घर पर बनी मिठाई या ड्राई फ्रूट्स का ही दीपावली पर इस्तेमाल किया जाए। इकोफ्रेंडली पटाखे जलाएं और पूरी सतर्कता के साथ आतिशबाजी करें। इसके बावजूद अगर किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हो जाए तो तुरंत 108 नंबर एम्बुलेंस बुला कर नजदीकी अस्पताल पहुंचे। 

सीएमओ ने बताया कि पर्व के दौरान सभी अस्पतालों पर इमर्जेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। जिले में 108 नंबर की 46 और 102 नंबर की 50 एम्बुलेंस पर्व के दौरान भी सेवा के लिए तैयार रहेंगी। जिले के 25 थानों पर 108 नंबर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई है, जबकि बाकी 21 एम्बुलेंस हॉट स्पॉट पर मौजूद रहेंगी। प्रसव कक्ष क्रियाशील रहेंगे और 102 नंबर एम्बुलेंस से गर्भवती चिकित्सा इकाई पहुंच कर निर्बाध सेवा प्राप्त कर सकेंगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि दीपावली में मधुमेह के मरीज मिठाइयों से परहेज करें और निर्धारित मात्रा में शुगर फ्री मिठाई का ही सेवन करने। यह मरीज बादाम या अखरोट जैसे ड्राईफ्रूट्स का संयमित सेवन कर सकते हैं। सांस के रोगियों को विशेष तोर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है। आतिशबाजी के कारण दीपावली में वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है। ऐसे में सांस के रोगियों को घर से बाहर निकलने से परहेज करना होगा। अगर बाहर निकल रहे हैं तो ट्रिपल लेयर मास्क जरूर लगाएं। सांस के जो रोगी कोविड मरीज भी रह चुके हैं उन्हें सबसे अधिक सतर्कता रखने की आवश्यकता है। यह रोगी नियमित दवा लेते रहें और इनहेलर लेकर ही घर से बाहर निकलें। ह्रदय रोगी भी घर से बाहर न निकलें और चिकित्सक के परामर्श के अनुसार खानपान संयमित रखें। 

डॉ दूबे ने बताया कि पर्व के दौरान सांस तेज चलने या सांस लेने में दिक्कत होने पर, घबराहट होने या खांसी आधिक आने पर, सीने में दर्द या थकान महसूस होने पर, स्किन और होंठ या नाखूनों पर नीले रंग दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। ऐसे मरीज एम्बुलेंस की मदद से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचें। साथ ही आतिशबाजी के दौरान यदि जल जाएं तो सबसे पहले जले हुए हिस्से को बहते हुए पानी से साफ कर लें। तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल से परामर्श लें। ध्यान रखें जले हुए भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोना है और जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट या हल्दी भी नहीं लगानी है। बच्चों को पटाखों से दूर रखें। यदि आतिशबाजी करना ही है तो अपनी ही देखरेख में ही पटाखे जलाएं। 

स्वच्छता व्यवहार अपना कर करें बचाव

सीएमओ ने बताया कि घरों की साफ-सफाई के दौरान साफ पानी के ठहराव वाले सभी छोटे जलस्रोतों की सफाई अवश्य करें। कूलर, गमलों, टायर, फ्रीज ट्रे, खाली पात्रों, पशुओं के नाद और उनके पात्रों की सफाई विशेष तौर पर की जानी चाहिए । ऐसा करने से डेंगू जैसी तीव्र प्रसार वाली बीमारी से बचाव होगा। साथ ही घर के आसपास जहां कहीं भी जलजमाव दिखाई दे उसे भी साफ करें ताकि मलेरिया और फाइलेरिया के मच्छरों से बचाव हो सके। स्वच्छता व्यवहार के साथ साथ अगर पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदारी का प्रयोग करें और मच्छरों के प्रजनन स्थल को नष्ट कर दें तो मच्छरजनित बीमारियों का संक्रमण फैल नहीं पाएगा।

डेंगू के संभावित प्रवासी मरीजों को करें प्रेरित*

डॉ दूबे ने बताया कि दीपावली और छठ पर्व के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौट रहे हैं । ऐसे लोगों में अगर किसी प्रवासी के भीतर डेंगू बुखार का लक्षण दिखता है तो बिना देरी किये अस्पताल पहुंचने के लिए प्रेरित करें। समय से डेंगू की पहचान और इलाज हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है । डेंगू का वाहक मच्छर जब मरीज को काट कर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसमें भी बीमारी का संक्रमण हो जाता है । गर्भवती, ह्रदय रोगी और मधुमेह के मरीजों के लिए डेंगू जटिलताएं बढ़ा सकता है । इसलिए लक्षण दिखने पर अपने मन से दवा न खाएं। चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें। डेंगू के प्रमुख लक्षणों में आंखों के पुतलियों के पीछे दर्द, सिरदर्द, बुखार और हड्डियों में तेज दर्द शामिल हैं।

गोरखपुर में आयोजित होगा अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन 22,23 व 24 नवम्बर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित होने जा रहा है।

तीन दिवसीय आयोजित अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में केवल भारत ही नहीं अपितु विदेशों से भी प्रतिनिधि अधिवेशन का हिस्सा बनने के लिए गोरखपुर में पहुँचेंगे तथा अलग भाषा, अलग वेश के समागम से भारत की एकता और अखंडता के दिव्य स्वरूप को देखने का अवसर प्राप्त होगा।

अभाविप के 70 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में संगठन के 75 वर्षों की गौरवशाली संगठनात्मक यात्रा के विभिन्न चरणों से छात्रों को परिचित कराने शिक्षा तथा सामाजिक क्षेत्र में हुए आंदोलनों में विद्यार्थी परिषद के योगदान, देश के विभिन्न क्षेत्रों से राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग ले रही छात्रशक्ति द्वारा देश की अनेकता में एकता का स्वरूप दिखाई देगा। अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में एक वर्ष के संगठन कार्यो पर आधारित एक भव्य प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में अभाविप द्वारा किये गये क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया जायेगा। अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं एवं प्राध्यापक शिक्षा, समाज तथा समसामयिक जैसे विषयों पर मंथन करेंगे।

विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में वोकल फ़ॉर लोकल के नारे को साकार करने के लिए गोरखपुर के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट टेराकोटा के साथ ही साथ मुबारकपुर की साड़ी का भी स्टॉल लगाया जाएगा जिसके माध्यम से राष्ट्रीय अधिवेशन में आये प्रतिनिधियों को आत्मनिर्भर भारत का संदेश देने का प्रयास किया जायेगा।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि अभाविप छात्रों के हित एवं उन्नयन हेतु सदैव ही कार्य करती रहती है। अभाविप के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन मंथन, मंचन और मंत्रणा का मंच है जो विचार-विमर्श, कला एवं रचनात्मकता एवं शिक्षा तथा राष्ट्र पुनर्निर्माण से जुड़े विषयों पर पूरे देश के प्रतिनिधियों को एक साथ सम्मिलन और सहभाग का अवसर देता है। यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण है कि विश्व के सबसे बड़े राष्ट्रवादी छात्र संगठन का इस वर्ष का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन गोरखपुर में आयोजित होने जा रहा है, गोरखपुर ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत ही समृद्ध स्थान है। पूरे देशभर से अभाविप के कार्यकर्ता 70 वें राष्ट्रीय अधिवेशन का हिस्सा बनने के लिए गोरखपुर में आयेंगे तथा इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से भाग ले रही छात्रशक्ति द्वारा देश की अनेकता में एकता का स्वरूप दिखाई देगा।

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि गोरखपुर में आयोजित अभाविप का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन देश के विद्यार्थियों की आवाज को एक माध्यम देने वाला सिद्ध होगा। अभाविप ने देश के युवाओं को एकत्रित कर उन्हें सकारात्मक दिशा प्रदान करने का कार्य किया है, देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में संस्कार और मूल्यों से परिपूर्ण गुणवत्तायुक्त शिक्षा की बात विद्यार्थी परिषद करती है।देश एक सुखद दौर से गुजर रहा है भारत रोजगार प्रदान करने का देश बन रहा है, भारत ने आपदा को अवसर में बदलकर विश्व के सामने एक मिशाल प्रस्तुत किया है।

*खाद के लिए लगी किसानों की लंबी कतार*

खजनी गोरखपुर।स्थानीय किसानों ने रबी की फसलों की बुवाई की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अपने खेतों में पैदावार बढ़ाने के लिए साधन सहकारी समितियों पर डीएपी और यूरिया खाद खरीदने के लिए किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं।

वहीं कई समितियों पर खाद नहीं पहुंचने के कारण वहां ताला लटका नजर आ रहा है।

प्रदेश में डीएपी खाद की 50 किलो की बोरी का सरकारी मूल्य 1350₹ तथा 45 किलो यूरिया खाद का मूल्य 266.50 रूपए निर्धारित किया गया है।

स्थानीय किसानों में राम जतन, सुभाष यादव, दीपू सिंह, बालेश्वर पासवान, रंगनाथ, रामवृक्ष सिंह, मनोहर, जगदीश शर्मा आदि ने बताया कि यूरिया खाद 270₹ और डीएपी 1370₹ में एक बोरी मिल रही है।