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प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका हुई खारिज, रेप और यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी

डेस्क: कर्नाटक हाई कोर्ट से निलंबित जनता दल (एस) के नेता प्रज्वल रेवन्ना को झटका लगा है। रेप और यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस नागप्रसन्ना की अदालत ने एक महीना पहले इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न और रेप के तीन मामले दर्ज हैं।

इससे पूर्व न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की पीठ ने पहले मामले में रेवन्ना के आवेदन और इसी तरह की शिकायतों से संबंधित दो अग्रिम जमानत याचिकाओं पर दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान अदालत ने वकीलों को निर्देश दिया कि वे पीड़ितों के नाम का जिक्र करने से बचें, इसके बजाय वे मामले से जुड़े दस्तावेजों में विशिष्ट विवरण का जिक्र करें। रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने घटनाओं के वक्त का जिक्र करते हुए जोर दिया था कि जिस महिला ने इससे पहले रेवन्ना पर अवैध तरीके से उसके घर से निकाले जाने का आरोप लगाया था उसने शुरू में उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप नहीं लगाया था।

नवदगी ने आगे दलील दी थी कि फोरेंसिक रिपोर्ट में कथित वीडियो से रेवन्ना के संबंध का पता नहीं चलता और पीड़ित एवं उसकी बेटी के बयानों में विरोधाभास को रेखांकित किया। नवदगी ने रेवन्ना के फोन में इस तरह के किसी आपराधिक वीडियो के होने से इनकार किया। उन्होंने यह भी दलील दी कि जिस फोन को लेकर सवाल किया जा रहा है वह रेवन्ना के ड्राइवर कार्तिक का है और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की रिपोर्ट अधूरी थी।

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66ई के तहत आरोपों पर नवदगी ने कहा था कि ये आरोप रेवन्ना पर सीधे तौर पर नहीं लगाए हैं। उन्होंने शिकायत में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए दलील दी थी कि इस मामले में देरी को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। राज्य की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रवि वर्मा कुमार ने दलील दी थी कि पीड़ित को रेवन्ना ने धमकाया था और उसने शिकायत में देरी की वजह भी बताई थी। रवि वर्मा कुमार ने जोर देकर कहा कि पीड़ित के बाद के बयान में धमकी का जिक्र है। उन्होंने यह भी कहा था कि फोरेंसिक साक्ष्य रेवन्ना के खिलाफ विशेषकर पीड़ित की बेटी के संबंध में उसके आरोपों का समर्थन करते हैं।

रेवन्ना ने अपना फोन नहीं सौंपा था: विशेष लोक अभियोजक

हाई कोर्ट ने एफएसएल की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया, जबकि विशेष लोक अभियोजक कुमार ने एक बार फिर याचिकाकर्ता की धमकियों और पीड़ित को चुप कराने के प्रयासों का हवाला देते हुए शिकायत में देरी को सही ठहराया था। कुमार ने यह भी दलील दी थी कि रेवन्ना ने अपना फोन नहीं सौंपा था, जिसमें कई अहम सूचना थी और न्याय से बचने के लिए वह देश छोड़कर चले गए थे। इन दलीलों के बाद अदालत ने जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। रेवन्ना हालिया लोकसभा चुनाव में हासन सीट से हार गए थे। 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो वाले पेन-ड्राइव कथित तौर पर हासन में प्रसारित होने के बाद यौन शोषण के मामले सामने आए थे।

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, ठुकराई गई मानहानि की याचिका, जानिए क्या है मामला?

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में जारी समन रद्द करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज की है। 

 

अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत से जारी समन को चुनौती देते हुए मामले पर रोक लगाने की मांग की थी। पहले गुजरात हाई कोर्ट ने भी केजरीवाल की मांग को ठुकरा दिया था। अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट इसी मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की मांग ठुकरा दी थी।

बता दें कि गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की टिप्पणियों के खिलाफ मानहानि का मामला दाखिल कर रखा है। इस पर गुजरात हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं दी है।

हाई कोर्ट के इसी फैसले को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की मांग है कि उनके खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले पर रोक लगाई जाए।

चक्रवाती तूफान 'दाना' मचाएगा तबाही! जानिए कब देगा दस्तक? कई राज्यों के लिए जारी हुआ बारिश का अलर्ट

डेस्क: बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना 'कम दबाव का क्षेत्र' 23 अक्टूबर (बुधवार) तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को यह जानकारी दी है। चक्रवाती तूफान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को प्रभावित कर सकता है। मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मछुआरों को सोमवार तक समुद्री तटों से लौटने की सलाह दी है।

मौसम विभाग ने इस चक्रवाती तूफान 'दाना' (Dana) नाम दिया गया है इसके साथ ही कई राज्यों के मौसम में खासा बदलाव आएगा। मौसम विभाग ने देश के कई हिस्सों के लिए बारिश का भी अलर्ट जारी किया है।

चक्रवात के लैंडफॉल का सटीक स्थान अभी पता नहीं चला है। एक रिपोर्ट के अनुसार ये चक्रवात पुरी में लैंडफॉल कर सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि रविवार को उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवात ने पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना दिया है।

आईएमडी ने कहा, 'बंगाल की खाड़ी से उठ रहा ये चक्रवात पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और मंगलवार की सुबह में ये तेज हो जाएगा। 23 अक्टूबर यानी बुधवार तक पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान में बदल जाने की पूरी संभावना है।

मौसम विभाग ने कहा कि इस तूफान के उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने तथा 24 अक्टूबर की सुबह तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के पास बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में पहुंचने की अत्यधिक संभावना है।

मौसम विभाग ने कहा कि तटीय क्षेत्र में कुछ स्थानों पर 24-25 अक्टूबर को 20 सेमी बारिश हो सकती है। बारिश की तीव्रता 20 से 30 सेमी तक बढ़ सकती है। चक्रवाती तूफान के चलते कुछ स्थानों पर 30 सेमी से अधिक भी बारिश हो सकती है।

चक्रवात तूफान के चलते कटक, नयागढ़, कंधमाल और गजपति में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनापुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में भी भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने कहा कि कोलकाता, हावड़ा, हुगली और झारग्राम में 23 से 24 अक्टूबर के बीच भारी बारिश हो सकती है। कोलकाता के मौसम कार्यालय ने कहा।

महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर सुलझा पेंच? संजय राउत का बड़ा बयान, बोले 'बस शाम तक का इंतजार करिए'

डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। महाविकास अघाड़ी में अभी सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। कहा जा रहा है कि ज्यादातर सीटों पर फैसला हो चुका है और कुछ सीटों के लिए बात हो रही है। गठबंधन में शामिल पार्टियां मंगलवार को संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस करने वाली हैं। उससे पहले शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा है कि सब साफ हो जाएगा, बस शाम तक का इंतजार कीजिए।

कहा जा रहा है कि शरद पवार की मध्यस्थता का असर दिख रहा है, जिससे शिवसेना(UBT) और कांग्रेस में जारी तनाव थोड़ा कम हुआ है। इसकी वजह ये है कि संजय राउत के तेवर नरम पड़ गए हैं और उन्होंने कहा है कि अब एक दो सीट को छोड़कर कोई मतभेद नहीं है। आज शाम तक सीट शेयरिंग पर जारी सारी बातें दूर हो जाएंगी और जल्द ही उम्मीदवारों के नाम जारी हो सकते हैं।

संजय राउत ने कहा कि राजनीति में हम कई वर्षों से काम कर रहे है, सबको लगता है कि हमें ज्यादा सीट मिलनी चाहिए। राजनीति में थोड़ा बहुत त्याग करना पड़ता है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, उनके सभी फैसले दिल्ली में होते हैं। लोकसभा चुनाव में हमने रामटेक, अमरावती और कोल्हापुर सीट पर बड़ा दिल दिखाया था। उद्धव ठाकरे ने हमारे उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है।

कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा, "...(महा विकास अघाड़ी में) कोई मतभेद नहीं है। हम एकजुट हैं। सीटों को लेकर बातचीत चल रही है, इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। आज हमारी सीईसी की बैठक है।" वहीं कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, "आज (उम्मीदवारों की) स्क्रीनिंग की जा रही है। CEC की बैठक होने वाली है।"

कनाडा की खुफिया एजेंसी के लिए काम करते हैं खालिस्तान समर्थक', राजदूत संजय कुमार वर्मा का गंभीर आरोप

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भारत और कनाडा के तनाव भरे रिश्ते के बीच कनाडा में वापस बुलाए गए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा नएमे गंभीर आरोप लगाया है। कनाडा में भारतीय हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा ने देश लौटने से पहले दावा किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की बड़ी संपत्ति हैं।

कनाडा के सीटीवी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में संजय वर्मा ने कनाडाई सरकार पर खालिस्तानी चरमपंथियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। संजय वर्मा ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों को हर समय प्रोत्साहित किया जा रहा है।

भारतीय राजदूत ने कहा, खालिस्तानी चरमपंथियों को हर समय प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह मेरा आरोप है, मैं यह भी जानता हूं कि इनमें से कुछ खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी सीएसआईएस के जासूस हैं, मैं फिर से कोई सबूत नहीं दे रहा हूं। संजय कुमार वर्मा ने आगे कहा कि कनाडा सरकार को हमारी मुख्य चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा, हम केवल इतना चाहते हैं कि वर्तमान कनाडाई शासन, वर्तमान सरकार हमारी मुख्य चिंताओं को ईमानदारी से समझे, न कि उन लोगों के साथ मिलकर काम करे जो भारतीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में क्या होता है, यह भारतीय नागरिकों की तरफ से तय किया जाएगा।

वहीं, राजदूत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में ओटावा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से भी इनकार किया।ट्रुडो सरकार के आरोपों पर संजय वर्मा ने कहा, कोई सबूत पेश नहीं किया गया। ये राजनीति से प्रेरित है। मुझे देखने दीजिए कि वह (विदेश मंत्री मेलानी जॉय) किस ठोस सबूत के बारे में बात कर रही हैं। जहां तक ​​मुझे चिंता है, वह राजनीतिक तौर पर बात कर रही हैं। भारत के उच्चायुक्त के तौर पर मैंने कभी इस तरह का कुछ नहीं किया। कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की निगरानी करना राष्ट्रीय हित का मामला है और उनकी टीम खुले सोर्सेज के माध्यम से जानकारी इकट्ठा करती है।

बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे. भारत ने आरोप को बेतुका और प्रेरित बताया था। भारत ने कनाडा सरकार पर अपने आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत देने को कहा था, लेकिन ट्रूडो ऐसा नहीं कर पाए। इसके बाद पिछले सप्ताह, कनाडाई पीएम ट्रूडो ने भारत सरकार पर कई और गंभीर आरोप लगाए। कनाडा सरकार ने निज्जर हत्या मामले की जांच में वरिष्ठ राजनयिकों को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट बताया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए। भारत ने अपने राजदूत वापस बुला लिए। वहीं पिछले हफ्ते ही एक भाषण में ट्रूडो ने कहा कि कनाडा सरकार के दावे खुफिया जानकारी पर आधारित थे, न कि ठोस सबूतों पर।

खालिस्तानी या आतंकी, दिल्ली ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ?

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त्योहारी सीजन में देश की राजधानी

दिल्ली के बाजारों में रौशन बढ़ गई है। बाजारों में भीड़-भाड़ देखी जा रही। हालांकि इसके साथ ही खतरा भी बढ़ गया है। रविवार को रोहिणी इलाके में हुआ ब्लास्ट इसकी तस्दीक करा रहा है। रोहीणी ब्लास्ट के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इसे पीछे कौन है? हमले के बाद खालिस्तान के 'स्लीपर सेल' की चर्चा हो रही है। वहीं, इसका पाकिस्तान से भी कनेक्शन होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए इस बम धमाके के पीछे अब खालिस्तानी साजिश की आंशका व्यक्त की है। हालांकि किसी आंतकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस और बाकी एजेंसियां भी हर तरह से इस मामले की जांच कर रही हैं।

एक टेलीग्राम चैनल जस्टिस लीग इंडिया पर धमाके का वीडियो मिला है। दिल्ली में विस्फोटक हमला खालिस्तान के पीछे था, यह दावा सबसे पहले इसी चैनल ने किया था। वीडियो के साथ संदेश में दावा किया गया था कि खालिस्तानी कार्यकर्ता हमले के पीछे थे और भारत के खिलाफ किसी भी समय हमला करने की क्षमता रखते हैं।

उसके बाद इस मैसेज को पाकिस्तान से चैनल वाले कई टेलीग्राम चैनल पर सर्कुलेट किया गया। ये वो तमाम टेलीग्राम चैनल हैं, जिसमें ज्यादातर कश्मीर में होने वाले आतंकी गतिविधियों की टीआरएफ की अपडेट्स शेयर की जाती हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है की इसके पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस आईएसआई का ही रोल है और इस बम ब्लास्ट से खालिस्तान का एंगल जोड़कर खालिस्तान उग्रवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल इन्हें प्रोपोगेंडा की तरह देखा जा रहा है। धमाके की जांच की जा रही है। अभी तक इसमें कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है और न ही किसी संगठन का नाम सामने आया है। जांच एजेंसियां इन सभी मैसेज की बारीकी से जांच कर रही हैं।

हरियाणा में मंत्रालयों का बंटवारा, सीएम सैनी के पास गृह-वित्त समेत कुल 12 विभाग,जानें और किसे क्या मिला

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार देर रात अपनी कैबिनेट के विभागों का बंटवारा कर दिया। सीएम ने गृह, वित्त और आबकारी समेत कुल 12 विभाग अपने पास रखे हैं, जबकि सात बार के विधायक व सबसे वरिष्ठ नेता अनिल विज को ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट और श्रम विभाग दिया गया है। विपुल गोयल को भी भारी भरकम विभाग दिए गए हैं। उनके पास रेवेन्यू व डिजास्टर, निकाय विभाग, सिविल एविएशन विभाग रहेगा।

किसे मिला कौन सा मंत्रालय?

-अनिल विज ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग के मंत्री होंगे।

-कृष्णलाल पंवार पंचायत और खनन मंत्री बनाए गए हैं।

-राव नरबीर सिंह उद्योग एवं वाणिज्य, पर्यावरण वन समेत 4 विभाग के मंत्री होंगे।

-महिपाल ढांडा स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री होंगे।

-विपुल गोयल को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय और सिविल एविएशन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

-अरविंद शर्मा को सहकारिता, जेल एवं पर्यटन समेत 4 विभाग दिए गए हैं।

-श्याम सिंह राणा को कृषि, पशुपालन एवं डेयरिंग और मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया।

-रणबीर गंगवा को जनस्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया।

-कृष्ण कुमार बेदी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता समेत 3 विभाग मिले।

-श्रुति चौधरी को महिला एवं बाल विकास और सिंचाई विभाग की मंत्री बनाया गया।

-आरती राव को स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन और आयुष विभाग की मंत्री बनाया गया।

-राजेश नागर को खाद्य एवं आपूर्ति एवं प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग की जिम्मेदारी मिली।

-गौरव गौतम को खेल समेत 3 विभाग का मंत्री बनाया गया।

बता दें कि आठ अक्टूबर को जब हरियाणा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को राज्य में ऐतिहासिक जीत मिली। बीजेपी ने हरियाणा ने जीत की हैट्रिक लगाई है।पिछले 10 से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। बीजेपी को 48 सीटें मिलीं। हरियाणा में नई सरकार के गठन को लेकर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में नायब सिंह सैनी को एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुना गया और राज्य की कमान एक बार फिर से उन्हीं को सौंपने का फैसला किया गया।

महाराष्ट्र चुनाव की तारीख पर संजय राउत ने उठाए सवाल, कहा- ये बीजेपी की चाल है

डेस्क: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए केवल 48 घंटे का समय निर्धारित किया जाना बीजेपी की चाल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार बनाने का दावा करने में असमर्थ हो जाए।

बता दें कि मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, "अमित शाह के साथ-साथ बीजेपी ने यह स्वीकार कर लिया है कि पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी। ऐसा लगता है कि महा विकास आघाड़ी को सरकार बनाने के बारे में चर्चा करने और फैसला लेने के लिए समय समिति करने की रणनीति है। अगर MVA के घटक दावा करने में विफल रहते हैं, तो राज्यपाल छह माह के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करेंगे।"

उन्होंने दावा किया कि बीजेपी MVA को सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए यह कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोजन ने चुनाव कार्यक्रम इस तरह तय किए हैं कि यह MVA के प्रभावी रूप से सरकार बनाने के अवसर को सीमित कर देता है।" शिवसेना-यूबीटी नेता ने यह भी कहा कि मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिसका मतलब है कि एमवीए के घटक दलों- शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और अन्य छोटे दलों के पास सरकार बनाने के लिए केवल 48 घंटे होंगे। उन्होंने कहा, यह सही नहीं है।

राउत ने आरोप लगाया, "चुनाव आयोग का यह कदम बीजेपी प्रवक्ता के समान है। आयोग EVM का समर्थन करता है, लेकिन जब हम हरियाणा चुनावों में इन मशीनों के साथ कथित छेड़छाड़ के बारे में कहते हैं तो यह चुप्पी साध लेता है। आयोग ने लोकसभा चुनावों के दौरान धन के दुरुपयोग की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।" संजय राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के चुनावों के ऐलान से ठीक पहले लगभग 200 विधानसभा क्षेत्रों में 15 करोड़ रुपये वितरित करने का फैसला किया और यह सरकार का धन था।

चीन की खुशामद में उतरे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली, किया ये बड़ा ऐलान

डेस्क: नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली पूरी तरह से चीन की बीन बजाने लगे हैं। उन्होंने रविवार को चीन की खुशामद में बड़ा ऐलान कर डाला है। भारत से अपने संबंधों को पूर्व कार्यकाल में ही बिगाड़ चुके केपी ओली का इस कार्यकाल में फिर से चीन प्रेम उमड़ पड़ा है। केपी ओली ने कहा कि देश में चीन विरोधी गतिविधियां नहीं होने दी जाएंगी और यह ‘एक चीन’ नीति का समर्थन करता है। ओली ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य चेन जिनिंग के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में यह टिप्पणी की।

यह बैठक काठमांडू के बालूवातार में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आधिकारिक आवास पर हुई। ‘एक चीन’ नीति के प्रति नेपाल की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए ओली ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि नेपाल की सीमा में कोई भी चीन विरोधी गतिविधि नहीं होने दी जाएगी। चीन का दावा है कि अलग हुआ देश ताइवान उसका हिस्सा है और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले सभी देशों के लिए 'एक चीन' नीति का पालन करना अनिवार्य है।

बीजिंग के लिए बैठक के दौरान इतना बड़ा ऐलान करने वाले ओली को अब नेपाल के आर्थिक विकास के लिए चीन से निरंतर समर्थन की आशा है। प्रधानमंत्री के सचिवालय के अनुसार, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) पार्टियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और सहयोग बढ़ाने के बारे में भी बातचीत हुई। ओली सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष हैं और उन्हें चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है।

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में हुई 10वीं गिरफ्तारी, राजस्थान का रहने वाला है आरोपी, शूटरों को मुहैया करवाए थे हथियार

डेस्क: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस हत्याकांड में ये 10वीं गिरफ्तारी है। आरोपी की पहचान भागवत सिंह के रूप में हुई है और वह 32 साल का है।

भागवत की गिरफ्तारी नवी मुंबई के बेलापुर से हुई है। वह राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, भागवत सिंह हमले के दिन तक मुंबई के बीकेसी इलाके में रह रहा था। जांच के दौरान यह सामने आया कि भागवत सिंह ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध कराए थे।

बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र की सियासत में एक चर्चित चेहरा थे। वह इसी साल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित गुट) में शामिल हुए थे। उन्हें भव्य इफ्तार पार्टियां करने के लिए जाना जाता था, जिसमें सलमान खान, शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड के नामचीन सितारे शामिल होते थे। बॉलीवुड के तमाम छोटे-बड़े सितारों से उनकी पार्टियां जगमग रहती थीं। वह 48 सालों तक कांग्रेस में रहे थे और बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक भी रहे। वह महाराष्ट्र में राज्य मंत्री भी रह चुके थे।

शनिवार (12 अक्टूबर) को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बहुत बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया था। शनिवार रात बांद्रा इलाके में NCP अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था।

महाराष्ट्र की सियासत में बाबा सिद्दीकी एक बड़ा नाम थे। उनके निधन पर देशभर के बड़े नेताओं ने दुख प्रकट किया था। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया था। सीएम ने इस मामले में हाई लेवल जांच की बात कही थी। बाबा के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख प्रकट किया था।