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अंबिकापुर से हवाई सेवा की तैयारी, पीएम मोदी 20 अक्टूबर को प्रदेशवासियों को समर्पित करेंगे मां महामाया एयरपोर्ट
अंबिकापुर-  रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर के बाद अब प्रदेश के चौथे शहर अंबिकापुर से नियमित हवाई सेवा की तैयारी शुरू हो गई है. इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को दिल्ली से वर्चुअल जुड़ते हुए दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट को प्रदेशवासियों को समर्पित करेंगे. 

अंबिकापुर-मैनपाट मार्ग पर ग्राम दरिमा में वर्ष 1950 से हवाई पट्टी थी, जिसका विकास हवाई अड्डे के रूप में किया गया है. विमान सेवा शुरू होने के पहले से ही दरिमा का हवाई पट्टी विशिष्टजनों के प्रवास का गवाह रही है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दो बार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार विमान से दरिमा आ चुके हैं. अब भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना उड़ान योजना के तहत दरिमा एयरपोर्ट को नियमित उड़ान के लिए लाइसेंस मिल गया है.

निजी विमानन कम्पनी को मिलेगा जिम्मा

अम्बिकापुर के दरिमा विमानतल से हवाई सेवा के लिए केंद्र सरकार निजी विमानन कम्पनी को ठेका देगी. अंबिकापुर के निकटतम बिलासपुर एयरपोर्ट से देश के विभिन्न महानगरों के लिए अलायंस एयर कम्पनी द्वारा सुविधा मुहैया कराई जा रही है.

रायपुर दक्षिण उपचुनाव : मुख्यमंत्री साय ने कहा- विपक्ष को कमजोर नहीं समझते, लेकिन हम रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे

रायपुर-   रायपुर दक्षिण उपचुनाव का बिगुल बच चुका है. तारीख के ऐलान के साथ राजनीतिक दल खासकर भाजपा और कांग्रेस जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आत्मविश्वास भरा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम इस चुनाव को एक चुनौती मानते हैं. सामने वाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए. रायपुर दक्षिण सीट भारतीय जनता पार्टी की है, बृजमोहन अग्रवाल 8 बार लगातार विजयी हुए हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में बड़े मार्जिन से जीते हैं. निश्चित रूप से इस सीट को भाजपा भारी मतों से जीतेगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह बयान हरियाणा दौरे पर रवाना होने से पहले दिया. मुख्यमंत्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा भी हरियाणा के लिए रवाना हुए. मुख्यमंत्री साय ने दौरे को लेकर कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में जा रहे हैं, दोनों उपमुख्यमंत्री भी साथ जा रहे हैं. शपथ के बाद प्रधानमंत्री के साथ बैठक भी है.

रायपुर दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू होगी. नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर होगी. 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी. वहीं नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2023 में बृजमोहन अग्रवाल ने शानदार जीत दर्ज की थी. जिसके बाद भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें शिक्षा विभाग सौंपा गया था. उसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा से टिकट दी गई थी, जिसमें उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी. उनकी जीत के बाद रायपुर दक्षिण एक मात्र ऐसी सीट है, जहां उपचुनाव हो रहा है.

ED को मिली आरोपियों से जेल में पूछताछ की अनुमति, नार्को टेस्ट पर 26 अक्टूबर को होगी सुनवाई

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मांग पर सभी आरोपियों से जेल में पूछताछ करने की अनुमति दी है। मामले में अब अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।

बता दें कि इससे पहले EOW ने कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने की अनुमति के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था। इसके विरोध में बचाव पक्ष ने आज कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई है। अब 26 अक्टूबर को दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी। सभी आरोपी फिलहाल EOW की न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल में बंद हैं।

ईओडब्ल्यू के वकील सौरभ कुमार पांडे ने बताया कि कोयला घोटाला मामले में ईडी की जांच चल रही है। अनुसंधान में कई जानकारियां सामने आई हैं। साथ ही कई लोगों के बयान में गिरफ्तार आरोपियों की संलिप्तता की जानकारी मिली है, जिसकी पुष्टि के लिए कोर्ट से पूछताछ की अनुमति मांगी गई है।

क्या है कोयला घोटाला मामला?

छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था। इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव की तैयारी में जुटे भाजपाई : संगठन महामंत्री साय और स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने ली बैठक
रायपुर-   रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव की तारीख घोषित होते ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. आज एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आवश्यक बैठक हुई, जिसमें प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, स्वास्थ्य मंत्री और रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के संयोजक श्यामबिहारी जायसवाल ने भाजपाइयों को मार्गदर्शन देते हुए उपचुनाव में एक बार फिर भाजपा की रिकॉर्ड मतों से जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

बता दें कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लिए 18 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी और 13 नवंबर को मतदान के बाद 23 नवंबर को नतीजा जाएगा. भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने आज रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर बैठक ली, जिसमें रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रमुख पार्टी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता उपस्थित थे.

प्रदेश संगठन महामंत्री साय ने बैठक में मंडल, शक्ति केंद्र एवं बूथ स्तर की जानकारी ली एवं बैठक में आए सभी लोगों का मार्गदर्शन किया. संगठन महामंत्री पवन साय ने कहा कि जनता का जो विश्वास हम पर लगातार कायम है वह विश्वास हमें फिर प्राप्त करना है. इस मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के संयोजक श्यामबिहारी जायसवाल ने भी चुनाव के मद्देनजर आवश्यक मार्गदर्शन देते हुए आगामी उपचुनाव में एक बार फिर भाजपा की रिकॉर्ड मतों से जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

बैठक में भाजपा संभाग प्रभारी सौरभ सिंह, पूर्व सांसद सुनील सोनी, दक्षिण विधानसभा प्रभारी विजय केसरवानी जिला अध्यक्ष जयंती पटेल, महामंत्री रमेश सिंह ठाकुर, सत्यम दुबा, मोहन एंटी मंत्री अकबर अली, भाजपा मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल सच्चिदानंद उपासना सुभाष तिवारी, जेपी शर्मा, मिर्जा एजाज बाग, मीनल चौबे, सरिता वर्मा, सरिता दुबे, मनोज वर्मा, मंडल अध्यक्ष महेश शर्मा, मुकेश पंजवानी, सालिक ठाकुर, प्रवीण दौवड़ा उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कोलता समाज वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए

महासमुंद-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बसना विकासखंड के गढ़फुलझर में बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज द्वारा आयोजित बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय रामचंडी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। साथ में छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल, ओ.पी. चौधरी, सांसद रूपकुमारी चौधरी, बसना विधायक सम्पत अग्रवाल, महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, सरायपाली विधायक चातुरी नंद मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कोलता समाज द्वारा आयोजित गरिमामय कार्यक्रम मे शामिल होना सौभाग्य की बात है। सौभाग्य है कि आप सबका दर्शन लाभ लेने आए है। उन्होंने कोलता समाज को रामचंडी दिवस और शरद पूर्णिमा की बधाई दी। कोलता समाज द्वारा मुख्यमंत्री का हुलहुली बजाकर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह समाज बड़ा शिक्षित, समृद्ध है। यह समाज भारतीय समाज, संस्कृति एवं परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है, जो दूसरे समाज को प्रेरणा देने वाला समाज है, कृषक समाज है। उन्होंने कहा कि ओडिशा की संस्कृति प्राचीन संस्कृति है और छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से इस राज्य से जुड़ा है। दोनों प्रदेश के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों के अचार-विचार मिलते हैं।

श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी के अनुरूप हम काम कर रहे है। तेंदूपत्ता संग्रहण के माध्यम से 13 लाख परिवारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, जिससे आदिवासी और वनवासी समुदायों की आजीविका को बढ़ावा मिल रहा है। रामलला दर्शन योजना से लाखों श्रद्धालुओं को धार्मिक यात्रा और दर्शन की सुविधा दी जा रही है, जिससे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने युवाओं से नशा के खिलाफ जागरूक होने की अपील की, जिससे समाज स्वस्थ और प्रगतिशील बन सके। उन्होंने सभी को शासकीय योजना का लाभ लेने आह्वान भी किया और कहा कि समाज के सभी वर्ग सामने आएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गढ़फुलझर मे सर्व समाज मंगल भवन के लिए 50 लाख रूपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रामचंडी गढ़ फुलझर क्षेत्र को पर्यटन के रूप मे विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उड़ीसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली सड़क को बेहतर और उन्नत बनाया जाएगा, जिससे परिवहन और संपर्क में सुधार होगा, और दोनों राज्यों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल ने सभी समाज के लिए सर्व मंगल भवन के लिए घोषणा के लिए अनुरोध किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 21 क्विंटल धान की खरीदी का प्रबंध किया है, साथ ही किसानों को बोनस भी प्रदान किया जा रहा है। 18 लाख गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराने की योजना है। 9 लाख 25 हजार गरीबों को पहली किश्त वितरित की गई है। 70 लाख महिलाओं (दीदियों) को हर महीने 1,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। ऐसे मुख्यमंत्री का अभिनन्दन है।

सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि यहां मौजूद होना सौभाग्य की बात है। इस अवसर पर उन्होंने उड़ीसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली सड़क के उन्नयन की मांग की।

बसना विधायक सम्पत अग्रवाल ने कहा कि रनेश्वर रामचंडी मंदिर सिद्ध मंदिर है। यहाँ जो भी मन्नत मांगी जाती है पूरी होती है। यह क्षेत्र आदिवासी राजा का गढ़ रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने और कोरिडोर बनाने की मांग की है। पद्मपुर से गढ़फुलझर सड़क को क़ृषि महाविद्यालय खोलने सर्व जन मंगल भवन, 100 बिस्तर अस्पताल, बसना मे ट्रामा सेंटर, अधूरे जोक परियोजना, फुलवारी ग्राम को राजस्व रिकॉर्ड मे दर्ज करने की मांग उनके द्वारा की गई।

कार्यक्रम में पूर्व सांसद चुन्नी लाल साहू, पूर्व राज्य मंत्री पूनम चंद्राकर, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू सहित समाज के पदाधिकारी, सदस्य और बड़ी संख्या मे श्रद्धांलुगण मौजूद थे।

मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जी द्वारा रावण से रण में विजय पाने हेतु देवी की 9 दिन तक देवी की उपासना की गई थी। राम साधक के रूप के कठोर साधना कर चंडी को प्रसन्न किये, उनसे विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। उसी समय से देवी के उस स्वरुप का नाम रनेश्वर रामचंडी पड़ा। माता रनेश्वर रामचंडी बाबा बिशा सहे कोलता समाज की कुल देवी के रूप में फुलझर के गढ़ में प्रतिष्ठित हैं। जहाँ एक और राजा तालाब और एक और रानी तालाब है। यहाँ आदिवासी भैना राजा का राज्य था. जिन्होंने गुरु नानक देव जी को 4 एकड़ भूमि देकर एवं गांव का नाम नानक सागर कर सम्मानित किया। सन 2004 में रनेश्वर रामचंडी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई। तब से प्रत्येक वर्ष रामचंडी दिवस का आयोजन धूमधाम से होता हैं। यह आयोजन का 20वा वर्ष है। छत्तीसगढ़ में 306, गांव में कोलता समाज निवासरत है। जिसे 4 अंचल में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत 30 शाखा सभा आते हैं, प्रत्येक 100, व्यक्ति में एक ग्राम प्रतिनिधि होते हैं. कोलता समाज प्रमुख रूप से क़ृषि कार्य करते हैं. सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और परंपरा तथा जड़ से जुड़े रहने वाले होते हैं। शिक्षा के प्रति विशेष आग्रह रखने वाले, धार्मिक तथा सेवाभावी होते हैं।

रामचंडी दिवस में छत्तीसगढ़ के 8 तथा ओड़िसा के 12 जिले के लोग उपस्थित होते होते हैं. इस कार्यक्रम में कोलता समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी उपस्थित होते हैं। यह पर्व और माता का यह स्वरुप शक्ति और मर्यादा का समन्वित रूप है।

लोहारीडीह कांड पर भूपेश बघेल का बड़ा बयान, कहा – मामला दबाने की कोशिश कर रहे थे गृहमंत्री और एसपी
रायपुर-    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली दौरे से लौटे. उन्होंने एयरपोर्ट पर लोहारीडीह मामले में बड़ा बयान दिया है. भूपेश बघेल ने कहा, गृह मंत्री और एसपी मामले को लगातार दबाने की कोशिश कर रहे थे. वहां के विधायक, वर्तमान में गृह मंत्री सभी की भूमिका संदिग्ध है. हाईकोर्ट की निगरानी में घटना की जांच होनी चाहिए.

पूर्व सीएम बघेल ने कहा, सरकार 167 लोगों को फांसी की सजा दिलाना चाहती है. सरकार उनकी जान लेना चाहती है. लोहारीडीह मामले की सही जांच होनी चाहिए. मामले की फिर से विवेचना करने की जरूरत है. हाईकोर्ट में सीटिंग जज की निगरानी में एसआईटी गठन करके इसकी जांच की जाए. विजय शर्मा कुछ कह रहे हैं और तत्कालीन एसपी का बयान कुछ और कह रहा है. बैगा जनजाति की हत्या हुई तब तत्कालीन एसपी ने आत्महत्या करार दिया था. गृह मंत्री देर रात निकलते हैं और लोगों को धमकाने का काम करते है.

धान खरीदना नहीं चाहती सरकार

धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू होने पर भूपेश बघेन ने कहा, पर्याप्त समय नहीं मिल रहा. 160 मिट्रिक टन धान का लक्ष्य रखा गया है. 14 नवंबर से शुरू करने की बात कही गई है. 75 दिन का समय मिलता है. 35 दिन छुट्टियों में निकल जाएगा. केवल 40 दिन किसानों के लिए बचेगा. 40 दिन में 160 लाख ट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य कैसे पूरा होगा. लक्ष्य तय होगा या नहीं संभव नहीं नजर आ रहा. यह सरकार कुल मिलाकर धान खरीदना नहीं चाहती है.

आगामी रायपुर दक्षिण चुनाव और महाराष्ट्र के ऑब्जर्वर की जिम्मेदारियाें के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा, एक साथ दोनों हो जाएगा. इतने सब बड़ा संगठन इतने सारे लोग हैं, सभी काम हो जाएंगे. कितना बड़ा है कितना दूर है. बस्तर सरगुजा के विधानसभा तो नहीं है.

अनुकंपा नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा, अभी तो सिर्फ कहा गया है, मिल जाए तब बताइएगा. वहीं एसआई अभ्यर्थियों के मामले पर कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी एसआई अभ्यर्थियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है.

बेटे पर FIR को लेकर विधायक ईश्वर साहू की प्रेस कांफ्रेंस: पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप, कहा-

बेमेतरा-  साजा विधायक ईश्वर साहू ने अपने बेटे पर दर्ज एफआईआर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। साहू ने कहा कि बिना किसी जांच के उनके बेटे कृष्णा साहू पर SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधी उनकी लोकप्रियता को कम करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। साहू का दावा है कि जब राजनीतिक विरोधी उन्हें नहीं हरा पाए, तो उन्होंने उनके बेटे को फंसाने की कोशिश की।

क्या है मामला?

बता दें कि यह मामला 13 अक्टूबर की रात ग्राम चेचानमेटा में दशहरा कार्यक्रम के दौरान हुए विवाद से जुड़ा है। आदिवासी समाज के अनुसार, दशहरा कार्यक्रम के दौरान रात 11 बजे मनीष के दोस्त राहुल और विधायक पुत्र कृष्णा साहू के बीच विवाद हुआ। जब मनीष ने बीच-बचाव किया, तो विधायक पुत्र ने जातिगत गाली-गलौज करते हुए हाथ के कड़े से मारा। मारपीट में विधायक पुत्र के साथ करीब दस लोग और थे, जिन्होंने मनीष और उसके दोस्त राहुल पर हमला किया। इसके बाद जब समाज के लोग कृष्णा साहू के खिलाफ मारपीट की शिकायत करने साजा थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया और समझौता करने के लिए कहा।

समाज का आरोप है कि थानेदार पर विधायक का दबाव था, जिसके चलते रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और उन्हें समझौते का सुझाव दिया गया। न्याय न मिलने पर आदिवासी समाज ने कलेक्टर और एसडीएम से शिकायत की और केस दर्ज न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा। मामले के बढ़ते विवाद को देखते हुए अंततः कृष्णा साहू के खिलाफ साजा थाने में विभिन्न धाराओं और SC/ST अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ और i-Hub गुजरात के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हुआ ऐतिहासिक समझौता
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग और i-Hub गुजरात (इनोवेशन हब गुजरात) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में इस साझेदारी को एक ऐतिहासिक कदम बताया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने i-Hub गुजरात के सफल मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह समझौता राज्य में स्टार्ट-अप और नवाचार की दिशा में एक नए युग की शुरुआत करेगा। i-Hub गुजरात ने हज़ारों युवाओं के विचारों, नवाचारों और स्टार्टअप को व्यवसायिक उत्पादों में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह की सफलता दोहराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि यह साझेदारी युवाओं को नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक संसाधन, मार्गदर्शन और अवसर प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा की यह समझौता न केवल तकनीकी सुविधाओं पर केंद्रित है, बल्कि युवाओं को सलाहकारों, निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने का मंच प्रदान करेगा। इस साझेदारी से छत्तीसगढ़ नवाचार और स्टार्ट-अप के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जो युवा उद्योग और व्यापार के संबंध में नया विचार लेकर आएंगे उन्हें आर्थिक संसाधनों के साथ-साथ काम करने और रहने की जगह उपलब्ध होगी, जिससे वे अपने विचारों को व्यावसायिक रूप से रूपांतरित कर पाएंगे। यह संस्था युवाओं का कंपनियों के साथ अनुबंध करने में सहयोग करेगा।
तकनीकी एवं रोजगार विभाग के सचिव डॉ. एस भारतीदासन ने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से, युवाओं में उद्यमिता का विकास करने के लिए एक ईको सिस्टम विकसित करने का प्रयास किया जाएगा, इसके लिए शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में एक केंद्र प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के 800 से ज्यादा पेटेंट है छत्तीसगढ़ में 1724 प्रारंभ हुए हैं। समझौता 3 साल के लिए होगा।
एमओयू पर छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार सचिव डॉ. एस. भारतीदासन और गुजरात सरकार के तकनीकी शिक्षा आयुक्त बंछानिधि पाणि ने हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, डॉ. बसव राजू एस, राहुल भगत आई i-Hub के सीईओ हिरनमय महंता, छत्तीसगढ़ की तकनीकी शिक्षा संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी उपस्थित थीं।
छत्तीसगढ़ की सरकार खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-      राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एथलेटिक स्टेडियम कोटा में छत्तीसगढ़ की मेजबानी में आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज पारंपरिक वेशभूषा एवं परिधानों के साथ विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों ने मार्च पार्स्ट से किया। प्रतियोगिता का शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने वर्चुअल शुभकामना संदेश में कहा कि वनों के संरक्षण में वनकर्मियों की अहम भूमिका होती है। अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में वनबल के कर्मचारी हिस्सा लेते है। इसके लिए वन कर्मियों का शारीरिक रूप से चुस्त-दूरूस्त रहना जरूरी है। वनकर्मियों के लिए खेल का विशेष महत्व है, खेल से एकाग्रता, साहस और टीम भावना से कार्य करने में मदद मिलती है। मैं उम्मीद करता हूं इस प्रतियोगिता में सभी खिलाड़ी खेल भावना से खेलते हुए अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामना एवं बधाई दी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माता कौशल्या की धरती में देश के विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस आयोजन के लिए वन विभाग की मेहनत काबिले तारीफ है। अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की शुरूआत वर्ष 1992 में हुई थी। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। इस खेल में कश्मीर से कन्याकुमारी ही नहीं अपितु केंद्र शासित प्रदेश के खिलाड़ी प्रतियोगिता में शामिल हो रहे हैं। हमारा भारत देश विविधताओं का देश है, राजधानी रायपुर का यह स्टेडियम लघु भारत के रूप में नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश मे खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए अनेक कदम उठाये हैं। छत्तीसगढ़ की सरकार खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है। वनरक्षक से लेकर विभाग के अधिकारी भी शामिल हो रहे खिलाड़ी का वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए अहम भूमिका होगी।

बिहार के वन मंत्री डॉ. प्रेमकुमार ने कहा कि वनों एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं जागरूकता लाने के लिए हमे आगे आना होगा। अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की शुरूआत आंध्रप्रदेश के हैदराबाद से हुई थी। इस बार यह आयोजन प्राकृतिक खनिज संपदा से भरपूर छत्तीसगढ़ में हो रहा है। डॉ. कुमार ने सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकानाएं दी।

छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वर्ष 2023 में हरियाणा में आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। छत्तीसगढ़ की सरकार खेल प्रातिभाओं का बढ़ाने के साथ-साथ उनका सम्मान भी कर रही है। छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन है, जो पूरे भारत में तीसरा स्थान रखता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पांच दिन तक चलने वाला यह आयोजन वनों के संरक्षण पर आधारित है। अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन छत्तीसगढ़ में तीसरी बार हो रहा है। उन्होंने स्टेडियम में उपस्थित खिलाड़ियों के साथ-साथ उपस्थित जनसमुदाय को पेड़ और वन्यप्राणी के सरंक्षण के लिए प्रेरित किया। आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने का कार्य न केवल सरकार का है अपितु सभी की नैतिक जवाबदारी है।

अंतर्राष्ट्रीय टी-20 के भारतीय कप्तान सूर्य कुमार यादव ने जय जोहर के उद्बोधन से अपनी बात रखी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ में चारों ओर हरियाली है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के कैरियर में अनुशासन महत्वपूर्ण है। उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए वनों को हराभरा रखने और खेल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की सराहना करते हुए इस आयोजन के लिए बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की मेजबानी में चार साल बाद 27वीं ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में 26 खेल की 300 विधाओं में प्रतियोगिताएं होगी। यह प्रतियोगिता 16 से 20 अक्टूबर तक राजधानी के 16 अलग-अलग खेले मैदानों में होगा। इसमें देशभर से 2920 खिलाड़ी भाग लेंगे। जिसमें 2331 पुरुष और 585 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। मेजबान छत्तीसगढ़ के 268 खिलाड़ी 12वीं बार ओवरऑल चैम्पियनशिप के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। हमारी टीम अब तक 11 बार ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब जीत चुकी है। प्रतियोगिता प्रारंभ के पूर्व विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों द्वारा किए गए मार्च पार्स्ट में छत्तीसगढ़ प्रथम, हिमाचल प्रदेश द्वितीय और तृतीय स्थान पर तमिलनाडु तथा असम और गुजरात के दल को सांत्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री द्वय अरूण साव और विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि रामप्रसाद, विधायकगण राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, पद्मश्री अनुज शर्मा, सचिव (वन) भारत सरकार की लीना नंदन, वन महानिदेशक भारत सरकार जितेन्द्र कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) ऋचा शर्मा, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, मुख्य वन संरक्षक एवं प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी शालिनी रैना सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ी और आम लोग उपस्थित थे।

वन अधिकार अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु आदिम जाति विकास विभाग और एनजीओ एटीआरईई के मध्य हुआ एम.ओ.यू

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में वन अधिकार अधिनियम-2006 के बेहतर कियान्वयन हेतु आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग और स्वयं सेवी संस्था अशोका ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एण्ड एनवायरोमेंट (एटीआरईई) के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ है। विभागीय मंत्री रामविचार नेताम एवं विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की उपस्थिति में एटीआरईई के प्रतिनिधि डॉ. शरतचंद्र लेले एवं विभाग की ओर से सचिव सह आयुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू का कार्यक्रम मंत्रालय महानदी भवन में सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि यह समझौता वन अधिकार अधिनियम-2006 के उचित अनुपालन में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर), सीएफआर प्रबंधन एवं वन अधिकार पत्रों के आनॅलाइन डिजिटाइजेशन के संबंध में जमीनी स्तर पर अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब इस समझौते के माध्यम से एफआरए अधिनियम के उचित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम केन्द्र एवं राज्य शासन की एक महत्वाकांक्षी योजना है। अतः इसके उचित कियान्वयन में सबका समन्वित प्रयास अत्यंत आवश्यक है।

इस समझौते के माध्यम से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर) प्रकरणों में त्रुटियों की पहचान और समाधान करने के लिए विभाग को जमीनी स्तर के अनुभव के आधार पर सलाह प्रदाय करेगा। इसके अलावा विभाग द्वारा विकसित किये जाने वाले एफआरए एटलस के लिए एटीआरईई के द्वारा जिला स्तरीय सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (सीएफआरआर) संभावित ग्रामों का मानचित्र एवं डाटा भी प्रदाय किया जाएगा। साथ ही विभाग द्वारा (सीएफआरआर) के अंतर्गत परंपरागत सीमा के संबंध में विकसित किये जा रहे भौगोलिक सूचना प्रणाली (वेबजीआईएस) के पोर्टल के लिए आवश्यकतानुसार तकनीकी सलाह भी प्रदाय करेगा। इसके अलावा सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन और गौण वनोपज आधारित आजीविका वृद्धि की सुविधा के लिए नीतियों और कार्यक्रमों में सुधार पर विभाग को सुझाव देगा। साथ ही अन्य राज्यों के क्षेत्रीय अनुभव और उत्तम पहल के आधार पर सीआरएफ प्रबंधन के क्रियान्वयन के लिए संस्थागत व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के उपायो के संबंध में भी विभाग को सुझाव प्रदान करेगा।