औरंगाबाद में ट्रामा सेंटर बनने का रास्ता साफ,जिला प्रशासन ने बीआरबीसीएल को भेजा प्रस्ताव
औरंगाबाद : जिलेवासियों के एक बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही उन्हें दुर्घटना का शिकार होने पर इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा उनके जिले में ही मिलेगी। दरअसल जिले में ट्रामा सेंटर बनने का रास्ता साफ हो गया है। इसके निर्माण की जिम्मेवारी बीआरबीसीएल ने ली है। नबीनगर स्थित विद्युत ताप परियोजना बीआरबीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने नबीनगर के बीआरबीसीएल परिसर स्थित सभागार में सोमवार के अपराहन दो बजे मीडिया संवाद आयोजित कर इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव दिया गया है। जैसे ही जिला प्रशासन भूमि अधिगृहित कर उन्हे सुपुर्द कर देगी वैसे ही वहां अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने भी इसकी पूरी तैयारी कर ली है और शीघ्र ही ट्रामा सेंटर के निर्माण की स्वीकृति बीआरबीसीएल को दे देगी।
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान सीईओ ने बताया कि बीआरबीसीएल ने तापीय ऊर्जा के बाद पावर प्लांट परिसर में 100 करोड़ की लागत से 22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली सौर उर्जा विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की भी योजना बनाई है। योजना के तहत फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना को शुरु करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत नही है बल्कि इसके लिए बीआरबीसीएल परिसर में ही पर्याप्त मात्रा में भूमि और आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध है। बीआरबीसीएल परिसर में स्थापित होने वाला सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र औरंगाबाद जिले में पहला सोलर पावर प्लांट होगा।
उन्होने कहा कि नबीनगर स्थित प्लांट बीआरबीसीएल का देश का इकलौता ताप विद्युत संयंत्र है।इस संयंत्र के अलावा देश में कही भी बीआरबीसीएल का पावर प्लांट नही है और फिलहाल देश के किसी अन्य हिस्से में पावर प्लांट स्थापित करने की बीआरबीसीएल की कोई योजना प्रस्तावित नही है।
सीईओ ने बताया कि बीआरबीसील बिहार को तीन रुपए प्रति यूनिट बिजली देती है। इतना ही नहीं यहां स्थापित यह प्लांट भारतीय रेल की कुल विद्युत आवश्यकता के 25 प्रतिशत बिजली की पूर्ति भारतीय रेल बिजली कंपनी को भी कर रही है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Oct 15 2024, 11:05