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चुनाव आयोग ने मंजूनाथ भजंत्री को रांची के डीसी के रूप में निर्वाचन पदाधिकारी बनाये जाने को हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताया


झा. डेस्क 

रांची : चुनाव आयोग ने मंजूनाथ भजंत्री को रांची डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित करने के आदेश को हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताया है. आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर छह दिसंबर, 2021 के आदेश का अनुपालन करने का कहा है. 

साथ ही 15 दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को भेजने का आदेश दिया. 

आयोग ने छह दिसंबर, 2021 को आदेश जारी कर देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने, विभागीय कार्यवाही करने और आयोग की अनुमति के बिना चुनाव कार्य से जुड़े पद पर पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया था.

 पत्र में क्या है..?

चुनाव आयोग बनाम मंजूनाथ भजंत्री व अन्य के मामले में मुख्य सचिव को यह पत्र लिखा गया है. कहा गया है कि मधुपुर उप चुनाव में तत्कालीन उपायुक्त द्वारा आयोग के वोटर टर्न आउट एप और प्रेस कांफ्रेंस में अलग अलग आंकड़ा पेश किये जाने की वजह से उन्हें 26 अप्रैल 2021 को उपायुक्त के पद से हटा दिया गया था. 

चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद सरकार ने उन्हें फिर से देवघर उपायुक्त के पद पर पदस्थापित करने का आदेश दिया था. इसके करीब छह महीने बाद मुख्य निर्वाची अधिकारी (सीइओ) ने आयोग को रिपोर्ट भेज कर यह जानकारी दी कि उपायुक्त ने चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में सांसद निशिकांत दूबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

आयोग ने उपायुक्त से मांगा था स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग ने इस पर उपायुक्त से स्पष्टीकरण पूछा. जवाब संतोषप्रद नहीं होने की वजह से छह दिसंबर, 2021 को आयोग ने उपायुक्त को हटाने और भविष्य में आयोग की अनुमति के बिना चुनाव से जुड़े काम में पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया. पर सरकार ने उन्हें पद से नहीं हटाया. 23 दिसंबर, 2021 को कार्मिक विभाग की ओर से आयोग के एक पत्र लिख कर कहा गया कि आयोग अपना आदेश वापस ले, क्योंकि आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस तरह का आदेश देने का अधिकार आयोग को नहीं है. इस तरह के आदेश से राज्य की संप्रभुता प्रभावित होती है.

चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर मांगी थी राय

मुख्य सचिव के राज्य से बाहर होने के आधार पर कार्मिक ने यह पत्र लिखा था. आयोग ने 15 दिसंबर, 2022 को पत्र भेज कर इस मामले में मुख्य सचिव की राय मांगी, जो नहीं मिली. 26 दिसंबर को मंजूनाथ भजंत्री से जिला निर्वाचन पदाधिकारी का काम वापस लेते हुए डीडीसी को सौंप दिया गया. इस बीच मंजूनाथ भजंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर (5716/22) चुनाव आयोग के छह दिसंबर 2021 के आदेश को चुनौती दी. इसमें चुनाव आयोग के आदेश के नियम विरुद्ध बताया गया.

हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश को बताया था सही

सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद भजंत्री की याचिका को स्वीकार कर लिया. इस फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में एलपीए (244/24) दायर की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 30 सितंबर 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग के आदेश को सही करार दिया. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि आयोग का निर्देश मानना राज्य के लिए बाध्यकारी है. आयोग का आदेश नहीं मानना संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करने जैसा है.

झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता,17 पुलिसकर्मियों की मौत के गुनाहगार नक्सली को धर दबोचा, भारी मात्रा में हथियार बरामद


झारखंड डेस्क 

गुमला। झारखंड पुलिस को नक्सल आपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने 17 पुलिसकर्मियों की मौत के गुनाहगार नक्सली को धर दबोचा है। खूंखार नक्सली का नाम रंथु उरांव उर्फ गुरुचरण है।

पकड़े गए नक्सली कोयल शंख जोन का सबजोनल कमांडर है, जिस पर पुलिस ने छह लाख रुपये का इनाम रखा है। रंथु उरांव उर्फ गुरुचरण के साथ पांच हार्डकोर नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रंथु उरांव गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिला में 77 नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है।

दरअसल गुमला के हरिनाखाड़ व आंजन के घने जंगलों के बीच भाकपा माओवादी के नक्सली घूम रहे हैं। सूचना पर पुलिस तुरंत एक्टिव हुई। क्यूआरटी टीम का गठन किया गया और आंजन जंगल में दो बाइक में तीन संदिग्धों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस को देखकर बाइक में बैठे नक्सलियों ने फायरिंग कर दी. 

पुलिस ने पीछा किया और जवाबी कार्रवाई की और नक्सलियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को इन तीनों से पूछताछ के बाद हरिनाखाड़ में छिपाकर रखे हुए हथियार मिला. साथ ही दो और नक्सलियों को पकड़ा गया। नक्सलियों की निशानदेही पर भारी मात्रा में हथियार, गोली व आइइडी बम बरामद हुआ है। 

गिरफ्तार नक्सलियों में सबजोनल कमांडर कुल्ही गुमला निवासी रंथु उरांव उर्फ गुरुचरण, कतरी महुआटोली के जयशंकर महतो, भरनो थाना के खरका अमलिया के रोहित उरांव, कुटमा कुरूमगढ़ के राजू अहीर उर्फ राजू गोप, कुटमा कुरूमगढ़ के सुलेंद्र मुंडा है। वहीं पुलिस ने नक्सलियों की निशानदेही पर ही जंगल में चार आइइडी बम को निष्क्रिय कर दिया। वहीं एक कारबाईन, तीन रायफल, तीन देशी कटटा, 137 गोली, भाकपा माओवादी का पर्चा पांच मोबाइल दो बाइक बरामद किया है.

कांग्रेस नेता अशोक प्रकाश लाल एवं पूर्व मंत्री स्व. ओपी लाल की धर्म पत्नी का निधन, अंतयेष्टि आज


झा. डेस्क 

धनबाद : अविभाजीत बिहार सरकार में रहे पूर्व मंत्री स्वर्गीय ओपी लाल की धर्मपत्नी व कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रकाश लाल की माता शोवा देवी (उम्र 85 वर्ष का) गुरुवार रात 9:00 बजे हृदय गति रुकने से निधन हो गया. पूर्व मंत्री की पत्नी शोवा देवी अपने पीछे चार पुत्र सुनील श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव पुत्री अनीता श्रीवास्तव सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गयीं. 

ओपी लाल की पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार दिन 12 बजे कतरास लिलौरी मंदिर श्मशान घाट मंदिर में किया जाएगा. 

उनके निधन पर पूर्व विधायक जलेश्वर महतो, वियाडा पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार झा, कांग्रेसी नेता रणधीर ठाकुर, डॉ उमाशंकर सिंह आदि ने शोक व्यक्त किया है.

भाजपा में कंफ्यूजन नहीं है, झारखंड में रघुवर दास की वापसी की अटकलों पर बोले निशिकांत दुबे

झारखंड डेस्क 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल हैं। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रघुवर दास की झारखंड की सियासत में वापसी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

दरअसल भाजपा झारखंड के चुनाव सह प्रभारी आसाम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की बीते शुक्रवार को भुवनेश्वर राजभवन में रघुवर दास से मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद रघुवर दास दिल्ली रवाना हो गए थे। दिल्ली में रघुवर दास की राष्ट्रीय नेताओं के साथ मेल-मुलाकात की चर्चाएं थीं।

कयास लगाए जाने लगे थे कि राज्यपाल पद से रघुवर दास का इस्तीफा लिया जा सकता है। इन अटकलों के बीच भाजपा के कद्दावर नेता सांसद निशिकांत दुबे का बयान सामने आया है। सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि भाजपा में कोई कन्फ्यूजन नहीं है। 

केंद्रीय नेतृत्व ने रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बनाया है। पहली बार उड़ीसा में अपने दम पर हमारी सरकार बनी है।रघुवर दास को झारखंड सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष रहने के कारण बहुत अनुभवी हैं, इसलिए वह उड़ीसा में नई सरकार को मार्ग दर्शन देते रहेंगे। 

इस बीच हिमंता बिश्वा सरमा ने कहा कि यदि भाजपा झारखंड में सत्ता में आती है तो वह राज्य के कोल्हान और संथाल परगना प्रमंडलों में एनआरसी लागू करेगी।झारखंड में भाजपा की सरकार आने के बाद गरीबों के लिए 5 लाख मकान बनाए जाएंगे।

जयराम महतो ने विधानसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट की जारी, जानने के लिए पढ़िए कौन होंगे कहा से उम्मीदवार*

झारखंड डेस्क रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का भले ही अभी ऐलान नहीं हुआ हो, लेकिन प्रत्याशियों के ऐलान का दौर शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जयराम महतो की पार्टी ने जारी की है। जेएलकेएम ने 6 विधानसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की है। दावा है कि जयराम महतो इस बार 60 से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं। र डुमरी से खुद जयराम महतो चुनाव लड़ेंगे। वहीं जमुआ से रोहित कुमार दास, राजमहल के मोतीलाल सरकार, तमाड़ से दयमंत्री मुंडा, सरायकेला से प्रेम मार्डी और छतरपुर से प्रीति राज को प्रत्याशी घोषित किया गया है। जयराम महतो ने जहां से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, वहां झामुमो की बेबी देवी विधायक है। हेमंत कैबिनेट में मंत्री बेबी देवी के पति टाइगर जगरनाथ महतो की ये पारंपरिक सीट कही जाती है। जाहिर है जयराम महतो की दावेदारी से झामुमो की मुश्किलें बढ़ सकती है।
मौसम :कल से फिर बदलेंगी मौसम, तापमान में होगी गिरावट, कहीं कहीं बारिश की संभावना

रांची। झारखंड का मौसम एक बार फिर बदलने वाला है। तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। कल यानी 4 अक्‍टूबर से तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यह जानकारी  रांची मौसम केंद्र ने दी।

मौसम केंद्र के अनुसार राज्‍य में अगले 2 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बदलाव की संभावना नहीं है। इसके बाद अगले 3 दिन इसमें धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।

कल कहीं-कही बारिश

केंद्र के अनुसार 4 से 6 अक्‍टूबर, 2024 तक राज्‍य में कहीं-कहीं गर्जन और वज्रपात होने की आशंका है। इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसे लेकर लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
लिन्डसे क्लब द्वारा महालया पर नृत्य नाटिका "माटीर दुर्गा" का मंचन

धनबाद : बुधवार की शाम महालय के अवसर पर लिन्डसे क्लब एव लाइब्रेरी द्वारा "माटीर दुर्गा" सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता उनकी पत्नी मिली दत्ता एव विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर टेक्निकल, बीसीसीएल एम के रमैया एवं उनकी पत्नी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।

उद्घाटन समारोह में मंच पर लिन्डसे क्लब के अध्यक्ष अमलेन्दु सिन्हा, सचिव सलिल विश्वास, पूर्व सचिव डॉक्टर दीपक सेन , देवजानी विश्वास,शर्मिला सिन्हा, अरुण बनर्जी, विकास कांति खां व अन्य उपस्थित हैं।

माटिर दुर्गा गीतिनाट्य में दुर्गा पूजा की कहानी के साथ चंद बुरे लोगों के द्वारा महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को दर्शाया गया है और समाज द्वारा इसका विरोध भी दर्शाया गया है जो कहीं ना कहीं वर्तमान स्थिति से मेल खाती है।

मुख्य अतिथि ,विशिष्ट अतिथि सहित सभी अतिथियों एवं दर्शकों ने इस कार्यक्रम की भरपूर प्रशंसा किया गया।

नृत्य नाटिका में छोटे बड़े कलाकार मिलाकर लगभग पचहत्तर कलाकारों ने भाग लिया।

अपने भाषण में क्लब के अध्यक्ष इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से समाज को आईना दिखाने की आवश्यकता पर जोर दिया, तथा सचिव ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी कलाकारों के सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।

सांसद प्रतिनिधि की पहल से 5 वर्षों बाद नसीब हुआ पीने का पानी

धनबाद : नवरात्रि की पहली पूजा में जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान दिया गया। पिछले 5 सालों से कतरास सब्जी पट्टी रोड के लोगों को माडा द्वारा सप्लाई पीने का पानी नहीं मिल पा रही थी इसकी सूचना पिछले सप्ताह धनबाद के सांसद प्रतिनिधि  शत्रुघ्न महतो को दी गई।

सूचना मिलते ही उन्होंने वहां पहुंचकर स्थानीयों लोगों से मिलकर  वादा किया था कि दुर्गा पूजा से पहले आप लोगों को पानी मिलेगा आज वह वादा एक सप्ताह भी नहीं बीता की पूरा हो गया.

उसके बाद वहां के स्थानीय लोगों ने शरद दा को बुलाकर फूलों की माला एवं मिठाई खिलाकर उनका बहुत-बहुत धन्यवाद‌ दिया.

वहां मौजूद महिलाओं ने कहा कि हम लोगों के लिए देवदूत के रूप में हैं इस दुर्गा पूजा में अपने हम लोगों को पानी उपलब्ध करा कर  खुशी दी है.इसके लिए आभार प्रकट किया हैं‌।
झारखंड विंधानसभा चुनाव 2024: क्या महागामा विंधानसभा चुनाव में इस बार भी कायम रहेगी दीपिका की बादशाहत,या किला भेदने में सफल रहेगी भाजपा...?*

विनोद आनंद झारखंड और बिहार की सीमा को विभाजित करने वाला गोड्डा जिला के महगामा विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से ही कांग्रेस का दबदबा कायम रहा है। गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले महगामा विधानसभा 1952 से अस्तित्व में आया है । इस विधानसभा में गोड्डा जिला का तीन प्रखंड का क्षेत्र आता है.महगामा, मेहरमा और ठाकुरगंगटी. इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस कि दीपिका सिंह विधायक हैं.अगर 2024 के चुनाव में दीपिका सिंह भाजपा प्रत्याशी *यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच* वर्ष 2000 के पहले तक इस क्षेत्र में कांग्रेस बनाम अन्य दलों के बीच चुनावी दंगल होते रहे। लेकिन 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच हार-जीत का खेल चल रहा है। इसी साल जून में सम्पन्न गोड्डा लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त देकर इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा के बढ़ते प्रभाव को कम कर दिया। इस चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पिछड़ गयी। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गयी है। *महागामा विंधानसभा का जातीय समीकरण* अगर इस क्षेत्र की जातीय समक्करन की समीक्षा करें तो इस क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं की आबादी लगभग 10 प्रतिशत, मुस्लिम 30, यादव 5, ब्राह्मण 5 प्रतिशत है। वहीं इस क्षेत्र में कुर्मी-कुड़मी और वैश्य समुदाय की भी अच्छी आबादी है। इस क्षेत्र में एक ओर आदिवासी, मुस्लिम, कुड़मी-कुर्मी की गोलबंदी, वहीं दूसरी ओर ब्राह्मण, वैश्य, यादव और अन्य वर्गों की गोलबंदी विभिन्न चुनावों में प्रत्याशियों का भविष्य तय करते रहे हैं। इस बार एनडीए की ओर से आजसू पार्टी और भाजपा एक साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। जबकि महागठबंधन में शामिल दल कांग्रेस, झामुमो और राजद भी एक मंच से जोर लगाएंगे। हालांकि अब तक दोनों गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला तय नहीं हुआ पाया है। लेकिन टिकट की चाह में दोनों गठबंधन के नेता हाथ-पैर मार रहे हैं। *वर्तमान विधायक दीपिका पांडेय सिंह की राजनीतिक पृष्टभूमि* वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह विधायक हैं। जो पिछले दो महीने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहीं हैं। कांग्रेस की उच्च शिक्षा प्राप्त वर्तमान विधायक मंत्री दीपिका पांडे सिंह को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। एकीकृत बिहार में दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे पथ निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। इस कारण दीपिका पांडे सिंह का कांग्रेस के साथ महगामा क्षेत्र में गहरी पैठ है। *यहां से भाजपा के संभावित प्रत्याशी की क्या है स्थिति* उधर लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद से ही भाजपा इस क्षेत्र से कांग्रेस को पछाड़ने के प्रयास में जुटी है। राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चा पर भरोसा करें तो भाजपा आर्थिक रूप से सम्पन्न नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है जो अपने दम पर चुनावी जंग लड़ने में सक्षम हों। बहरहाल भाजपा आगामी चुनाव में हर हाल में कांग्रेस की दीपिका को पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है। इसमें तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक अशोक भगत का नाम सबसे आगे है। फिलहाल अशोक भगत पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाल रहे हैं। लेकिन पार्टी के कतिपय बड़े नेताओं सहित गोड्डा के सांसद से उनकी नाराजगी को देखते हुए पार्टी दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रही है। *भाजपा कीओर से और कौन कौन हैं दौर में...?* सूत्रों की माने तो भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तालाश है जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो और पिछले चुनावों में पार्टी की मजबूती में अपनी भूमिका निभाते रहे हो। इसमें इस सीट के लिए ठाकुरगंगटी निवासी जिला परिषद सदस्य और सामाजिक कार्यों से जुड़े सिल्क के बड़े कारोबारी निरंजन पोद्दार , पूर्व में इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार मधुरा गांव के रहने वाले अशोक कुमार सिंह के अलावा राजद से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले बद्रीनाथ भगत, देवघर और गुजरात में बड़ा व्यवसाय चलाने वाले निरंजन सिन्हा, एक जिला परिषद सदस्य के पति और बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले अरुण राम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अति करीबी जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा समेत कई दावेदारों के नाम शामिल है। जो भाजपा का टिकट पाने के लिए दिल्ली और रांची की दौड़ लगा रहे हैं तथा राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ गोड्डा के कद्दावर सांसद निशिकांत दुबे से नजदीकी बढ़ाने में जुटे हैं। 2024 के लोकसभा में गोड्डा के महगामा विधानसभा क्षेत्र की क्या रही स्थिति प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत प्रदीप यादव -कांग्रेस- 99,139 निशिकांत दूबे- भाजपा- 99,018 वर्ष 2019 के चुनाव में महगामा के मत की स्थिति प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस 89,224 अशोक कुमार बीजेपी 76,725 वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव प्रत्याशी। -पार्टी - प्राप्त मत अशोक कुमार -बीजेपी -70,635 सईद इक्बाल- जेवीएम-39,075 राजेश रंजन कांग्रेस 18,355 सुरेन्द्र .केशरी जेएमएम 13,770 वर्ष 2009 विधानसभा चुनाव परिणाम प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत राजेश रंजन कांग्रेस 43,834, अशोक कुमार बीजेपी 35,684 लाल बिहारी साह जेएमएम 12,237 वर्ष 2005 विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत अशोक कुमार बीजेपी 46,253 अताउर सिद्धीकी राजद 39,825 वर्ष 2000 विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत अशोक कुमार बीजेपी 32,025 अताउर सिद्धीकी राजद 21,519 अवध बिहारी सिंह कांग्रेस 12,622 *महगामा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास* महगामा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक गतिविधियों पर गहरी नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद 1952 से 2019 तक इस क्षेत्र में विधानसभा के 16 चुनाव सम्पन्न हुए। इसमें कांग्रेस ने 8 बार, भाजपा ने 3 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सीपीआई, जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल के प्रत्याशियों ने एक- एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की। 1952 में विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने स्वतंत्रता आंदोलन का अलख जगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के सागर मोहन पाठक को अपना पहला विधायक चुना। लेकिन 1957 में इस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को खारिज कर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महेंद्र महतो को जीत का सेहरा पहना दिया। जबकि 1962 और 1967 में कांग्रेस के राजपति राम को लगातार दो बार अपना आशीर्वाद देकर अपना विधायक चुना। वहीं 1969 में विकास के लिए तड़प रही इस क्षेत्र की जनता ने सीपीआई के सईद अहमद को विधायक चुनकर साधनविहीन इस पिछड़े क्षेत्र के गरीब किसान-मजदूरों के उद्धार करने का अवसर दिया। इस चुनाव के महज दो साल के बाद ही इस क्षेत्र के लोगों का वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी सीपीआई के विधायक सईद अहमद से मोहभंग हो गया। फलस्वरूप 1972 में दक्षिण पंथी विचार धारा वाले जनसंघ के टिकट पर मैदान में उतरे अवध बिहारी सिंह को पहली बार अपना विधायक चुन लिया। 1977 में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस विरोधी लहर में सईद अहमद जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे और दूसरी बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में इस क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सईद अहमद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में पर्यटन, ईख और वक्फ विभाग के मंत्री बने। परन्तु महज तीन साल के भीतर 1980 में बिहार विधानसभा को भंग कर विधानसभा का चुनाव कराया गया। इस चुनाव में महगामा से कभी जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अवध बिहारी सिंह दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये। 1985 में भी वे इस क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये। इन दस वर्षों में अवध बिहारी सिंह पथ निर्माण सहित कई विभागों के मंत्री बने। स्थानीय लोगों की मानें तो मृदुभाषी- सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि समझे जाने वाले विधायक अवध बिहारी सिंह अपने दस वर्षों के काल खंड में महगामा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ दर्जनों पुल पुलियों का निर्माण कराने सफल हुए। इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र के आमलोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य कई जन कल्याणकारी योजनाओं के तोहफे दिये। 1952-2019 के बीच महगामा से निर्वाचित विधायकों की सूची वर्ष- प्रत्याशी के नाम- पार्टी 1952 सागर मोहन पाठक कांग्रेस 1957 महेन्द्र महतो प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1962 राजपति राम कांग्रेस 1967 राजपति राम कांग्रेस 1969 सईद अहमद सीपीआई 1972 अवध बिहारी सिंह जनसंघ 1977 सईद अहमद जनता पार्टी 1980 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस 1985 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस 1990 फैयाज भागलपुरी जनता दल 1995 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस 2000 अशोक कुमार बीजेपी 2005 अशोक कुमार बीजेपी 2009 राजेश रंजन कांग्रेस 2014 अशोक कुमार भाजपा 2019 दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस
झारखंड विंधानसभा चुनाव 2024: क्या महागामा विंधानसभा चुनाव में इस बार भी कायम रहेगी दीपिका की बादशाहत,या किला भेदने में सफल रहेगी भाजपा...?

विनोद आनंद

झारखंड और बिहार की सीमा को विभाजित करने वाला गोड्डा जिला के महगामा विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से ही कांग्रेस का दबदबा कायम रहा है। 

गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले महगामा विधानसभा 1952 से अस्तित्व में आया है । इस विधानसभा में गोड्डा जिला का 

तीन प्रखंड का क्षेत्र आता है.महगामा, मेहरमा और ठाकुरगंगटी. इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस कि दीपिका सिंह विधायक हैं.अगर 2024 के चुनाव में दीपिका सिंह भाजपा प्रत्याशी 

यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच


वर्ष 2000 के पहले तक इस क्षेत्र में कांग्रेस बनाम अन्य दलों के बीच चुनावी दंगल होते रहे। लेकिन 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच हार-जीत का खेल चल रहा है। इसी साल जून में सम्पन्न गोड्डा लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त देकर इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा के बढ़ते प्रभाव को कम कर दिया। इस चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पिछड़ गयी। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गयी है।

महागामा विंधानसभा का जातीय समीकरण


अगर इस क्षेत्र की जातीय समक्करन की समीक्षा करें तो इस क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं की आबादी लगभग 10 प्रतिशत, मुस्लिम 30, यादव 5, ब्राह्मण 5 प्रतिशत है। वहीं इस क्षेत्र में कुर्मी-कुड़मी और वैश्य समुदाय की भी अच्छी आबादी है।

 इस क्षेत्र में एक ओर आदिवासी, मुस्लिम, कुड़मी-कुर्मी की गोलबंदी, वहीं दूसरी ओर ब्राह्मण, वैश्य, यादव और अन्य वर्गों की गोलबंदी विभिन्न चुनावों में प्रत्याशियों का भविष्य तय करते रहे हैं। इस बार एनडीए की ओर से आजसू पार्टी और भाजपा एक साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। जबकि महागठबंधन में शामिल दल कांग्रेस, झामुमो और राजद भी एक मंच से जोर लगाएंगे। हालांकि अब तक दोनों गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला तय नहीं हुआ पाया है। लेकिन टिकट की चाह में दोनों गठबंधन के नेता हाथ-पैर मार रहे हैं।

वर्तमान विधायक दीपिका पांडेय सिंह की राजनीतिक पृष्टभूमि


वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह विधायक हैं। जो पिछले दो महीने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहीं हैं। कांग्रेस की उच्च शिक्षा प्राप्त वर्तमान विधायक मंत्री दीपिका पांडे सिंह को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

 एकीकृत बिहार में दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे पथ निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। इस कारण दीपिका पांडे सिंह का कांग्रेस के साथ महगामा क्षेत्र में गहरी पैठ है।

यहां से भाजपा के संभावित प्रत्याशी की क्या है स्थिति


उधर लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद से ही भाजपा इस क्षेत्र से कांग्रेस को पछाड़ने के प्रयास में जुटी है। राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चा पर भरोसा करें तो भाजपा आर्थिक रूप से सम्पन्न नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है जो अपने दम पर चुनावी जंग लड़ने में सक्षम हों। 

बहरहाल भाजपा आगामी चुनाव में हर हाल में कांग्रेस की दीपिका को पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है।

 इसमें तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक अशोक भगत का नाम सबसे आगे है। फिलहाल अशोक भगत पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाल रहे हैं। लेकिन पार्टी के कतिपय बड़े नेताओं सहित गोड्डा के सांसद से उनकी नाराजगी को देखते हुए पार्टी दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रही है।

भाजपा कीओर से और कौन कौन हैं दौर में...?


सूत्रों की माने तो भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तालाश है जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो और पिछले चुनावों में पार्टी की मजबूती में अपनी भूमिका निभाते रहे हो। इसमें इस सीट के लिए ठाकुरगंगटी निवासी जिला परिषद सदस्य और सामाजिक कार्यों से जुड़े सिल्क के बड़े कारोबारी निरंजन पोद्दार , पूर्व में इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार मधुरा गांव के रहने वाले अशोक कुमार सिंह के अलावा राजद से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले बद्रीनाथ भगत, देवघर और गुजरात में बड़ा व्यवसाय चलाने वाले निरंजन सिन्हा, एक जिला परिषद सदस्य के पति और बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले अरुण राम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अति करीबी जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा समेत कई दावेदारों के नाम शामिल है। 

जो भाजपा का टिकट पाने के लिए दिल्ली और रांची की दौड़ लगा रहे हैं तथा राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ गोड्डा के कद्दावर सांसद निशिकांत दुबे से नजदीकी बढ़ाने में जुटे हैं।

2024 के लोकसभा में गोड्डा के महगामा विधानसभा क्षेत्र की क्या रही स्थिति


प्रत्याशी    पार्टी     प्राप्त मत

प्रदीप यादव -कांग्रेस- 99,139

निशिकांत दूबे- भाजपा- 99,018

वर्ष 2019 के चुनाव में महगामा के मत की स्थिति 


प्रत्याशी    पार्टी    प्राप्त मत

दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस 89,224

अशोक कुमार बीजेपी 76,725

वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव


प्रत्याशी।   -पार्टी   - प्राप्त मत

अशोक कुमार -बीजेपी -70,635

सईद इक्बाल- जेवीएम- 39,075

राजेश रंजन कांग्रेस 18,355

सुरेन्द्र .केशरी जेएमएम 13,770

वर्ष 2009 विधानसभा चुनाव परिणाम


प्रत्याशी पार्टी     प्राप्त मत

राजेश रंजन कांग्रेस 43,834,

अशोक कुमार। बीजेपी 35,684

लाल बिहारी साह जेएमएम 12,237

वर्ष 2005 विधानसभा चुनाव


प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

अशोक कुमार बीजेपी 46,253

अताउर सिद्धीकी राजद 39,825

वर्ष 2000 विधानसभा चुनाव


प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

अशोक कुमार बीजेपी 32,025

अताउर सिद्धीकी राजद 21,519

अवध बिहारी सिंह कांग्रेस 12,622

महगामा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास


महगामा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक गतिविधियों पर गहरी नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद 1952 से 2019 तक इस क्षेत्र में विधानसभा के 16 चुनाव सम्पन्न हुए। इसमें कांग्रेस ने 8 बार, भाजपा ने 3 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सीपीआई, जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल के प्रत्याशियों ने एक- एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की।

 1952 में विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने स्वतंत्रता आंदोलन का अलख जगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के सागर मोहन पाठक को अपना पहला विधायक चुना। लेकिन 1957 में इस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को खारिज कर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महेंद्र महतो को जीत का सेहरा पहना दिया। 

जबकि 1962 और 1967 में कांग्रेस के राजपति राम को लगातार दो बार अपना आशीर्वाद देकर अपना विधायक चुना। 

वहीं 1969 में विकास के लिए तड़प रही इस क्षेत्र की जनता ने सीपीआई के सईद अहमद को विधायक चुनकर साधनविहीन इस पिछड़े क्षेत्र के गरीब किसान-मजदूरों के उद्धार करने का अवसर दिया। 

इस चुनाव के महज दो साल के बाद ही इस क्षेत्र के लोगों का वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी सीपीआई के विधायक सईद अहमद से मोहभंग हो गया। फलस्वरूप 1972 में दक्षिण पंथी विचार धारा वाले जनसंघ के टिकट पर मैदान में उतरे अवध बिहारी सिंह को पहली बार अपना विधायक चुन लिया।

 1977 में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस विरोधी लहर में सईद अहमद जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे और दूसरी बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में इस क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सईद अहमद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में पर्यटन, ईख और वक्फ विभाग के मंत्री बने। 

परन्तु महज तीन साल के भीतर 1980 में बिहार विधानसभा को भंग कर विधानसभा का चुनाव कराया गया। इस चुनाव में महगामा से कभी जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अवध बिहारी सिंह दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये। 1985 में भी वे इस क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये। इन दस वर्षों में अवध बिहारी सिंह पथ निर्माण सहित कई विभागों के मंत्री बने। स्थानीय लोगों की मानें तो मृदुभाषी- सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि समझे जाने वाले विधायक अवध बिहारी सिंह अपने दस वर्षों के काल खंड में महगामा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ दर्जनों पुल पुलियों का निर्माण कराने सफल हुए। 

इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र के आमलोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य कई जन कल्याणकारी योजनाओं के तोहफे दिये।

1952-2019 के बीच महगामा से निर्वाचित विधायकों की सूची


वर्ष- प्रत्याशी के नाम- पार्टी

1952 सागर मोहन पाठक कांग्रेस

1957 महेन्द्र महतो प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

1962 राजपति राम कांग्रेस

1967 राजपति राम कांग्रेस

1969 सईद अहमद सीपीआई

1972 अवध बिहारी सिंह जनसंघ

1977 सईद अहमद जनता पार्टी

1980 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस

1985 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस

1990 फैयाज भागलपुरी जनता दल

1995 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस

2000 अशोक कुमार बीजेपी

2005 अशोक कुमार बीजेपी

2009 राजेश रंजन कांग्रेस

2014 अशोक कुमार भाजपा

2019 दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस