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बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों के सेंट्रल डेप्युटेशन और रिजाइन करने का सिलसिला जारी, आखिर क्या है इसके पीछे वजह !

डेस्क : बिहार में गिरती कानून व्यवस्था और कामकाज जहां विपक्ष के निशाने पर है, वहीं अब सरकार के बड़े अधिकारी भी बिहार से मुंह मोड़ने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाक्रम पर नजर डाले तो बिहार से बड़े अधिकारियों की रुखसती इस बात की गवाही दे रही है। खासकर बिहार कैडर के तेज-तर्रार और ईमानदार छवि के लिए लोगों के बीच जाने जाने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारी या तो रिजाईन कर रहे है या फिर सेंट्रल डेप्युटेशन पर जा रहे है।

आईएएस अधिकारियों की बात बाद में करेगे। पहले आईपीएस अधिकारियों की बात करते है। हाल फिलहाल में बिहार के डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी अपना कार्यकाल पूरा होने से एक साल पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। दरभंगा में ग्रामीण एसपी के पद पर तैनात तेज-तर्रार आईपीएस काम्या मिश्रा जिन्हें बिहार में 'लेडी सिंघम' के नाम से जाना जाता था। उन्होंने आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं उसके बाद बिहार में सिंघम के नाम से जाने जानेवाले पूर्णिया रेंज के शिवदीप लांडे ने अचानक अपने सोशल मीडिया के फेसबुक पर आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा देने का एलान कर तहलका मचा दिया।

आइए सबसे पहले जानते है हाल फिलहाल में बिहार के इन तीन आईपीएस अधिकारियों के विषय में जिन्होने या तो आईपीएस की नौकरी से त्याग-पत्र दे दिया है। या फिर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए।

सबसे पहले हम बात करते है बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी की। जिन्होंने अपने डीजीप के डेढ़ साल बचे होने के बाद भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए।

राजविंदर सिंह भट्टी

बिहार में जब भी अपराध और पुलिस की चर्चा होती है, तो उसमें 1990 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस राजविंदर सिंह भट्टी का नाम भी लिया जाता है। अपने कार्यकाल में बिहार के अपराधियों के लिए वह खौफ थे जिनका नाम सुनते ही बड़े से बड़े अपराधी कांप जाते थे। आईपीएस आरएस भट्टी अपने प्रोबेशन में वर्ष 1991-92 में भागलपुर पहुंचे थे। यह वह दौर था जब बिहार में अपराध अपने चरम पर था और उस समय अपराधियों से पुलिस वाले भी खौफ खाते थे। ऐसा ही हाल भागलपुर का भी था। यहां भी अपराधियों की तूती बोलती थी। यहां कई गिरोह सक्रिय थे। उस समय आरएस भट्टी ने यहां के अपराधियों पर जो नकेल कसी, जिसे आज तक याद किया जाता है।

काम्या मिश्रा

बिहार में लेडी सिंघम के नाम मशहूर आईपीएस काम्या मिश्रा 2019 की आईपीएस अधिकारी है। पहले उन्हें हिमाचल कैडर मिला, लेकिन उन्होंने बाद में अपना कैडर बिहार करा लिया। महज पांच साल के अपने कार्यकाल में काम्या मिश्रा ने ऐसे ऐसे केस सुलझाए जिसके बाद उन्हे लेडि सिंघम कहा जाने लगा। नौकरी से त्याग-पत्र उन्होंने दरभंगा के ग्रामीण एसपी के पद पर रहते हुए दिया है। हालांकि अभी उनका इस्तीफा मंजूर नही हुआ है। वहीं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता के जघन्य हत्याकांड का केस भी वही देख रही हैं।

शिवदीप लांडे

2006 बैच के IPS शिवदीप लांडे वो आईपीएस अधिकारी है जिन्हें आज भी राजधानी पटना की लड़कियां याद करती है। अपने राजधानी पटना के वतौर पुलिस कप्तान स्कूल-कॉलेज की लड़कियों के लिए वो काम किया जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। लड़कियों के अलावे उनके माता-पिता के लिए लांडे देवता समान हो गए थे। लांड की पहली पोस्टिंग बिहार के नक्सल प्रभावित जिले मुंगेर के जमालपुर में की गई। इसके बाद उन्होंने बिहार की राजधानी पटना समेत पूर्णिया, अररिया और रोहतास में बड़े पदों पर नौकरी की। कुछ ही सालों में IPS शिवदीप की छवी सुपरकॉप की बन गई। उन्होंने कई आरोपियों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

क्यों बिहार छोड़ रहे नीतीश के भरोसेमंद अफसर?

सबसे बड़ी बात यह है कि ये सभी अधिकारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पसंदीदा और भरोसेमंद रहे है। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर नीतीश कुमार के भरोसेमंद अधिकारी इन दिनों दिल्ली पलायन और त्याग-पत्र क्यों दे कर रहे हैं? वो भी ऐसे अधिकारी, जिन्हें नीतीश कुमार ने बड़े-बड़े विभागों की जिम्मेदारी सौंप रखी थी।

वैसे तो त्याग-पत्र देने वाले अधिकारियों ने अपना निजी और पारिवारिक कारण बताया है। अमूमन जैसा कि त्याग-पत्र देने वाले बड़े अधिकारी हमेशा कहते है। कोई अधिकारी त्याग-पत्र देने के पीछे की असली वजह को सामने नहीं लाता। फिर भी अधिकारियों के पलायन और त्याग-पत्र देने के पीछे 3 मुख्य वजहें बताई जा रही हैं।

पहली सबसे बड़ी वजह राजनीति बताई जा रही है। पिछले 10 साल में बिहार में 3 पार्टियां ही बिहार में समय समय पर शासन करती आ रही है। वहीं किसी भी मुद्दे पर इन पार्टियों की रडार में नेता और मंत्री से ज्यादा अधिकारी ही होते हैं। सत्ता का परिवर्तन होते ही अधिकारियों पर दबाव बढ़ जाता है।

दूसरी वजह प्रशासनिक है। कहा जा रहा है कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द जो पावरफुल अफसर हैं, उनमें अधिकांश रिटायर हो चुके हैं। इतना ही नहीं, सीएमओ के करीब कई अफसर तो लंबे वक्त से बड़े पदों पर बैठे हुए हैं। इन्हीं के कामकाज के हस्तक्षेप की वजह से अधिकारी पटना से दिल्ली की ओर पलायन कर रहे हैं या फिर रिजाइन कर रहे है।

तीसरी वजह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में मिलने वाला पद, राजनीति में प्रवेश या फिर किसी बड़े कंपनी में बड़ा ओहदा भी है। कहा जा रहा है कि बिहार से दिल्ली आ रहे अधिकारियों को तुरंत केंद्र में बड़े पद मिल जा रहे हैं। जैसे कि राजविंदर सिंह भट्टी को सीआईएसफ की कमान मिल गई है। वैसे ही बीते कुछ वर्षो में देखे तो कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी राजनीतिक पार्टी ज्वाईन किये है। या फिर किसी बड़ी कंपनी में बड़े पद पर आसीन है।

बिहार पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टियां 5-16 अक्टूबर तक रद्द, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश

डेस्क : दुर्गा पूजा के दौरान कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने बड़ा निर्णय लिया है। पुलिस मुख्यालय ने 5 से लेकर 16 अक्टूबर तक सभी अधिकारियों और कर्मियों की छट्टियां रद्द कर दिया है। इसको लेकर आज शुक्रवार को आदेश जारी हुआ है।

मुख्यालय की ओर से जारी आदेश मे कहा गया है कि दुर्गा पूजा के दौरान बड़ी संख्या में लोग घूमने निकलेंगे। पूजा के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। वहीं मेला घूमने निकलने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टियां 5 से 16 अक्टूबर तक रद्द की जाती है। हालांकि किसी की विशेष परिस्थिति में छुट्टी दी जा सकती है।

बता दें अगले माह तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है। ऐसे में दुर्गा पूजा के मौके पर बिहार भर में मेले का आयोजन होता है। लोग पूजा-पंडाल और मूर्ति देखने के लिए जाते हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से आज शुक्रवार 27 सितंबर को आदेश जारी किया गया है।

बगांल में बिहार के छात्रों के साथ मारपीट मामले में बिहार के एतराज के बाद ममता सरकार की बड़ी कार्रवाई, आरोपी को किया गिरफ्तार

डेस्क : बिहार से सिलीगुड़ी परीक्षा देने गए युवकों को धमकाने के मामले को लेकर बिहार सरकार के हस्तक्षेप के बाद बंगाल सरकार की ओर से बड़ी कारर्वाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामला संज्ञान में आते ही तत्काल मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री ने उनसे बंगाल में अपने समकक्ष से बात करने और घटना की पूरी जानकारी लेने का भी निर्देश दिया था।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी ने पश्चिम बंगाल के अपने-अपने समकक्षों से बात की। जिसके बाद बिहार से सिलीगुड़ी परीक्षा देने गए युवकों को धमकाने वाले बांग्ला पक्खो नामक कट्टरपंथी संगठन के सदस्य रजत भट्टाचार्य को बंगाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आरोपित से सिलीगुड़ी पुलिस पूछताछ कर रही है।

पुलिस मुख्यालय ने गुरुवार को बताया कि बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था संजय सिंह ने मामले की सूचना मिलते ही पश्चिम बंगाल के अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था जावेद शमीम एवं सिलीगुड़ी के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई करने को कहा था।

पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार के छात्र एसएसबी की भर्ती परीक्षा देने सिलीगुड़ी गए थे। वहां उनके कमरे में जाकर बांग्ला पक्खो संगठन के लोगों ने धमकाया। कहा, बिहार का होकर बंगाल में क्यों नौकरी करने आ रहे हैं। फिर नहीं आयेंगे, यह स्वीकार कराते हुए दो छात्रों से उठक-बैठक भी कराया। इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

बिहार के इस जिले में डीआआई की बड़ी कार्रवाई, जब्त किया 1.30 करोड़ की विदेशी सिगरेट

डेस्क : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में डीआरआई की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ो रुपये का विदेश सिगरेट जब्त किया है। मौके से डीआरआई की टीम ने दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया है।

डीआरआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग को सूचना मिली थी कि हरियाणा नंबर की कंटेनर में विदेशी सिगरेट तस्करी करके मुजफ्फरपुर के रास्ते ले जाई जा रही है। सूचना के आधार पर डीआरआई की टीम ने मैठी टोल प्लाजा से लेकर मोतीपुर तक नाकाबंदी की। इस दौरान टीम ने मोतीपुर में कंटेनर को पकड़ लिया। कंटेनर का गेट खुलवाया गया तो पहले वह पूरा खाली दिखा। अंदर जाकर देखा गया तो पाया कि नट-वोल्ट से एक बॉक्स को कसा गया है। उसको खोला तो अंदर में दक्षिण कोरिया निर्मित 10 लाख 30 हजार सिगरेट के स्टिक बरामद हुए। छानबीन के दौरान पता चला है कि बाजार में इसकी कीमत तकरीबन 1.30 करोड़ रुपये है।

मौके से गिरफ्तार दो तस्करो ने पूछताछ में बताया कि इसे म्यांमार के रास्ते गुवाहाटी से लाया गया था। वहां से दरभंगा व मुजफ्फरपुर के रास्ते दिल्ली भेजा जा रहा था। दोनों यूपी के बरैली के रहने वाले हैं। डीआरआई ने पूछताछ के बाद गुरुवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

गौरतलब है कि दिल्ली के सुट्टा बार में इस सिगरेट की काफी मांग है। इस माह डीआरआई ने दूसरी खेप पकड़ी है। इसका स्थानीय कनेक्शन भी है। मुजफ्फरपुर के कुछ तस्करों का नाम डीआरआई को पता चला है। जांच कर सुराग ढूंढ़ा जा रहा है

पटना में डेंगू का कहर : पिछले दिनों में मिले 50 नए मरीज, अब यह इलाका बना नया हॉट स्पॉट

डेस्क : राजधानी पटना में डेंगू का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। पटना में गुरुवार को डेंगू के 50 नए मरीज मिले। अबतक कुल संख्या 1331 हो गई है। कंकड़बाग, अजीमाबाद के बाद अब पाटलिपुत्र अंचल नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। पिछले तीन दिनों में 50 नए डेंगू पीड़ित यहां मिले हैं।

बीते गुरुवार को भी सर्वाधिक 13 मरीज यहीं से मिले है। वहीं चिकनगुनिया के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इसके सात नए मरीज मिले हैं। पाटलिपुत्र अंचल के अलावा अजीमाबाद से 11, कंकड़बाग से छह, नूतन राजधानी से तीन, बांकीपुर और पटना सिटी से एक-एक पीड़ित मिले हैं। सात पीड़ितों का पता सिविल सर्जन कार्यालय को नहीं चल पाया है।

जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि प्रखंडों में कुल सात डेंगू पीड़ित मिले हैं। उनमें संपतचक में दो जबकि बख्तियारपुर, दानापुर, दुल्हिन बाजार, फतुहा और पटना सदर के एक-एक पीड़ित मिले हैं। उन्होंने बताया कि पटना में चिकनगुनिया के भी सात नए पीड़ित मिले। पटना में चिकिनगुनिया के अबतक कुल 59 मामले मिल चुके हैं।

सीएम एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश के दिशा-निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों में होगा जदयू का कार्यकर्ता समागम, आज इस जिले से होगी शुरुआत

डेस्क : बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। इसे लेकर अभी से प्रदेश की सभी पार्टियां तैयारी में जुट गई है। इसी में मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश पर प्रदेश के सभी 38 जिलों में जदयू कार्यकर्ता समागम होगा। 

इस कार्यकर्ता समागम का आज 27 सितंबर को मुजफ्फरपुर जिले से शुरुआत होगी और 20 जनवरी 2025 को नालंदा में समाप्त होगी। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा सभी जिलों के कार्यकर्त समागम में मुख्य अतिथि होंगे।

इस कार्यक्रम को लेकर मनीष वर्मा आज 27 सितंब को को मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं। यहां एलएस कॉलेज के ऑडिटोरियम में वह कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इसमें पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर के कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होंगे। इसके बाद मनीष वर्मा सभी विस क्षेत्रों के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। मनीष वर्मा के इस यात्रा से पार्टी के कार्यकर्ता हों या फिर समाजसेवी अपने क्षेत्र से संबंधित शिकायत और सुझाव पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचा सकते हैं।

29 सितंबर को मनीष वर्मा मुजफ्फरपुर से सीवान रवाना होंगे, जहां दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।

धान और दलहन के लिए आसमान से बरसा अमृत, किसानों के खिले चेहरे*

डेस्क : बिहार में बीते दो-तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में हो रही झमाझम बारिश ने जहां उमश भरी गर्मी से बड़ी राहत दी है। वहीं धान और दलहन फसल के लिए आसमान से बरसे इस अमृत से किसानों के चेहरे खिल उठे है। सूबे में बुधवार की रात से शुरू हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। उत्तरा नक्षत्र के आखिरी दिन गुरुवार को 35 जिलों में औसत 11.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। अगले दो दिनों तक सूबे में बारिश के आसार हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बारिश से जमीन में मौजूद नुकसानदेह कीड़े-मकोड़े भी मर जाते हैं। धान की फसल के लिए यह बारिश बहुत जरूरी होती है। फसल में होनेवाला रोग इस बारिश से समाप्त हो जाते हैं। यही वजह है कि खेती-किसानी से जुड़े लोग हथिया नक्षत्र में होनेवाली बारिश को ‘सोना बरसना’ भी कहते हैं। वहीं अगले महीने से शुरू होनेवाले दलहन फसल चक्र के लिए भी यह वर्षा अमृत मानी जाती है। खेतों की नमी बने रहने से दलहन की फसल को फायदा होगा।
मौसम अलर्ट : बिहार के 14 जिलों में आज भारी बारिश की चेतवानी, शेष जिले में होगी बूंदाबांदी*

डेस्क : बिहार में बीते दो-तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में हो रही झमाझम बारिश ने उमश भरी गर्मी से बड़ी राहत दी है। वहीं आज शुक्रवार से हथिया नक्षत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। *इन जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट* वहीं मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को बिहार के 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी है। सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसमें गोपालगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीवान, छपरा, बक्सर, भोजपुर, जमुई और बांका शामिल हैं। इन जिलों के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी है। वहीं पटना सहित शेष जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने के आसार हैं। गुरुवार को अरवल, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण को छोड़कर राज्य के 35 जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई है। इनमें बांका में 45, अररिया में 29.5, मुंगेर में 29.1, पूर्णिया में 28.4, किशनगंज में 26, कटिहार में 25.6, भागलपुर में 23.7, बेगूसराय में 23.3, मधेपुरा में 23.1, सुपौल में 22.3, नावादा में 22.1, सहरसा में 21.1, शेखपुरा में 18.4, खगड़िया में 17, जमुई में 15, समस्तीपुर में 12, गया में 11 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। बुधवार की रात से हो रही रिमझिम बारिश से बिहार का मौसम भी सुहाना हो गया है। इस मानसून में अबतक राज्य में औसतन 28 प्रतिशत बारिश की कमी है। अबतक 968.8 मिमी बारिश होनी चाहिए थी पर 701.2 मिमी ही हुई है। शेखपुरा, नवादा और औरंगाबाद ही ऐसे जिले हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है। 35 जिलों में 56 से लेकर एक प्रतिशत तक की कमी है। पटना के विभिन्न इलाकों में गुरुवार को दिनभर बारिश होती रही। इस दौरान कभी तेज, तो कभी बूंदाबांदी हुई। बीच-बीच में तेज हवा भी चली। इससे पटना का मौसम सुहाना हो गया। राजधानी में बुधवार सुबह 830 बजे से गुरुवार की सुबह 830 बजे तक 34.1 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं गुरुवार को दिन में 2.9 मिलीमीटर बारिश हुई।
अशोक चौधरी का जदयू में बढ़ा कद, बनाए गए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से विवाद में घिरे जदयू नेता व बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी का जदयू में कद बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी में बड़ा पद दिया है। अशोक चौधरी को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। जदयू की ओर से गुरुवार को पार्टी महसचिव आफाक अहमद खान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अशोक चौधरी को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की घोषणा की है।

बता दें दो दिन पहले ही मंत्री अशोक चौधरी ने अपने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर एक कविता के तर्ज पर पोस्ट किया था। जिसमें ने उन्होंने 'बढ़ती उम्र में कुछ बातों की चिंता और इच्छा छोड़ देने की बात की थी। अशोक चौधरी के पोस्ट को लेकर बवाल मच गया था।

ऐसा कहा जाने लगा कि उन्होंने इस कविता के माध्यम से सीएम नीतीश की बढ़ती उम्र पर निशाना साधा है। जदयू की ओर से अशोक चौधरी की पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई गई। इसी बीच अशोक चौधरी और सीएम नीतीश की मुलाकात हुई। जिसे लेकर ऐसा कहा गया कि सीएम ने अशोक चौधरी को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई है।

लेकिन अशोक चौधरी ने सीएम नीतीश से मिलने के बाद किसी प्रकार के विवाद होने को लेकर चल रही अटकलों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश के साथ तस्वीर पोस्ट की थी।

वही इस विवाद से पहले अशोक चौधरी ने जहानाबाद में भूमिहार जाति को लेकरविवादित टिप्पणी की थी। इसके विरोध में भूमिहार वर्ग के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। भूमिहारों द्वारा जदयू को वोट नहीं दिए जाने के अशोक चौधरी के आरोप पर जदयू के कई नेताओं ने कन्नी काट ली थी। बाद में विवाद बढने पर अशोक चौधरी ने कहा था कि उनका मकसद किसी जाति को आहत करना नहीं था। इन सब विवादों के बीच अब अशोक चौधरी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अब अशोक चौधरी पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाएंगे।

भागलपुर में गंगा के जलस्तर में निरंतर हो रही कमी, अब कटाव के साथ इन समस्याओं से बाढ़ पीड़ितों को पड़ेगा जूझना

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों बाढ़ के चपेट में है। जिससे 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित है। हालांकि प्रदेश के भागलपुर जिले में गंगा के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। लेकिन रुक-रुककर हो रही बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी फिर से बढ़ा दी है। बाढ़ राहत शिविरों में पॉलीथिन टांग कर रह रहे लोगों की परेशानी यह है कि हवा के तेज झोंके से उनका सारा सामान भीग रहा है।

बारिश के कारण हवाई अड्डा मैदान, कॉलेजियट मैदान, चर्च मैदान आदि जगहों पर ठहरे बाढ़ पीड़ितों के साथ आये मवेशी दिनभर भीगते रहे। इन्हें बरसात से बचाने के लिए कोई दूसरा विकल्प भी बाढ़ पीड़ितों के पास नहीं है। टीएनबी कॉलेजिएट स्कूल मैदान स्थित बाढ़ राहत शिविर में बारिश में जमीन गीला हो गया। जिससे लोगों को भोजन करने में भी दिक्कत होने लगी।

वहीं गंगा के जलस्तर में कमी के बाद अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि जहां से पानी निकल गया है वहां के मैदानी हिस्से में तीन दिनों तक जलजमाव से घास-पत्ते सड़ने लगा है। जिससे बदबू आने लगी है। धूप खिलने के बाद यहां सड़ांध से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। लोगों ने चूना व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की मांग की है।

वहीं बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही कई जगहों पर कटाव का डर बना हुआ है। सबौर के मसाढू में कटाव से कई घर गंगा में गिर चुका है। अभी भी करीब आधा दर्जन गांव में भी कटाव बढ़ने का डर है। इसको लेकर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने दैनिक ऑनलाइन बैठक में पदाधिकारियों को मसाढ़ू समेत सभी कटाव स्थलों पर निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि बुधवार को सुल्तानगंज, शाहकुंड, नाथनगर, गोपालपुर, इस्माईलपुर, रंगरा चौक, नारायणपुर, सबौर, नवगछिया, जगदीशपुर, पीरपैंती एवं कहलगांव के सीओ से बारी-बारी से चलाए जा रहे सामुदायिक किचन एवं बाढ़ राहत कार्य के संबंध में फीडबैक लिया गया। साथ ही तीनों एसडीओ से उनके इलाके के जलस्तर के संबंध में जानकारी ली गई। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के मुख्य अभियंता ने भी बताया है कि जलस्तर में लगातार कमी हो रही है।

वही भागलुपर जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को तटबंधों की सुरक्षा करने और कटाव स्थलों पर त्वरित निरोधात्मक कार्रवाई करने के लिए अभियंताओं को प्रतिनियुक्ति करने कहा गया है। आरसीडी व एनएच के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है कि जलजमाव वाले स्थलों की सड़क से पानी हटते ही त्वरित मरम्मत करवाने के लिए सामग्री तैयार रखें।