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रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर : बाढ़ के कारण बंद भागलपुर-जमालपुर रुट पर ट्रेनो का परिचालन शुरु, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों बाढ़ के चपेट में है। जिससे 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित इलाको में पूरा जन-जीवन अस्तव्यस्त है। पठन-पाठन, यातायात सभी कुछ प्रभावित है। बाढ़ ने रेलवे की भी परेशानी बढ़ा दी थी। भागलपुर-जमालपुर रेल खंड पर कई जगह पानी चढ़ गया था। इससे कई ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया गया था तो कई ट्रेन के रूट को डायवर्ट कर दिया गया था।

इसी बीच अब रेल यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। फिलहाल भागलपुर-जमालपुर रेल खंड पर रेलवे ट्रैक से पानी नीचे चला गया है। जिसके बाद अब पुनः सभी ट्रेनों को नियमित करने की कवायद की जा रही है।

मालदा डिवीजन के डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता ने बयान जारी करते हुए बताया कि 21 सितंबर से ट्रेन का परिचालन बन्द कर दिया था। अब सभी ट्रेन को अपने रूट से चलाई जाएंगी। हालांकि, उनकी स्पीड अभी कम रहेगी।

उन्होंने बताया कि सभी एक्सप्रेस और लोकल ट्रेन अपने रूट से चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि दूसरे रूट से ट्रेन चलने से यात्रियों को परेशानी हो रही थी। अब विक्रमशिला एक्सप्रेस, इंटरसिटी और गरीब रथ सभी ट्रेन सुल्तानगंज होते हुए जाएंगी। लगातार अपडेट भी लिया जा रहा है। अगर किसी प्रकार की परेशानी होगी तो समाधान किया जाएगा।

जहां-जहां कुछ पानी अभी भरा हुआ है वहां से 30 के रफ्तार में ट्रेन गुजरेगी। 12 से ज्यादा ब्रिज के गार्डर के समीप पानी था। इस दौरान करीब 17 ट्रेनों को निरस्त रखा गया। 20 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया था। 12 ट्रेन शार्ट टर्मिनेट रखी गई थी। टीम लगातार सभी जगह पर नजर बनाए रखे हुए है। अब सुल्तानगंज की तरफ जाने के लिए यात्रियों को परेशानी नहीं होगी। जमालपुर तरफ से आने वाले भी यात्रियों को परेशानी नहीं होगी। अब पटना के लिए भी सभी ट्रेन निर्धारित समय पर खुलेंगी। इसलिए पटना जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी नहीं होगी।

बाढ़ पीड़ितों से मिले केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह : सामुदायिक किचन का लिया जायजा, हर प्रकार के सहयोग का दिलाया भरोसा

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों बाढ़ के चपेट में है। जिससे 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित है। मुंगेर सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने आज बुधवार को लखीसराय मे बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हर प्रकार का सहयोग देने का भरोसा दिलाया।

उन्होंने वहां चल रहे सामुदायिक किचन में खाने की सामग्री और उसकी गुणवत्ता का जायजा लिया। साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बीच कपड़े भी बांटे और बर्तन मुहैया कराने की बात की। साथ ही बाढ़ से अपना घर गंवाने वाले लोगों को उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी को मकान बनाने में सरकार की ओर से सहयोग किया जाएगा। पानी उतरने के बाद सर्वे किया जाएगा। इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से भी उन्होंने मुलाकात की और जिले में बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराए जा रहे कार्यों पर चर्चा की।

गौरतलब है कि पिछले करीब एक सप्ताह से इन जिलों के दियारा और निचले इलाके के हजारों लोगों को घर गांव छोड़कर उपरी जगहों पर शरण लेना पड़ा है। वहीं गंगा के बाढ़ के कारण इन जिलों में हजारों एकड़ में लगी धान, मक्के और अन्य प्रकार की खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

जल संसाधन विभाग के अनुसार गंगा कि बाढ़ का खतरा अगले 48 घंटे में और ज्यादा कम हो जाएगा। नदी में पानी का आवक कम है जबकि बहिर्गमन ज्यादा तेजी से हो रहा है। इससे नदी के निचले इलाकों को तेजी से राहत मिलेगी। वहीं मानसून की समाप्ति की ओर बढने के कारण आगे आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर नहीं बढ़ेगा।

बिहार में बाढ़ का कहर : 12 जिलों में 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित, लोगों को सता रही भविष्य की चिंता

डेस्क : बिहार में गंगा के रौद्र रूप और अन्य कई नदियों के जलस्तर में हुई भारी वृद्धि से 12 जिले बाढ़ की चपेट में है। बिहार के इन 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को हाजीपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए राहत शिविर का दौरा किया और अधिकारियों को सहायता और राहत प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए।

हालांकि पटना और उसके आसपास के इलाकों में गंगा नदी का जलस्तर घट रहा है लेकिन अन्य जिलों में कई नदियों में जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हो रहे हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) की ओर से रविवार को यहां जारी एक बयान के अनुसार, गंगा के किनारे लगभग 12 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है और निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 12.67 लाख लोग और कुल 361 ग्राम पंचायतें प्रभावित हुई हैं।

बाढ़ के कारण पटना के साथ-साथ कई जिलों में स्थति ख़राब हो गई है। बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण स्कूल-कॉलेज को बंद कर दिया गया है। वही भागलपुर में ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई है। रविवार 22 सितंब को जमालपुर-भागलपुर रेलखंड के सुलतानगंज और रतनपुर स्टेशनों के मध्य पुल संख्या 195 के ग्रिडर तक बाढ़ का पानी पहुंच जाने से रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया। पूर्व मध्य रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस कारण जमालपुर-भागलपुर संभाग से गुजरने वाली कई ट्रेनों का परिचालन रद्द/परिवर्तित मार्ग से किया गया। हालांकि ट्रेको पर जलस्तर कम होने के बाद इस रेल खंड पर फिर से रेल सेवा बहाल हो गई है।

पटना के दियारा समेत गंगा के किनारे बसे इलाको में बाढ़ का पानी फैल गया है। जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर ने जिले के 8 प्रखंडों के 76 स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश जारी किया है।

भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड में गंगा नदी का पानी घुसने से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। सोनकी सूहिया बस पड़ाव के पास के गांव में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भी जगह नहीं बची है। लोग मजबूरन सड़क पर ही श्मशान घाट बनाकर अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। सोनकी सूहिया बस पड़ाव के पास के गांव में गंगा नदी का पानी भर गया है। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। ऐसे में लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गांव वालों ने बताया कि बाढ़ की वजह से उनके घरों में पानी भर गया है। खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है। बाहर से सामान लाना भी मुश्किल हो गया है। कई मील दूर से लोग नाव से सामान ला रहे हैं। अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां भी नहीं मिल रही हैं। लोग दूर-दूर से गाड़ियों से लकड़ियां मंगवा रहे हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि बाढ़ की वजह से बहुत नुकसान हुआ है। घर का सारा सामान बर्बाद हो गया है। परिवार के लोग भी परेशान हैं। ये जीवन का कठिन समय है। मां गंगा ने इस बार ऐसी तबाही मचाई की चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।

कटिहार में गंगा और कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर ने कुरसेला प्रखंड में बाढ़ ला दी है, जिससे कई गांव डूब गए हैं और लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। पिछले चार दिनों से गंगा और कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है और कई गांव पानी से घिर गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कटिहार के जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा, एसपी वैभव शर्मा और एसडीएम आलोक चंद्र चौधरी ने कुरसेला प्रखंड का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। उन्होंने मधेली गुमटी टोला, बंगाली टोला और मोकना टोला का दौरा कर तटबंधों का निरीक्षण किया और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया।

वहीं खराब स्थिति भागलपुर जिले की है। गंगा के रौद्र रुप से कहलगांव और सुल्तानगंज जान वाले एनएच-80 पर पानी बहने से आवागमन बंद हो गया। वहीं, शनिवार देर रात रेल लाइन पर पानी का दबाव बढ़ते ही सुल्तानगंज-जमालपुर के बीच परिचालन रोका गया है। बरियारपुर के पास पानी रेल लाइन को छू गया है। कई ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया।

वर्ष 2021 के बाद इस बार शहरी क्षेत्र में बाढ़ आई है। निगम क्षेत्र के छह वार्ड में करीब पांच हजार लोग ‘जलकैदी’ बनकर रह गए हैं। वार्ड संख्या 01, 03, 04, 09, 10, 18 पूर्ण रूप से जलमग्न हो गया है। यहां के लोग सामानों को ऊंचे स्थान पर रख रहे हैं। बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। जिस गली में ऑटो-टोटो चलती थी। वहां नाव चल रही है। बाढ़ का पानी साहेबगंज में यूनिवर्सिटी जाने वाली सड़क के पार हो गई है। पानी भैरवा तालाब की ओर गिर रहा है। सखीचंद घाट, जहाज घाट रोड का निचला हिस्सा, आदमपुर बैंक कॉलोनी, बूढ़ानाथ मोहल्ला आदि में सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। तिलकामांझी विश्वविद्यालय के अतिथि आवास, ऑडिटोरियम आदि तक पानी पहुंच गया है। विश्वविद्यालय कर्मी नाव से या रिक्शा से दफ्तर जा रहे हैं। वहीं बाढ़ की स्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा चल रहे पीजी नामांकन को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है।

भागलुपर में बाढ़ की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगो ने रो-रोकर कहा कि परदेश में मजदूरी कर पाई-पाई जोड़कर अपना आशियाना बनाया था। जिसे बाढ़ ने उनके सामने घर को लील लिया। कटाव और बाढ़ की दोहरी मार ने गंगा पर वर्षों पूर्व जमा विश्वास तोड़ दिया। इन महिलाओं का नया मकान गृहप्रवेश के पहले ही जलसमाधि ले ली। गंगा को नजदीक आता देख ये महिलाएं खुद ही छेनी-हथौड़ी लेकर मकान को तोड़ने में जुट गईं। नदी में समाने से पहले जितना संभव हो पाया। इन महिलाओं ने ईंट ऊखाड़कर सुरक्षित स्थलों पर रख दिया। ये ईंट किस काम के होंगे, इस सवाल का जवाब महिलाओं ने सिर्फ आंसू बहाकर दिया।

वैसे बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकार की ओर से जरुरत के सामान उपलब्ध कराए जा रहे है। खाने के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि बाढ़ ने जिन लोगों का आशियाना छिन लिया। जो लोग बेघर हो गए। फसले बर्बाद हो गई। क्या यह सबकुछ वापस मिल पाएगा। प्रभावित लोगों अपने भविष्य की चिंता सता रही है।

अशोक चौधरी के ट्वीट को लेकर किए गए सवाल पर मीडिया पर भड़के केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह, कहा-अनावश्यक विवाद पैदा करते रहते हैं आपलोग

डेस्क : बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कविता के तर्ज पर ट्वीट किया। अशोक चौधरी के इस ट्वीट को लेकर यह कहा जाने लगा कि उन्होंने कविता के माध्यम से सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र पर तंज किया गया है। जिसके बाद इसपर सियासत गर्म हो गई। जदयू ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि बाद में अशोक चौधरी ने इसपर अपनी सफाई दी और सीएम आवास जाकर उनसे मिले और उनके साथ की तस्वीर भी साझा की। 

इधर अशोक चौधरी के ट्वीट पर मचे घमासान को लेकर आज जब मीडिया कर्मियों ने केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से पटना में सवाल किया तो वो मीडिया पर ही भड़क गये। केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि आप लोग बिना मतलब के ट्वीट में मतलब निकालते रहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी जेडीयू के सर्वमान्य नेता हैं कोई भी पार्टी का नेता नीतीश कुमार के बारे में क्या बोलेगा? उन्होंने फिर मीडिया कर्मियों से कहा कि आप लोग अनावश्यक विवाद पैदा करते रहते हैं। 

बता दें इस अशोक चौधरी के ट्वीट को लेकर जदयू के कई नेताओं द्वारा उनके पोस्ट पर नाराजगी जाहिर करने के बाद अब राज्यसभा सांसद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी अशोक चौधरी के ट्विट पर नाराजगी जाहिर की है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमारे गार्जियन की तरह हैं और गार्जियन को लेकर इस तरह की बातें करना कहीं से भी शोभा नहीं देता है। 

उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट बहुत ही आपत्तिजनक है। घर में कोई गार्जियन है। उनके बारे में इस तरह की बात कहीं से उचित नही कहा जा सकता है। उनको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के उम्र से क्या लेना देना है। मुख्यमंत्री जी का योगदान बिहार के लिए इतना शानदार रहा है। इतिहास भी उनको य़ाद रखेगा । आज भी बिहार के विकास के लिए नीतीश जी दिन-रात काम कर रहे है। उनके बारे में उम्र का हवाला देकर के कोई भी व्यक्ति तंज कसे यह बिल्कुल गैर मुनासिब और आपत्तिजनक है। कैसे उन्होंने कहा यह तो हम नही बता सकते हैं। उनका यह ट्वीट मुझे तो व्यक्तिगत रूप से बहुत ही आपत्तिजनक लगा है। 

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुशवाहा ने कहा कि उस पार्टी को बनाने में शुरूआत में उनका कोई योगदान रहा नहीं है। नीतीश कुमार जी उस पार्टी के सबकुछ है। उनका जैसा मन करे जिस तरह से वो पार्टी को चलाए। लेकिन व्यक्तिगत रूप से कोई भी नीतीश जी के प्रति इस तरह की बात करें । वो कही से उचित नहीं है। जदयू के अंदर –मामला है। उसमें हम कुछ नही कह सकते है। लेकिन जो बात निकलकर सामने आ रही है। वह गलत है। जदयू द्वारा अशोक चौधरी पर कार्रवाइ करने को लेकर सावाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वो पार्टी का मामला है। उसमें हम कुछ नही कह सकते है।

वहीं अशोक चौधरी के सफाई देने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने बाद में जो सफाई दे रहे हैं। उसको भी हमने देखा है। लेकिन अब सफाई से कोई मतलब नहीं है। एक कहावत है ना तीर कमान से और बात जुबान से निकल जाती है। उसको बाद सफाई देने का क्या मतलब है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जो बात कही है वो बहुत ही आपत्तिजनक है। नीतीश कुमार जी हर तरह से बिहार में विकास करने के लिए प्रयासरत है। किस वजह से उनकी बैचेनी बढ़ गई है वो ही जाने।

बिहार के इस जिले में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात की चपेट में आने से 3 की मौत 1 गंभीर रुप से झुलसा

डेस्क : बिहार में आसमानी बिजली चपेट में आने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं एक व्यक्ति बुरी तरह तरह झुलस गया। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज जारी है। इस घटना के मृतक के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के एकंबा गांव की है।

मिली जानकारी के अनुसार तीनों मृतक खेत में काम कर थे। इसी बीच बारिश होने लगी। बारिश से बचने के लिए तीनों मजदूर एक पेड़ के नीचे छिप गए। कुछ ही देर बाद पेड़ पर ठनका गिर गया और पेड़ के नीचे खड़े तीनों मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि एक गंभीर रुप से झुलस गया। मृतकों की पहचान इंद्रदेव कुमार, विक्रम कुमार, मनु राजवंशी के रूप में हुई है। जबकि घायल की पहचान सूरज कुमार के तौर पर हुई है।

घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस घटना से गांव में मातम का माहौल है। वही मृतकों के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है।

बिहार के छात्र-छात्राओं को लिए खुशखबरी : बिजली कंपनियों में अब 2600 की जगह 4016 नये पदों पर होगी नियमित बहाली, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : सरकारी नौकरी की तलाश में जुटे बिहार के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार उन्हें नौकरी उपलब्ध कराने का भरपूर अवसर प्रदान कर रही है। पुलिस, स्वास्थ्य समेत कई विभागो में बहाली निकाली जा रही है। इसी कड़ी बिजली कंपनियों में पहले जहां 2600 पदों पर बहाली निकाली थी अब बढ़ाकर 4016 नये पदों पर नियमित बहाली होगी।

इसके लिए एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन लिये जायेंगे। आवेदन का लिंक बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट https//www.bsphcl.co.in/ पर उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, जून-जुलाई में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को फिर से उसी पद के लिए आवेदन की जरूरत नहीं होगी।

बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के अधिकारियों के अनुसार रिक्त पदों की संख्या करीब 2000 बढ़ा दी गयी है। अब तकनीशियन ग्रेड थ्री में 2000 की जगह 2156 पद, जूनियर अकाउंट्स क्लर्क में 300 की जगह 740 पद, कॉरेस्पांडेस क्लर्क में 150 की जगह 806 पद, स्टोर असिस्टेंट में 80 की जगह 115 पद और सहायक व कनीय अभियंताओं में 40-40 पदों की जगह क्रमश 86 और 113 पदों पर नियमित बहाली होगी।

तकनीशियन ग्रेड तीन पदों पर बहाली के लिए मैट्रिक व इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। साथ ही एनसीवीटी या एससीवीटी से मान्यता प्राप्त संस्थान से इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में दो साल का आईटीआई सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। परीक्षा सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) आधारित होगी, जिसकी सूचना अलग से प्रकाशित की जाएगी।

डीजीपी आलोक राज ने सभी जिलों के एसपी को दिए यह टास्क, पुलिसकर्मियों को इन 5 बिंदुओं पर काम करने के दिए सलाह

डेस्क : राज्य में आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित कर विधि-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए डीजीपी आलोक राज ने बीते मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के सभी आलाधिकारियों के साथ सभी रेंज के आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान जिलों के तमाम पुलिस कप्तान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। डीजीपी का पद संभालने के बाद यह पहला मौका है, जब उन्होंने विधि-व्यवस्था को लेकर बड़ी समीक्षा बैठक की है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 सितंबर को बड़े पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि-व्यवस्था की समीक्षा की थी। 

बैठक के दौरान डीजीपी आलोक राज ने सभी जिलों को केंद्रित दृष्टिकोण (फोकस्ड एप्रोच) के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए 5 बिन्दुओं पर काम करने की सलाह सभी पुलिस कर्मियों को दी।

डीजीपी ने सभी जिला कप्तानों को अपराध नियंत्रित करने का टास्क देते हुए कहा कि वे खुद रेंज या जिलों में जाकर जमीनी स्तर पर वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे। देखेंगे कि एसपी उनके दिए टास्क पर कितना खरा उतरे हैं। डीजीपी ने त्योहारों में पूर्ण शांति बनाए रखने को सभी स्तर पर तैयारी करने का निर्देश दिया। निरोधात्मक कार्रवाई पर विशेष ध्यान देने को कहा।

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी रेंज के आईजी या डीआईजी और एसपी स्वयं नागरिकों से मिलने का समय निर्धारित करें और उनसे मिलकर समस्याओं का समाधान करें। साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर से भेजी गई शिकायतों पर प्रत्येक महीने समीक्षा करके कार्रवाई करें। आमजनों में पुलिस के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए जनता से निरंतर शिकायत सुनें और इन पर तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि वे रोजाना डीजीपी कार्यालय आने वाले 40-50 व्यक्तियों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। संबंधित जिलों को भी इन मामलों पर कार्रवाई करने के लिए भेजा जा रहा है।

दुर्गापूजा से छठ महापर्व तक को लेकर पटना जिला प्रशासन ने जारी किया गाइडलाइन, पूजा समितियों को यह काम करना अनिवार्य

डेस्क : दुर्गापूजा से लेकर छठ महापर्व को शांति एवं सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की तैयारी में पटना प्रशासन की ओर से अभी से तैयारी शुरु कर दी गई है। जिला प्रशासन ने इसे लेकर पूजा समितियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है।

बीते मंगलवार को पटना जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में दुर्गापूजा को लेकर बैठक की। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि दुर्गापूजा से लेकर छठ महापर्व तक किसी भी प्रकार का मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रावण वध, जुलूस, विसर्जन जुलूस इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं होगा। आयोजन के लिए लाइसेंस लेना और नवीकरण कराना अनिवार्य है।

पंडालों के पास सीसीटीवी और वीडियोग्राफी की व्यवस्था आयोजक करेंगे। अपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून पर रोक रहेगी। मूर्ति का विसर्जन अस्थायी तालाब में ही किया जाना है। आतिशबाजी पर रोक और डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। जुलूस का मार्ग परम्परागत रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में इसे एसडीओ और एसडीपीओ बदल सकेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को सतत क्रियाशील रखा जाएगा। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि आगामी पर्व-त्योहारों के मद्देनजर अभी से स्पेशल क्लीन्लिनेश ड्राइव चलाया जाएगा। जुलूस के मार्ग में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं रहेगा। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूजा स्थलों पर महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग पंक्ति बनाना आवश्यक है। सभी थानाध्यक्ष पंडालों का भ्रमण करेंगे। सभी जुलूस के साथ थाना की एस्कॉर्ट पार्टी चलेगी।

डीएम डॉ. सिंह ने निर्देश दिया कि एसडीओ अनुमंडल स्तरों पर नियंत्रण कक्ष का गठन करेंगे। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों,पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों के अतिरिक्त क्विक रिस्पांस टीम का भी गठन करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में सीसीटीवी आधारित सर्विलेंस सिस्टम (निगरानी केन्द्र) विकसित की गयी है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम , वैरिएवल मैसेज साइन बोर्ड पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इमरजेंसी कॉल बॉक्सेज , तथा इन्व्यारनमेंटल सेंसर लोकेशन (ईएसएल) प्रणाली का क्रियान्वयन विभिन्न स्थानों पर किया गया है।

जिउतिया व्रत आज, संतान की लंबी आयु, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य के लिए महिलाएं करती है यह व्रत

डेस्क : संतान की लंबी आयु, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य आदि की कामना के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत का बीते मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरु हुआ। वहीं आज यानि बुधवार को महिलाएं निर्जला-निराहार व्रत रखेंगी।

बनारस पंचांग को मानने वाली महिलाओं ने बीते 24 सितंबर मंगलवार को नहाय-खाय के साथ इस व्रत की शुरुआत की। वहीं आज 25 सितंबर को निर्जला निराहार उपवास करेंगी। जबकि मिथिला पंचांग के यह व्रत एक दिन पहले बीते सोमवार को नहाय खा के साथ शुरु हो गया और बीते मंगलवार को निर्जला निराहार उपवास के साथ आज समापन हो गया।

मिथिला पांचाग के जानकार बताते हैं कि मिथिला पंचांग में आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को ही जिउतिया व्रत रखा जाता है। इस वर्ष 24 सितंबर शाम 6.06 बजे तक ही सप्तमी तिथि है। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। इसलिए व्रती 24 सितंबर को ही उपवास की। मिथिला पंचांग मानने वाली व्रती महिलाएं 24 सितंबर की सुबह में ओठगन की।

वहीं बनारस पांचाग को मानने वाले लोग उदयातिथि के अनुसार आज बुधवार 25 सितंबर जीवित्पुत्रिका व्रत रख रही है। जबकि व्रती महिलाएं 26 सितंबर को पारण करेंगी। सजीव पुत्रिका व्रत में माताएं अपनी संतान की सलामती और स्वास्थ्य लाभ के लिए पूरे दिन और पूरी रात निर्जला व्रत रखती हैं।

बताते चले कि जीवित्पुत्रिका व्रत में महिलाएं खाजा, मिठाई, फल और डलिया भरती हैं। जीतिया व्रत में वे चील, सियारिन की कथा सुनती हैं।

राजधानी पटना समेत में मौसम का बदला मिजाज, देर रात हुई बारिश ने उमश भरी गर्मी से दी बड़ी राहत

डेस्क : राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिले पिछले कई दिनों से भीषण उमश भरी गर्मी की मार झेल रहे है। इसी बीच बीते मंगलवार की देर रात राजधानी पटना मे मौसम का मिजाज बदला और बारिश हुई। दोपहर की भीषण गर्मी के बाद रात में बारिश होने से लोगों को बड़ी राहत मिली। रात में राजधानी के कई इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल रही थी।

राजधानी पटना में देर रात तक तेज हवा चलती रही। जिस कारण लोग दिन की भीषण गर्मी के बाद रात में सुहावने मौसम का छतों पर आनंद उठाते देखे गए। वहीं मौसम विभाग ने देर रात को भी राजधानी में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। जबकि मंगलवार की अहले सुबह भी राजधानी के कई इलाकों में तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। जबकि पटना जिले के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई थी।

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को प्रदेश के कई जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने और बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट आई। राजधानी सहित 28 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आई।