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बिहार के इस जिले में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात की चपेट में आने से 3 की मौत 1 गंभीर रुप से झुलसा

डेस्क : बिहार में आसमानी बिजली चपेट में आने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं एक व्यक्ति बुरी तरह तरह झुलस गया। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज जारी है। इस घटना के मृतक के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के एकंबा गांव की है।

मिली जानकारी के अनुसार तीनों मृतक खेत में काम कर थे। इसी बीच बारिश होने लगी। बारिश से बचने के लिए तीनों मजदूर एक पेड़ के नीचे छिप गए। कुछ ही देर बाद पेड़ पर ठनका गिर गया और पेड़ के नीचे खड़े तीनों मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि एक गंभीर रुप से झुलस गया। मृतकों की पहचान इंद्रदेव कुमार, विक्रम कुमार, मनु राजवंशी के रूप में हुई है। जबकि घायल की पहचान सूरज कुमार के तौर पर हुई है।

घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस घटना से गांव में मातम का माहौल है। वही मृतकों के परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है।

बिहार के छात्र-छात्राओं को लिए खुशखबरी : बिजली कंपनियों में अब 2600 की जगह 4016 नये पदों पर होगी नियमित बहाली, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : सरकारी नौकरी की तलाश में जुटे बिहार के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार उन्हें नौकरी उपलब्ध कराने का भरपूर अवसर प्रदान कर रही है। पुलिस, स्वास्थ्य समेत कई विभागो में बहाली निकाली जा रही है। इसी कड़ी बिजली कंपनियों में पहले जहां 2600 पदों पर बहाली निकाली थी अब बढ़ाकर 4016 नये पदों पर नियमित बहाली होगी।

इसके लिए एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन लिये जायेंगे। आवेदन का लिंक बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट https//www.bsphcl.co.in/ पर उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, जून-जुलाई में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को फिर से उसी पद के लिए आवेदन की जरूरत नहीं होगी।

बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के अधिकारियों के अनुसार रिक्त पदों की संख्या करीब 2000 बढ़ा दी गयी है। अब तकनीशियन ग्रेड थ्री में 2000 की जगह 2156 पद, जूनियर अकाउंट्स क्लर्क में 300 की जगह 740 पद, कॉरेस्पांडेस क्लर्क में 150 की जगह 806 पद, स्टोर असिस्टेंट में 80 की जगह 115 पद और सहायक व कनीय अभियंताओं में 40-40 पदों की जगह क्रमश 86 और 113 पदों पर नियमित बहाली होगी।

तकनीशियन ग्रेड तीन पदों पर बहाली के लिए मैट्रिक व इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। साथ ही एनसीवीटी या एससीवीटी से मान्यता प्राप्त संस्थान से इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में दो साल का आईटीआई सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। परीक्षा सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) आधारित होगी, जिसकी सूचना अलग से प्रकाशित की जाएगी।

डीजीपी आलोक राज ने सभी जिलों के एसपी को दिए यह टास्क, पुलिसकर्मियों को इन 5 बिंदुओं पर काम करने के दिए सलाह

डेस्क : राज्य में आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित कर विधि-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए डीजीपी आलोक राज ने बीते मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के सभी आलाधिकारियों के साथ सभी रेंज के आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान जिलों के तमाम पुलिस कप्तान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। डीजीपी का पद संभालने के बाद यह पहला मौका है, जब उन्होंने विधि-व्यवस्था को लेकर बड़ी समीक्षा बैठक की है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 सितंबर को बड़े पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि-व्यवस्था की समीक्षा की थी। 

बैठक के दौरान डीजीपी आलोक राज ने सभी जिलों को केंद्रित दृष्टिकोण (फोकस्ड एप्रोच) के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए 5 बिन्दुओं पर काम करने की सलाह सभी पुलिस कर्मियों को दी।

डीजीपी ने सभी जिला कप्तानों को अपराध नियंत्रित करने का टास्क देते हुए कहा कि वे खुद रेंज या जिलों में जाकर जमीनी स्तर पर वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे। देखेंगे कि एसपी उनके दिए टास्क पर कितना खरा उतरे हैं। डीजीपी ने त्योहारों में पूर्ण शांति बनाए रखने को सभी स्तर पर तैयारी करने का निर्देश दिया। निरोधात्मक कार्रवाई पर विशेष ध्यान देने को कहा।

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी रेंज के आईजी या डीआईजी और एसपी स्वयं नागरिकों से मिलने का समय निर्धारित करें और उनसे मिलकर समस्याओं का समाधान करें। साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर से भेजी गई शिकायतों पर प्रत्येक महीने समीक्षा करके कार्रवाई करें। आमजनों में पुलिस के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए जनता से निरंतर शिकायत सुनें और इन पर तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि वे रोजाना डीजीपी कार्यालय आने वाले 40-50 व्यक्तियों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। संबंधित जिलों को भी इन मामलों पर कार्रवाई करने के लिए भेजा जा रहा है।

दुर्गापूजा से छठ महापर्व तक को लेकर पटना जिला प्रशासन ने जारी किया गाइडलाइन, पूजा समितियों को यह काम करना अनिवार्य

डेस्क : दुर्गापूजा से लेकर छठ महापर्व को शांति एवं सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की तैयारी में पटना प्रशासन की ओर से अभी से तैयारी शुरु कर दी गई है। जिला प्रशासन ने इसे लेकर पूजा समितियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है।

बीते मंगलवार को पटना जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में दुर्गापूजा को लेकर बैठक की। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि दुर्गापूजा से लेकर छठ महापर्व तक किसी भी प्रकार का मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रावण वध, जुलूस, विसर्जन जुलूस इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं होगा। आयोजन के लिए लाइसेंस लेना और नवीकरण कराना अनिवार्य है।

पंडालों के पास सीसीटीवी और वीडियोग्राफी की व्यवस्था आयोजक करेंगे। अपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून पर रोक रहेगी। मूर्ति का विसर्जन अस्थायी तालाब में ही किया जाना है। आतिशबाजी पर रोक और डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। जुलूस का मार्ग परम्परागत रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में इसे एसडीओ और एसडीपीओ बदल सकेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को सतत क्रियाशील रखा जाएगा। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि आगामी पर्व-त्योहारों के मद्देनजर अभी से स्पेशल क्लीन्लिनेश ड्राइव चलाया जाएगा। जुलूस के मार्ग में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं रहेगा। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूजा स्थलों पर महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग पंक्ति बनाना आवश्यक है। सभी थानाध्यक्ष पंडालों का भ्रमण करेंगे। सभी जुलूस के साथ थाना की एस्कॉर्ट पार्टी चलेगी।

डीएम डॉ. सिंह ने निर्देश दिया कि एसडीओ अनुमंडल स्तरों पर नियंत्रण कक्ष का गठन करेंगे। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों,पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों के अतिरिक्त क्विक रिस्पांस टीम का भी गठन करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में सीसीटीवी आधारित सर्विलेंस सिस्टम (निगरानी केन्द्र) विकसित की गयी है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम , वैरिएवल मैसेज साइन बोर्ड पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इमरजेंसी कॉल बॉक्सेज , तथा इन्व्यारनमेंटल सेंसर लोकेशन (ईएसएल) प्रणाली का क्रियान्वयन विभिन्न स्थानों पर किया गया है।

जिउतिया व्रत आज, संतान की लंबी आयु, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य के लिए महिलाएं करती है यह व्रत

डेस्क : संतान की लंबी आयु, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य आदि की कामना के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत का बीते मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरु हुआ। वहीं आज यानि बुधवार को महिलाएं निर्जला-निराहार व्रत रखेंगी।

बनारस पंचांग को मानने वाली महिलाओं ने बीते 24 सितंबर मंगलवार को नहाय-खाय के साथ इस व्रत की शुरुआत की। वहीं आज 25 सितंबर को निर्जला निराहार उपवास करेंगी। जबकि मिथिला पंचांग के यह व्रत एक दिन पहले बीते सोमवार को नहाय खा के साथ शुरु हो गया और बीते मंगलवार को निर्जला निराहार उपवास के साथ आज समापन हो गया।

मिथिला पांचाग के जानकार बताते हैं कि मिथिला पंचांग में आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को ही जिउतिया व्रत रखा जाता है। इस वर्ष 24 सितंबर शाम 6.06 बजे तक ही सप्तमी तिथि है। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। इसलिए व्रती 24 सितंबर को ही उपवास की। मिथिला पंचांग मानने वाली व्रती महिलाएं 24 सितंबर की सुबह में ओठगन की।

वहीं बनारस पांचाग को मानने वाले लोग उदयातिथि के अनुसार आज बुधवार 25 सितंबर जीवित्पुत्रिका व्रत रख रही है। जबकि व्रती महिलाएं 26 सितंबर को पारण करेंगी। सजीव पुत्रिका व्रत में माताएं अपनी संतान की सलामती और स्वास्थ्य लाभ के लिए पूरे दिन और पूरी रात निर्जला व्रत रखती हैं।

बताते चले कि जीवित्पुत्रिका व्रत में महिलाएं खाजा, मिठाई, फल और डलिया भरती हैं। जीतिया व्रत में वे चील, सियारिन की कथा सुनती हैं।

राजधानी पटना समेत में मौसम का बदला मिजाज, देर रात हुई बारिश ने उमश भरी गर्मी से दी बड़ी राहत

डेस्क : राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिले पिछले कई दिनों से भीषण उमश भरी गर्मी की मार झेल रहे है। इसी बीच बीते मंगलवार की देर रात राजधानी पटना मे मौसम का मिजाज बदला और बारिश हुई। दोपहर की भीषण गर्मी के बाद रात में बारिश होने से लोगों को बड़ी राहत मिली। रात में राजधानी के कई इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल रही थी।

राजधानी पटना में देर रात तक तेज हवा चलती रही। जिस कारण लोग दिन की भीषण गर्मी के बाद रात में सुहावने मौसम का छतों पर आनंद उठाते देखे गए। वहीं मौसम विभाग ने देर रात को भी राजधानी में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। जबकि मंगलवार की अहले सुबह भी राजधानी के कई इलाकों में तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। जबकि पटना जिले के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई थी।

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को प्रदेश के कई जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने और बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट आई। राजधानी सहित 28 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आई।

मंत्री अशोक चौधरी के उम्र वाली कविता पर भड़के उपेन्द्र कुशवाहा, कहा-उनका ट्वीट बहुत ही आपत्तिजनक, अब माफी मांगने का कोई मतलब नही

डेस्क : बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कविता के तर्ज पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा था कि बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए.. एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,    "छोड़ दीजिए". बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए। गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें,  *छोड़ दीजिए।*  एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, *छोड़ दीजिए।* अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, *छोड़ दीजिए।* यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, *छोड़ दीजिए।*  हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, *छोड़ दीजिए।* बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, *छोड़ दीजिए।* उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना, *छोड दीजिए

इधर अशोक चौधरी के इस ट्वीट को लेकर यह कहा जाने लगा कि उन्होंने कविता के माध्यम से सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र पर तंज किया गया है। जिसके बाद इसपर सियासत गर्म हो गई। जदयू ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि बाद में अशोक चौधरी ने इसपर अपनी सफाई दी और सीएम आवास जाकर उनसे मिले और उनके साथ की तस्वीर भी साझा की।

बावजूद इसके अभी यह मामला शांत नहीं हुआ है। जदयू के कई नेताओं द्वारा उनके पोस्ट पर नाराजगी जाहिर करने के बाद अब राज्यसभा सांसद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी अशोक चौधरी के ट्विट पर नाराजगी जाही की है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमारे गार्जियन की तरह हैं और गार्जियन को लेकर इस तरह की बातें करना कहीं से भी शोभा नहीं देता है।

उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट बहुत ही आपत्तिजनक है। घर में कोई गार्जियन है। उनके बारे में इस तरह की बात कहीं से उचित नही कहा जा सकता है। उनको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के उम्र से क्या लेना देना है। मुख्यमंत्री जी का योगदान बिहार के लिए इतना शानदार रहा है। इतिहास भी उनको य़ाद रखेगा । आज भी बिहार के विकास के लिए नीतीश जी दिन-रात काम कर रहे है। उनके बारे में उम्र का हवाला देकर के कोई भी व्यक्ति तंज कसे यह बिल्कुल गैर मुनासिब और आपत्तिजनक है। कैसे उन्होंने कहा यह तो हम नही बता सकते हैं। उनका यह ट्वीट मुझे तो व्यक्तिगत रूप से बहुत ही आपत्तिजनक लगा है।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुशवाहा ने कहा कि उस पार्टी को बनाने में शुरूआत में उनका कोई योगदान रहा नहीं है। नीतीश कुमार जी उस पार्टी के सबकुछ है। उनका जैसा मन करे जिस तरह से वो पार्टी को चलाए। लेकिन व्यक्तिगत रूप से कोई भी नीतीश जी के प्रति इस तरह की बात करें । वो कही से उचित नहीं है। जदयू के अंदर –मामला है। उसमें हम कुछ नही कह सकते  है। लेकिन जो बात निकलकर सामने आ रही है।  वह गलत है। जदयू द्वारा अशोक चौधरी पर कार्रवाइ करने को लेकर सावाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वो पार्टी का मामला है। उसमें हम कुछ नही कह सकते है।

वहीं अशोक चौधरी के सफाई देने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने बाद में जो सफाई दे रहे हैं। उसको भी हमने देखा है। लेकिन अब सफाई से कोई मतलब नहीं है। एक कहावत है ना तीर कमान से और बात जुबान से निकल जाती है। उसको बाद सफाई देने का क्या मतलब है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जो बात कही है वो बहुत ही आपत्तिजनक है। नीतीश कुमार जी हर तरह से बिहार में विकास करने के लिए प्रयासरत है। किस वजह से उनकी बैचेनी बढ़ गई है वो ही जाने।
सांसद वीणा देवी के पुत्र की मौत को लेकर हत्या या दुर्घटना की शंका पर लगा विराम, पुलिस ने पूरे मामले का किया खुलासा

डेस्क : वैशाली से लोजपा सांसद वीणा देवी और जदयू एमएलसी दिनेश सिंह के पुत्र राहुल राज की मौत को लेकर दुर्घटना या हत्या की साजिश की शंका पर विराम लग गया है। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है। मुजफ्फरपुर एसएसपी ने पूरे मामले की जांच के बाद कहा है कि सांसद पुत्र राहुल राज की मौत सड़क दुर्घटना में ही हुई है।

बता दे कि सोमवार की शाम मुजफ्फरपुर जिले के सरैया अनुमंडल के जैतपुर थाना क्षेत्र के पोखरैरा के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आने से वैशाली की सांसद वीणा देवी और जदयू एमएलसी दिनेश सिंह के पुत्र राहुल राज उर्फ छोटू सिंह की मौत हो गई थी। वही इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे थे। जिसको देखते हुए मुजफ्फरपुर के एसएसपी राकेश कुमार खुद घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की और आसपास मे लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगाला।

जांच के बाद उन्होने कहा कि सड़क दुर्घटना में ही सांसद पुत्र राहुल राज उर्फ छोटू सिंह की मौत हुई है। एसएसपी राकेश कुमार के द्वारा घटनास्थल के निरीक्षण और उनके बयान के बाद सभी तरह के अफ़वाहो पर विराम लग गया है।
बाढ़ पीड़ितों ने एनएच-31 को जाम कर किया जमकर हंगामा, सरकार से कोई मदद नहीं मिलने का लगाया आरोप

डेस्क : बिहार में गंगा समेत कई नदियों के उफान की वजह से प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित है। सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों को हर राहत उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से उनमे आक्रोश व्याप्त है।

आज मंगलवार को बेगूसराय में बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा फूट पड़ा और वे सड़क पर उतर आए। जिले के बलिया स्थित एनएच 31 को जाम कर बाढ़ पीड़ितों ने सड़क पर टायर जलाकर आवागमन को बाधित कर दिया। इस दौरान काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। वही बाढ़ पीड़ितों ने इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की। साथ ही बलिया सीओ के आवास का घेराव कर दिया।

बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि बलिया प्रखंड क्षेत्र के पहाड़पुर परमानंदपुर नौरंगा ताजपुर गोखल नगर, विष्णुपुर सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। इसके बावजूद सरकार की ओर से किसी तरह की मदद नहीं की जा रही है। बाढ़ से लोग परेशान हैं।

इनका कहना था कि सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार का कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे परेशानी बढ़ गयी है। जिला प्रशासन द्वारा कागज पर ही काम दिखाया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। बाढ़ पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। किसी तरह की मदद नहीं की जा रही है।

मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने काफी मशक्कत के बाद लोगों को शांत कराया जिसके बाद यातायात बहाल हो सका।
बिहार के इस विश्वविद्यालय में नामांकन प्रक्रिया अगले आदेश तक बंद, जानिए क्या है वजह

डेस्क : बिहार के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी में नामांकन की शुरु हुई प्रक्रिया को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है। बता दें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को बाढ़ ने पूरे तरीके से प्रभावित कर दिया है। इस विश्वविद्यालय के निचले भवन के सभी कमरों में लगभग पानी घुस गया है। इस कारण सभी काम रोकने पड़े. यही वजह है कि नामांकन की प्रक्रिया को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के रजिस्टार डॉ विकास चंद्रा ने बताया कि भागलपुर में बाढ़ की चपेट में तिलकामांझी विश्वविद्यालय भी आ गया है। ऐसे में पहले तो परीक्षा को स्थगित की गई थी। अब नामांकन को भी रद्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी इस विश्वविद्यालय में पीजी के सत्र 2024-26 के लिए नामांकन जारी था। यह प्रक्रिया ऑफलाइन थी जिसे अभी बंद कर दिया गया है. इसकी अधिसूचना 21 सितंबर को जारी की गई थी। अब अगले आदेश तक इसको बंद रखा जाएगा।