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क्वाड नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान, दक्षिण चीन सागर, रूस-यूक्रेन जंग और आतंकवाद के लेकर कही ये बातें

डेस्क: अमेरिकी में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। क्वाड शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन जंग से लेकर दुनिया में आतंकवाद और चीन को लेकर चर्चा की गई। क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। हम विवादित विशेषताओं के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं।

दक्षिण चीन सागर को लेकर जारी हुआ संयुक्त बयान: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया ''हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए''।

यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर जताई चिंता: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया "हम यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जिसमें भयानक और दुखद मानवीय परिणाम शामिल हैं।

उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों की निंदा: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया "हम उत्तर कोरिया के अस्थिर करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।''

आतंकवाद की निंदा: क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया ''हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है।

क्वाड नेताओं ने अपने संयुक्त वक्तव्य यह भी कहा ''संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में विस्तार के माध्यम से इसे और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे। स्थायी सीटों के इस विस्तार में सुधारित सुरक्षा परिषद में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन का प्रतिनिधित्व शामिल होना चाहिए।"

तिरुपति ‘लड्डू प्रसादम’ मामले में पूर्व सीएम जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ हैदराबाद में शिकायत दर्ज, लगाए गए गंभीर आरोप

डेस्क: श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रसिद्ध तिरुपति ‘लड्डू प्रसादम’ में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट का मामला इन दिनों चर्चा में है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए दल के विधायकों की बैठक के दौरान प्रसाद में मिलावट के आरोप लगाए थे। वहीं अब इन आरोपों के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी एवं अन्य के खिलाफ हैदराबाद में एक शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में उन पर मंदिर को अपवित्र करने के ‘‘दुर्भावनापूर्ण कृत्य’’ और हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। 

अधिवक्ता के.करुणा सागर ने जांच लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सैदाबाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। के. करुणा सागर ने कहा है कि वह इस रिपोर्ट को देखकर हैरान हैं। उन्होंने पुलिस से मामले की जांच करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा उन्होंने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को कथित रूप से अपवित्र करने और लाखों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जगनमोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया। 

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ शिकायत के बारे में पूछे जाने पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे इस मामले में कानूनी राय ले रहे हैं क्योंकि मामला आंध्र प्रदेश का है। उन्होंने कहा कि कानूनी राय के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने शुक्रवार को खुलासा किया कि उसे गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे गए सैंपल में घटिया गुणवत्ता के घी और चर्बी की मिलावट का पता चला है। लड्डू में पशु चर्बी की मिलावट का दावा दो दिन पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने किया था।

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावः मालदीव-बांग्लादेश के बाद यहां भी चीन समर्थक नेता के आने के आसार

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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान प्रारंभ हो गया। साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है।

श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट टॉप-3 कैंडिडेट की रैंकिंग के आधार पर तय होता है। अगर टॉप 3 में से किसी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो 3 उम्मीदवारों के बीच दूसरे दौर की वोटिंग होती है। श्रीलंका में अभी तक दूसरे दौर की वोटिंग नहीं हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दूसरे दौर की वोटिंग हो सकती है क्योंकि इस बार कई बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के नेता अनुरा कुमार दिसानायके, समागी जन बालावेगया(एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा और श्रीलंका पोडु पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के नमल राजपक्षे टक्कर दे रहे हैं। साजिथ प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। 1993 में रणसिंघे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, नमल राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। महिंदा राजपक्षे 2005 से लेकर 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

इस द्वीप राष्ट्र में 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेशनल पीपुल्स पांवर गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके और एसजेबी नेता सजित प्रेमदासा के बीच है।निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा का रुख आमतौर पर भारत समर्थक माना जाता है, जबकि चुनावी सर्वे में सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहे दिसानायके चीन समर्थक हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का वादा करके युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।

अनुरा दिसानायके के जीतने के आसार

सर्वे के मुताबिक इस बार अनुरा दिसानायके के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है। विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी कम बताई गई है।

भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा

बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता हैं। वे एनपीपी गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक जेवीपी पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब जेवीपी ने इसका विरोध किया था।

हाल के कुछ सालों में जेवीपी ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। जेवीपी नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है।

भारत के लिए क्यों अहम है श्रीलंका?

किसी भी देश का उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत मायने रखता है। श्रीलंका भी भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि श्रीलंका भारत के जिस दक्षिणी स्थान के करीब स्थित है, उन इलाकों में भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र, स्पेस रिसर्च सेंटर और नौसैनिक अड्डे जैसे प्रमुख प्रतिष्ठान हैं, लिहाजा श्रीलंका में किसी भी एंटी-इंडिया स्टैंड रखने वाली सरकार का आना, भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

अब मुंबई के धारावी में मस्जिद पर मचा घमासान, बीएमसी की टीम पर हमला जानें क्यों हो रहा विवाद*
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मुंबई के धारावी में मस्जिद के अवैध निर्माण पर एक्शन से पहले तनाव का माहौल है। बृह्मनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों की एक टीम शनिवार सुबह धारावी पहुंची। यहां महबूब-ए-सुभानी मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराया जाना था। खबर लगते ही मुस्लिम समाज समेत बस्ती के लोग इकट्‌ठा हो गए और टीम को रोक दिया।बाद में प्रदर्शनकारियों ने बीएमसी की दो गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी। हालात संभालने के लिए बड़ी तादाद में पुलिस को तैनात किया गया है। मुंबई के धारावी में महबूबा-ए-सुभानी मस्जिद के अवैध स्ट्रक्चर पर कार्रवाई की जानी है। कार्रवाई के लिए आज सुबह ही बीएमसी के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। बीएमसी की कार्रवाई को देखते हुए भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात कर दिया गया। बीएमसी के एक्शन से पहले भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी मस्जिद के पास जमा हो गए। बता दें कि बीएमसी के अधिकारियों ने सबसे पहले धारावी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट की थी, जिसके बाद दोनों समुदाय के लोगों की आपस में बातचीत भी हुई। इस बीच बीएमसी ने बातचीत के बाद आठ दिन का समय दिया है। इस आठ दिन के समय के बाद बीएमसी एक बार फिर से कार्रवाई कर सकती है। वहीं कांग्रेस सहित तमाम नेताओं ने सीएम से भी मामले में हस्तक्षेप की मांग की। इस बीच मिलिंद देवड़ा और कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने इस कार्रवाई पर सीएम से रोक लगाने की मांग की। दोनों नेताओं ने सीएम से लॉ एंड ऑर्डर पर बात की और सीएम से मामले में हस्तक्षेप करने की बात की। उन्होंने सीएम को बीएमसी को निर्देश देने की भी बात कही है। दोनों नेताओं ने सीएम से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा की। धारावी की जिस 90 फीट रोड पर यह मस्जिद बनी है, वह पुलिस स्टेशन महज 100 मीटर दूर है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बीएमसी ने पिछले साल भी मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजा था। लेकिन तब भी कोई हल नहीं निकला था।
लेबनान पेजर ब्लास्ट का केरल से कनेक्शन! जानें क्या है पूरा मामला*
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लेबनान में हजारों पेजर फटने के कारण कई लोगों की मौत हो गई तो वहीं हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए।इन धमाकों के पीछे इजरायल का हाथ बताया जा रहा है। साथ ही इस घटना के बाद दुनियाभर के लोग हैरान हैं कि आखिर इजरायल ने पेजर्स और वॉकी टॉकीज को कैसे घातक हथियार बना दिया। अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल इन धमाकों की जांच में एक भारतीय का नाम सामने आया है।इस भारतीय की पहचान केरल के वायनाड से ताल्लुक रखने वाले रिनसन जोस के रूप में हुई है। जो अब नॉर्वे का नागरिक है। हंगरी की न्यूज़ वेबसाइट टेलेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्लाह के पेजर डील में नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड नाम की एक बुलगेरियाई कंपनी शामिल थी। केरल के वायनाड में जन्मा रिनसन होजे बुल्गारिया की कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड का मालिक है। रिनसन पर आरोप है कि उसकी कंपनी नॉर्टा ग्लोबल ने हिजबुल्लाह को पेजर सप्लाई किए थे। बुल्गारिया के सोफिया में स्थित नॉर्टा ग्लोबल कंपनी ने बीते गुरुवार (19 सितंबर) को अपनी वेबसाइट भी इंटरनेट से हटा दी। इस वेबसाइट पर प्रौद्योगिकी परामर्श पर रिनसन के किए गए काम का विज्ञापन था। नॉर्टा ग्लोबल कार्यालय को भी अपने पंजीकृत पते पर नहीं पाया जा सका। बता दें कि रिनसन का जन्म केरल के वायनाड में हुआ था। वहां से एमबीए पूरा करने के बाद वह नॉर्वे चले गए थे। रिनसन ने कुछ साल लंदन में भी बिताए और आखिरकार नॉर्वे की नागरिकता ले ली। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि केरल के एक साधारण से परिवार में जन्मा रिनसन का नाम कैसे लेबनान के पेजर ब्लास्ट से जुड़ गया। दरअसल हिजबुल्लाह सदस्यों के हजारों पेजर फटने के बाद सबसे पहला ध्यान पेजर बनाने वाली कंपनी पर गया। इन पेजर्स पर ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो का ब्रांड नाम था। हालांकि, गोल्ड अपोलो के संस्थापक और अध्यक्ष सू चिंग-कुआंग ने सफाई देते हुए कहा कि ‘ये पेजर्स हमारे नहीं हैं। इस पर सिर्फ हमारा ब्रांड था’। अब पता चला है कि हिजबुल्ला को भेजे गए पेजर्स की आपूर्ति में बुल्गारिया की कंपनी नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल थी। नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड कंपनी रिनसन जोस की है, जिसकी स्थापना रिनसन ने साल 2022 में की थी। हालांकि बुल्गारिया की पुलिस ने लेबनान में विस्फोट में फटे पेजर्स के बुल्गारिया में निर्माण या आयात-निर्यात की बात से इनकार किया है। बुल्गारिया पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
चुनाव के बीच नाराज कुमारी शैलजा को ऑफर, मनोहर लाल खट्टर ने कहा-कांग्रेस में हो रहा अपमान*
#kumari_selja_joining_bjp_what_manohar_lal_khattar_says_on_this

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है। वहीं, कांग्रेस का अंदरूनी कलह बढ़ता जा रहा है। लगातार कुमारी शैलजा की नाराजगी की खबर मिल रही है। दरअसल, कांग्रेस ने बीते बुधवार को अपना घोषण पत्र जारी किया। कांग्रेस के मेनिफेस्टो लांच में पार्टी के तमाम नेता मौजूद रहे लेकिन कुमारी शैलजा नजर नहीं आईं। जिसके बाद कांग्रेस की सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा की अनुपस्थिति को लेकर चर्चा शुरू हो गई। फिर चर्चा शुरू हुई कि कुमारी शैलजा को टिकट बंटवारे में भी नजरअंदाज किया गया। वहीं, उन्होंने चुनाव प्रचार से भी दूरी बनाए हुए हैं। इसी कड़ी में कुमारी शैलजा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा बयान दिया है। हरियाणा कांग्रेस में जारी बगावत के बीच मनोहर लाल खट्टर ने कुमारी शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इतनी कलह हो गई है कि वहां सीएम पद के लिए चेहरा स्पष्ट नहीं है। हमारी एक दलित बहन का अपमान हुआ है, उसको गालियां तक दी गई हैं। हमने बहुत नेताओं को अपने साथ मिलाया है, हम तो तयार हैं, उन्हें अपने साथ मिलाने के लिए, वो आएं। खट्टर ने कहा कि कांग्रेस में इतनी कलह हो गई है कि वहां सीएम पद के लिए चेहरा स्पष्ट नहीं है। बापू बेटे की लड़ाई भी शुरू हो गई है। बापू कहता है मैं बनूंगा, बेटा कहता है मैं बनूंगा। बापू बेटा के बाहर के जो नेता हैं, उनकी भी इच्छा है। इच्छा सबकी हो सकती है पर किसी और की इच्छा हो जाए तो उससे पार्टी को दिक्कत है. उसे अपमानित किया जाता है। वहीं, बीजेपी ने इसे दलित का अपमान बताया। आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट लिखी कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र लॉन्च किया। सभी बड़े नेता वहां मौजूद थे लेकिन कुमारी सैलजा को नहीं बुलाया गया। अमित मालवीय ने कहा कि भूपिन्दर हुड्डा प्रदेश की सबसे वरिष्ठ दलित महिला नेता को बुलाना कैसे भूल गए? उन्होंने आगे कहा कि उसी कार्यक्रम में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान का एक दलित महिला विधायक के साथ अभद्रता भी की। इसके बाद कांग्रेस का एक कार्यकर्ता शैलजा के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता दिखाई दे रहा है। जिसके बाद सियासत शुरू हो गई। बता दें कि हरियाणा में टिकटों के आवंटन से लेकर चुनाव घोषणापत्र जारी होने के दौरान कांग्रेस महासचिव सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला की अनदेखी से पार्टी में मतभेद ज्यादा गहरा गए हैं। कांग्रेस में 72 टिकट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को मिले हैं, जबकि चार मौजूदा विधायकों समेत करीब 10 टिकटों पर कुमारी सैलजा को संतोष करना पड़ा है। ऐसे में दोनों गुटों में असंतोष देखा जा रहा है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के बेटे सहित उनके समर्थकों को सिर्फ दो टिकट मिले है। वहीं हाईकमान की पसंद से चार से छह टिकट दिए गए हैं। टिकटों के बंटवारे में यह भेदभाव और सम्मान नहीं मिलने से कुमारी सैलजा नाराज हैं। बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस ने घोषणा पत्र भी जारी किया। इस बीच सैलजा और सुरजेवाला दोनों मंच पर कहीं नजर नहीं आए।
मणिपुर में म्यांमार से रची जा रही साजिश? 900 कुकी उग्रवादियों ने की घुसपैठ, ड्रोन चलाने में हैं माहिर*
#kuki_militants_infiltration_into_manipur_from_myanmar
मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। हालांकि, हाल के दिनों में आई खबरों से साफ हो गया है कि राज्य में हिसां ने एक अलग ही रूप ले लिया है। हाल ही में राज्य में ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमले हुए है। जिसके बाद कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में साजिश की बू आने लगी है। इस बीच एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।मणिपुर में म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की बात सामने आई है। ये आतंकी राज्य में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। घुसपैठी ड्रोन, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से उग्रवादियों की आवाजाही की खबरें मिल रही हैं। सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि घुसपैठी उग्रवादी ड्रोन बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड हैं। ये 30-30 लोगों के ग्रुप में हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में छिपे हुए हैं। 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले की आशंका कुलदीप सिंह ने कहा, उग्रवादी 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले कर सकते हैं। हमले की आशंका के बीच चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, उखरुल, कामजोंग और फेरजॉल समेत कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सितंबर में बढ़ी हिंसक घटनाएं बता दें कि 1 सितंबर के बाद से मणिपुर में एक बार फिर हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। -पहला ड्रोन हमलाःएक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। -दूसरा ड्रोन अटैकः 3 सितंबर को इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। -तीसरा रॉकेट अटैकः 6 सितंबर को पूर्व सीएम के घर रॉकेट से हमला किया गया। बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। -चौथा हमला-7 सितंबर को जिरिबाम में दो हमले हुए। पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 किमी दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में अब तक 237 लोगों की मौत हो चुकी है। 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।
पीएम मोदी अमेरिका रवाना, क्वाड शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग
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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान वे वार्षिक ‘क्वाड’ शिखर बैठक में शामिल होंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करेंगे। अमेरिका दौरे पर रवाना होने के बाद प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि आज, मैं राष्ट्रपति बाइडेन के गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के लिए अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। *पीएम मोदी ने की यूएस दौरे की बात* पीएम मोदी ने आगे लिखा कि मैं क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अपने सहयोगियों राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री अल्बनीज और प्रधानमंत्री किशिदा के साथ शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है। राष्ट्रपति बाइडन के साथ मेरी बैठक हमें अपने लोगों और वैश्विक भलाई के लाभ के लिए भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्तों की समीक्षा और पहचान करने की अनुमति देगी। मैं भारतीय प्रवासियों और महत्वपूर्ण अमेरिकी व्यापारिक नेताओं के साथ जुड़ने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं, जो प्रमुख हितधारक हैं और दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्रों के बीच अनूठी साझेदारी को जीवंतता प्रदान करते हैं। भविष्य का शिखर सम्मेलन वैश्विक समुदाय के लिए मानवता की बेहतरी के लिए आगे की राह तैयार करने का एक अवसर है। मैं मानवता के छठे हिस्से के विचारों को साझा करूंगा क्योंकि शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य में उनकी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है। *पीएम मोदी का यूएस यात्रा का कार्यक्रम* वहीं, विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा के बारे में मंगलवार को जानकारी दी थी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले वे 21 सितंबर को डेलवेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड लीडर्स समिट' में शामिल होंगे, जिसकी मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे।पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 23 सितंबर को 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करेंगे। इसमें विभिन्न देशों के नेता एक मंच पर आएंगे और इस बात पर नई अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाएंगे कि कैसे वर्तमान को बेहतर और भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए। प्रधानमंत्री विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और परस्पर हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीस व जापानी पीएम फुमियो किशिदा मुख्य रूप से शामिल हैं। साथ ही वे हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय सुरक्षा व सहयोग पर चर्चा करेंगे।
आतिशी आज लेगी सीएम पद की शपथ, कैबिनेट में शामिल होंगे ये 5 चेहरे*
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देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति में आज एक अहम बदलाव होने जा रहा है।आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी आज दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहीं हैं। आतिशी का शपथ ग्रहण आज शाम साढे चार बजे होगा। आतिशी के साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। राजनिवास में शपथ ग्रहण समारोह होगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक शाम 4:30-5:00 बजे के बीच आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। सीएम पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की मांग की। आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह शनिवार, 21 सितंबर को शाम 4:30 बजे आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे, जो नई सरकार की दिशा और नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। *आतिशी के साथ ये लेंगे शपथ* दिल्ली में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। मुकेश अहलावत भी कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। दिल्ली को एक नया कैबिनेट मंत्री मिलेगा।मुकेश अहलावत सुल्तानपुरी से विधायक हैं। यह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। यह राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल छह मंत्री होते हैं। अभी पांच मंत्री शपथ लेंगे मुख्यमंत्री के साथ। एक मंत्री की जगह अभी खाली है जो आतिशी की जगह पर बनेंगे। *केजरीवाल की सबसे विश्वासपात्र आतिशी* बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल की ओर से इस्तीफा देने के ऐलान के बाद विधायक दल की बैठक हुई जिसमें आतिशी के नाम पर मुहर लगी। आतिशी को केजरीवाल का सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है। अन्ना आंदोलन के समय से ही वो केजरीवाल के साथ हैं। सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय भी उन्हीं के पास थे और केजरीवाल के जेल जाने के बाद से वो पार्टी और सरकार से जुड़े अधिकतर मुद्दों पर मुखर भी रही हैं। मंत्री बनने से पहले आतिशी शिक्षा के लिए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं। *तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी* आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले बीजेपी की दिवंगत और दिग्गज नेता सुषमा स्वराज, कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज का कार्यकाल बहुत छोटा था जबकि शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। अब दिल्ली की कमान आतिशी को मिलने जा रही है।
मिडिल ईस्ट में चरम पर तनाव, अब हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे 140 रॉकेट

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इजराइल और लेबनान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है।एक तरफ जहां इजराइल की सेना लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है तो वहीं अब हिजबुल्लाह की ओर से भी पलटवार किया गया है। हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल में मिसाइलें दागी हैं। शुक्रवार को लेबनान समर्थित हिज्बुल्ला ने उत्तरी इजराइल में एक के बाद एक 3 हमलों को अंजाम दिया है। इन तीन हमलों नें हिज्बुल्ला आतंकियों ने करीब 140 मिसाइलें दागीं। यह हमला हिज्बुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर बमबारी का बदला लेने की कसम खाने के एक दिन बाद हुआ।

इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले की जानकारी इजरायली सेना और आतंकवादी समूह हिज्बुल्ला दोनों ने दी है। इजरायल की सेना ने कहा कि शुक्रवार दोपहर को तीन दौर में रॉकेट दागे गए, जिनका लक्ष्य लेबनान से लगी सीमा पर स्थित स्थल थे। हिज्बुल्ला ने कहा कि उसने सीमा पर कई स्थानों को कत्युशा रॉकेटों से निशाना बनाया है।

हिज्बुल्ला ने यह भी कहा कि हमले में कई हवाई रक्षा अड्डे और एक इजरायली बख्तरबंद ब्रिगेड का मुख्यालय भी शामिल है। उसने कहा कि इन ठिकानों पर पहली बार हमला किया गया है। हिज्बुल्ला ने कहा कि ये रॉकेट दक्षिणी लेबनान के गांवों और घरों पर इजरायली हमलों का बदला लेने के लिए दागे गए।

इससे पहले इजराइली वायुसेना के विमानों ने बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर घातक हमले किए। रात भर लेबनान में इजराइली फाइटर जेट्स गरजते रहे। इजराइल की तरफ से किए गए इन हमलों में हिजबुल्लाह के 1000 से ज्यादा रॉकेट बैरल लांचर नष्ट हो गए है। आतंकी संगठन के 100 से ज्यादा ठिकानों को भी ध्वस्त किया गया है।

इस बीच इज़राइली सेना की तरफ से भी कहा गया था कि लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले इस वजह से किए जा रहे हैं ताकि उसकी आतंकवादी क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा सके। सेना ने यह भी कहा गया था कि हिजबुल्लाह ने आम लोगों के घरों को हथियार बनाया है, उनके नीचे सुरंगें खोदी हैं और नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया है, जिससे दक्षिणी लेबनान युद्ध क्षेत्र में बदल गया है।