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आज का पंचांग, 20 सितंबर 2024:जानिए पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत - 2081 पिङ्गल

शक सम्वत - 1946 क्रोधी 

आश्विन - पूर्णिमान्त

भाद्रपद- अमान्त

तिथि

तृतीया - 09:15 पी एम तक

नक्षत्र

अश्विनी - 02:43 ए एम, सितम्बर 21 तक

योग

ध्रुव - 03:19 पी एम तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 06:09 ए एम

सूर्यास्त - 06:20 पी एम

चन्द्रोदय - 07:49 पी एम

चन्द्रास्त - 08:24 ए एम

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 11:50 ए एम से 12:39 पी एम

अमृत काल - 08:16 पी एम से 09:42 पी एम

बह्म मुहूर्त - 04:34 ए एम से 05:21 ए एम

अशुभ काल

राहूकाल- 10:43 ए एम से 12:14 पी एम

यम गण्ड - 03:17 पी एम से 04:48 पी एम

गुलिक - 07:40 ए एम से 09:11 ए एम

दुर्मुहूर्त - 08:35 ए एम से 09:24 ए एम, 12:39 पी एम से 01:27 पी एम

वर्ज्य - 11:08 पी एम से 12:34 ए एम, सितम्बर 21

आज का 19 सितंबर 2024: जानें कैसा रहेगा आज आपका दिन, मेष से लेकर मीन राशि तक का क्या है आज हाल

ग्रहों की स्थिति- गुरु वृषभ राशि में। मंगल मिथुन राशि में। बुध सिंह राशि में। सूर्य और केतु कन्या राशि में। शुक्र का प्रवेश तुला राशि में हो चुका है, जहां पे स्वग्रही हो गए हैं। अब बहुत अच्छी स्थिति में आ चुके हैं। ये जनमानस के लिए बहुत अच्छा होगा। शनि वक्री कुंभ राशि में और राहु और चंद्रमा का कुयोग चल रहा है मीन राशि में।

मेष राशि- 

आनंददायक जीवन गुजरेगा। जीवनसाथी का सानिध्य मिलेगा। नौकरी चाकरी की स्थिति अच्छी रहेगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम संतान मध्यम रहेगा। व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। हरी वस्तु का दान करें।

वृषभ राशि- 

शत्रु भी मित्र बनने की कोशिश करेंगे। स्वास्थ्य में सुधार हो जाएगा। प्रेम संतान बहुत अच्छा। व्यापार बहुत अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

मिथुन राशि- 

अच्छे निर्णय लेंगे। भावुकता में रहने के बाद भी निर्णय लेने की क्षमता आपकी सराहनीय रहेगी। लेखकों, कवियों के लिए अच्छा। स्वास्थ्य पहले से बेहतर, प्रेम संतान बहुत अच्छा, व्यापार बहुत अच्छा। काली जी की शरण में रहें उन्हें प्रणाम करें, शुभ होगा।

कर्क राशि-

 भूमि, भवन और वाहन की खरीदारी संभव है। घर में कुछ उत्सव संभव है। स्वास्थ्य में सुधार, प्रेम संतान, व्यापार अभी भी मध्यम ही चल रहा है। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- 

पराक्रम रंग लाएगा। एक बहुत ही अच्छी सॉफ्ट एनर्जी फ्लो करेगी आप में। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। व्यापारिक स्थिति पहले से बहुत ज्यादा बेहतर होगी आपकी। अप्रोच बहुत अच्छे रहेंगे टुवर्ड्स बिजनस। सफेद वस्तु पास रखें।

कन्या राशि- 

धन आगमन। कुटुंबों में वृद्धि। शब्द साधक की तरह व्यवहार करेंगे। धनदायक दिन रहेगा। स्वास्थ्य अच्छा है, प्रेम संतान अच्छा है, व्यापार बहुत अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- 

बहुत दिनों बाद बहुत अच्छी स्थिति आपकी रहेगी। स्वास्थ्य की स्थिति बहुत अच्छी, प्रेम संतान बहुत अच्छा। बस थोड़ा गुदा रोग से परेशान हो सकते हैं। इस बात का ध्यान रखिए। पीली वस्तु का दान करें।

वृश्चिक राशि-

 बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम संतान की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। व्यापार बहुत अच्छा है। मानसिक स्वास्थ्य थोड़ा गड़बड़ रहेगा। काली वस्तु का दान करें।

धनु राशि- 

घरेलू सुख बाधित दिख रहा है। भूमि, भवन और वाहन की खरीदारी में थोड़ा मन परेशान रहेगा। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। रक्तचाप की स्थिति थोड़ी गड़बड़ दिख रही है। प्रेम संतान अच्छा, व्यापार भी अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- 

नाक, कान, गला की परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य थोड़ा मध्यम दिख रहा है। बाकी प्रेम संतान, व्यापार बहुत अच्छा दिख रहा है। अब जाकर के आपको मजा आएगा अपनी व्यवसायिक स्थिति में। काली जी को प्रणाम करें।

कुंभ राशि-

 धन हानि के संकेत हैं। जुआ, सट्टा, लॉटरी में पैसे न लगाएं। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। आंख या मुख रोग के शिकार हो सकते हैं। प्रेम संतान बहुत अच्छा, व्यापार भी बहुत अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि-

 ऊर्जा का स्तर घटता बढ़ता रहेगा। नकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। एक बेचैनी, घबराहट सी बनी रहेगी। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम संतान मध्यम, व्यापार लगभग ठीक रहेगा। काली वस्तु का दान करें।

आज का पंचांग- 19 सितंबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - आश्विन

अमांत - भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष द्वितीया- सितंबर 19 04:19 AM- सितंबर 20 12:40 AM

कृष्ण पक्ष तृतीया- सितंबर 20 12:40 AM- सितंबर 20 09:15 PM

नक्षत्र

उत्तरभाद्रपदा - सितंबर 18 11:00 AM- सितंबर 19 08:04 AM

रेवती - सितंबर 19 08:04 AM- सितंबर 20 05:15 AM

अश्विनी - सितंबर 20 05:15 AM- सितंबर 21 02:42 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 6:18 AM

सूर्यास्त - 6:22 PM

चन्द्रोदय - सितंबर 19 7:22 PM

चन्द्रास्त - सितंबर 20 8:23 AM

अशुभ काल

राहू - 1:51 PM- 3:21 PM

यम गण्ड - 6:18 AM- 7:49 AM

कुलिक - 9:19 AM- 10:50 AM

दुर्मुहूर्त - 10:19 AM- 11:08 AM, 03:09 PM- 03:57 PM

वर्ज्यम् - 06:39 PM- 08:04 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 11:56 AM- 12:44 PM

अमृत काल - 03:06 AM- 04:31 AM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:42 AM- 05:30 AM

शुभ योग

सर्वार्थसिद्धि योग - सितंबर 20 05:15 AM - सितंबर 21 02:42 AM (आश्विन और रविवार)

सर्वार्थसिद्धि योग - सितंबर 19 08:04 AM - सितंबर 20 05:15 AM (रेवती और गुरुवार)

पितृ पक्ष आज से शुरू, जानें श्राद्ध करने की तिथियां, नियम और विधि

भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृ पक्ष कहते हैं, जिसमें हम अपने पूर्वजों की सेवा करते हैं. इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक समाप्त होंगे. पितृ पक्ष में पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, ब्राह्मण भोज आदि किया जाता है. साथ ही, पितृ पक्ष की तिथियों पर पितरों की पूजा करके उनको तृप्त किया जाता है।

हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दिनों का बहुत ही खास महत्व है. हमारे परिवार के जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका है, उन्हें हम पितृ मानते हैं. मृत्यु के बाद जब व्यक्ति का जन्म नहीं होता है तो वो सूक्ष्म लोक में रहता है. फिर, पितरों का आशीर्वाद सूक्ष्मलोक से परिवारवालों को मिलता है. 

पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने लोगों पर ध्यान देते हैं और उन्हें आशीर्वाद देकर उनकी समस्याएं दूर करते हैं. 

पितृपक्ष में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और याद में दान धर्म का पालन करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ नाराज हो जाएं तो घर की तरक्की में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं. 

वर्ष में पंद्रह दिन की विशेष अवधि में श्राद्ध कर्म किए जाते हैं और इसकी शुरुआत आज से हो चुकी है. श्राद्ध पक्ष को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर सर्वपितृ अमावस्या तक पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष कहलाती है. 

पितृपक्ष में श्राद्ध की तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध 17 सितंबर 2024 मंगलवार

प्रतिपदा श्राद्ध 18 सितंबर 2024 बुधवार

द्वितीया श्राद्ध 19 सितंबर 2024 गुरुवार

तृतीया श्राद्ध 20 सितंबर 2024 शुक्रवार

चौथा श्राद्ध 21 सितंबर 2024 शनिवार

पांचवां श्राद्ध 22 सितंबर 2024 रविवार

छठा श्राद्ध 23 सितंबर 2024 सोमवार

सातवां श्राद्ध 24 सितंबर 2024 मंगलवार

आठवां श्राद्ध 25 सितंबर 2024 बुधवार

नौवां श्राद्ध 26 सितंबर 2024 गुरुवार

दसवां श्राद्ध 27 सितंबर 2024 शुक्रवार

एकादशी श्राद्ध 28 सितंबर 2024 शनिवार

द्वादशी श्राद्ध 29 सितंबर 2024 रविवार

त्रयोदशी श्राद्ध 30 सितंबर 2024 सोमवार

चतुर्दशी श्राद्ध 1 अक्तूबर 2024 मंगलवार

सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्तूबर 2024 बुधवार

पितृ पक्ष में अनुष्ठान का समय

कुतुप मुहूर्त- 18 सितंबर यानी आज सुबह 11 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक

रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक

अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 28 मिनट से 3 बजकर 55 मिनट तक

पितृ पक्ष में कैसे करें पितरों को याद

पितृ पक्ष में हम अपने पितरों को नियमित रूप से जल अर्पित करें. यह जल दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दोपहर के समय दिया जाता है. जल में काला तिल मिलाया जाता है और हाथ में कुश रखा जाता है. जिस दिन पूर्वज की देहांत की तिथि होती है, उस दिन अन्न और वस्त्र का दान किया जाता है. उसी दिन किसी निर्धन को भोजन भी कराया जाता है. इसके बाद पितृपक्ष के कार्य समाप्त हो जाते हैं.

कैसे करें पितृ पक्ष में तर्पण

प्रतिदिन सूर्योदय से पहले एक जूड़ी ले लें, और दक्षिणी मुखी होकर वह जूड़ी पीपल के वृक्ष के नीचे स्थापित करके, एक लोटे में थोड़ा गंगा जल, बाकी सादा जल भरकर लौटे में थोड़ा दूध, बूरा, काले तिल, जौ डालकर एक चम्मच से कुशा की जूडी पर 108 बार जल चढ़ाते रहें और प्रत्येक चम्मच जल पर यह मंत्र उच्चारण करते रहे.

कौन कर सकता है पितरों को जल अर्पण

घर में वरिष्ठ पुरुष सदस्य नित्य तर्पण कर सकता है. या उसके अभाव में घर का कोई भी पुरुष सदस्य तर्पण कर सकता है.

 पौत्र और नाती को भी तर्पण और श्राद्ध का अधिकार होता है. साथ ही, वर्तमान में स्त्रियां भी तर्पण और श्राद्ध कर सकती हैं. 

सिर्फ इतना ध्यान रखें कि पितृ पक्ष की सावधानियों का पालन करें. 

पितृ पक्ष में बरतें सावधानियां

1. इस अवधि में दोनों वेला में स्नान करके पितरों को याद करना चाहिए

2. कुतुप वेला में पितरों को तर्पण दें और इसी वेला में तर्पण का विशेष महत्व भी होता है. 

3. तर्पण में कुश और काले तिल का विशेष महत्व है. कुश और काले तिल के साथ तर्पण करना अद्भुत परिणाम देता है. 

4. जो कोई भी पितृ पक्ष का पालन करता है उसे इस अवधि में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. 

5. पितरों को हल्कि सुगंध वाले सफेद फूल ही अर्पित करें. तीखी सुगंध वाले फूल वर्जिक हैं. 

6. इसके अलावा, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का तर्पण और पिंड दान करें. 

7. पितृ पक्ष में हर रोज गीता का पाठ जरूर करें. 

8. वहीं, कर्ज लेकर या दबाव में कभी भी श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए.

आज का राशिफल:18 सितम्बर 2024:जानिये राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

मेष राशि- अनावश्यक खर्च होंगे, रोग व्याधि, अनाप शनाप खर्चे, चोरी होना या पैसा कहीं खो जाना इत्यादि मतलब लॉस के चांसेस हैं। प्रेम संतान मध्यम, व्यापार लगभग ठीक है। काली वस्तु का दान करें।

वृषभ राशि- यात्रा में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। स्वास्थ्य आपका मध्यम है। प्रेम, संतान ठीक-ठाक, व्यापार ठीक-ठाक। हरी वस्तु पास रखें।

मिथुन राशि- व्यापार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। कोर्ट-कचहरी में हार का संकेत दिख रहा है या असमंजस की स्थिति रहेगी। पिता का स्वास्थ्य प्रभावित है। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार मध्यम लग रहा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कर्क राशि- कार्यों में विघ्न बाधा रहेगी। भाग्य में रोड़े रहेंगे। अपमानित होने का भय रहेगा। यात्रा में कष्ट संभव है। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार खराब दिख रहा है। काली वस्तु का दान करें।

सिंह राशि- बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तू-तू मैं-मैं के संकेत हैं। स्वास्थ्य खराब स्थिति में दिख रहा है। चोट चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। कोई रिस्क न लें। पीली वस्तु पास रखें। काली वस्तु का दान करें।

कन्या राशि- कन्या राशि की स्थिति 1 तरीके से ठीक-ठाक कही जाएगी लेकिन जीवनसाथी के साथ और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान दें। नौकरी-चाकरी में थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। गुदा रोग से परेशान हो सकते हैं। प्रेम, संतान की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे। कार्यों की विघ्न बाधा खत्म होगी। राह के रोड़े हटेंगे। स्वास्थ्य प्रभावित होगा। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार भी अच्छा है। पीली वस्तु का दान करें।

वृश्चिक राशि- बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तू-तू मैं-मैं से बचें। महत्वपूर्ण निर्णय अभी न लें। भावुक बने रहेंगे। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार ठीक रहेगा। हरी वस्तु का दान करें।

धनु राशि- घरेलू सुख बाधित। गृह कलह के संकेत। स्वास्थ्य मध्यम क्योंकि रक्तचाप ऊपर नीचे होता रहेगा। मां का स्वास्थ्य गड़बड़। नकारात्मक ऊर्जा का घर में संचार होगा। प्रेम, संतान फिर भी ठीक रहेगा। व्यापार भी लगभग ठीक रहेगा। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- नाक, कान, गले की परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य प्रभावित दिख रहा है। प्रेम, संतान मध्यम, व्यापार मध्यम। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- मुख रोग के शिकार हो सकते हैं। गंदी जुबान से बचें। धन हानि के संकेत हैं। प्रेम संतान ठीक है, व्यापार भी लगभग ठीक रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- नकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। स्वास्थ्य प्रभावित दिख रहा है। बच्चों का स्वास्थ्य गड़बड़ रहेगा। प्रेम में तू-तू मैं-मैं। व्यापार लगभग ठीक रहेगा। लाल वस्तु पास रखना शुभ होगा।

आज का पंचांग- 18 सितंबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- भाद्रपद

अमांत- भाद्रपद

तिथि

शुक्ल पक्ष पूर्णिमा- सितंबर 17 11:44 AM- सितंबर 18 08:04 AM

कृष्ण पक्ष प्रतिपदा [ क्षय तिथि ]- सितंबर 18 08:04 AM- सितंबर 19 04:19 AM

कृष्ण पक्ष द्वितीया- सितंबर 19 04:19 AM- सितंबर 20 12:40 AM

नक्षत्र

पूर्वभाद्रपदा- सितंबर 17 01:53 PM- सितंबर 18 11:00 AM

उत्तरभाद्रपदा- सितंबर 18 11:00 AM- सितंबर 19 08:04 AM

योग

गण्ड- सितंबर 18 03:41 AM- सितंबर 18 11:28 PM

वृद्धि- सितंबर 18 11:28 PM- सितंबर 19 07:18 PM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:18 AM

सूर्यास्त- 6:23 PM

चन्द्रोदय- सितंबर 18 6:44 PM

चन्द्रास्त- सितंबर 19 7:17 AM

अशुभ काल

राहू- 12:20 PM- 1:51 PM

यम गण्ड- 7:48 AM- 9:19 AM

कुलिक- 10:50 AM- 12:20 PM

दुर्मुहूर्त- 11:56 AM- 12:44 PM

वर्ज्यम्- 07:25 PM- 08:49 PM

शुभ काल

अमृत काल- 04:01 AM- 05:25 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 AM- 05:30 AM

पितृ पक्ष के दौरान इस मंदिर के जरूर करें दर्शन, मिलेगी पितरों को मुक्ति
दक्षेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है पितृ दोष,सनातन धर्म में पितृ पक्ष का है विशेष महत्व

पितृपक्ष को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की पूजा और पिंडदान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस अवधि के दौरान पितृ देव धरती पर आते हैं और सभी के कष्टों को सदैव के लिए दूर करते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, 2024 से हो रही हैं। वहीं, इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा, जब पितृ पक्ष को कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, तो आइए आज एक ऐसे मंदिर के बारे में जानते हैं, जिसका दर्शन करने से पितृ दोष समाप्त होता है.

दक्षेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है पितृ दोष

दक्षेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव के प्रमुख धाम में से एक माना जाता है। यह मंदिर पूर्ण रूप से भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है। यह हरिद्वार के कनखल में स्थित है। इस पवित्र स्थल का नाम माता सती के पिता राजा दक्ष के नाम पर रखा गया है। इस शिव धाम में देवों के देव महादेव के साथ दक्ष प्रजापति की भी पूजा होती है। बता दें, इस मंदिर का निर्माण 1810 में रानी धनकौर द्वारा करवाया गया है।

ऐसी मान्यता है कि इस धाम में पूजा-पाठ और दर्शन करने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं। साथ ही कुंडली से पितृ दोष का प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।

इस स्थान पर माता सती ने त्यागे थे अपने प्राण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार राजा दक्ष ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें सभी देवी-देवता शामिल हुए थे, लेकिन उन्होंने भगवान शिव को इस पवित्र अनुष्ठान का निमंत्रण नहीं दिया था। वहीं, शिव जी के लाख समझाने पर भी माता सती अपने पिता के इस यज्ञ में शामिल होने के लिए पहुंच गई थीं।

पिता द्वारा पति का अपमान होने पर देवी ने यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए थे, जिसका प्रमाण आज भी इस धाम में मिलता है। दरअसल, वह यज्ञ कुण्ड आज भी मंदिर में अपने स्थान पर मौजूद है।
आज का राशिफल, 16 सितम्बर2024:आज कुछ राशि वाले पाएंगे गजकेसरी योग से लाभ, देखें अपना आज का भविष्यफल

मेष राशिफल : स्वास्थ्य को लेकर आशंकित रहेंगे

मेष राशि वाले सोमवार के दिन कार्यक्षेत्र में व्यर्थ के झगड़े को सुलझा लेंगे, आवश्यकता के अनुसार आमदनी सहज ही हो जाएगी, फिर भी असंतुष्ट स्वभाव कुटिल कार्यों में आपका ध्यान बंटाएगा। रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं को शुभ समाचार मिलने के संकेत मिल रहे हैं। जीवनसाथी के सलाह से आपको अच्छा फायदा होगा और रिश्ते में मजबूती आएगी। आप अपने या परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को लेकर आशंकित रहेंगे, इसमें लापरवाही करने से बचें। शाम के समय दोस्तों के साथ किसी सामाजिक समारोह में जाने का मौका मिलेगा।

आज भाग्य 98% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें और शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।

वृषभ राशिफल : परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा

वृषभ राशि वालों के लिए सोमवार का दिन विपरीत फल देने वाला है। जिस कार्य या समय से लाभ होने की आशा ना हो, उसी कार्य या समय से अचानक लाभ होने से आप अचंभित होंगे और जहां से सफलता मिलने की उम्मीद है वहां से निराश होने की आशंका है। आज किसी और पर निर्भर रहने की बजाय अपने बल पर काम करेंगे तो सफलता मिलने की संभावना अधिक रहेगी। बिजनस में कोई भी छोटा या बड़ा काम पूरी ईमानदारी से करें, कुछ न कुछ लाभ जरूर मिलेगा। घर-परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा और परिवार के सदस्य मनोकामना पूर्ण होने पर स्नेह बरसाएंगे।

आज भाग्य 65% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार का व्रत रखें और शिव चालीसा का पाठ करें।

मिथुन राशिफल : धन का लेन देन करने से बचें

मिथुन राशि वालों के लिए सोमवार का दिन सामान्य फलदायी रहेगा। आप अपने कार्यों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और सफल भी होंगे। आज धन का लेन देन करने से बचें अन्यथा आपका धन कहीं अटक सकता है। नौकरी करने वालों को आज अधिकारियों की वजह से कामकाज में परेशानी हो सकती है। व्यापारियों को आज किसी ग्राहक की वजह से भाग दौड़ करनी पड़ सकती है। आत्मनिर्भरता के कारण आप अनावश्यक झंझटों से बच जाएंगे, फिर भी, शारीरिक या मानसिक परेशानी के कारण आज जोखिम भरे कार्यों से बचें। शाम का समय घरवालों के साथ व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 97% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें और मंदिर में त्रिशूल दान करें।

कर्क राशिफल : पराक्रम की प्रबलता रहेगा

कर्क राशि वालों के लिए सोमवार के दिन पराक्रम की प्रबलता रहेगी और सौभाग्य की वजह से आपको किसी भी काम में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन भाई-बहनों को दबाना आपके व्यक्तित्व पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। आज सबको साथ लेकर चलने में ही भलाई है, अन्यथा घरेलू कलह सार्वजनिक होने से मानहानि का भय रहेगा। व्यवसाय से आमदनी के अवसर कई गुना मिलेंगे और धन लाभ भी ठीक-ठाक रहेगा। नौकरी करने वाले अगर रोजगार में बदलाव की योजना बना रहे हैं तो आपकी यह इच्छा आज पूरी हो सकती है। शाम के समय देव दर्शन का लाभ लेंगे।

आज भाग्य 62% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने के बाद किसी जरूरतमंद को चावल का दान करें।

सिंह राशिफल : जिम्मेदारियों को आसानी से पूरा कर पाएंगे

सिंह राशि वालों के लिए सोमवार का दिन अच्छा रहने वाला है। आज आपके सोचे हुए सभी कार्य बिना किसी अड़चन के पूरे हो जाएंगे। प्रॉपर्टी व वाहन खरीदने की इच्छा पूरी होगी और अचानक धन प्राप्ति के योग भी बन रहे हैं। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और परिवार की सभी जिम्मेदारियों को आसानी से पूरा कर पाएंगे। किसी क्षेत्र से आशा न होने पर भी अचानक लाभ होने पर उत्साह बढ़ेगा और आपके अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि भी होगी। छोटी-छोटी बातों को छोड़कर घर में शांति बनी रहेगी और जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 66% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार का व्रत रखें और 21 बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर शिवलिंग अर्पित करें।

कन्या राशिफल : व्यवहार का विशेष लाभ मिलेगा

कन्या राशि वालों के लिए सोमवार का दिन कुछ मामलों को छोड़कर आपके पक्ष में रहेगा। सेहत में नरमी के बाद भी आप दैनिक या अन्य कार्यों को कुछ विलंब के बाद पूर्ण कर लेंगे। सामाजिक व्यवहार का भी आज विशेष लाभ मिलेगा, जब भी आप किसी दुविधा में फंसे हुए दिखाई देंगे, किसी का सहयोग मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों को आज किसी दूसरी कंपनी से अच्छी आमदनी के साथ ऑफर मिल सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन सामान्य से बेहतर रहेगा आय के साथ अतिरिक्त खर्चे भी होंगे फिर भी संतुलन बना रहेगा। सायंकाल का समय घर के छोटे बच्चों के साथ व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 71% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को प्रदोष काल में शिवलिंग पर शहद की धारा अर्पित करें।

तुला राशिफल : समाज में आपका सम्मान बढ़ेगा

तुला राशि वालों के लिए सोमवार का दिन लाभदायक रहने वाला है। किसी पुराने कार्य के सफल होने से आप अंदर से काफी उत्साहित रहेंगे। कार्य व्यवसाय से आशाजनक धन की प्राप्ति होगी और आर्थिक स्थिति में पहले से अधिक सुधार आएगा। आपके द्वारा किए गए कार्यों की वजह से अच्छा लाभ होगा और समाज में आपका सम्मान बढ़ेगा। कार्यक्षेत्र में चतुराई का परिचय देंगे, दूसरों से अपना काम आसानी से निकलवा लेंगे। घर में सुख-शांति रहेगी, किसी पर्यटक या धार्मिक स्थल की यात्रा की योजना बनाएंगे। सर्दी-जुकाम आदि से बचना जरूरी परेशानी का सबब बन सकता है।

आज भाग्य 68% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को सफेद चंदन का तिलक लगाएं और भगवान शिव को तांबे के लोटे से जल दें।

वृश्चिक राशिफल : सरकारी कार्यों को प्राथमिकता दें

वृश्चिक राशि वालों का आज का दिन पहले से बेहतर रहेगा। पुरानी बीमारी को छोड़कर स्वास्थ्य ठीक रहेगा लेकिन फिर भी स्वभाव किसी न किसी कारण से चिड़चिड़ा रहेगा। माताजी का पूरा साथ मिलेगा, जिससे आपके कई कार्य बनेंगे। नौकरी करने वालो की आज कार्यक्षेत्र में स्थिति बेहतर रहेगी और अधिकारियों का पूरा साथ मिलेगा। व्यवसाय में मन मुताबिक लाभ होने से मन प्रसन्न रहेगा और पैतृक धन मिलने की उम्मीद भी बन रही है। सरकारी कार्यों को भी प्राथमिकता दें, आज लापरवाही से कार्य लंबे समय तक लटक सकते हैं। सायंकाल का समय दोस्तों के साथ व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 82% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

धनु राशिफल : घरेलू वातावरण अनुकूल होने से राहत मिलेगी

धनु राशि वालों के लिए सोमवार का दिन मध्यम फलदायी रहने वाला है। व्यावसायिक दिमाग और बाजार का ज्ञान होने के बाद भी धन या अन्य किसी कारण से आप जिस कार्य को करने का प्रयास करेंगे, उस कार्य को गति नहीं दे पाएंगे फिर भी किसी न किसी से हेराफेरी करके धन लाभ अवश्य होगा। निवेश करना चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही करें अन्यथा नुकसान होने की आशंका बन रही है। नौकरी करने वाले अपने काम से काम रखें और ऑफिस पॉलिटिक्स से दूर रहें। घरेलू वातावरण अनुकूल होने से राहत मिलेगी, रिश्तेदार हर कार्य में सहयोग के लिए तैयार रहेंगे। दिन भर सेहत में गिरावट आएगी लेकिन शाम के बाद सुधार आएगा।

आज भाग्य 73% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार का व्रत करें और शिवलिंग की प्रदोष काल में पूजा करें।

मकर राशिफल : जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होंगे

मकर राशि वालों को सोमवार के दिन मिले जुले परिणाम मिलेंगे, दोपहर तक आप कल्पनाओं में अपना समय बर्बाद करेंगे। व्यापार में प्रतिस्पर्धा के चलते सौदे करने पड़ेंगे, तब भी धन की आमद राहत देगी। आज आप बाहर के लोगों के साथ बहुत ही मधुर व्यवहार करेंगे, लेकिन इसके विपरीत घर में होने वाले खर्चों को टालने या स्वाभाविक रूप से परिवार के लोगों को अपने वश में रखने का प्रयास करेंगे। जीवनसाथी के साथ चल रहा मनमुटाव खत्म होगा और एक दूसरे के साथ समझदारी बढ़ेगी। शाम को सेहत में कमजोरी के कारण पूर्व नियोजित कार्य कैंसिल हो सकते हैं।

आज भाग्य 95% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को भगवान शिव को आटे, घी, शक्कर से बनी चीज का भोग लगाएं।

कुंभ राशिफल : दूसरों की तुलना में अधिक लाभ अर्जित करेंगे

कुंभ राशि वालों के लिए सोमवार का दिन उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। दिन के प्रारंभ से ही अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगे और सफल भी होंगे। आज आपके शत्रु पक्ष में वृद्धि के योग बन रहे हैं, इसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, लेकिन फिर भी आपका पलड़ा भारी रहेगा और आपके विरोधी चाहकर भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। नौकरी करने वाले आज अपने कामकाज से कार्यक्षेत्र में सभी को प्रभावित करेंगे। वहीं व्यापारी कम समय में दूसरों की तुलना में अधिक लाभ अर्जित करेंगे। पल-पल आपके बदलते स्वभाव के कारण घर में कोलाहल का माहौल रहेगा। सेहत आज ठीक रहेगी।

आज भाग्य 85% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को शिवलिंग पर तिल व जौ अर्पित करें और शिव चालीसा का पाठ करें।

मीन राशिफल : सभी घरवाले खुश नजर आएंगे

मीन राशि वालों के दिमाग में आज केवल पैसा ही रहेगा और इस दिशा में काम भी करेंगे। दिन की शुरुआत से ही आप आर्थिक लाभ पाने की कोशिश करेंगे और परिवार के किसी सदस्य से शुभ समाचार भी मिलेगा। परिवार में विवाह योग्य जातकों के रिश्ते की बात आज आगे बढ़ सकती है, जिससे सभी घरवाले खुश नजर आएंगे। किसी भी कार्य के प्रारंभ में सफलता को लेकर संदेह रहेगा, लेकिन ध्यान रहे कि जिस भी कार्य को हाथ में लें उसे पूरा करके छोड़ दें, चाहे वह आशाजनक हो या न हो, आपको कुछ न कुछ लाभ अवश्य मिलेगा। आज भूमि भवन संबंधी कार्य से लाभ होने की संभावना है। मन में यात्रा-पर्यटन के विचार बनेंगे, लेकिन उसके पूर्ण होने की संभावना आज कम है। स्वास्थ्य लगभग ठीक रहेगा।

आज भाग्य 93% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करें और कच्चे चावल में तिल मिलाकर दान करें।

आज का पंचांग- 16 सितंबर 2024:जानिए पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग


विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - भाद्रपद

अमांत - भाद्रपद

तिथि

शुक्ल पक्ष त्रयोदशी- सितंबर 15 06:12 PM- सितंबर 16 03:10 PM

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी- सितंबर 16 03:10 PM- सितंबर 17 11:44 AM

नक्षत्र

धनिष्ठा - सितंबर 15 06:49 PM- सितंबर 16 04:33 PM

शतभिषा - सितंबर 16 04:33 PM- सितंबर 17 01:53 PM

योग

सुकर्मा - सितंबर 15 03:13 PM- सितंबर 16 11:41 AM

धृति - सितंबर 16 11:41 AM- सितंबर 17 07:48 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 6:17 AM

सूर्यास्त - 6:25 PM

चन्द्रोदय - सितंबर 16 5:26 PM

चन्द्रास्त - सितंबर 17 5:07 AM

अशुभ काल

राहू - 7:48 AM- 9:19 AM

यम गण्ड - 10:50 AM- 12:21 PM

कुलिक - 1:52 PM- 3:23 PM

दुर्मुहूर्त - 12:45 PM- 01:34 PM, 03:11 PM- 03:59 PM

वर्ज्यम् - 10:57 PM- 12:22 AM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 11:57 AM- 12:45 PM

अमृत काल - 07:07 AM- 08:34 AM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:41 AM- 05:29 AM

ओणम दक्षिण भारत में मुख्यतः केरल का सबसे प्राचीन और पारंपरिक उत्सव है।ओणम पर्व आज से शुरू

ओणम का त्यौहार दक्षिण भारत के सर्वाधिक प्रमुख त्यौहारों में से एक है जो बेहद ख़ास माना जाता है। ओणम के पर्व को मुख्य रूप से केरल में मनाया जाता हैं, लेकिन इसकी रौनक समूचे दक्षिण भारत में दिखाई देती है। ओणम को मलयालम भाषा में थिरुवोणम भी कहा जाता हैं। 

यह प्रीतिभोज,नाच-गान और खुशियां मनाने का पर्व है। 

ओणम का महत्व

हिन्दू पंचांग के अनुसार, दस दिनों तक निरंतर चलने वाले ओणम के प्रत्येक दिन का विशेष महत्व माना गया है। मलयालम कैलेंडर के अनुसार, चिंगम महीने में श्रावण या थिरुवोणम नक्षत्र के प्रबल होने की स्थिति पर थिरु ओणम का पूजन किया जाता है। मलयालम में श्रावन नक्षत्र को थिरु ओनम कहते है। 

ओणम दक्षिण भारत में मुख्यतः केरल का सबसे प्राचीन और पारंपरिक उत्सव है। देशभर में जिस प्रकार दशहरा, दुर्गापूजा और गणेशोत्सव दस दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता हैं उसी प्रकार केरल में दस दिवसीय ओणम पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दस दिन तक निरंतर चलने वाले ओणम का दसवाँ और अंतिम दिन बेहद ख़ास माना जाता है जिसे थिरुवोणम कहा जाता हैं। 

मलयालम कलैंडर के अनुसार, ओणम को प्रतिवर्ष चिंगम के महीने में मनाया जाता है। मलयालम लोगों द्वारा चिंगम को साल का पहला महीना माना जाता है। इसी प्रकार, हिन्दू कलैंडर के अनुसार, चिंगम का महीना अगस्त या सितंबर का होता है। दस दिवसीय ओणम के हर दिन का अपना अलग महत्व होता हैं। ओणम के पर्व के दौरान लोग अपने घरों को 12 दिनों तक फूलों से सजाते हैं, साथ ही इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु एवं महाबली की पूजा-अर्चना करने का विधान हैं। ओणम का पर्व नयी फसल की खुशी में भी मनाया जाता है। 

थिरुवोणम और इसका महत्व

थिरुवोणम शब्द की उत्पति ‘थिरु और ओणम’ दो शब्दों से मिलकर हुई है, अर्थात "थिरु" का अर्थ है ‘पवित्र’, यह संस्कृत भाषा के ‘श्री’ शब्द के तुल्य माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रत्येक वर्ष राजा महाबलि पाताल लोक से धरती पर अपनी प्रजा को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। इसके अतिरिक्त थिरुवोणम के साथ अनेक आस्थाएँ जुड़ी हुई हैं, इन्ही में से एक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था।

इस त्यौहार के लिए केरल में चार दिवसीय अवकाश रहता है जिसका आरम्भ थिरुवोणम से एक दिन पूर्व होता है और उसके दो दिन बाद यह पर्व समाप्त होता है। इन चार दिनों को प्रथम ओणम, द्वितीय ओणम, तृतीय ओणम और चथुर्थ ओणम के रुप में जाना जाता हैं। द्वितीय ओणम का दिन मुख्य रुप से थिरुवोणम के नाम से विख्यात है।

दस दिवसीय पर्व ओणम 

प्रथम दिन:एथम या अथम: ओणम के प्रथम दिन सभी लोग प्रातःकाल जल्दी उठकर मंदिर में ईश्वर की उपासना करते हैं। इस दिन सुबह के नाश्ते में केला और पापड़ का सेवन करते हैं। इस नाश्ते को अधिकांश लोगों द्वारा पूरे ओणम के दौरान ग्रहण किया जाता हैं, उसके बाद लोग ओणम पुष्पकालीन या पूकलम बनाते हैं।

दूसरा दिन-चिथिरा: ओणम के दूसरा दिन का आरम्भ भी पूजा के साथ होता है। उसके बाद महिलाओं द्वारा पुष्प का लीन में नए पुष्पों को जोड़ा जाता हैं और यह सभी फूल पुरुषों द्वारा लाएं जाते हैं।

तीसरा दिन-चोधी: इस पर्व का तीसरा दिन बेहद ख़ास होता है, क्योंकि इस दिन थिरुवोणम की तैयारियां करने के लिए लोग ख़रीदारी करते हैं।

चौथा दिन-विसाकम: ओणम के चौथे दिन कई स्थानों पर फूलों का कालीन बनाने की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इस दिन महिलाओं द्वारा ओणम के अंतिम दिन के लिए अचार, आलू की चिप्स आदि तैयार किये जाते हैं।

पाँचवां दिन-अनिज़ाम: ओणम पर्व के पांचवे दिन का मुख्य आकर्षण नौका दौड़ प्रतियोगिता होती है जो वल्लमकली के नाम से जानी जाती हैं।

छठा दिन-थ्रिकेता: इस दिन अनेक प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है जिसमे सभी उम्र के लोग हिस्सा लेते हैं, साथ ही लोग इस दिन अपने प्रियजनों को बधाई देने के लिए भी जाते हैं।

सातवां दिन- मूलम: इस दिन लोगों का जोश एवं उत्साह चरम पर होता है। बाज़ार अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थों से सजे होते हैं। सभी लोग घूमने के अलावा पकवानों एवं व्यंजनों की कई किस्मों का लुत्फ़ उठाते हैं।

आठवां दिन-पूरादम: ओणम के आठवें दिन लोगों द्वारा मिट्टी के पिरामिड के आकार की मूर्तियों का निर्माण किया जाता हैं। इस मूर्तियों को ‘माँ’ कहकर पुकारा जाता हैं और पुष्प अर्पित किये जाते हैं।

नौवां दिन-उथिरादम: इस दिन को प्रथम ओणम भी कहा जाता है। यह दिन लोगों के लिए अत्यंत विशेष होता है, क्योंकि इस दिन लोग अपने राजा महाबलि का इंतज़ार करते है। 

दसवाँ दिन-थिरुवोणम: ओणम त्यौहार का सर्वाधित महत्वपूर्ण दिन होता है थिरुवोणम। जैसे ही इस दिन राजा का धरती पर आगमन होता है सभी लोग एक-दूसरे को बधाई देने लगते हैं। इस दिन कई तरह की ख़ूबसूरत पुष्प कालीन बनाई जाती है। ओणम के लिए तैयार किये गए पकवानों को थालियों में सजाया जाता है और साध्या तैयार किया जाता है। यह दिन दूसरा ओणम के नाम से भी प्रसिद्ध है।

ओणम का पर्व थिरुवोणम के उपरांत भी दो दिनों तक मनाया जाता है अर्थात यह त्यौहार कुल 12 दिनों तक मनाया जाता है, हालाँकि ओणम में पहले के 10 दिन ही मुख्य होते हैं।

ओणम का सांस्कृतिक महत्व

ओणम के दौरान केरल की संस्कृति और परंपराओं को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाईचारे, समृद्धि, और एकता का प्रतीक है. विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग इसे मिलजुल कर मनाते हैं, जिससे समाज में एकता और सांस्कृतिक विविधता की भावना बढ़ती है।ओणम के इस समय, केरल के लोग अपने पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं, और पूरे उत्सव के दौरान आनंद और उत्साह का माहौल रहता है। यह त्योहार जीवन की खुशियों और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

ओणम की कथा

धर्म शास्त्रों में वर्णित पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीनकाल में महाबलि नामक एक शक्तिशाली राजा थे जिनका तीनों लोकों भू, देव और पाताल पर राज था। राक्षस योनि में जन्म लेने के बावजूद भी उदार एवं दयालु होने के कारण उनकी प्रजा उन्हें बहुत प्यार करती थी, लेकिन देवता उनसे नाख़ुश थे, इसका कारण था महाबलि ने देवताओं को युद्ध में परास्त करने के बाद देवलोक पर शासन किया था। युद्ध में पराजित होने के बाद सभी देवता सहायता के लिए भगवान विष्णु के पास पहुँचे और उनसे देवलोक वापस दिलाने की प्रार्थना की। 

देवताओं की सहायता के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया, जिसमें वे एक बौने ब्राह्मण बने। वामन का रुप धारण कर भगवान विष्णु राजा महाबलि के दरबार में पहुँचे। राजा बलि ने जैसे ही ब्राह्मण से उनकी इच्छा के बारे में पूछा, तो भगवान विष्णु ने उनसे तीन क़दम ज़मीन मांगी। राजा महाबलि ने यह सुनते ही हाँ कह दिया और तभी भगवान विष्णु अपने असली रूप में प्रकट हुए। 

उन्होंने अपने पहले कदम देवलोक में रखा जबकि दूसरा कदम भू-लोक में, इस प्रकार तीसरे क़दम के लिए कोई स्थान नहीं बचा तो राजा ने अपना सिर उनके आगे कर दिया। विष्णुजी ने उनके सिर पर अपना पैर रखा और इस तरह राजा महाबलि पाताल लोक पहुँच गए। राजा ने यह सब बेहद विनम्र भाव से किया। राजा की विनम्रता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा, तब महाबलि ने कहा कि, हे प्रभु! मेरी आपसे यही प्रार्थना है कि मुझे वर्ष में एक बार अपनी प्रजा से मिलने का अवसर दिया जाए। भगवान ने उनकी इच्छा को स्वीकार कर लिया, इसी के फलस्वरूप थिरुवोणम के दिन राजा महाबलि धरती पर अपनी प्रजा से मिलने आते हैं।