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छत्तीसगढ़ में 45 रुपए घटे सीमेंट के दाम, रेट बढ़ाने पर सांसद बृजमोहन ने सीएम, केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखा था पत्र

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में सीमेंट कंपनियों ने 45 रुपए दाम घटा दिए हैं. बता दें कि सीमेंट कंपनियों ने 50 रुपए दाम बढ़ा दिए थे. इसका रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विरोध किया था और मुख्यमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र भी लिखा था और बढ़ी कीमत को वापस लेने की मांग की थी.

पत्र में सांसद ने उल्लेख किया था कि छत्तीसगढ़ खनिज, लौह, कोयला, और ऊर्जा संसाधनों से भरपूर है, इसके बावजुद सीमेंट कंपनियों ने 3 सितंबर 2024 से कीमतों में एकाएक वृद्धि की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सीमेंट कंपनियों ने एक कार्टल बनाकर सीमेंट की कीमतें 50 रुपए प्रति बोरी तक बढ़ा दी हैं, जो कि प्रदेश की जनता पर सीधा आर्थिक बोझ डाल रही है।

सांसद ने पत्र में आगे उल्लेख किया था कि “छत्तीसगढ़ की सरकार को सीमेंट फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कीमतों की वृद्धि को वापस कराकर आम जनता को राहत दिलाने की आवश्यकता है। प्रदेश में सीमेंट कंपनियों को खनिज, कोयला, ऊर्जा, और सस्ती बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी कीमतों में वृद्धि सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ की जनता के लिए भार है।” पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रदेश में सीमेंट का मासिक उत्पादन लगभग 30 लाख टन (8 करोड़ बैग) है। 3 सितंबर 2024 से पूर्व सीमेंट की कीमतें लगभग 260 रुपए प्रति बोरी थीं, जो अचानक एक दिन में 310 रुपए कर दी गई हैं। सरकारी और जनहित के प्रोजेक्ट्स के लिए मिलने वाला सीमेंट भी 210 से बढ़ाकर 260 रुपए प्रति बोरी कर दिया गया है।

सांसद अग्रवाल ने अपने पत्र में सीमेंट की कीमत में वृद्धि पर चिंता जताते हुए यह भी बताया कि कीमत वृद्धि का असर छत्तीसगढ़ में चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, जैसे सड़क, भवन, पुल-पुलिया, नहर, स्कूल, कॉलेज, और पीएम आवास योजना पर भी पड़ेगा। इस अचानक की गई वृद्धि से शासकीय प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ जाएगी और गरीबों के लिए घर बनाना कठिन हो जाएगा, जो कि राज्य और देश के हित में नहीं है।

कवर्धा घटना पर कांग्रेस नेता सुशील आनंद बोले – लोगों में पुलिस का भय नहीं, प्रशासन की लापरवाही से हुई घटना

रायपुर-   प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट आज राजीव भवन में वरिष्ठ नेताओं की बैठक लेंगे. इसे लेकर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, पहले दक्षिण विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक है. इसके बाद कांग्रेसियों से वन टू वन चर्चा भी होगी. कवर्धा में हत्या की आशंका पर गांव वालों ने एक परिवार के घर को आग के हवाले कर दिया. इस मामले में सुशील आनंद ने कहा, यह घटना बेहद दुर्भाग्यजनक है. कवर्धा तो हत्याओं की राजधानी बन गया है.

उन्होंने कहा, गृह मंत्री का जिला होने के बाद भी वहां के लोग खुद को सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं. प्रशासन और पुलिस की लापरवाही है. छत्तीसगढ़ में जादू टोना के शक में हत्या की घटनाएं बढ़ी है. लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है. जादू टोना के शक में लोगों को मार दिया जा रहा है. यह प्रशासन की लापरवाही है. जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए. लोगों में पुलिस का भय होना चाहिए.

सीमेंट के दाम में गिरावट को लेकर संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, सीमेंट के दाम इसलिए बढ़ाये गये थे क्योंकि सरकार और कंपनी की सांठगांठ हुई थी. विपक्ष के दबाव बनाने पर रेट कम किया गया है. हम मांग करते हैं कि पूरा पचास रुपये की कटौती होनी चाहिए.

वाड्रफनगर और प्रतापपुर को मिलाकर नया जिला बनाने की मांग, उत्तर सरगुजा नाम रखने का रखा प्रस्ताव…

बलरामपुर-   प्रतापपुर और वाड्रफनगर को मिलाकर एक नए जिले बनाने की मांग उठ रही है. इस संबंध में वाड्रफनगर के जनपद पंचायत सभागार में जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक हुई, जिसमें नए जिले का नाम उत्तर सरगुजा रखने का प्रस्ताव रखा गया. इसके साथ ही जिला मुख्यालय का निर्माण अम्बिकापुर-वाड्रफनगर मुख्य मार्ग के समीप स्थापित किए जाने पर सहमति जताई.

बैठक के दौरान चर्चा आई कि सरगुजा जिले से पृथक हो कर बने दो नए जिला बलरामपुर और सूरजपुर 2012 से अस्तित्व में आए हैं. जिसमें उपेक्षा के शिकार वाड्रफनगर और प्रतापपुर दोनों तहसील मुख्यालय हुए हैं. अगर सूरजपुर की बात करे तो प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र का आधा हिस्सा वाड्रफनगर हैं, जो बलरामपुर जिले में आता हैं. इस कारण सूरजपुर जिले में उपेक्षित रवैया जिला प्रशासन का हमेशा रहा है. इसी तरह वाड्रफनगर वासियों के लिए बलरामपुर जिला मुख्यालय में आना-जाना काफी लंबा होता, जहां किसी प्रकार की कोई बस या ट्रेन सेवा अब तक शुरू नहीं हो पाई है.

जिला बनाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने तमाम और सुविधाओं को देखते हुए नए जिला बनाने की मांग राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास पत्र के माध्यम से रखने की बात कही है. बैठक में यह भी बात कही कि जब तक जिला का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक समिति गांधीवादी विचारधारा से आंदोलन करती रहेगी. समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जिला बनने हेतु जो भी अहर्ताएं जरूरी होती हैं, वह सभी पहलू वाड्रफनगर व प्रतापपुर को मिलाकर पूर्ण हो जाती है, इसलिए नए जिले का निर्माण उत्तर सरगुजा के नाम से किया जाए.

इस बैठक में प्रतापपुर से एडवोकेट गिरीश पटेल, लाल संतोष सिंह, नवीन जायसवाल, गोपाल कश्यप, हरिहर यादव, जयप्रकाश जायसवाल, पुरंजय मिश्रा, धीरेंद्र द्विवेदी, राजू सिंह उइके, रामदेव जगते, अनिल कुशवाहा, सीताराम कुशवाहा, अमित खाखा, नंदू कुशवाहा, राजेन्द्र जायसवाल, लालती सिंह, भगवान दास केसरी, राजकिशोर शुक्ला, अब्दुल रशीद, दिनेश आयाम, राकेश कनौजिया, सुदीप उपाध्याय, नंदलाल श्यामले, दीपक यादव, देवनारायण मरावी सहित सभी समाज के प्रमुख जन उपस्थित रहे.

उल्लास सम्मेलन : छत्तीसगढ़ी परिधान में प्रतिभागी बने आकर्षण का केन्द्र

रायपुर-      भोपाल में आयोजित उल्लास के रीजनल कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों एवं प्रतिभागियों ने हर कार्य में बेहतर प्रदर्शन कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। जहां एक ओर नवाचारी गतिविधियों की बेहतर प्रस्तुति दी गई, जिसमें कठपुतली इत्यादि को संजोकर छत्तीसगढ की प्रदर्शनी लगाई गई। शिक्षार्थी व स्वयंसेवी शिक्षक ने चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर उपाय बताएं वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी छत्तीसगढ़ छाया रहा।

भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी, एनसीईआरटी नई दिल्ली की एनसीएल प्रभारी प्रोफेसर उषा शर्मा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण व राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा के कुशल नेतृत्व में दो दिवसीय उल्लास क्षेत्रीय सम्मेलन रीजनल कॉन्फ्रेंस NITTTR भोपाल में आयोजित कियागया। श्री कटारा ने छत्तीसगढ़ में उल्लास कार्यक्रम की प्रगति से संयुक्त सचिव श्रीमती अवस्थी को अवगत कराया। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण में उल्लास कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के द्वारा छत्तीसगढ़ में उल्लास में किए गए कार्यों एवं बेस्ट प्रैक्टिसेस को बताया। प्रस्तुतिकरण में साक्षरता चौक साक्षरता रथ साक्षरता ताली स्थानीय संसाधनों से पढ़ने के नए-नए तरीके के साथ यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम चरण में 10 लाख असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है, उसमें से 75 प्रतिशत नाम उल्लास पोर्टल में दर्ज कर लिया गया है।

एससीईआरटी एससीएल प्रकोष्ठ प्रभारी डेकेश्वर प्रसाद वर्मा ने बताया कि उल्लास प्रवेशिका को छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय संदर्भ लोक संस्कृति, लोक कला को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के 16 स्थानीय भाषाओं में उल्लास गीत पुस्तक एवं ऑडियो निर्माण किए गए है।

छत्तीसगढ़ तथा अन्य प्रदेशों के सेल्फ टीचिंग लर्निंग मटेरियल स्टॉल लगाए गए थे। छत्तीसगढ़ का स्टॉल आकर्षक रहा ओर सभी अतिथियों ने किए गए कार्यों की सराहना की। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह क्षेत्रीय सम्मेलन विशेष रहा है रायपुर की जिला परियोजना अधिकारी डॉ कामिनी बावनकर के संयोजन में छत्तीसगढ़ की टीम ने सेल्फ टीचर लर्निंग मटेरियल को तैयार करके मंच पर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया। जिसकी सभी राज्यों ने प्रशंसा की। संचालक श्री कटारा के आतिथ्य में सांस्कृतिक संध्या के प्रतिभागियों को अंग वस्त्र एवं पौधा भेंट किया गया।

भोपाल की धरती पर छत्तीसगढ़ महतारी का वंदन गीत पर शानदार नृत्य निर्जला धीवर, स्वयंसेवी शिक्षक एवं छत्तीसगढ़ के सरगुजा नृत्य हाय रे सरगुजा नाचे... गीत के नृत्य में, हेम धर साहू एवं ग्रुप ने सभी प्रतिभागियों को झूमने पर मजबूर किया । सांस्कृतिक संध्या मेंठछत्तीसगढ़ के बैगा संस्कृति व वेशभूषा से बीएड कॉलेज के छात्र अध्यापकों ने सभी को प्रभावित किया। छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति के परिधान में साक्षरता के लिए किए गए कार्यों से लोग प्रभावित हुए और क्षेत्रीय सम्मेलन में अमिट छाप छोड़ी।

छत्तीसगढ़ के स्वयंसेवी शिक्षकों, नव साक्षर, शिक्षार्थी ने साक्षर बनाने में आ रही चुनौतियो को बताते हुएठ उल्लास में किए गए कार्यों की सफलता की कहानी बताई। स्वयंसेवी शिक्षकों की नवाचारी गतिविधियां कठपुतली के माध्यम से ‘‘दीदी ओ दाई ओ पढ़ना लिखना है जरूरी........’’ जैसे गीतों के साथ स्वयं सेवी शिक्षकों, नव साक्षर, शिक्षार्थी में आत्मविश्वास बना रहा। शिक्षक तस्कीन खान ने बताया कि वह शिक्षार्थियों को कक्षा में जोड़ने के लिए मुस्लिम होने के बावजूद रामचरितमानस सुनाकर रामायण पढ़ने की ललक जगाकर शिक्षार्थियों को पढ़ने की ओर प्रेरित किया।जन जन साक्षर... जय अक्षर का संकल्प लेते हुए छत्तीसगढ़ की टीम ने अपनी उपलब्धियां से दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया। लोगों ने कहा छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।

इस अवसर पर राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर हरजिंदर सिंह, शिक्षा मंत्रालय की सलाहकार सुनीता चौहान, बानी बोरा, राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के नियंत्रक राकेश दुबे, सिद्धांत ज्योति, किरण खलको निर्जला धीवर, श्रुति तिवारी, शालिनी, प्रतिमा शिक्षार्थी एवं नव साक्षर सुमंती तिग्गा, धनराजी तिग्गा, श्यामापति का विशेष योगदान रहा।

मुख्यमंत्री ने ईद-मिलादुन्नबी की दी मुबारकबाद
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुस्लिम भाईयों सहित प्रदेशवासियों को पैगम्बर साहब के जन्मदिवस ईद-मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी है। इस पवित्र मौके पर उन्होंने देश-दुनिया में अमन-चैन और लोगों की खुशहाली की कामना की है।
उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने मुस्लिम समाज के सामुदायिक भवन का किया लोकार्पण, कीचन शेड और अन्य विकास कार्यो के लिए 15 लाख रूपए की घोषणा की

रायपुर-     वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कोरबा के वॉर्ड क्रमांक 53 दर्री कनवेयर बेल्ट के पास नवनिर्मित मुस्लिम समाज के सामुदायिक भवन का फीता काटकर लोकार्पण किया। साथ ही कीचन शेड और अन्य विकास कार्यों के लिए विधायक निधि से 15 लाख रुपए देने की घोषणा की।

मंत्री श्री देवांगन ने संबोधित करते हुए कहा की सामाजिक कार्यक्रम के साथ समाज के उत्थान के लिए विभिन्न कार्य पूरे शहर में स्वीकृत किए जा रहे हैं। पिछले 8 महीने में वार्डों के विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ रूपए से ज्यादा की स्वीकृति दी जा चुकी है, साथ ही जिन समाज की मांग की गई थी उन सभी भवन को भी स्वीकृति दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा हर समाज के उत्थान के लिए संकल्पित है। समाज के सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए हम संकल्पित हैं।

इस अवसर पर नूरानी मस्जिद कमेटी के प्रमुख मुल्तान कुरेशी, सुल्तान कुरेशी, इकबाल मेमन, यूसुफ ख़ान, ईश्वर साहू, नारायण सिंह, तुलसी ठाकुर, पार्षद ममता साहू, कविता नारायण, पार्षद नरेन्द्र देवांगन, बुधवार साय यादव, गोलू पांडे समेत अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

शतरंज धैर्य, योजना और सही समय पर निर्णय लेने की कला सिखाता है : सांसद बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर-      आंजनेय विश्वविद्यालय और चेस सिटी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में शतरंज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में 208 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल रहे। उन्होंने कहा कि शतरंज का खेल जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसमें लिए जाने वाले फैसले और रणनीतियाँ हमारे जीवन के निर्णयों को प्रतिबिंबित करते हैं । शतरंज सिखाता है कि सोच-समझकर और धैर्यपूर्वक निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण है, ठीक वैसे ही जैसे जीवन में हमें हर कदम पर विचार करना पड़ता है । शतरंज धैर्य, योजना और सही समय पर सही निर्णय लेने की कला सिखाता है, जो हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सफलता के लिए आवश्यक गुण हैं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में शतरंज ध्यान और योग की तरह है, क्योंकि यह मानसिक एकाग्रता, धैर्य और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। जैसे योग शरीर और मन को संतुलित करता है, वैसे ही शतरंज मस्तिष्क को सक्रिय रखता है और सोचने-समझने की क्षमता को विकसित करता है ।

उद्घाटन सत्र के दौरान विश्वविद्यालय के डायरेक्टर जनरल डॉ बी सी जैन ने इंडोर स्पोर्ट्स के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि खेल के प्रति लगाव जीवन में अनुशासन को बढ़ाता है । खेल में नियमित अभ्यास, नियमों का पालन और धैर्य की आवश्यकता होती है । यह जीवन में समय प्रबंधन, संयम और लक्ष्य प्राप्ति के प्रति समर्पण सिखाता है। खेल भावना से व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में भी अनुशासन बनाए रखता है। इवेंट कोर्डिनेटर परेश बुधवानी ने बताया कि यह प्रतियोगिता स्विस फॉर्मेट के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें कुल 8 राउंड हुए। वहीं सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में जनजातीय गौरव दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू), भिलाई के तत्त्वावधान में शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर में जनजातीय गौरव दिवस के निमित्त एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को सामने लाना है।

कार्यक्रम का आयोजन रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती (5 अक्टूबर) और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती (15 नवंबर) को ध्यान में रखते हुए किया गया, जिसके अंतर्गत पूरे राज्य में 5 अक्टूबर से 15 नवंबर तक 40 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत, उनके सामाजिक मूल्यों और स्वतंत्रता आंदोलनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका को समाज के सामने लाया जाएगा।

इस कार्यशाला में राज्यभर के विभिन्न इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निकल एवं आईटीआई संस्थानों के समन्वयक एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा थे। मुख्य प्रशिक्षक एवं वक्ता के रूप में बस्तर से आए रामनाथ कश्यप और सामाजिक कार्यकर्ता वैभव सुरंगे ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर गहन प्रकाश डाला। कार्यक्रम स्थल पर जनजाति नायकों की सुंदर प्रदर्शनी भी लगाई गई जो विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के बीच में आकर्षण का केंद्र रही।

इस अवसर पर सीएसवीटीयू के कुलपति प्रो. एम. के. वर्मा, वनवासी विकास समिति के प्रांत अध्यक्ष उमेश कच्छप, रजिस्ट्रार प्रो. अंकित अरोड़ा, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.आर. खान, डॉ अनुराग जैन प्रांत सचिव वनवासी विकास समिति,टेक्निकल एजुकेशन के उप संचालक और राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजीव शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जनजाति छात्राओं द्वारा आकर्षक स्वागत नृत्य की प्रस्तुति भी की गई ।कार्यक्रम में सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग से बड़ी संख्या में अध्येताओं और छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री श्री साय उज्जैन में स्व. पूनमचंद यादव के तेरहवीं कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर-    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज उज्जैन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पूज्य पिता स्व. पूनमचंद यादव के तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर स्व. पूनमचंद यादव के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दिवंगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की।
पुलिस ने त्यौहारों के मद्देनजर शहर में निकाला फ्लैग मार्च, ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

रायपुर-  राजधानी रायपुर में आगामी गणेश उत्सव और ईद मिलादुन्न नबी पर्व के अवसर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। यह फ्लैग मार्च शहर के विभिन्न अंदरूनी और मुख्य मार्गों और चौक-चौराहों से होकर गुजरेगा। इस फ्लैग मार्च का उद्देश्य न केवल शांति व्यवस्था बनाए रखना है बल्कि गुंडे-बदमाशों में खौफ पैदा करना भी है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने बताया कि फ्लैग मार्च को दो भागों में बांटा गया है और यह उन इलाकों से गुजरेगा जहां बदमाशी की आशंका है। पुलिस टीम और अतिरिक्त बल के साथ स्थानीय थाने को भी तैनात किया गया है। हम अड्डेबाज़ी और बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने यह भी बताया कि त्यौहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण करने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना और पुलिस चौकियों के पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सतर्क रहें और कानून का पालन सुनिश्चित करें।

पुलिस ने 400 से अधिक बदमाशों को किया तलब

गौरतलब है कि त्यौहारों के मद्देनजर पुलिस ने हाल ही में 400 से अधिक बदमाशों को थाना तलब किया था और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। आगामी झाँकी विसर्जन और ईद मिलादुन्न नबी के दौरान डीजे के लिए माननीय हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा। किसी भी प्रकार की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी ताकि त्योहारों के दौरान लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।