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राज्यपाल को ध्वज दिवस पर लगाए गए ध्वज


राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ध्वज दिवस पर समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी ने राजभवन पहुंचकर ध्वज लगाये। राज्यपाल पटेल ने संस्थाओं को दिव्यांगजन पुनर्वास कार्य के लिये सहयोग राशि के चेक भेंट किये।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल से ध्वज दिवस पर नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड भोपाल और द ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन भोपाल के पदाधिकारियों ने राजभवन पहुंच कर भेंट की। राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया और ध्वज लगाया।

इस अवसर पर नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड भोपाल के अध्यक्ष एम.एस. खान और द ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष नासिर हुसैन और संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

इंदौर में एयरपोर्ट की तर्ज पर बन रहे सर्वसुविधायुक्त एवं वातानुकूलित अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल दिसम्बर माह में होगा शुरू - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर के कुमेड़ी में एयरपोर्ट की तर्ज पर बन रहे सर्वसुविधायुक्त, वातानुकूलित तथा मध्यप्रदेश के सबसे बड़े अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) की सुविधा दिसम्बर माह से मिलना शुरू हो जयेगी। इस बस टर्मिनल से इंदौर और मध्यप्रदेश का देश में गौरव बढ़ेगा। उन्होंने यह बात शनिवार को यहां बस टर्मिनल के निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने बताया कि इंदौर के कुमेड़ी क्षेत्र में 15 एकड़ क्षेत्रफल में 101 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) बनाया जा रहा है। यह बस टर्मिनल आगामी दिसंबर माह में बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार प्रदेश में तेजी से विकास कर रही है। प्रदेश के चहुंमुखी विकास की ओर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बस टर्मिनल सिंहस्थ के लिये भी बड़ी सौगात होगा। इससे यात्रियों को बेहतर आवागमन सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने टर्मिनल से जुड़े जन-प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन तथा इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के कार्यों की सराहना कर बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टर्मिनल के सामने ही बन रहे मेट्रो रेल स्टेशन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मेट्रो का कार्य भी तेज गति से करते हुए पूरा करने के निर्देश दिये। 

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा, मनोज पटेल और गोलू शुक्ला, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, अनुसूचित जाति वित्त ‍विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, गौरव रणदिवे, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी. अहिरवार सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि गण मौजूद थे।

बस टर्मिनल की विशेषताएँ

इंदौर के नवनिर्मित अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पर लगभग 1440 बसें 24 घंटे में आयेंगी। बस टर्मिनल पूर्णतः वातानुकूलित व सर्वसुविधायुक्त बनेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए 14 टिकट काउन्टर रहेंगे। लगभग 1000 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी रहेगी। यहाँ से गुजरात, राजस्थान, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सागर आदि स्थानों के लिए बसें जाएंगी। कुल 43 बस प्लेटफार्म निर्मित किये गये हैं, जिसमें 28 प्लेटफार्म जाने वाली बसों के लिए एवं 15 प्लेटफार्म आने वाली बसों के लिए निर्धारित हैं। टर्मिनल बिल्डिंग में प्रतिदिन 80 हजार यात्रियों का आवागमन प्रस्तावित है, जिसमें व्यस्ततम समय में भी लगभग 8 हजार व्यक्ति एक साथ आवागमन कर सकेंगें। यात्री बसों के आगमन एवं निर्गमन के लिये पृथक-पृथक द्वार बनाये गये हैं।

आईएसबीटी परिसर में लगभग 600 दो पहिया वाहन, 160 टैक्सी कार, 150 आटो-रिक्शा एवं लगभग 50 प्रायवेट कारों के लिए पृथक से पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त लगभग 315 चार पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था तल घर में भी है। पार्किंग स्थल पर दो सुलभ शौचालय का निर्माण भी किया गया है।

यात्रियों की सुविधाओं का रखा गया विशेष ध्यान

टर्मिनल बिल्डिंग में 500 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है एवं एयरपोर्ट के समान वीआईपी लाउंज का भी निर्माण किया गया है। टर्मिनल ब्लॉक में टिकिट काउंटर, पूछताछ कार्यालय, पुलिस चौकी, मेडिकल रूम एवं क्लॉक रूम की व्यवस्था गई है। संपूर्ण टर्मिनल बिल्डिंग में एयरपोर्ट की तरह एयर कुलिंग सिस्टम रहेगा जो कि प्रदेश के किसी भी आईएसबीटी में नहीं है। यात्रियों की सुविधा के लिये 16 रेस्टोरेन्ट, 37 दुकानें, 33 कार्यालय भवन एवं 2 एटीएम का भी निर्माण किया गया है। आईएसबीटी को मेट्रो स्टेशन से भी सीधे जोड़ा गया है, जिससे मेट्रो के यात्री सीधे बस स्टैण्ड परिसर में एवं बस के यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन पहुंच सकेंगें। आवागमन की सुविधा के लिये आईएसबीटी के सामने 75 मीटर चौड़ा एमआर-10 एवं तीन तरफ 30 मीटर चौड़े रोड बनाये गये हैं। परिसर में वर्षा जल के रिचार्जिंग की व्यवस्था भी की गई है।

अनुशासित और संयमित रहकर आदर्श नागरिक बने विद्यार्थी : मंगुभाई पटेल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विद्यार्थी अनुशासित और संयमित रह कर आदर्श नागरिक बने। अपने जीवन और शिक्षा की यात्रा में उपयोगी चीजों को ही महत्व दे। नैतिकता, अनुशासन और एकाग्रता को भंग करने वाली गतिविधियों से दूर रहे। राज्यपाल पटेल मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल में आयोजित तूर्यनाद- 24 महोत्सव के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि भारत की इतिहास और संस्कृति में सेवा और संस्कारों की महान सीख विद्यमान है। विद्यार्थी अपने माता-पिता और गुरुजनों का हमेशा आदर करे। उनकी सीख और एहसानों के प्रति जीवन भर आभारी रहे। हमेशा परिवार, समाज और राष्ट्र के सम्मान को बढ़ाने वाले काम करे। 

भारतीय परम्पराओं से जुड़े रहे युवा

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि युवा, तकनीकी ज्ञान के साथ भारत की ऐतिहासिक और गौरवशाली परम्पराओं से जुड़े रहें, क्योंकि विकास के लिए तकनीकी प्रगति जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और भाषायी प्रगति भी जरूरी है। सांस्कृतिक और भाषायी प्रगति के बिना तकनीकी प्रगति अधूरी है। उन्होंने कहा कि जीवन में वैज्ञानिक और व्यावसायिक उपलब्धियों और चुनौतियों के बीच व्यावहारिक ताल-मेल स्थापित करना होगा। यही समन्वय हमें वास्तविक आनन्द प्रदान करता है। समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा के गुण, मानवता के विकास के हमेशा आधार रहे हैं।

शिक्षक, भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों से दीक्षित करे

 राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने संस्थान के शिक्षकों से कहा कि छात्रों को भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों से दीक्षित करे। विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र विकास की जरूरतों और चुनौतियों के समाधान खोजने और वंचित वर्गों की क्षमता विकास में सहयोग की प्रेरणा दे। उन्हें हमारें भौगोलिक, पारिस्थितिक, आर्थिक, सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश तथा समसामयिक चुनौतियों के समाधान में योगदान के लिए प्रोत्साहित करे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों के संस्कारों में जड़ से जग तक, मनुज से मानवता तक और अतीत से आधुनिकता तक, सभी पहलुओं का समावेश होना आवश्यक है। शिक्षक नई शिक्षा नीति के आलोक में तकनीकी दक्षता राष्ट्रीय, सामाजिक चुनौतियों के समाधान खोजने के प्रयासों करे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल का कार्यक्रम में पौधा भेंट कर स्वागत और शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। तूर्यनाद-24 महोत्सव की संयोजक सविता दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन दिया। मेनिट के निदेशक डॉ. के.के. शुक्ल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। अधिष्ठाता छात्र कल्याण शैलेन्द्र जैन ने महोत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की। आभार छात्र संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र जाट ने व्यक्त किया। शुभारम्भ कार्यक्रम में संस्थान के अधिष्ठातागण और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे थे।

महेश्वर में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म शताब्दी वर्ष में उनके प्रति सम्मान के प्रकटीकरण के लिए मंत्रि-परिषद की बैठक महेश्वर में आयोजित की जाएगी। देवी अहिल्या की न्यायप्रियता, शासन-प्रशासन में नवाचार, लोक कल्याण सहित उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व व कृतित्व पर शोध केलिए देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर में शोध पीठ स्थापित की जाएगी। देवी अहिल्या से जुड़ी ऐतिहासिक सामग्री के संकलन के लिए अभियान चलाया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस की बटालियन का नाम भी देवी अहिल्याबाई पर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बटालियनों के नाम महापुरूषों के नाम पर रखने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्मशताब्दी के आयोजन के लिए गठित समारोह समिति की सुशासन भवन में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन तथा स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में समिति के सदस्यगण ने आयोजन के संबंध में सुझाव रखे।

विधवा विवाह को प्रोत्साहन, खासगी प्रथा तथा माहेश्वरी साड़ी निर्माण में महिलाओं को जोड़ना महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर प्रसिद्ध तीर्थों और धार्मिक स्थानों में मंदिर, घाट, कुंए और बावड़ियों का निर्माण कराया तथा अन्न क्षेत्र का भी संचालन किया। उनका शासनकाल न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही महिला सशक्तिकरण के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी प्रासंगिक हैं। भारतीय जनमानस में उनके श्रेष्ठ, उत्तम और धर्म प्रधान गुणों की छाप विद्यमान है।

विधवा विवाह को प्रोत्साहन व खासगी प्रथा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य के उदाहरण हैं। माहेश्वरी साड़ियां बनाने से स्थानीय महिलाओं को जोड़कर उन्होंने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वें जन्मशताब्दी वर्ष पर उत्सवों के आयोजन के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों का प्रकटीकरण किया जाए। इसके लिए शाला, महाविद्यालय, सार्वजनिक स्थलों पर गतिविधियों के साथ-साथ मीडिया के विभिन्न माध्यमों से देवी अहिल्याबाई होलकर से संबंधित जानकारियों का प्रसार किया जाए। लोकमाता देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व को समग्र रूप से नई पीढ़ी के सामने लाया जाए।

जन्म शताब्दी वर्ष के लिए प्राप्त हुए समिति सदस्यों के सुझाव

बैठक में आगामी गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम लोकमाता देवी अहिल्याबाई को समर्पित करने, ग्रामीण स्तर पर महिला नेतृत्व को चिन्हित कर पंचायत स्तर पर देवी अहिल्याबाई के नाम पर उन्हें सम्मानित करने, देवी अहिल्या की मोढ़ी लिपि में विद्यमान प्रशासनिक व साहित्यिक सामग्री का हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद करवाने, उन पर केन्द्रित स्मारिका प्रकाशित करवाने, शाला और महाविद्यालय स्तर पर देवी अहिल्याबाई पर केन्द्रित अकादमिक गतिविधियां संचालित करने, पाठ्यक्रम में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर पाठ का समावेश करने, शालाओं में छात्राओं के लिए आत्मरक्षा का पीरियड आरंभ करने, देवी अहिल्याबाई पर जाणता राजा के समान भव्य नाट्य प्रस्तुति तैयार कराने संबंधी सुझाव प्राप्त हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नगरीय निकाय उप चुनाव में मिली विजय के लिए मतदाताओं का आभार माना


भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय‍ निकाय उप चुनाव में मिली विजय के‍ लिए मतदाताओं का आभार माना है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और मध्यप्रदेश तेज गति से विकास की ओर अग्रसर हैं। इस विकास गति को तेजी देने की जो ऊर्जा राज्य सरकार को मिल रही है, वह हमारी जनता जनार्दन और उसका विश्वास है। जनता का आशीर्वाद, प्यार और स्नेह लगातार मिल रहा है, जो दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। उसी आशीर्वाद और विश्वास का ही परिणाम है कि आज फिर नगरीय निकायों के उप चुनावों हमें भारी बहुमत से विजय प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में कुल 19 पार्षदों के उप चुनाव हुए थे, जिनमें से हमारी पार्टी के 13 पार्षद विजयी हुए हैं। मैं अपनी ओर से जीते हुए सभी प्रत्याशियों को बहुत बधाई एवं मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं। सरकार आपके हितों पर कभी आंच नहीं आने देगी, आपके विश्वास पर हर कदम खरा उतरने का हम प्रयास करेंगे। राज्य सरकार के लिए सत्ता साध्य नहीं, साधन है, हमारे लिए जनसेवा ही सर्वोपरि है।

राजा भोज की स्मृति में होगा भोज महोत्सव - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राजा भोज के कृतित्व और व्यक्तित्व को जनसामान्य के सम्मुख लाने के लिए होंगे विविध कार्यक्रम भोपाल नगर सीमा पर करें राजा भोज द्वार का निर्माण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोक कल्याण, अभियांत्रिकी, लेखन और शौर्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले राजा भोज के कृतित्व और व्यक्तित्व से जनसामान्य को परिचित करवाया जाएगा। राजा भोज की स्मृति में भोपाल में तीन दिवसीय भोज देव महोत्सव भी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज इस महोत्सव की रूपरेखा के संबंध में मंत्रीगण की उपस्थिति में संस्कृति और अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदर्शनी, फिल्म प्रदर्शन, नाट्य मंचन, संगीत कार्यक्रमों और पुस्तकों के प्रदर्शन के माध्यम से राजा भोज का योगदान प्रदर्शित किया जाए। धार से लेकर भोपाल और अन्य क्षेत्रों में राजा भोज द्वारा सरोवर निर्माण एवं बांध निर्माण के लोकोपयोगी कार्य किए गए। उन्होंने लगभग सवा सौ कृतियां भी लिखी हैं। राजा भोज के हस्तलिखित पत्र और अन्य संग्रहित वस्तुओं को भी जनसामान्य के सामने लाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज के कार्यों पर फैलोशिप प्रदान करने और अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज की पहचान भोपाल से जुड़ी है। उनके नाम से भोपाल नगर सीमा पर एक या एकाधिक राजा भोज द्वार भी निर्मित किए जाएं। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
16 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर किसान संघ का प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन


 

जबलपुर 13 सितंबर: 

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार के प्रस्ताव पर सोयाबीन को एमएसपी 4892 रुपए पर खरीदी करने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन सोयाबीन उत्पादक किसान एमएसपी को लागत के हिसाब से नाकाफी मानते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन और किसानों के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान संघ ने सरकार के सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी करने के निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसान संघ को सोयाबीन की 4892 प्रति क्विंटल पर खरीदी मान्य नहीं है। किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना का कहना है कि सोयाबीन की एमएसपी पर खरीद होगी तो किसान की लागत भी नहीं निकलेगी। मुनाफा तो दूर की बात है। श्री आंजना ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार व राज्य सरकार से मांग है कि एमएसपी की राशि 4892 रुपए प्रति क्विंटल की बजाय सोयाबीन की खरीद 6000 रूपए प्रति क्विंटल की जाए। श्री आंजना ने बताया कि भारतीय किसान संघ 16 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर सोयाबीन 6000 रुपए, धान 3100 रुपए, गेहूं 2700 रुपए, मक्का 2500 रुपए प्रति क्विंटल खरीदी करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करेगा। 

 गांव गांव में किसानों से किया आहवान

भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री चंद्रकांत गौर ने बताया कि 16 सितंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत गांव गांव जाकर किसानों से आंदोलन में शामिल होने के लिए आह्वान किया जा रहा है। श्री पटेल ने बताया कि विधानसभा चुनाव में सरकार ने धान का 3100 रुपए व गेंहू का 2700 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य देने वादा घोषणा पत्र में किया था। लेकिन आठ माह बीत जाने के बावजूद सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया हैं। जबकि उड़ीसा व छतीसगढ़ की भाजपा सरकार धान का 3100 व गेहूं का 2700 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य दे रही है। तो मध्यप्रदेश की मोहन सरकार को भी मोदी की गारंटी को पूरा करना चाहिए।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में आयोजित विशेष स्वास्थ्य शिविर दो सौ से अधिक वृद्धजनों की हुई जांच

वृद्धजनों की स्वास्थ्य जांच, परामर्श एवं उपचार के लिए विशेष शिविर का आयोजन फंदा विकासखंड स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर मुगलिया छाप में किया गया। 13 सितंबर को आयोजित शिविर में 208 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके पूर्व कालापानी में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में तीन सौ से अधिक बुजुर्गों की जांच कर स्वास्थ्य परामर्श एवं उपचार दिया गया था। 

शिविर में 165 की उच्च रक्तचाप जांच एवं 151 की मधुमेह जांच की गई। 19 लोगों की मोतियाबिंद जांच, 12 लोगों की टी बी जांच एवं 8 की कुष्ठ रोग जांच की गई। तंबाखू का सेवन करने वाले 48 लोगों की जांच कर प्रत्येक माह फ़ॉलोअप की सलाह दी गई। नाक कान गला के 24 एवं दंत रोगों के लिए 28 लोगों की जांच कर उपचार दिया गया। शिविर में 21 आभा आई डी बनाई गई।

शिविर में हकीम सैयद जिया उल हसन शासकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा बुजुर्गों में ओस्टियोआर्थराइटिस , मस्कुलर स्केलेटल इत्यादि बीमारियों की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए जांच कर जानकारी दी गई। इसके साथ ही श्री अन्न्न एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी के माध्यम से इनसे होने वाले फायदों के बारे में बताया गया। उपचार के साथ साथ दिनचर्या में परिवर्तन की सलाह दी गई है। सभी जांचें एवं दवाइयां निशुल्क उपलब्ध करवाई गईं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि वृद्धावस्था में विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए जिले में वृद्धजनों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं । पूर्व में ओल्ड एज होम में वृद्धजनों के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए थे । स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुजुर्गों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए सर्वे भी करवाया जा रहा है ।

स्वास्थ्य शिविर में शासकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय से डॉ हिना कौसर, डॉ नसीम खान, डॉ एहसान अहमद , स्वास्थ्य विभाग से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सोनल धोटे, डॉ ममता शर्मा, सुश्री उमा प्रजापति, सीमा कुशवाहा, भारती परिहार एवं स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सेवाएं दी गईं।

टीकमगढ़ में धसान नदी के टापू पर 24 घंटे से फंसे दो लोगों का किया गया सफलतापूर्वक रेस्क्यू मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एनडीआरएफ के जवानों को दी बधाई


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य तथा अन्य व्यवस्थाओं पर सतत नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज उज्जैन के दताना हवाई पट्टी से टीकमगढ़ जिले के कलेक्टर अवधेश शर्मा से वीडियो कॉलिंग पर चर्चा कर बाढ़ आपदा में फंसे 2 प्रभावितों के रेस्क्यू कार्य की जानकारी ली। कलेक्टर टीकमगढ़ शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया कि टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ ब्लॉक के चंदेरीखास ग्राम पंचायत के महोबिया घाट गांव में धसान नदी के टापू पर 24 घंटे से राममिलन यादव और रामचरण रैकवार फंसे हुए थे। दोनों को बचाने के लिए पहले हेलीकॉप्टर से लिफ्ट करने के प्रयास किए गए। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम द्वारा दोनों ग्रामीणों का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुरक्षित निकाले गए राममिलन यादव और रामचरण रैकवार से चर्चा कर उनकी कुशलक्षेम जानी। दोनों ने अपनी जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ के जवानों को बधाई दी और एसपी टीकमगढ़ को बाढ़ राहत बचाव कार्य में सक्रिय भूमिका के लिए इन जवानों को सम्मानित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों से भी चर्चा कर उन्हें अतिवर्षा की स्थिति में निरंतर सजग और सर्तक रहने की समझाइश भी दी।

अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारी अवकाश पर नहीं जाए - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में 30 सितम्बर तक वर्षा की संभावना है। अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जाएं। अतिवर्षा के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसके लिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं। लोगों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, जनहानि के लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षा व सुविधा प्रदान करने के लिए राहत शिविर लगाएं और इसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी सहयोग लिया जाएं।

बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का आँकलन और पशु हानि की जानकारी भी यथाशीघ्र लेना आरंभ किया जाए। राहत राशि के वितरण में विलंब न हो, बाढ़ और अतिवृष्टि से पीड़ितों को राहत के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है। राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, दवाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में अति वर्षा से निर्मित स्थिति और बचाव के लिए समत्व भवन में ली गई आपात बैठक में उक्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों की स्थिति की समीक्षा की। वी.सी. में समस्त संभागीय आयुक्त, आईजी, कमिश्नर आफ पुलिस, जिला कलेक्टर, एसपी जुडें।

निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर माह में जितनी वर्ष होनी चाहिए उससे अधिक हो रही है। निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकता अनुसार उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन रपटों और पुलों पर पानी है, वहाँ तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अति वर्षा के प्रभाव से हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टरों को जनहानि की स्थिति में चार-चार लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा कर कलेक्टरों को तत्काल राशि परिजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए। पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। समत्व भवन में हुई बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना सहित, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा उपस्थित थे।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में सक्रिय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गुना, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, राजगढ़, टीकमगढ़ के कलेक्टर से जिले में अति वर्षा और बाढ़ संबंधी जानकारी प्राप्त की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अवगत कराया गया कि दतिया जिले के भांडेर के निकट पोहुच नदी में 18 लोग फंसे हैं, डबरा में भी लोगों के पानी में फंसे होने की सूचना है। मुरैना में पेड़ के नीचे दबने से एक व्यक्ति की मृत्यु और तीन लोगों के घायल होने का समाचार है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए झांसी, बरेली और गोरखपुर से हेलीकॉप्टरों को रवाना किया जा रहा है। टीकमगढ़ में बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम बुला ली गई है। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम बोट व अन्य बचाव सामग्री के साथ सक्रिय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आगामी दिनों में वर्षा की संभावनाओं को देखते हुए बाढ़ की पूर्व सूचना और प्रचार-प्रसार की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भंडारण के निर्देश दिए।

अब तक प्रदेश में औसत से 14 प्रतिशत अधिक हुई वर्षा

बैठक में बताया कि प्रदेश में 11 सितम्बर तक 991.9 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है यह औसत से 14 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 12 जिलों राजगढ़, खरगोन, भोपाल, सिवनी, मंडला, भिंड, श्योपुर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, शिवपुरी, सिंगरौली, नीमच, अलीराजपुर, ग्वालियर और गुना में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आगामी 2 दिनों में भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है। इसके बाद वर्षा में कमी की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा भिंड, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर कला, आगर-मालवा, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी और राजगढ़ में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 54 में से 31 बांधों के गेट खुले हैं। विभिन्न जिलों में राहत शिविर संचालित हैं।

भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सहित सावधानी बनाए रखने के लिए दिए निर्देश

बैठक में नदियों, बांधों और जलाशयों के जल स्तर पर लगातार नजर रखने, बचाव के लिए आवश्यक सामग्री, राहत शिविरों की उचित व्यवस्था, जिन शालाओं के भवन जीर्ण-शीर्ण हैं, उन्हें चिन्हित करते हुए बच्चों की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने, गणेश पंडालों तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक और भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सुनिश्चित करने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, पर्याप्त दवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए। आगामी दिनों में भी वर्षा की संभावना को देखते हुए अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन स्थलों पर प्रकाश, नाव, गोताखोरों, चिकित्सा दल, साफ-सफाई, बचाव दल की व्यवस्था करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने के लिए भी जिले के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया।