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*अवैध संबंध के शक में पत्नी की निर्मम हत्या, हथौड़े से सिर कूंचा, फिर खुद फोन कर दी पुलिस को दी सूचना*

गोरखपुर- तहसील क्षेत्र के बेलघाट थाने के कोटियां कोलाहल गांव के निवासी नकुल गुप्ता ने अपनी पत्नी सोनी का सिर हथौड़े से कूंच कर उसे मौत के घाट उतार दिया। क्रोध में आकर इस घटना को अंजाम देने की वजह अवैध संबंध बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार नकुल अपनी पत्नी सोनी पर किसी अन्य के साथ अवैध शारीरिक संबंध होने का शक किया करता था। जिसे लेकर पति-पत्नी के बीच प्रायः रोज ही विवाद होता रहता था‌‌।

हमेशा की तरह शुक्रवार को देर रात इसी शक को लेकर दोनों के बीच तीखी झड़प हुई। क्रोध में आग बबूला हुए नकुल गुप्ता ने हथौड़ा उठा कर पत्नी का सिर कूंच कर लहुलुहान कर दिया। हथौड़े का प्रहार इतना घातक था कि मौके पर ही उसकी पत्नी सोनी की मौत हो गई। नकुल गुप्ता ने खुद ही 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची बेलघाट पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया, साथ ही मृतका के शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया है।

बता दें कि मृतका सोनी और नकुल का एक 6 वर्ष का पुत्र है। इस ओपन एण्ड शट केस की इलाके में हर जुबान पर चर्चा है। बेलघाट क्षेत्र के लोगों ने बताया कि पति-पत्नी के बीच शक के इतने बड़े मसले को बड़े बुजुर्गो के साथ बैठ कर आसानी से सुलझाया जा सकता था, लोगों ने 6 वर्षीय मासूम बेटे की परवरिश को लेकर चिंता जताई।

घटना के संदर्भ में पूरी जानकारी देते हुए एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपित युवक को आला कत्ल के साथ हिरासत में ले लिया गया है, विधिक कार्रवाई की जा रही है।

*एल.पी. एम पब्लिक स्कूल में उत्साह पूर्वक मनाया गया हिन्दी दिवस*

गोरखपुर- उपनगर गोला तहसील चौराहा समीप स्थित लक्ष्मी प्रसाद मेमोरियल पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में मातृभाषा के प्रति रुचि उत्पन्न करना। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक अमरनाथ वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर व कार्यक्रम संचालन दुर्गेश धर दुबे ने किया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विविध प्रस्तुति कविता, संभाषण, लघु नाटिका तथा कवि सम्मेलन के द्वारा हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

विद्यालय के छात्र अनुज पाण्डेय हिन्दी भाषा के महत्व पर उत्कृष्ट कविता सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। जूनियर वर्ग के बालिकाओं द्वारा लघु नाटिका सबके आकर्षण का केन्द्र रही। हिन्दी भाषा शिक्षक दुर्गेश धर दुबे छात्र छात्राओं को सम्बंधित करते हुए कहा कि हिन्दी भारत माँ के माथे की बिन्दी, जिससे उनकी शोभा बढ़ती है।

विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक अमरनाथ वर्मा अपने सम्बोधन में कहा हिन्दी हमारी मातृभाषा है हमे सम्मान करना चाहिए अन्य विषयों के साथ हिन्दी भाषा का भी अध्ययन करे. विद्यालय की प्रधानाचार्या एकता वर्मा व रेवरेण्ट डीके सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी भाषा के प्रयोग में झिझके नहीं हिन्दी आत्म गौरव की भाव भाषा है। इस अवसर पर हिंदी शिक्षक वी के राय विवेक दुबे कमलेश सिंह सत्येन्द्र मौर्य बविता शर्मा के साथ विद्यालय समन्वयक मनीष यादव सहसमन्वयक अनूप सिंह तथा सभी शिक्षक शिक्षिकाएँ उपस्थित रहे।

*अनाथ बच्चों को निजी विद्यालय ने मिलेगी मुफ्त की शिक्षा*

गोरखपुर- गोला भडसडा स्थित के आर मेमोरियल स्कूल ने अनाथ बच्चों के सिर से पिता का साया उठने के बाद विद्यालय प्रबंधक बागेश्वरी राय ने अपने निजी स्कूल में बच्चों की दाखिला कर मुफ्त शिक्षा की जिम्मेदारी उठाया. इसके बाद उन्हें विद्यालय की सुविधा प्रदान की गई.

बता दे, गोला थाना क्षेत्र ग्राम सभा बाढा बुजुर्ग गांव निवासी 35 बर्षीय विनय पांडेय उर्फ दीपक पांडेय की गोला पुलिस हिरासत में बीते 6 माह पूर्व मार्च में मौत हो गयी थी. जिसके बाद अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी के आर मेमोरियल विद्यालय परिवार ने ली थी. गुरुवार को उन बच्चों की विद्यालय में दाखिल कर अनाथ बच्चों की मुक्त शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल आगे हाथ बढ़ाया है.इस दौरान प्रबंधक ने बताया कि बच्चों की पूरी शिक्षा मुक्त प्रदान की जाएगी. विद्यार्थी अगर होनहार होगा तो उसे आगे भी यह संस्था मदद को तत्पर रहेगी.

मौत के बाद ग्राम प्रधान धौरहरा ने की थी आर्थिक मदद

गोला तहसील क्षेत्र के ग्राम प्रधान धौरहरा व समाजसेवी रामेश्वर दुबे ने पुलिस हिरासत में विनय पांडे की मौत के चार दिन बाद घर पहुंच कर उनके परिवार परवरिश के लिए 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद की थी। पिछले 6 माह पूर्व बच्चों के पिता का सिर से साया उठने के बाद ग्राम प्रधान की इस पहल की समाज बंधुओ ने सराहना की थी.

ग्राम प्रधान रामेश्वर दुबे ने कहा कि उन बच्चों की मदद के लिए यह हाथ आज भी आगे हैं. पिता तो नहीं लौटा सकते, लेकिन एक पिता की साया बनकर खड़े रहेंगे.

*प्रदेश स्तरीय पैरा थ्रो बॉल का प्रशिक्षण लेने आए खिलाड़ियों को विधायक प्रदीप शुक्ला ने किया सम्मानित*

गोरखपुर। सर्वप्रथम अतिथि गण माँ सरस्वति के तसवीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पुष्प अर्पित किया तत्पश्चात नवभारत निर्माण ट्रस्ट से जुड़ें दृष्टी बाधित कलाकारों द्वारा स्वागत गीत एंव अन्य पारम्परिक गीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथिगण के स्वागत के बाद नवभारत निर्माण ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी विक्रमादित्य नारायण सिंह ने कार्यक्रम की रुप रेखा व उद्देश्य बताते हुए कहा कि ट्रस्ट द्वारा दिव्यांग जनों के सर्वांगीण विकास के क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम संग उ॰प्र॰ के विभिन्न जिलों से आए दिव्यांग पैरा थ्रोबॉल खिलाड़ियों (राम रूप, गुड्डू गुप्ता, आशीष यादव, महेंद्र गुप्ता, महेंद्र प्रजापति, राधेश्याम साहनी, दीपक सिंह, लोभी कुमार, देवेश दुबे, अजय यादव, महेन्द्र प्रजापति, राम प्रवेश गुप्ता ने सर्वप्रथम माँ सरस्वति के तसवीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पुष्प अर्पित किया।

नवभारत निर्माण ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी विक्रमादित्य नारायण सिंह ने कार्यक्रम की रुप रेखा व उद्देश्य बताते हुए कहा कि ट्रस्ट द्वारा दिव्यांग जनों के सर्वांगीण विकास के क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम संग उ॰प्र॰ के विभिन्न जिलों से आए दिव्यांग पैरा थ्रोबॉल खिलाड़ियों (राम रूप, गुड्डू गुप्ता, आशीष यादव, महेंद्र गुप्ता, महेंद्र प्रजापति, राधेश्याम साहनी, दीपक सिंह, लोभी कुमार, देवेश दुबे,अजय यादव, महेन्द्र प्रजापति) को राम प्रवेश गुप्ता (अंतर्राष्ट्रीय पैरा थ्रो बॉल) द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण करवाने व बास्केटबॉल, बैडमिंटन खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक जीत के आए विभिन्न रेलवे के खिलाडियों का सम्मान कार्यक्रम ट्रस्ट द्वारा किया गया। तत्पश्चात सभी जिलों से आए पैरा थ्रोबॉल के दिव्यांग खिलाडियों के चल रहे प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों को एंव बास्केटबॉल, बैडमिंटन खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक जीत के आए विभिन्न रेलवे के खिलाडियों को अतिथिगण द्वारा मेडल पहनाकर एंव सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहजनवा विधायक प्रदीप शुक्ला ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा की समाज मे सदैव ऐसा होता रहना चाहिए कि दिव्यांग जनों के लिए सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संग खेल के भी कार्यक्रम आयोजित रहे। प्रधानमंत्री एंव उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा लगातर दिव्यांग जनों के प्रति एंव सांस्कृतिक गतिविधियों व हर प्रकरण के खेलों को बढावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम विशिष्ठ अतिथि नीतेश शुक्ला ने कहा कि इन सभी जिलों से आए दिव्यांग खिलाडियों के आने-जाने व रुकने भोजन इत्यादि के साथ इनके प्रशिक्षण तक को जिस तरीके से विक्रमादित्य के दिशानिर्देशों में संचालित किया गया वो कबीले तारीफ है। कार्यक्रम अध्यक्ष भानु मिश्रा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दिव्यांग खिलाड़ी जिनका चयन प्रदेश स्तर पर हुआ है वे नेशनल स्तर जरूर जीत के आएंगे।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि- चौधरी कैफुल वरा (चेयरमैन उर्दू अकादमी), नीतेश शुक्ला, शिव शंकर शाही (निदेशक शाही ग्लोब हॉस्पिटल), विजय रंजन (ग्रीन लैंड हॉस्पिटल), पूनम सिंह (निदेशक शुद्धिकरण नशा मुक्ति केंद्र), नीतेश शुक्ला,अरविंद कौशिक, विजय चौधरी, जसपाल सिंह व अन्य मौजूद रहे। एंव कार्यक्रम अध्यक्ष भानू मिश्रा, विक्रमादित्य नारायण सिंह (मुख्य ट्रस्टी) एंव कार्यकर्ता के रूप मे- अभिषेक तिवारी गोलू, अर्चना दुबे, समीक्षा सिंह, आकाश, अर्पिता सिंह, अर्पित आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

*भाजयुमो ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का फूंका पुतला, साधु-संतों के अपमान पर माफी की मांग*

गोरखपुर- पूज्य पीठाधीश्वर, संतगण की तुलना समाज के कोढृ बने माफियाओं से करना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मानसिक दिवालियेपन का द्योतक है। करोड़ों सनातनी इससे आहत हुये हैं। इस बयान के विरोध में प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला इकाई द्वारा जिलाध्यक्ष नीरज दुबे दुर्गेश के नेतृत्व में आरटीओ कार्यालय से विरोध प्रदर्शन करते हुए अम्बेडकर चौराहा (दीवानी कचहरी) पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सांकेतिक पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। अखिलेश यादव मुर्दाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

भाजयुमो जिलाध्यक्ष नीरज दुबे ने कहा अखिलेश यादव लगातार अपनी हार से बौखला गये हैं यही कारण है कि संतगणों पर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। उन्हें मानसिक इलाज की जरूरत है। अखिलेश यादव सदन में माफी मांगें।

इस दौरान भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष राहुल जायसवाल, व चन्दन पाण्डेय, भाजयुमो जिला महामंत्री अमित पाण्डेय व दीपक सिंह, सुशील प्रजापति, सुमित मौर्य, विकास स्वेत पाण्डेय, राघवेन्द्र सिंह, अमन त्रिपाठी अप्पी, परमवीर सिंह, आशुतोष चौहान विकास सिंह, सूरज, सरवन, शिव प्रसाद सिंह, कैलाश सिंह, दीपक पाण्डेय सहित युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

*थाना समाधान दिवस में पहुंचे 8 फरियादी*

गोरखपुर-सितंबर माह के पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद और दिवस प्रभारी थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा के समक्ष कुल 8 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए। जिनमें ऐनवां गांव की महिला के भूमि विवाद के मामले को मौके पर सुलझा दिया गया।

इस दौरान भीटी खोरिया गांव के अनिल भारती, कल्याणपुरकटघर गांव की महिला सवेरी देवी भखरां गांव के जगरनाथ चौबे, नैपुरा गांव के अवधेश चौबे तथा भरोहियां गांव के पूर्व ग्रामप्रधान एडवोकेट अरविंद राम त्रिपाठी अपनी राजस्व विवाद से संबंधित समस्याएं लेकर पेश हुए।एक मामले को पुलिस विभाग से संबंधित पाया गया शेष सभी 6 मामलों के समाधान हेतु निर्देशित किया गया।

इस दौरान थानाध्यक्ष और नायब तहसीलदार ने थाने के पीछे बांसगांव मार्ग पर खुले में चलने वाले अवैध मुर्गा, मीट की दुकानों का निरीक्षण किया मौके पर खजनी के कानूनगो, हलका लेखपाल, चौकी इंचार्ज महुआडाबर शैलेन्द्र सिंह और थाने के एसआई तथा पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

*गोरखपुरःजिले की ग्यारह सीएचसी को मिला कायाकल्प पुरस्कार, सुदृढ़ होगी चिकित्सा व्यवस्था*

गोरखपुर, जिले की ग्यारह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को वर्ष 2023-24 के लिए कायाकल्प पुरस्कार मिला है। इन सभी सीएचसी को एक एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी जिनमें से पचहत्तर फीसदी की धनराशि इनकी व्यवस्था के सुदृढ़ करने में खर्च की जा सकेगी। गोला और बांसगांव सीएचसी ने पहली बार यह पुरस्कार जीता है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस उपलब्धि के लिए सभी सीएचसी अधीक्षक, उनकी टीम, नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, डीपीएम पंकज आनंद और क्वालिटी प्रभारी विजय कुमार श्रीवास्तव समेत सभी मंडलीय और जनपदीय सहयोगियों को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि मिशन निदेशक से प्राप्त पत्र के अनुसार प्रदेश की 425 सीएचसी को यह पुरस्कार मिला है। इनमें गोरखपुर जिले की भटहट, पिपरौली, गगहा, बरही, पिपराईच, पाली, सहजनवां, कैम्पियरगंज, गोला, बांसगांव और जंगल कौड़िया सीएचसी शामिल हैं। गोरखपुर की भटहट सीएचसी ने पांचवी बार पुरस्कार प्राप्त किया है और इसे जिले में सर्वाधिक 89.71 स्कोर प्राप्त हुआ है।

पुरस्कार में प्राप्त धनराशि में ऐसे होगा इस्तेमाल

डॉ दूबे ने बताया कि पिपराईच सीएचसी छठवीं बार, पिपरौली सीएचसी दूसरी बार, गगहा सीएचसी तीसरी बार, बरही सीएचसी दूसरी बार, पाली सीएचसी तीसरी बार, सहजनवां सीएचसी चौथी बार, कैम्पियरगंज सीएचसी पांचवी बार और जंगल कौड़िया सीएचसी चौथी बार यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली सीएचसी बन गई हैं। पुरस्कार के रूप में प्राप्त धनराशि में से 25 फीसदी का इस्तेमाल कर्मचारियों के प्रोत्साहन व पुरस्कार के तौर पर खर्च किये जाने का प्रावधान है।

70 फीसदी से अधिक स्कोर अनिवार्य

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी सर्विसेज, स्वच्छता जैसे मानकों के आधार पर सीएचसी का मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन के लिए बाहर से आने वाली टीम जिन सीएचसी को सत्तर फीसदी से अधिक अंक मिलते हैं उन्हें ही यह अवार्ड दिया जाता है। जिले की इकाइयों को तैयार करने में क्वालिटी प्रभारी विजय कुमार श्रीवास्तव की अहम भूमिका रही है। इस पुरस्कार के लिए प्रत्येक वर्ष मूल्यांकन होता है । यह मूल्यांकन सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर श्रेणी में अलग अलग किया जाता है।

*चोरों ने घात लगाकर लाखों उड़ाए, खिसियानी बिल्ली बनी पुलिस*

गोरखपुर- थाना क्षेत्र के बरपार बरगाह गांव के निवासी मरहूम अब्दुल रहीम के पुत्र मोनू उर्फ जुल्फिकार के घर में बीती रात छत के रास्ते भीतर घुसे चोरों ने एक बार फिर चोरी की बड़ी घटना को अंजाम दिया। पीड़ित के अनुसार अज्ञात चोरों ने तीन लाख से अधिक मूल्य के कीमती गहने और एक लाख रूपए नकद उड़ा ले गए।

बताया गया कि देर रात लगभग 11 बजे के बाद चोर घर में घुसे थे। खट पट होने पर घर के लोगों को शक हुआ तो भीतर जा कर देखने पर आलमारी, बक्से के ताले टूटे और सामान बिखरे पड़े थे। सिर्फ गहने और एक लाख कैश गायब था। घटना की सूचना 112 पुलिस को दी गई। देर रात मौके पर पहुंची खजनी पुलिस ने घटना की प्रारंभिक जांच पड़ताल की।

लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है, लोग भयभीत हैं तथा पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। पुलिस ने पूछताछ की गांव की कुछ महिलाओं में चर्चा है कि देर रात चार लोग कच्छा बनियान पहनकर जाते हुए नजर आए थे। महिलाओं ने सोचा कि शायद लोग अपने धान के खेत में सिंचाई करके लौट रहे हैं।

बता दें कि अभी 12 दिन पहले बीते 2 सितंबर को निकट के आशापार गांव में इसी तरह एक घर में चैनल का ताला तोड़कर घुसे चोरों ने लगभग 15 लाख रूपए के कीमती गहने चुराए थे। घटना के खुलासे से दूर पुलिस अभी चोरों को छू भी नहीं पाई थी कि अचानक खुली चुनौती देते हुए चोरों ने दूसरी वारदात को अंजाम दिया है, जिससे पुलिस की हालत खिसियानी बिल्ली जैसी हो रही है। थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि छानबीन चल रही है जल्दी ही हमें सफलता मिलेगी।

*सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान, बोले-ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ*

गोरखपुर- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के चारों कोनों में आध्यात्मिक पीठों की स्थापना करने वाले आदि शंकर की काशी में की गई साधना के समय भगवान विश्वनाथ द्वारा ली गई परीक्षा के एक उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से आज जिस ज्ञानवापी को कुछ लोग मस्जिद कहते हैं वह ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ जी ही हैं।

सीएम योगी शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ‘समरस समाज के निर्माण में नाथपंथ का अवदान’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह दो दिवसीय संगोष्ठी गोरखपुर विश्वविद्यालय और हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है। दीक्षा भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं नाथपंथ की अध्यक्षीय पीठ, गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने संतों और ऋषियों की परंपरा को समाज और देश को जोड़ने वाली परंपरा बताते हुए आदि शंकर का विस्तार से उल्लेख किया। कहा कि केरल में जन्मे आदि शंकर ने देश के चारों कोनों में धर्म-अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण पीठों की स्थापना की। आदि शंकर जब अद्वैत ज्ञान से परिपूर्ण होकर काशी आए तो भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा लेनी चाही। ब्रह्म मुहूर्त में जब आदि शंकर गंगा स्नान के लिए निकले तब भगवान विश्वनाथ एक अछूत के वेश में उनके सामने खड़े हो गए। आदि शंकर ने जब उनसे मार्ग से हटने को कहा तब उसी रूप में भगवान विश्वनाथ ने उनसे पूछा कि आप यदि अद्वैत ज्ञान से पूर्ण हैं तो आपको सिर्फ भौतिक काया नहीं देखनी चाहिए। यदि ब्रह्म सत्य है तो मुझमें भी वही ब्रह्म है जो आपमे है। हतप्रभ आदि शंकर ने जब अछूत बने भगवान का परिचय पूछा तो उन्होंने बताया कि मैं वही हूं, जिस ज्ञानवापी की साधना के लिए वह (आदि शंकर) काशी आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ स्वरूप ही है।

सदैव जोड़ने वाली रही है ऋषि-संतों की परंपरा-सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय ऋषियों-संतों की परंपरा सदैव जोड़ने वाली रही है। इस संत-ऋषि परंपरा ने प्राचीन काल से ही समतामूलक और समरस समाज को महत्व दिया है। हमारे संत-ऋषि इस बात ओर जोर देते हैं भौतिक अस्पृश्यता साधना के साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए बाधक है।

अस्पृश्यता नहीं होती तो देश कभी गुलाम नहीं होता-सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा, अस्पृश्यता को दूर करने पर ध्यान दिया गया होता तो देश कभी गुलाम नहीं होता। संत परंपरा ने समाज में छुआछूत और अस्पृश्यता को कभी महत्व नहीं दिया। यही नाथपंथ की भी परंपरा है। नाथपंथ ने हरेक जाति, मत, मजहब, क्षेत्र को सम्मान दिया। सबको जोड़ने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाथपंथ ने काया की शुद्धि के माध्यम से एक तरफ आध्यात्मिक उन्नयन पर जोर दिया तो दूसरी तरफ समाज के हरेक तबके को जोड़ने के प्रयास किए।

गुरु गोरखनाथ के पदों-दोहों के केंद्र में सामाजिक समरसता-सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ जी की शब्दियों, पदों और दोहों में समाज को जोड़ने और सामाजिक समरसता की ही बात है। उनकी गुरुता भी सामाजिक समरसता को मजबूत करने के लिए प्रतिष्ठित है। यहां तक कि मलिक मुहम्मद जायसी ने भी कहा है, ‘बिनु गुरू पंथ न पाइये, भूलै से जो भेंट, जोगी सिद्ध होई तब, जब गोरख सौं भेंट।’ संत कबीरदास जी भी उनकी महिमा का बखान करते हैं तो गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं, ‘गोरख जगायो जोग, भगति भगायो लोग निगम नियोग सों।’ सीएम योगी ने कहा कि संत साहित्य की परंपरा, इसकी श्रृंखला गुरु गोरखनाथ के साहित्य से आगे बढ़ती है। उन्होंने बताया कि पीताम्बर दत्त जी ने गोरखवाणी को संकलित किया और इसके लिए उन्हें हिंदी में डी. लिट् की उपाधि प्राप्त हुई। सीएम योगी ने समाजिक समरसता और समतामूलक समाज को लेकर संतों की पद्धतियों, साहित्य के कुछ उद्धरण भी दिए। उन्होंने कहा कि संत रामानंद जी ने उपासना विधि की एक विशिष्ट पद्धति को बढ़ाया लेकिन छुआछूत को कभी महत्व नहीं दिया। एक तरफ रविदास उनके शिष्य थे तो दूसरी तरफ कबीरदास।

विदेशों में भी नाथपंथ की परंपरा के अमिट चिह्न-सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नाथपंथ की परंपरा के अमिट चिह्न सिर्फ देश के हर कोने में ही नहीं हैं बल्कि विदेशों में भी हैं। उन्होंने अयोध्या में गत दिनों तमिलनाडु के एक प्रमुख संत से हुई मुलाकात का उल्लेख करते हुए बताया कि उक्त संत से उन्हें तमिलनाडु के सुदूर क्षेत्रों की नाथपंथ की पांडुलिपियां प्राप्त हुई हैं। यहां गोरखनाथ जी से जुड़े अनेक साधना स्थल और नाथपंथ की परंपराएं आज भी विद्यमान हैं। कर्नाटक की परंपरा में जिस मंजूनाथ का उल्लेख आता है, वह मंजूनाथ गोरखनाथ जी ही हैं। महाराष्ट्र में संत ज्ञानेश्वर दास की परंपरा भी मत्स्येंद्रनाथ जी, गोरखनाथ जी और निवृत्तिनाथ जी की कड़ी है। महाराष्ट्र में रामचरितमानस की तर्ज पर नवनाथों की पाठ की परंपरा है। पंजाब, सिंध, त्रिपुरा, असम, बंगाल आदि राज्यो के साथ ही समूचे वृहत्तर भारत और नेपाल, बांग्लादेश, तिब्बत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान समेत अनेक देशों में नाथपंथ का विस्तार देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने नाथपंथ की परंपरा से जुड़े चिह्नों के संरक्षण और उसे एक म्यूजियम के रूप में संग्रहित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के महायोगी गुरु गोरखनाथ शोधपीठ इस दिशा में पहल कर सकता है। उन्होंने शोधपीठ से अपील की कि वह नाथपंथ की इनसाइक्लोपीडिया में नाथपंथ से जुड़े सभी पहलुओं, नाथ योगियों के चिह्नों को इकट्ठा करने का प्रयास करे।

रूढ़ियों पर प्रहार करने में भी आगे रहा नाथपंथ-सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा देश, काल और परिस्थितियों के अनुरूप नाथपंथ ने अपनी भूमिका को सदैव समझा। जब देश बाहरी आक्रमण शुरू हो गए थे तब नाथपंथ के योगियों ने सारंगी वादन के जरिये समाज को देश पर आए खतरे के प्रति जागरूक किया। इसी तरह सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार करने में भी नाथपंथ अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि महायोगी गोरखनाथ जी ने गोरखपुर को अपनी साधना से पवित्र किया।

देश को जोड़ने की व्यावहारिक भाषा है हिंदी-सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों को राजभाषा हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हिंदी देश को जोड़ने की एक व्यावहारिक भाषा है। इसका मूल देववाणी संस्कृत है। मुख्यमंत्री ने भारतेंदु हरिश्चंद्र के ‘निज भाषा उन्नति’ वाले उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र का भाषा के प्रति यह भाव आज भी आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि यदि भाव और भाषा खुद की नहीं होगी तो हर स्तर पर प्रगति बाधित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश को जोड़ने के लिए हिंदी को जिस रूप में देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है, वह अभिनंदनीय है।

सर्वसमाज के कल्याण का चिंतन पुंज है नाथपंथ : प्रो. श्रीप्रकाश मणि

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि नाथपंथ सर्वसमाज के कल्याण का चिंतन पुंज है। यह ऐसा पंथ है जो सर्वसमाज के लिए है और सर्वसमाज का है। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय ही इसका ध्येय है। मध्य प्रदेश के रेवाखण्ड समेत देश के अनेक राज्यों में विभिन्न स्थानों के नाम गोरखनाथ या गोरखपुर से जुड़े होने का उल्लेख करते हुए प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि नाथपंथ की व्याप्ति पूरे देश में है। यह सर्वाग्रही पंथ है। नाथपंथ का आभिर्भाव किसी आंदोलन से नहीं हुआ है बल्कि इसने खुद अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया है जिनमें अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर निर्माण का भी आंदोलन प्रमुख रूप से शामिल है।

नाथपंथ में श्रवण और भ्रमण, दोनों ही परंपराएं समाहित

उन्होंने कहा कि नाथपंथ में श्रवण और भ्रमण, दोनों ही परंपराएं समाहित हैं। यह सामाजिक समरसता, त्याग, मानव कल्याण और सर्वकल्याण की भावना से परिपूर्ण पंथ है। हिंदी दिवस पर सभी लोगों को बधाई देते हुए कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हिंदी, हिंदुत्व और राष्ट्रीयता का प्रतीक बताया। उन्हें मानक मुख्यमंत्री बताते हुए प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि देश के अन्य प्रांतों के लोग भी अपने प्रांत में योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं।

नाथपंथ के मूल में अनुप्राणित है सामाजिक समरसता : प्रो. पूनम टंडन

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि नाथपंथ के मूल में ही सामाजिक समरसता अनुप्राणित है। नाथपंथ के आभिर्भावक महायोगी गोरखनाथ जी ने जिस चिंतन पर बल दिया है वह सामाजिक समरसता, सामाजिक एकता और राष्ट्रीय अखंडता का है। प्रो. टंडन ने कहा कि आज समाज भाषावाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद आदि के कारण खंडित हो रहा है। समाज मे समरसता का भाव न होना राष्ट्रीयता के लिए संकट है। ऐसी परिस्थिति में नाथपंथ के विचार हमारे लिए पथप्रदर्शक हैं। नाथपंथ का दर्शन और इसके विचार हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर हैं। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का संचालन आयोजन सचिव संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव भाषा एवं हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, पूर्व महापौर अंजू चौधरी, कार्यक्रम समन्वक महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ के उपनिदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र, संगोष्ठी के संयोजक एवं राजनीति शास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमित कुमार उपाध्याय समेत बड़ी संख्या में विद्वतजन और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

’नाथपंथ का इतिहास’, ‘नाथपंथ की प्रवेशिका’ और ‘कुंडलिनी’ पत्रिका का विमोचन

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. पद्मजा सिंह द्वारा रचित पुस्तक ‘नाथपंथ का इतिहास’, अरुण कुमार त्रिपाठी की पुस्तक ‘नाथपंथ की प्रवेशिका’ तथा महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की अर्धवार्षिक पत्रिका ‘कुंडलिनी’ का विमोचन किया। नाथपंथ का इतिहास पुस्तक नाथपंथ के आभिर्भाव से लेकर अद्यतन काल तक के इतिहास का शोधपरक विवेचन है। जबकि कुंडलिनी पत्रिका में नाथपंथ के प्रति शोध और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर लेख संकलित हैं। साथ ही सीएम ने दीक्षा भवन की गैलरी में लगी पुस्तक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

दिव्यांगजन कैंटीन का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में दिव्यांगजन कैंटीन का भी शुभारंभ किया। इस कैंटीन का संचालन दिव्यांगजन द्वारा किया जाएगा। कैंटीन का उद्घाटन करने के बाद सीएम योगी ने इसका संचालन करने वालों का मनोबल बढ़ाया।

खजनी में डेंगू और एइएस से पीड़ित मरीज मिले

खजनी गोरखपुर।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अब तक जेई अर्थात जापानी इंसेफेलाइटिस के 2, एइएस अर्थात (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) के एक तथा डेंगू से पीड़ित एक मरीज पाए गए हैं। संचारी रोगों में शुमार एइएस और डेंगू के मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और गांवों में छिड़काव तथा बीमारियों से बचाव के उपाय अपनाने के मौखिक निर्देश दिए गए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के रूद्रपुर गांव के निवासी अनुराग तिवारी के पुत्र अभिषेक उर्फ छोटू तिवारी 28 वर्ष को बीते कई दिनों से बुखार आ रहा था। इलाज के बाद भी बुखार ठीक नहीं हो रहा था। खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर जांच कराने के बाद उनके डेंगू से पीड़ित होने की पुष्टि हुई। पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप तिवारी के निर्देशन में

स्वास्थ्य केंद्र में उनका इलाज शुरू किया गया है।

वहीं बीते महीने क्षेत्र में एक बच्चे और दो युवकों को जेई तथा एइएस से पीड़ित पाया गया था। उन्हें जिले पर इलाज के लिए भेजा गया था। बताया गया कि इलाज के बाद अब उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिल गया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोगों से पीड़ित मरीज की समय रहते पहचान करने और उनका इलाज कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है।

मरीजों के मिलने के बाद विभागीय स्तर पर ऐसे रोगियों की पहचान के लिए अभियान चलाया गया है।

पीएचसी के एमओआईसी डाॅक्टर प्रदीप तिवारी ने बताया कि इलाज के बाद मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार है। साथ ही संबंधित गांवों के ग्राम प्रधानों को गांव में सफाई और छिड़काव कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।