Sep 07 2024, 13:02
*एल्यूमिनियम लीचिंग से बचेंगे बच्चे स्टील के बर्तन में दोपहर का भोजन*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब एल्यूमिनियम के बर्तन में भोजन नहीं दिया जाएगा। अब उन्हें स्टील के बर्तन में एमडीएम ( मिड - डे मील) परोसा जाएगा। एल्यूमिनियम लीचिंग के खतरे को देखते एमडीएम प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है। बजट जारी होने के बाद बर्तन की खरीद शुरू हो गया है। बच्चों की सेहत पर संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट है। इसमें 1.64 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए दोपहर भोजन चलाई जा रही है। इनमें बच्चों को खिचड़ी,दाल, रोटी, दूध समेत अन्य पौष्टिक आहार दिए जाते हैं। अभी तक बच्चों को एल्यूमिनियम के बर्तन में ही एमडीएम परोसा जाता था, लेकिन जल्द ही शत प्रतिशत विद्यालयों में यह व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी। दोपहर भोजन प्राधिकरण की निदेशक कंचन वर्मा का पत्र आने के बाद विभाग ने विद्यालय स्तर पर स्टील के बर्तन खरीदने के निर्देश दिए हैं। जिले के 690 परिषदीय स्कूलों में स्टील के बर्तन खरीदने के लिए एक करोड़ 29 लाख 30 हजार स्वीकृति हुआ है। जिसे विभाग की तरफ से विद्यालयों को भेजा जा चुका है। छात्र संख्या के आधार पर यह रकम विद्यालयों को मिला है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि एल्यूमिनियम के बर्तनों में खाना पकाने से वो खाने से आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को सोख लेता है। इसका मतलब यदि खाने के साथ एल्यूमिनियम पेट में जाता है तो शरीर से आयरन और कैल्शियम सोखना शुरू कर देता है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त अस्थि रोग (जैसे आस्टियोपोरोसिस) आंखों की बीमारियां, अतिसार,अतिअम्लता, खट्टी डकार,पेट दर्द, कोलाइटिस ( आंत का संक्रमण) मुंह में बार - बार सूजन आना और एक्जिमा जैसे त्वचा रोग होने की संभावना रहती है।
बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि बर्तन खरीदने के लिए पैसा आ चुका है। जिन विद्यालयों में एल्यूमिनियम के बर्तन है, वह उसी में भोजन पकाएंगे। बर्तन खरीदने के बाद उसे बदल दिया जाएगा।
Sep 09 2024, 17:45