बिहार में अपराध कंट्रोल की चुनौतियों से ऐसे निपटेंगे नये डीजीपी आलोक राज : पुलिस को दिए यह मूल मंत्र, आमलोगों को दिए यह संदेश
डेस्क : 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर आलोक राज को बिहार पुलिस की कमान मिली है। आलोक राज इससे पहले निगरानी अन्वेषन विभाग के डीजी थे। आरएस भट्टी की प्रतनियुक्ति सीआईएसएफ़ डीजीपी के तौर पर होने के बाद बिहार में कयासों का बाजार गरम था। 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक राज वरीयता की सूची में सबसे ऊपर थे। हालांकि आलोक राज के अलावा डीजीपी पद की दौड़ में 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी शोभा ओहटकर और 1991 बैच के विनय कुमार का नाम भी शामिल था। लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने आलोक राज को प्राथमिकता दी।
नये डीजीपी आलोक राज के लिए प्रदेश में अपराध नियंत्रण करना एक बड़ी चुनौती होगी। हालिया अपराध की घटनाओं के बाद बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। आलोक राज की छवि एक सौम्य पुलिस अफसर की रही है। पदभार ग्रहण करते ही उन्होने इस दिशा में काम करना शुरु कर दिया है।
पदभार ग्रहण करने के बाद डीजीपी आलोक राज ने राज्य के सभी पुलिस पदाधिकारियों को ‘स’ शब्द से जुड़े छह मूल मंत्र दिए। पहला, समय अर्थात रिस्पांश टाइम जितना अच्छा होगा, पुलिसिंग उतनी अच्छी होगी। दूसरा, स से सार्थक अर्थात कार्रवाई करें वो सार्थक हो, वो नजर आए कि कार्रवाई हुई है, अपराधियों में खौफ आए कि पुलिस ने कार्रवाई की है। तीसरा, स से संवेदनशीलता।
उन्होंने कहा कि मेरी अपेक्षा होगी पुलिस पदाधिकारी व कर्मी संवेदनशील हों, पीड़ितों के प्रति उनकी संवेदनशीलता दिखनी चाहिए, पीड़ित व्यक्ति पुरुष हो या महिला, कंप्लेन लेकर आता है तो हमारा दायित्व बनता है कि उनकी बातों को सुनें और संवेदनशीलता बरतें।
चौथा, स से सख्ती, अगर हम सख्ती नहीं रखेंगे, तो अपराधी हम पर भारी होंगे। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि वे अपनी कार्रवाई में सख्ती लाएं ताकि हम अपने आप को इतना मजबूत करें कि अपराधी खौफ खाएं। पांचवा, स से सत्यनिष्ठा, अगर हम सत्यनिष्ठ और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार नहीं होंगे तो बिहार की जनता की जो अपेक्षा है, उसे हम पूरा नहीं कर पाएंगे। इसके बाद, छठा, स से स्पीडी ट्रायल हमारा उद्देश्य होना चाहिए। समय से कांडों का अनुसंधान कर समय पर आरोप पत्र समर्पित करें और उसके पश्चात स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाएं।
उन्होंने कहा कि हमारा फोकस क्षेत्र होगा निरोधात्मक पुलिसिंग की कार्रवाई, अपराध की रोकथाम और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई, अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाना। आलोक राज ने बताया कि इसके पूर्व निगरानी ब्यूरो में उन्होंने इसका पालन कराया है।
डीजीपी ने त्वरित कार्रवाई के महत्व पर बल देते हुए अपने सभी कर्मियों और पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया है। कहा गया है कि समय पर की गई पुलिस कार्रवाई न केवल अपराधियों को गिरफ्तार करने में मदद करती है बल्कि जनता के बीच पुलिस पर विश्वास और सुरक्षा की भावना भी मजबूत करती है। उन्होंने पदाधिकारियों से फोकस एरिया में प्रीवेंशन एवं डिटेक्शन ऑफ क्राइम पर फोकस करने का अनुरोध किया।
साथ ही उन्होंने बिहारवासियों से पुलिस को सहयोग करने की अपील की और कहा कि बिहार की जनता व पुलिस साथ-साथ काम करेगी। डीजीपी ने कहा है कि बिहारवासियों को यह कहना चाहता हूं कि पुलिस मुख्यालय के दरवाजे हमेशा सभी के लिए खुले रहेंगे। मेरा मुख्य उद्देश्य होगा कि आम जनता का विश्वास जीतना है। आलोक राज ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि उनके दरवाजे लोगों के लिए हमेशा खुले रहेंगे।
Sep 05 2024, 15:28