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रायपुर गोलीकांड : हत्या के चारों आरोपियों को हाईकोर्ट ने किया बरी, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर-   रायपुर के सेजबहार में वर्ष 2017 में गोली मारकर की गई एक चर्चित हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि केवल हथियार की बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकती, अपराध करने का कोई स्थापित उद्देश्य साबित होना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ के इस फैसले में मोहम्मद यासीन, शेख गुफरान अहमद, मोहम्मद आसिफ अहमद और शेख समीर अहमद को 2017 में बबलू उर्फ इरफान की हत्या के मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया. इन चारों आरोपियों को पहले ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने साक्ष्यों के गंभीर विश्लेषण के बाद उन्हें बरी कर दिया.

मामला 15 जून 2017 का है, जब शिकायतकर्ता ने बताया कि बबलू उर्फ इरफान एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे. तभी रायपुर के सेजबहार के पास मोटरसाइकिल सवार चार नकाबपोश लोगों ने उनकी कार को रोकी और इरफान के सिर में गोली मार दी. मामले में पुलिस ने पुरानी रंजिश व शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया व उनके पास से हथियार जब्त कर न्यायालय में चालान पेश किया. सत्र न्यायालय से आरोपियों को सजा हुई. इसके खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील पेश की.

जानिए पूरा मामला

इस मामले में शिकायतकर्ता राजीव भोसले ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके सहयोगी बबलू उर्फ इरफान की कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना रायपुर के सेजबहार इलाके में हुई थी, जहां भोसले और इरफान एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे. भोसले के मुताबिक, चार नकाबपोश मोटरसाइकिल सवारों ने उनकी कार को रोका और उनमें से एक व्यक्ति, जिसे बबलू ने आसिफ के रूप में पहचाना, ने बबलू के सिर में गोली मार दी. इस हमले में बबलू की मौके पर ही मौत हो गई. मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि हत्या का कारण आरोपियों और मृतक के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी थी. ट्रायल कोर्ट ने राजीव भोसले सहित चश्मदीद गवाहों की गवाही और आरोपियों से बरामद हथियारों के फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराया था.

इधर मामले की हाईकोर्ट में अपील में आरोपियों ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष उनकी पहचान और अपराध में उनकी संलिप्तता को निर्णायक रूप से स्थापित करने में विफल रहा. एकमात्र चश्मदीद गवाह राजीव भोसले की गवाही में कई असमानताएं थीं, जिनमें अभियुक्तों की गलत पहचान शामिल है. इसके अलावा उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि बरामद हथियारों की बैलिस्टिक जांच में देरी हुई थी, जिससे सबूतों की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है.

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों का गंभीरता से विश्लेषण किया और पाया कि मामले में कई महत्वपूर्ण विसंगतियां थीं. साथ ही गवाह राजीव भोसले द्वारा आरोपियों की पहचान में कई गलतियां हुई थीं. हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि आपराधिक मामले में दोषसिद्धि तभी हो सकती है, जब अपराध को उचित संदेह से परे साबित किया गया हो. संदेह या कमजोर सबूत दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकते. अदालत ने यह भी नोट किया कि अभियोजन पक्ष हत्या के पीछे के स्पष्ट मकसद को स्थापित करने में असफल रहा. इस तथ्यों के चलते हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों की दोषसिद्धि को रद्द कर उन्हें बरी कर दिया.

बलौदाबाजार हिंसा : थाने में 13 FIR दर्ज, 2500 पेज का चालान पेश, पुलिस ने 356 लोगों को बनाया है आरोपी, अब तक 183 की गिरफ्तारी

बलौदाबाजार-  छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा, आगजनी मामले में पुलिस ने कोर्ट में महत्वपूर्ण चालान पेश किया, जिसमें जिला संयुक्त कार्यालय में हुई आगजनी की घटना से संबंधित दस्तावेज हैं. पुलिस सिटी कोतवाली थाना में दर्ज 13 एफआईआर में 10 चालान पहले ही पेश कर चुकी है. वहीं संयुक्त जिला कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जलाए जाने के दो मामलों में 61 आरोपी बनाए गए थे, जिसका चालान पेश किया गया.

आगजनी के मुख्य मामले में पुलिस 1325 पेज और 1200 पेज का चालान पेश किया है. बता दें कि जिले की इस आगजनी हिंसा में शासन को 13 करोड़ की क्षति हुई थी. वहीं पुलिस अब तक 183 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर चुकी है. पूरे अपराधों मे शामिल अभियुक्तों की बात करें तो 356 आरोपी हैं. अभी भी इस घटना की जांच जारी है और तकनीकी टीम का सहारा लेकर आरोपियों की तलाश की जा रही है.

एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि इस घटना की जांच करने दस्तावेज बनाने में ही लगभग 70 विवेचकों ने दिन रात मेहनत की है, जिसका परिणाम है कि इतनी बड़ी घटना का हम साक्ष्य संकलन के साथ दस्तावेज बनाने में कामयाब हुए हैं. कम समय में लगातार चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर रहे हैं. अभी भी जांच प्रक्रिया प्रारंभ है.

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि ग्राम महकोनी में 15 व 16 मई की दरम्यान रात अमरगुफा के जैतखाम काटे जाने के बाद सतनामी समाज का गुस्सा फुटा था और पुलिस ने आनन फानन में बिहार के तीन मजदूरों को आरोपी बनाकर न्यायालय में पेश कर मामले का पटाक्षेप किया था, पर समाज के लोग इससे संतुष्ट नहीं हुए और सीबीआई जांच की मांग की. धीरे धीरे यह क्रोध ज्वालामुखी बन गया और 10 जून को आगजनी की घटना घटी, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. इस पूरे घटनाक्रम को किसने तुल दिया, किसका मार्गदर्शन रहा, किसने बाहरी लोगों को बुलाया, किसने इतने बड़े आयोजन के लिए चंदा दिया और किसने भीड़ को इस तरह के कार्य के लिए उकसाया, यह जांच का विषय है. फिलहाल घटना के बाद शासन-प्रशासन जांच में जुटी. अब तक 183 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया है, जिसमें विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी के साथ कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव शामिल हैं, जो अभी जेल के सलाखों के पीछे न्यायिक हिरासत में हैं.

‘प्रवास 4.0’ में दिखा छत्तीसगढ़ का जलवा: वेस्ट ज़ोन के सबसे लोकप्रिय बस ऑपरेटर और स्टेज कैरिज ऑपरेटर का मिला अवार्ड
बेंगलुरु-  बेंगलुरु में आयोजित बस ऑपरेटर कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (BOCI) के प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘प्रवास 4.0’ में छत्तीसगढ़ के रॉयल ट्रेवल्स को देश के वेस्ट ज़ोन में सबसे लोकप्रिय बस ऑपरेटर और न्यू रॉयल ट्रेवल्स को स्टेज कैरिज ऑपरेटर के लिए दो अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के साथ रॉयल ट्रेवल्स ने राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।

इस मौके पर तमिलनाडु सरकार के परिवहन मंत्री टी एस एस शिवाशंकर ने रॉयल ट्रेवल्स के संचालकों को ये पुरस्कार प्रदान किए। इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के संरक्षक प्रमोद दुबे ने रॉयल ट्रेवल्स को बधाई देते हुए इसे राज्य के लिए गर्व और सम्मान की बात बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान राज्य के अन्य बस ऑपरेटर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रमुख सलाहकार शिवेश सिंह ने भी इस सम्मान को राज्य के बस संचालन व्यवसाय के शिखर पर पहुंचने का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “रॉयल ट्रेवल्स का यह सम्मान पूरे छत्तीसगढ़ राज्य का सम्मान है, जो यहां के सभी बस ऑपरेटर्स और आम जनता के लिए गर्व की बात है।”

रॉयल ट्रेवल्स की इस बड़ी उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के संयोजक प्रकाश देशलहरा, कोषाध्यक्ष आकाशदीप सिंह गिल, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवरतन गुप्ता, महासचिव खेमराज साहू, सहित अन्य सभी पदाधिकारियों और बस संचालकों ने रॉयल ट्रेवल्स के संचालकों अनवर अली, नसीम अली, अज़हर अली, और असगर अली को बधाई दी। साथ ही, उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के बस संचालन और यात्री सुविधाओं को और भी बेहतर बनाने की शुभकामनाएं दीं।

भिलाई डीपीएस मामले ने पकड़ा तूल, भूपेश बघेल ने प्रेसवार्ता कर कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल, अनुराग सिंहदेव ने कहा-
रायपुर-   कानून व्यवस्था के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की सियासत गर्म है. विपक्ष की ओर इस मुद्दे पर जहां वार जारी है, तो सत्ता पक्ष की ओर से पलटवार. इसी मुद्दे के बीच शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजीव भवन में प्रेसवार्ता कर भिलाई स्थित देहली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) का मामला भी उठाया. बघेल ने आरोप लगाया है कि राज्य में लगातार आपराधिक घटनाएं हो रही है, लेकिन सरकार इन घटनाओं को रोक पाने में विफल रही है. चोरी, लूट, हत्या जैसी घटनाएं तो आम हो गई है, सामूहिक दुष्कर्म की घनटाएं भी निरंतर घटित हो रही है.

उन्होंने आरोप लगाया कि भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन की ओर से संचालित डीपीएस स्कूल में एक चार साल की बच्ची के साथ करीब दो महीने पहले दुराचार की घटना हुई है. इस घटना को दुर्ग पुलिस की ओर से पूरी तरह से दबाने की कोशिश की गई है. दुर्ग पुलिस की भूमिका इस मामले में बेहद संदिग्ध है. पुलिस के साथ-साथ बीएसपी प्रबंधन और स्कूल के प्राचार्य की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. बच्ची के परिजन भी दबाव में है. दुर्ग एसपी ने मामले की जानकारी होने के बाद भी अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है. वहीं इस मामले में की जानकारी सरकार को भी है. क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से महिला एवं बाल विकास मंत्री को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा गया है. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. सरकार से हमारी मांग है कि दुर्ग एसपी को हटाकर तत्काल इसकी जांच कोर्ट की निगरानी में कराई जानी चाहिए.

राजनीति न करे भूपेश बघेल, कांग्रेस सरकार में थी व्यवस्था खराब : अनुराग सिंहदेव

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता अनुराग सिंह ने कहा कि इस मामले में भूपेश बघेल को राजनीति नहीं करनी चाहिए. संवेदनशील मामलों में कानून अपना काम सख्ती से करती है. और रहा सवाल कानून व्यवस्था को लेकर तो प्रदेश में कानून का राज है, साय सरकार का सुशासन है. कांग्रेस सरकार में कानून व्यवस्था का हाल कैसा था किसी से छिपा नहीं है. कांग्रेस सरकार में तो किसी भी मामले में सुनवाई ही नहीं होती थी. सबसे खराब व्यवस्था कांग्रेस की सरकार में थी. भूपेश बघेल को अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए.

रायपुर निगम आयुक्त के खिलाफ होगा आंदोलन? MIC सदस्यों ने बैठकों के निर्णय को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

रायपुर-     राजधानी रायपुर के विकास कार्यों की धीमी गति, फाइलों की लाल फीताशाही और राजनैतिक भेदभाव से नाराज निगम के MIC सदस्यों ने आयुक्त अबिनाश मिश्रा को ज्ञापन सौंपा. सभी ने आयुक्त पर राजनैतिक दबाव में MIC की बैठकों के निर्णयों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और निगम की वित्तीय स्थिति जारी करने की मांग की. महापौर एजाज ढेबर की अध्यक्षता में MIC सदस्य सोमवार को फिर निगम आयुक्त से मुलाकात करेंगे. इस बीच आयुक्त द्वारा निगम के जनप्रतिनिधियों की मांग पर कार्य नहीं करने पर सचिव और मंत्री से भी मुलाकात करने की रणनीति बनाई गई है. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन की भी तैयारी की जा सकती है.

MIC सदस्य श्रीकुमार मेमन ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद से राजस्व वसूली के 15% वार्डों के विकास में खर्च करने के निर्णय पर अब तक अमल नहीं किया गया है. इससे शहर के विकास कार्य ठप पड़े हैं. आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में सात दिन के अंदर महापौर और MIC सदस्यों की उपस्थिति में सभी विभाग की समीक्षा बैठक, वर्क ऑर्डर हो चुके कार्यों की शुरुआत, शहर के ख़ाली प्लॉटों में नियम के विरुद्ध टैक्स वसूली पर ठोस निर्णय लेने, वार्डों के विकास कार्यों के लिए 50-50 लाख की तत्काल स्वीकृति देने की मांग की गई है. इस पर आयुक्त ने 2 सितंबर तक विचार करने की बात कही है.

नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपने के दौरान सभापति प्रमोद दुबे, MIC सदस्य ज्ञानेश शर्मा, श्रीकुमार मेमन, नागभूषण राव, रितेश त्रिपाठी, जितेंद्र अग्रवाल, सुरेश चन्नावर, आकाश तिवारी सहित अन्य सदस्य शामिल रहे.

भिलाई में पार्षद पुत्र की गुंडागर्दी : जोन कार्यालय में मचाया हंगामा, दस्तावेज फाड़े, इंजीनियर को दी जान से मारने की धमकी, केस दर्ज

दरअसल यह मामला सुभद्रा सिंह के वार्ड में सौंदर्यीकरण के काम में हुए खर्च के पैसों की लेनदेन को लेकर था. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त की तैयारी के चलते वार्ड में मरम्मत के कुछ काम होने थे और इसी वक्त ठेकेदार शहर से बाहर था. इसके बाद सब इंजीनियर ने ठेकेदार से पार्षद के बेटे की बात कराई और इसी बीच मरम्मत का काम किया गया. इसके एवज में ठेकेदार को पार्षद के बेटे को पैसे देने थे, लेकिन अब पैसे दिलवाने का दबाव पार्षद सुभद्रा सिंह का बेटा सब इंजीनियर पर बनाने लगा.

सब इंजीनियर दीपक देवांगन का कहना है कि दोनों के बीच बातचीत पहले ही हो चुकी थी और वह पैसे के लेनदेन के किसी भी मामले में बीच में नहीं है. फिलहाल पुलिस ने सब इंजीनियर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है. भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी का कहना है कि पीड़ित इंजिनियर की शिकायत पर शासकीय कार्य में बाधा और शासकीय सेवक को धमकी देने, दस्तावेज फाड़ने का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल दोनों आरोपी फरार हैं.

बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल : कांड 12 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में प्रधान आरक्षक, पूछताछ में हो सकता है बड़ा खुलासा
बलौदाबाजार-  जिले के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल कांड में शुरू से ही पुलिस की भूमिका नजर आ रही थी. इस घटना के मास्टर माइंड कहे जाने वाले शिरीष पांडे के गिरफ्तार होने के बाद खुलासा होने की उम्मीद थी, जो पुलिस की पूछताछ में सामने आया. इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर अब पुलिस ने बलौदाबाजार कोतवाली थाना में पूर्व में पदस्थ प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 12 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

सेक्स स्कैंडल कांड के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेम सागर सिदार ने बताया कि सेक्स स्कैंडल मामले में बलौदाबाजार में पदस्थ प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी का नाम पूछताछ में प्रथम दृष्टया सामने आया है. पुलिस उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और 12 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. अभी और भी पूछताछ की जा रही है. जो भी इसमें शामिल होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.

घटना में जनप्रतिनिधियों के भी शामिल होने की चर्चा

बता दें कि इस मामले में पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें पांच जमानत पर हैं और दो फरार हैं. वही घटना में जनप्रतिनिधियों के भी शामिल होने की चर्चा नगर में है पर इसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है. गिरफ्तार प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी ने जेल जाते समय कहा कि पुलिस वालों ने ही मुझे फंसा दिया. अब देखना होगा कि इस घटना में प्रधान आरक्षक के अलावा कौन कौन से पुलिस के अधिकारी, जवान और जनप्रतिनिधि शामिल हैं.

नियद नेल्लानार योजना के तहत् नारायणपुर के सुदूरवर्ती ग्राम मोहंदी पहुंची योजनाएं, जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीणों को मिल रहा लाभ

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गई ‘नियद नेल्लानार योजना’ (आपका अच्छा गांव योजना) के तहत नारायणपुर जिला प्रशासन ने पहली बार सुदूरवर्ती ग्राम मोहंदी में शिविर का आयोजन किया। इस योजना के अंतर्गत माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में 14 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनके पांच किलोमीटर की परिधि में बसे गांवों में 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं और 32 व्यक्ति मूलक योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाया जा रहा है।

नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखंड में ग्राम पंचायत कुतुल के आश्रित ग्राम मोहंदी में आयोजित राजस्व पखवाड़ा शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। शिविर में जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और वृद्धा पेंशन योजना वन अधिकार पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का वितरण किया गया और आवेदन लिया गया। शिविर में 12 जाति प्रमाण पत्र, 15 निवास प्रमाण पत्र, 12 आय प्रमाण पत्र, 16 जन्म प्रमाण पत्र और 26 आधार कार्ड हेतु आवेदन प्राप्त हुए साथ ही शिविर में 16 जन्म प्रमाण पत्र, एक मृत्यु प्रमाण पत्र और 3 वृद्धा पेंशन योजना के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। यह नियद नेल्लानार योजना माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं से लोगों को लाभ पहुंचाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। शासन का यह प्रयास सुदूर वनांचल के ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

कोयला घोटाला मामला : EOW ने सूर्यकांत के भाई को किया गिरफ्तार, कोर्ट ने 14 दिनों की रिमांड पर भेजा

रायपुर-    कोयला घोटाला मामले में EOW ने एक और आरोपी रजनीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया है. वे जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी का बड़ा भाई है. ईओडब्ल्यू ने आरोपी रजनीकांत तिवारी को कोर्ट में पेश कर 14 दिन यानी 12 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया है।

ईओडब्ल्यू ने बताया, अवैध कोल लेवी प्रकरण के आरोपी रजनीकांत तिवारी निवासी महासमुंद लम्बे समय से फरार चल रहा था. उनकी पतासाजी पर उसका आगरा में होना पता चला. उसे नोटिस देकर ब्यूरो मुख्यालय तलब किया गया. ब्यूरो मुख्यालय में उपस्थित होने पर उससे पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.

आज रजनीकांत तिवारी को विशेष न्यायालय रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया. न्यायालय ने 12 सितंबर तक आरोपी को पुलिस रिमाण्ड पर ब्यूरो को सौंपा है.

प्रदेश के कॉलेजों में प्रवेश के लिए बढ़ाई गई अंतिम तिथि, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश की अंतिम तारीख बढ़ा दी है. जिन छात्रों ने कॉलेज में अब तक प्रवेश नहीं लिया है, उनके लिए एडमिशन लेने का यह एक बेहतरीन मौका है.

बता दें, इससे पहले इस शैक्षणिक सत्र में कॉलेज या यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 16 अगस्त तक की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में सीट खाली होने की स्थिति में छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से एडमिशन लेने की तारीख को आगे बढ़ा दिया है.

दरअसल, कई कॉलेजों में अब भी काफी संख्या में सीटें खाली हैं. वहीं कई छात्रों के दसवीं और बारहवीं के द्वितीय बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित ना होने के चलते वे किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश नहीं ले पाए हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रवेश तिथि को आगे बढ़ा दिया है.