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बड़ी खबर : बिहार के नये डीजीपी बने वरिष्ठ आईपीएस आलोक राज, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी के सीआईएसएफ में जाने के बाद बिहार का अगला डीजीपी कौन होगा इस कयास पर विराम लग गया है। 1989 बैच के आईपीएस आलोक राज को बिहार के नये डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। आईपीएस आलोक राज, शोभा अहोतकर और विनय कुमार नाम डीजीपी की रेस में थे और कई नामों को लेकर कयास लगाया जा रहा था। लेकिन अब तमाम कयासो पर विराम लग गया है। अगले आदेश तक आलोक राज बिहार के डीजीपी रहेंगे। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

बता दें कि आज आलोक राज को मुख्यमंत्री आवास से मिलने को बुलाया था। सीएम हाउस से बुलावे के बाद आलोक राज सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे थे। जिसके बाद गृह विभाग की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी।

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक राज विजिलेंस ब्यूरो बिहार के डीजी हैं और अगले आदेश तक उन्हें डीजीपी का प्रभार दिया गया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस महानिदेश आलोक राज को अपने दायित्वों के अतिरिक्त अगले आदेश तक पुलिस महानिदेशक बिहार पटना के प्रभार में भी रहेंगे।

बता दें कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की मांग कर रहे बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक आरएस भट्टी बनाये गये हैं। उनके बिहार छोड़कर जाने के बाद बिहार के डीजीपी का पद रिक्त हो गया था।

गौरतलब है कि डीजीपी आलोक राज बिहार के पूर्व डीजीपी व छतीसगढ़ के राज्यपाल रहे डीएन सहाय के दामाद है। आलोक राज एक अच्छे सिंगर भी हैं कई कार्यक्रमों में वो गाना गाते भी नजर आए थे।

बड़ी में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का हुआ प्रमोशन, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना

 

डेस्क : बिहार में बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद 20 आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन मिला है। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है। 

राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य असैनिक सेवा से प्रोन्नति द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (बिहार संवर्ग) में 2024 में नियुक्त निम्नांकित पदाधिकारियों जिन्हें भारत सरकार द्वारा 2014 का बैच आवंटित है।

उन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के पत्रांक-20011/02/2022-ए आई एस-।। दिनांक 07.10.2023 में निहित मार्गदर्शन के तहत भा०प्र०से० में प्रभार ग्रहण की तिथि (14.08.2024 का अपराह्न) के आलोक में दिनांक 15.08.2024 के प्रभाव से कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (अपर सचिव स्तर, वेतनमान - लेवल-12-रु.78,800-2,09,200/-) में प्रोन्नति प्रदान की जाती है।

बिहार कैडर के इस वरिष्ठ महिला आईपीएस का स्थानातंरण के साथ मिला अतिरिक्त प्रभार, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार कैडर की 1995 बैच की आईपीएस आर मल्लार विलि पटना से स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर के अपर पुलिस महानिदेशक सह निदेशक पद पर पदस्थापित किया गया है।

साथ ही आर मल्लर विलि अगले आदेश तक अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग), अपराध अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगी। बिहार सरकार ने आईपीएस अधिकारी आर मल्लर विलि को अतिरिक्त प्रभार दिया है। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

बता दें वर्तमान में आर मल्लार विलि (कमजोर वर्ग), अपराध अनुसंधान विभाग, बिहार, पटना की अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं।

शहर की साफ सफाई के नाम पर नगर निगम द्वारा लोगों से किया जा रहा पैसा वसूल, लोगों को नहीं मिल रहा इसका लाभ

डेस्क : पटना नगर निगम की ओर से शहर में बेहतर साफ-सफाई के दावे किये जाते है। इसके लिए नियम भी बनाए जाते है और लोगो से पैसे भी वसूल किए जाते है। बावजूद इसके पटना नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पटना के कई ऐसे इलाके है जहां के लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही है। 

वैसे तो नगर निगम में इसे दुरुस्त रखने के लिए तरह-तरह के संसाधन लाये गये। लेकिन, इन सब का कोई फायदा जमीन पर नहीं दिख रहा है। नगर निगम की ओर से होल्डिंग टैक्स के साथ कचरा कलेक्शन के नाम पर पैसा लिया जाता है। लोगों का कहना है कि कचरा कलेक्शन के शुल्क लिये जाने के बाद भी हर दिन कचरा का कलेक्शन घरों से नहीं होता है। 

निगम की ओर से कई बार गिला-सूखा कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन का वितरण किये जाने का दावा किया जाता है। लेकिन यह वितरण सिर्फ उन चंद इलाकों में ही सिमट कर रह गया है जहां बड़े अधिकारी या लोगों का निवास है।  

पटना के कई ऐसे वार्ड है जहां के लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा कचरा उठाने के नाम पर उनसे पैसे तो वसूल कर लिए जाते है, लेकिन एकदिन भी कचड़ा उठाने वाली गाड़ी उनके इलाके में नहीं आती है। हर दिन कचरा उठाव की बात क्या झाड़ू तक नहीं दिया जाता है।

वहीं लोगों के विरोध के बाद नगर निगम के ओर से हर घर में बार कोड का बोर्ड लगाया गया और कहा गया है कि इसपर आप अपनी शिकायत दर्ज करे तुरंत कार्रवाई होगी। लेकिन यह बार कोड का प्लेट सिर्फ लोगों के घरों के दीवार की शोभा बनकर ही रह गया है।

जाम मुक्त होगा पटना : 13 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मिली मंजूरी

डेस्क : राजधानी पटना में न्यू बाइपास पर अनीसाबाद से गुरुद्वारा मोड़ तक फोरलेन एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। एनएचएआई के पटना स्थित क्षेत्रीय दफ्तर डीपीआर बना रहा है। कॉरिडोर का एलाइनमेंट तैयार कर लिया गया है। साल के अंत तक निविदा जारी होगी।

न्यू बाइपास से गुरुद्वारा मोड़ तक लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से 13 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण होना है। इसके निर्माण में मुख्य रूप से तीन-चार जगहों पर समस्याएं आ रही हैं। जिनका निदान डीपीआर में किया जाएगा। न्यू बायपास स्थित एनएच पर मेट्रो का निर्माण हो रहा है। इस कारण 90 फीट, खेमनीचक और जीरो माइल के पास एलिवेटेड को काफी ऊंचा बनाना होगा।

मीठापुर-सिपारा-महुली-पुनपुन के बीच निर्माणाधीन एलिवेटेड भी मीठापुर के समीप न्यू बायपास को पार कर रहा है। इस कारण यहां भी एलिवेटेड कॉरिडोर की ऊंचाई अधिक होगी। इन जगहों पर एलिवेटेड कॉरिडोर की ऊंचाई वर्तमान सड़क से लगभग 38 मीटर ऊपर होगी। इस रोड पर प्रतिदिन 1.5 से 1.75 लाख गाड़ियों का दबाव है। यही कारण है कि 13 किलोमीटर दूरी तय करने में अभी गाड़ियों को घंटे से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इस एलिवेटेड के बनने से पटना शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।

पटना एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी वाईबी सिंह ने कहा कि अनीसाबाद से गुरुद्वारा मोड़ के बीच एलिवेटेड फोरलेन निर्माण की मंजूरी मिल गई है।

प्रशांत किशोर का बड़ा एलान ; जनसुराज की बनी सरकार तो बच्चों की शिक्षा मुफ्त, वृद्धा पेंशन मिलेगा 2 हजार

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक बिहार की सियासत में एंट्री के ऐलान के साथ ही अब हर दिन बड़े-बड़े एलान कर रहे है। इस कड़ी में आज शुक्रवार को बड़ा एलान किया है।

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद उनके दल की सरकार बनेगी तो 15 साल से कम के बच्चो की पूरी पढ़ाई का खर्च जिसमें उनकी किताबें से लेकर विद्यालय के कपड़े सब कुछ बिहार के बच्चो के लिए मुफ्त कर दी जाएगी। यह व्यवस्था केवल सरकारी स्कूलों में ही नहीं बल्कि सभी प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होगी। प्राइवेट स्कूल में भी 15 वर्ष तक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार देगी, ऐसी व्यवस्था हम करेंगे। इस तरह की व्यवस्था पूरे देश के किसी भी राज्य में अभी तक नहीं है।

उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार पढ़ाई के नाम पर हर वर्ष 50 हज़ार करोड़ खर्च कर रही है, पर आप ही बताइए की उन 50 हज़ार करोड़ से क्या 50 बच्चे भी पढ़े हैं? लेकिन हमारा यह संकल्प है की हम इन्हीं 50 हज़ार करोड़ को सही तरीके से खर्च करके आपके बच्चो को अच्छी गुणवत्ता की पढ़ाई कराएंगे ताकि 15 वर्ष के बाद वह सरकार और व्यवस्था पर बोझ नहीं बने।

इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने वृद्ध पेंशन को लेकर भी बड़ा ऐलान करते हुए मौजूदा वृद्धा पेंशन की राशि को लेकर नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस महंगाई के दौर में मात्र 400 रूपए देकर क्या वह आप पर कोई एहसान कर रहे है? इस महंगाई के दौर में मात्र 400 रूपए में अपना जीवन व्यापन करना नामुमकिन है।

पीके ने कहा कि बिहार के गाँवो में अकेले जीवन व्यापन कर रहे हमारे बुजुर्गो लेकर कहा कि जन सुराज अगले वर्ष के अंत से यह सुनिश्चित करेगा की हर महिला-पुरुष, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, उन्हें कम से कम हर महीने 2000 रुपए की पेंशन मिले।

पूरा इंडी गठबंधन के मजाक उड़ाने के बाद भी डिजिटल दुनिया में विश्व गुरु बन रहा है भारत :- अरविन्द सिंह

डेस्क :- भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के नेता एक समय यूपीआई और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे। आज अब वही डिजिटल इंडिया आम आदमी की ताकत बन चुकी है। आज फल सब्जि विक्रेता यूपीआइ से लेनदेन कर रहे है, छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, फिर लोकल कलाकार, या कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है। आज लोकल मार्केट या सब्जी मंडी में, रेहड़ी-पटरी वाले छोटा दुकानदार भी आपसे कहेंगे, कैश नहीं यूपीआई कर दीजिए। डिजिटल इंडिया ने सभी कार्य सुलभ बनाया है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है।

उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब कांग्रेसी नेता गरीब लोगों की क्षमता पर संदेह करते थे, उनका मजाक उड़ाते थे, उन्हें शक था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मोदी सरकार ने देश के सामान्य मानविकी समझ पर भरोसा था। मोदी सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट्स का रास्ता आसान बनाया हैं। मोदी सरकार ने खुद ऐप के जरिए सिटीजन सेंट्रिक डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा देने का काम किया हैं।

श्री अरविन्द ने कहा कि वहीं एक जमाना हमने देखा है, की 2जी के लिए हम कैसा संघर्ष करते थे। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2 जी, 3 जी, 4 जी के समय भारत टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था। लेकिन आज मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यह दिखा दिया कि आज का नया भारत टेक्नोलॉजी का सिर्फ कंज्यूमर बनकर नहीं रहेगा बल्कि भारत उस टेक्नोलॉजी के विकास में, उसके इंप्लीमेंटेशन में एक्टिव भूमिका निभाने का काम करेगा। और भविष्य की वायरलेस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में, उस से जुड़ी मैनुफैक्चरिंग में भारत की बड़ी भूमिका होगी।

वहीं दूसरी ओर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 5 जी के साथ भारत ने एक नया इतिहास रच दिया हैं। और 5जी के साथ ही भारत पहली बार मोदी सरकार में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में ग्लोबल स्टैंडर्ड तय करने का काम किया है। और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार 6जी पर अभी से मिशन मोड में काम कर रहीं हैं और आने वाले समय में विश्‍व में भारत इसमें भी अपनी धमक जमाने का काम करेगा।

पीएम मोदी के हनुमान का केन्द्र में मंत्री बनते ही बदल गया है सुर, क्या अपने पिता की तरह राजनीति का मौसम वैज्ञानिक बनना चाह रहे चिराग पासवान !

डेस्क : लोजपा (आर) के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के मन में क्या है, यह लोगों के लिए अबूझ पहेली बन गई है। चिराग की पार्टी एनडीए का हिस्सा है। वे खुद नरेंद्र मोदी सरकार में बहैसियत मंत्री शामिल हैं। इसके बवजूद तकरीबन तीन महीने के एनडीए सरकार के कार्यकाल में चिराग पासवान के बयान-आचरण से नहीं लग रहा कि वे पीएम मोदी के हनुमान रह गए हैं। जिन दिनों चिराग पासवान अपनी पार्टी लोजपा में टूट के बाद अकेले पड़ गए थे, वे अपने को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते थकते नहीं थे। मोदी भी उन्हें काफी लाड़-दुलार देते थे। अब मोदी सरकार के फैसलों या एनडीए के स्टैंड पर ही चिराग हमलावर हो गए हैं।

एनडीए में रहते हुए चिराग पासवान की भूमिका विपक्ष जैसी हो गई है। वे विपक्ष के कई मुद्दों पर सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे है। कांग्रेस के नेतृत्व में बना इंडिया ब्लाक जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है। उनके ही सुर में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी सुर मिलाने लगे हैं। जातिगत जनगणना का समर्थन और अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी घोषणा मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ उनके ताजा स्टैंड हैं। इससे पहले आरक्षण पर सरकार के स्टैंड के खिलाफ वे रहे। विपक्ष के भारत बंद का समर्थन किया। लैटरल एंट्री पर भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर भी भाजपा के सहयोगी अन्य दलों से चिराग अलग अंदाज में दिखे।

इतना ही नहीं पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद चिराग ने कहा कि कई प्रादेशिक इकाइयां अपने राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। वे चाहें तो लड़ सकती हैं। इसके लिए पहले गठबंधन (एनडीए) में बात होगी। जरूरत पड़ने पर अकेले भी पार्टी मैदान में उतर सकती है। झारखंड में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। इस बारे में उनका कहना है कि लोजपा (आर) झारखंड की कुल 81 में 40 सीटों पर मजबूत स्थिति में है। भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की पहली कोशिश होगी। गठबंधन न होने पर पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती है।

2019 में ऐसा हुआ भी है। जाहिर है कि पहले से ही जेडीयू ने 12 सीटों की दावेदारी कर रखी है। चिराग उससे भी अधिक 40 सीटों की दावेदारी कर रहे हैं। भाजपा और आजसू तो पहले से ही साथ चुनाव लड़ने का निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में चिराग की मांग भाजपा के लिए मुसीबत ही खड़ी करेगी। हद तो यह है कि उनकी पार्टी ने बिहार में एनडीए की ओर से चिराग पासवान को सीएम चेहरा घोषित किये जाने तक की बात कर रही है।

लोजपा (आरवी) के राज्य युवा विंग के अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे ने कहा कि "चिराग एनडीए का सबसे अच्छा सीएम चेहरा है। वह सिद्धांतों के आदमी हैं, नीतीश के विपरीत जिन्होंने उन ताकतों से हाथ मिलाया जिनके खिलाफ उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और लोगों का जनादेश हासिल किया।" पांडे ने कहा कि चिराग ने कुरहानी में भाजपा को सीट जीतने में मदद करके अपनी राजनीतिक ताकत साबित की। उन्होंने कहा, "भाजपा 2020 के विधानसभा चुनावों में जेडी(यू) के साथ गठबंधन में चुनाव हार गई थी। हालांकि, चिराग ने इस बार भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार किया। परिणाम सभी के सामने हैं।"

सवाल उठ रहा है कि आखिर चिराग चाहते क्या हैं ? क्या वोटों का समीकरण चिराग को एनडीए से अलग लाइन लेने पर मजबूर कर रहा है? चिराग के कोर वोटर पासवान हैं। बिहार में पासवान वोटर्स करीब पांच फीसद हैं। ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या चिराग को लग रहा है कि बिना किसी दूसरे वर्ग के समर्थन के राजनीति में कुछ बड़ा कर पाना संभव नहीं है? अलग रुख अपनाने के पीछे कुछ और कारण तो नहीं?

वैसे सवाल तो यह भी है कि लोकसभा चुनाव में 100% स्ट्राइक रेट रखने वाली पार्टी एलजेपी रामविलास के चीफ चिराग पासवान क्या भारी भरकम मंत्रालय चाहते हैं? क्या झारखंड विधानसभा चुनाव व अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें चाहिए इसलिए क्या प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं? या फिर वे अपने दिवंगत पिता रामविलास की तरह राजनीति का मौसम वैज्ञानिक बनना चाहते है।

आपको बता दे कि चिराग पासवान के पिता बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम वैज्ञानिक भी कहा जाता था। ये उपाधि उन्हें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने दी थी। लेकिन पहले आपको बताते हैं कि आख़िर उन्हें राजनीति के मौसम वैज्ञानिक की उपाधि कैसे मिली?

दरअसल जब नीतीश कुमार ने लालू यादव के ख़िलाफ़ विद्रोह कर साल 1994 में समता पार्टी बनायी तो रामविलास पासवान लालू यादव के क़ब्ज़े में चली गयी जनता दल में ही रहे और अगले साल 1995 में विधान सभा चुनावों में जब भारी बहुमत से लालू यादव की जीत हुई तो लोगों को समझ आ गया कि पासवान अपने उस फैसले पर सही थे। उसके बाद जब लालू यादव ने चारा घोटाले में नाम आने पर 1997 में अपनी नई पार्टी (राजद) बना ली उसके बाद भी पासवान शरद यादव के साथ जनता दल में ही बने रहे और 1998 का लोक सभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

एक नहीं छह- वी पी सिंह, एचडी देवगौड़ा, आई के गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी- प्रधान मंत्री की कैबिनेट में काम करने वाले रामविलास पासवान ने करीब बारह वर्षों तक बिहार और पूरे देश में गुजरात दंगों और उस समय गुजरात के मुख्य मंत्री और वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ जमकर प्रचार किया था। बाद में उन्हीं की सरकार में मंत्री भी बने। बिहार से लालू-राबड़ी को राज्य की सता से बाहर करने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी।

चिराग पासवान के वर्तमान राजनीतिक पैतरे को देखकर ऐसा लग रहा है कि कही न कही वे अपने पिता की नीति पर चलने की कोशिश कर रहे है।

बड़ी खबर : राजधानी पटना में प्रेम प्रसंग में युवक-युवती की गला काटकर हत्या, युवती के भाई ने घटना को दिया अंजाम

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक युवक-युवती की गला काटकर हत्या कर दी गई है। दोनो की लाश एक खंडहरनुमा मकान से बरामद हुआ है। हत्या का आरोप युवती के भाई पर लगा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

घटना के संबंध में बताया गया है कि आज शुक्रवार के अहले सुबह पटना के बिहटा थाने के कुंजवा गांव में एक खंडहर नुमा मकान से युवक- युवती का शव पुलिस ने बरामद किया। दोनो प्रेमी और प्रेमिका बताये गए है। दोनो की चाकू से गला काटकर निर्मम हत्या की गई है। घटना की सूचना के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी। वही मृतक के स्वजनों में कोहराम मच गया।

इस मामले की जानकारी देते हुए दानापुर एसडीपीओ 2 ने बताया कि बरामद शवों की पहचान कर ली गई है। मृतक युवक की पहचान अवनीश कुमार उर्फ रौशन और मृतका प्रतिमा रानी के रूप में किया गया है। दोनो कुंजवा गांव के निवासी है।

उन्होंने बताया कि कि दोनों के बीच पूर्व से जान पहचान थी जिसकी भनक मृतका के परिजनों को लग गई थी। मिली जानकारी के अनुसार मृतका प्रतिमा रानी के भाई विशाल को दोनों के संबंध के बारे में पता चल गया था। जिसके बाद विशाल ने खौफनाक कदम उठाते हुए दोनों की हत्या कर दी है।

फिलहाल पुलिस ने इस मामले में आरोपित विशाल को गिरफ्तार किया है जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूला है।

दरभंगा एम्स के लिए मिली 37 एकड़ और जमीन, जल्द शुरु होगा निर्माण कार्य

डेस्क : बिहार के दरभंगा जिले एम्स निर्माण का कार्य जल्द शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। एम्स के निर्माण के लिए 37 एकड़ और जमीन मिल गई है। राज्य सरकार शीघ्र ही 37.31 एकड़ और जमीन केंद्र सरकार को सौंप देगी। इसके पहले 12 अगस्त को राज्य सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को सौंप दी थी। शिलान्यास की तिथि भी जल्द तय होने के आसार हैं।

राजस्व व भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर कहा कि बिहार सरकार ने इसके लिए 37 एकड़ और जमीन चिह्नित कर ली है। मैंने इससे संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर दिया है। इसका नोटिफिकेशन भी तुरंत हो जाएगा। दरभंगा एम्स निर्माण का डिजाइन आईआईटी के स्तर पर तैयार कराया जा रहा है। एम्स का शिलान्यास कार्यक्रम भी जल्द ही तय हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि बिहार में दूसरा एम्स मिलना बड़ी बात है। केंद्र सरकार इसका निर्माण कार्य जल्द कराने के लिए पूरी तरह तत्पर है। इसके अलावा बिहार के पांच मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी सेंटर बन रहा है। इससे राज्य के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुविधाएं मिलेंगी।

दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को 25 जुलाई को पत्रभेज कर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा था। इसके बाद राज्य सरकार ने 12 अगस्त को 150 एकड़ जमीन हस्तांरित कर दी थी। केंद्र ने यहां की नीचे जमीन को समतल कर मांगा है। राज्य सरकार जमीन समतल कराने के साथ ही बिजली और पानी की आवश्यक व्यवस्था करने के लिए तैयार है।