बिहार में अब बिल्डरों की नहीं चलेगी मनमानी, रेरा ने उठाया यह सख्त कदम
डेस्क : बिहार में अब बिल्डरों की मनमानी नही चलने वाली है। अब वे लोगों से पैसे लेकर निर्धारित अवधि में फ्लैट नहीं सौंपा तो उन्हें 20 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ेगा। बिहार भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) बिहार ने प्रोजेक्ट में देरी करने वाले बिल्डरों पर आर्थिक दंड लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा समय अवधि विस्तार के लिए भी उसे निर्धारित शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।
दरअसल बिहार में रेरा को अक्सर शिकायत मिलती है कि बिल्डर ने बुकिंग के समय किए गए एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित अवधि के बाद भी फ्लैट नहीं सौंपा है। कई बार चार-पांच साल या उससे अधिक देरी भी होती है। ऐसे में उपभोक्ता ठगा महसूस करते हैं। ऐसे बिल्डरों पर लगाम लगाने के लिए ही रेरा ने जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। ऐसे बिल्डरों पर जुर्माना अतिरिक्त शुल्क के रूप में लगेगा।
रेरा के नये नियम के अनुसार एग्रीमेंट में निर्धारित अवधि बीतने के छह माह तक फ्लैट सौंपने पर चार लाख रुपये जुर्माना लगेगा। 6 से 10 माह तक 10 लाख रुपये और एक साल से अधिक की देरी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके अलावा रेरा ने बिल्डरों और प्रोमोटरों पर लगाम लगाने के लिए अन्य कई निर्णय लिए हैं।
रेरा अधिनियम की धारा 4(2)(एल)(डी) के तहत प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ऑडिट कराया हुआ खाता छह माह के अंदर जमा कर देना है। बिल्डर इसमें भी अक्सर देरी करते हैं। ऐसे बिल्डरों से रेरा ने कहा है कि प्रोजेक्ट पूरा होने के छह माह के अंदर ऑडिट कराया हुआ खाता जमा कर दें। इसमें देरी पर विलंब शुल्क के रूप में पचास हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
इतना ही नही रेरा की ओर से हरेक तीन माह में जारी होने वाली रैंकिंग में इन सब मानकों के अनुसार नंबर दिए जाएंगे। रैंकिंग की रिपोर्ट रेरा की वेबसाइट पर डाली जाती है। रेरा ने कहा है कि प्रोजेक्ट में देरी का असर रैंकिंग पर पड़ेगा।
Aug 26 2024, 12:35