Aug 02 2024, 18:44
क्या पेरिस ओलंपिक में पुरुष से हुआ महिला बॉक्सर का मैच? इटली की बॉक्सर ने 46 सेकेंड में छोड़ा गेम, अब उठ रहे सवाल
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पेरिस ओलंपिक में महिला बॉक्सिंग के एक मैच में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।ये मुकाबला गुरुवार को इटली की एंजेला कैरिनी और अल्जीरिया की इमान खलीफ के बीच हो रहा था। इटली की महिला बॉक्सर एजेंला करिनी ने खलीफ़ के ख़िलाफ़ रिंग में उतरने के 46 सेकेंड बाद ही मुक़ाबला छोड़ दिया। इस मुकाबले में इमान खलीफ़ को जीत दी गई। खलीफ़ पेरिस ओलंपिक की उन दो एथलीट्स में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल निर्धारित मानदंडों पर खरा न उतरने के कारण वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिली थी। लेकिन इस बार पेरिस ओलंपिक में इन दोनों खिलाड़ियों को अनुमति मिली है।
25 साल की खलीफ महिलाओं की वेल्टरवेट इवेंट में हिस्सा ले रही हैं। राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में खलीफ का मुकाबला इटली की एंजेला कैरिनी से हुआ। कैरिनी ने 46 सेकेंड में ही मैच को छोड़ने का फैसला कर लिया। खलीफ का मुक्का इतना जोरदार था कि जान बचाने के लिए कैरिनी ने मैच को छोड़ने का फैसला किया। विवाद इसलिए है क्योंकि इमान खेलीफ में पुरुषों वाले क्रोमोसोम हैं।
30 सेकेंड के भीतर ही खलीफ़ से चेहरे पर पंच खाने के बाद उनकी प्रतिद्वंद्वी करिनी अपना हेडगियर ठीक करने कोच के पास पहुंचीं। दोबारा मुक़ाबला शुरू होने के चंद सेकेंड के भीतर ही वो अपने कॉर्नर में लौट गईं और लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद जैसे ही खलीफ़ को विजेता घोषित किया गया।
मुक़ाबले के बाद एंजेला ने कहा- मैंने कभी ऐसा मुक्का नहीं खाया। मेरा दिल टूट गया। मैं एक वॉरियर हूं, मैं अपने पिता के सम्मान की खातिर रिंग में उतरी थी, लेकिन अपनी सेहत की हिफाजत के लिए मैंने मैच से हटना जरूरी समझा। ये मैच सही था या गलत, ये फैसला करना मेरा काम नहीं है। मैंने सिर्फ अपना काम किया।रिंग में उतरी, पर मेरी नाक में इतना दर्द था कि मैंने हटने का फैसला किया। इतने एक्सपीरियंस के बावजूद मैं कह रही हूं कि इतना तेज पंच मैंने जिंदगी में कभी नहीं खाया।
दरअसल, जिस इमान के सामने एंजेला मैच से हटीं, उन्हें एक साल पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने जेंडर टेस्ट में फेल कर दिया था। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने इमान को पिछले साल दिल्ली में हुई विमंस वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच में नहीं खेलने दिया था। अब ओलिंपिक में इमान के पहला मैच जीतने के बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि रिंग में महिला के सामने पुरुष को क्यों उतार दिया गया।
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने भी इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) पर सवाल उठाया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने कहा कि इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी नियमों का उल्लंघन कर रही है। महिला खिलाड़ियों के साथ न्याय और उनकी सुरक्षा को दरकिनार किया गया है।
अब इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि ओलंपिक खेल पेरिस 2024 के मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी एथलीट प्रतियोगिता की एलिजिबिलिटी और प्रवेश नियमों का पालन करते हैं, साथ ही पेरिस 2024 मुक्केबाजी इकाई की निर्धारित सभी लागू चिकित्सा नियमों का पालन करते हैं। पिछली ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं की तरह, एथलीटों का लिंग और आयु उनके पासपोर्ट पर आधारित है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी ने अपने बयान में आगे कहा कि हमने कुछ रिपोर्ट्स में दो महिला एथलीटों के ओलंपिक खेल पेरिस 2024 में प्रतिस्पर्धा करने के बारे में भ्रामक जानकारी देखी है। दोनों एथलीट कई सालों से महिला वर्ग में इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट्स में खेल रही हैं, जिनमें ओलंपिक खेल टोक्यो 2020, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) वर्ल्ड चैंपियनशिप और आईबीए की ओर से अनुमोदित टूर्नामेंट शामिल हैं। ये दोनों एथलीट इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन के अचानक और मनमाने फैसले के शिकार हुई थीं। 2023 में इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंत में उन्हें बिना किसी उचित प्रक्रिया के अचानक अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
Aug 03 2024, 11:28