मुझे वेश्यालय चलाने दें…', मद्रास उच्च न्यायालय के जज से बोले वकील, मिला कुछ ऐसा जवाब
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी के एक अधिवक्ता को कड़ी फटकार लगाई है। उसने कोर्ट में वैश्यालय चलाने की याचिका दायर की थी। इस याचिका में अधिवक्ता ने वैश्यालय चलाने के लिए सुरक्षा की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वह वर्तमान में वकालत भी कर रहा है, जिससे कोर्ट चकित रह गई। अदालत ने अधिवक्ता से पूछा कि उसने वकालत की डिग्री कहां से प्राप्त की है।
असल में, एक अधिवक्ता के खिलाफ वैश्यालय चलाने के लिए FIR दर्ज की गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में इस एफआईआर को खारिज करने की अपील की थी। मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता की याचिका को खारिज कर दिया तथा उसे 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस बी पुगलेंधी की पीठ ने कहा कि यौन अधिकारों के आधार पर अपने कार्य और उनका बचाव करना उचित नहीं है।
राजा मुरूगन नामक व्यक्ति एक ट्रस्ट चलाता है, जो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के युवाओं को उनकी सहमति से यौन संबंध बनाने की सुविधा प्रदान करता है। मुरूगन ने कोर्ट को बताया कि वह यौन संबंध से जुड़े परामर्श और चिकित्सकीय सेवाएं भी प्रदान करता है। मुरूगन ने अदालत से उसके खिलाफ दर्ज FIR से सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट ने सभी याचिकाओं की सुनवाई के चलते कहा कि याचिकाकर्ता ने बुद्धदेव मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की गलत व्याख्या की है, और उसे सही व्याख्या को समझने की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि मुरूगन की वकालत की डिग्री की जांच की जानी चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि उसकी कानूनी शिक्षा किसी प्रतिष्ठित संस्थान से प्राप्त है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि समाज में इस प्रकार के अधिक्वक्ताओं की बढ़ती संख्या चिंताजनक है, और इस पर निगरानी रखी जानी चाहिए।
इसके साथ ही, अदालत ने बार काउंसिल को भी चेतावनी दी कि उसे समाज में प्रतिष्ठित वकीलों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। बार काउंसिल को यह सुनिश्चित करना होगा कि सिर्फ उन वकीलों के नामांकन को स्वीकार किया जाए, जिन्होंने मान्यता प्राप्त संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है। अदालत ने गैर-प्रतिष्ठित संस्थानों से वकालत की डिग्री प्राप्त करने वाले लोगों पर रोक लगाने की बात भी कही।







पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी से कुछ ही घंटे पहले फ्रांस हंगामे की खबर है। ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले फ्रांस के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर आगजनी की कई घटनाएं और हमले हुए है। रेल नेटवर्क को निशाना बनाकर किए गए हमलों के कारण कई रेल सेवाएं ठप हो गई हैं। फ्रांसीसी रेल कंपनी की और से एक बयान में कहा गया कि कई रेल लाइनों को निशाना बनाकर किए गए 'दुर्भावनापूर्ण कृत्यों' की वजहों से ओलंपिक से पहले ट्रेन परिचालन बुरी तरह बाधित हुआ. ट्रेन ऑपरेटर एसएनसीएफ (Train Operator SNCF) ने एएफपी को बताया, "यह टीजीवी नेटवर्क को हानि बनाने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया हमला है." इस हमले के चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पडा. राष्ट्रीय रेल परिचालक ने कहा, "एसएनसीएफ रात भर में एक साथ कई दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का शिकार हुआ।" हमलों से इसकी अटलांटिक, उत्तरी और पूर्वी लाइनें प्रभावित हुईं. प्रभावित लाइनों पर यातायात 'भारी रूप से बाधित' है। जानकारी के मुताबिक इस तोड़फोड़ और आगजनी के कारण जो नुकसान हुआ है उसके मरम्मत में कम से कम रविवार तक का समय लग सकता है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबित फ्रांस की खेल मंत्री ने इस हिंसा पर आक्रोश जताते हुए इसे भयावह बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेलों को निशाना बनाना फ्रांस को ही निशाना बनाने के बराबर है। वहीं फ्रांस के परिवहन मंत्री ने रेल नेटवर्क के खिलाफ किए गए इन हमलों को आपराधिक बताया है। SNCF के मुख्य कार्यकारी जीन-पियरे ने बताया है इससे करीब 8 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं।



Jul 26 2024, 16:11
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