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Jul 26 2024, 15:51

AAP को ऑफिस खोलने के लिए केंद्र ने लुटियंस जोन में दिया बंगला, पहले कोर्ट की जमीन पर खोल दिया था दफ्तर !

 दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) को केंद्र सरकार ने एक नया अस्थायी कार्यालय आवंटित किया है। नया कार्यालय बंगला नंबर 1, रविशंकर शुक्ला लेन, नई दिल्ली में स्थित है। यह निर्णय तब लिया गया जब आप को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कारण राउज एवेन्यू में अपना वर्तमान कार्यालय खाली करने का आदेश दिया गया। नया कार्यालय तीन साल के लिए एक अस्थायी व्यवस्था है, जबकि सरकार AAP के मुख्यालय के लिए एक स्थायी स्थान की तलाश कर रही है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्थायी भूमि आवंटन के लिए AAP के अनुरोध पर निर्णय लेने के लिए केंद्र को 10 दिन का समय दिया था। शुरू में, केंद्र ने चार सप्ताह का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने कम समय सीमा पर जोर दिया।

AAP के अधिवक्ता ऋषिकेश कुमार ने उल्लेख किया कि उच्च न्यायालय ने 5 जून को उनके पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें पार्टी दफ्तर के लिए स्थान आवंटित करने का आदेश दिया गया था। पार्टी के पास अपना वर्तमान परिसर खाली करने के लिए 10 अगस्त तक का समय है। हालांकि AAP ने दीन दयाल मार्ग पर एक स्थान को प्राथमिकता दी थी, जहां भाजपा और कांग्रेस के भी कार्यालय हैं, लेकिन वहां कोई स्थान उपलब्ध नहीं था। नतीजतन, सरकार ने इसके बजाय लुटियंस बंगला आवंटित किया। 

राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते, AAP अपने मुख्यालय के लिए 1,000 वर्ग मीटर भूमि की हकदार है। उच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों को सामान्य पूल आवासीय आवास (GPRA) के आवंटन के लिए दिशा-निर्देशों का हवाला दिया, जो राष्ट्रीय दलों को स्थायी स्थान सुरक्षित करने तक तीन साल तक कार्यालय के उद्देश्यों के लिए आवासीय इकाई का उपयोग करने की अनुमति देता है। उच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि आवास पूल पर दबाव के बावजूद, राष्ट्रीय दलों को कार्यालय स्थान का अधिकार है। हालांकि, मध्य दिल्ली में एक भूखंड हासिल करने का AAP का मुद्दा एक अलग मामला है। बता दें कि, AAP को दीन दयाल मार्ग पर अपना कार्यालय खाली करने के लिए कहा गया था, जो राउज एवेन्यू कोर्ट को आवंटित भूमि पर है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के लिए निर्धारित भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए AAP को फटकार लगाई थी और पार्टी को 15 जून तक खाली करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने AAP को लोकसभा चुनाव तक कार्यालय का उपयोग करने की अनुमति दी, बशर्ते कि वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था की जाए।

AAP ने अतिक्रमण के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह कार्यालय 2015 में दिल्ली सरकार द्वारा आवंटित किया गया था, जब दिल्ली में केजरीवाल की ही सरकार थी, यानी AAP सरकार ने खुद ही अपनी पार्टी दफ्तर के लिए खुद को आवंटित कर लिया था। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत भूमि और विकास कार्यालय ने न्यायालय के विस्तार के लिए भूमि को नामित किया था, जिसके कारण AAP को यह कदम उठाना पड़ा। इससे पहले, AAP किराए के परिसर से ऑफिस चलाती थी। दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने स्थिति पर निराशा व्यक्त की, उन्होंने केंद्र पर वैकल्पिक स्थान प्रदान किए बिना AAP को बेदखल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया, जिससे पार्टी को उचित कार्यालय के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी। उन्होंने अदालत के हस्तक्षेप का स्वागत किया, जिसके कारण केंद्र ने आखिरकार नया कार्यालय स्थान आवंटित किया।

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Jul 26 2024, 15:49

अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले कमला हैरिस को बड़ी सफलता, बराक ओबामा ने डेमोक्रेट उम्मीदवार के रूप में किया समर्थन

#barack_and_michelle_obama_endorse_kamala_harris_for_president 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 22 जुलाई को चुनावी रेस से हटने का ऐलान किया था। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने के लिए समर्थन किया था। इसके बाद से अब तक कई डेमोक्रेटिक नेताओं ने कमला हैरिस का पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर समर्थन किया है। हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अब तक दूरी बनाई हुई थी लेकिन अब जाकर उन्होंने भी कमला हैरिस के लिए हामी भर दी है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ने भारतवंशी कमला हैरिस का राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए समर्थन कर दिया है। दोनों ने शुक्रवार को फोन पर कमला हैरिस को अपना समर्थन दिया। बराक ओबामा ने सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक वीडियो भी पोस्ट किया है। बराक ओबामा ने वीडियो जारी करके शुक्रवार को इसका ऐलान कर दिया। बराक ओबामा ने कहा कि उन्‍हें और मिशेल को कमला हैरिस का समर्थन करके गर्व हो रहा है और वे हर मदद करेंगे।

इस वीडियो में ओबामा दंपती का समर्थन मिलने पर कमला हैरिस खुशी जता रही हैं। कमला हैरिस ने इस समर्थन के लिए बराक ओबामा और मिशेल ओबामा को धन्‍यवाद कहा है। कमला हैरिस ने कहा कि ओबामा परिवार का समर्थन उनके लिए बहुत मायने रखता है। मिशेल ओबामा ने कहा कि उन्‍हें कमला हैरिस पर गर्व है और उम्‍मीद है कि आने वाला राष्‍ट्रपति चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहा है। 

बता दें कि कमला हैरिस को पहले ही डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी डेलीगेट्स का समर्थन मिल चुका है। डेमोक्रेटिक पार्टी अगले महीने 1 अगस्त को राष्ट्रीय सम्मेलन बुला रही है, जिसमें कमला हैरिस को औपचारिक उम्मीदवार बनाने के लिए वोटिंग होगी।

दरअसल, राष्ट्रपति जो बाइडन के रेस से बाहर होने के एक सप्ताह से भी कम समय में हैरिस की बढ़ती लोकप्रियता से चुनाव रोमांचक होता जा रहा है। इससे रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ उनकी चुनौती मजबूत होगी। ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे और वे डेमोक्रेटिक पार्टी में सबसे लोकप्रिय व्यक्तियों में से एक हैं।

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Jul 26 2024, 15:48

राहुल गांधी के खिलाफ पेश किए जाएंगे सबूत, अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी का मामला, अगली सुनवाई अब 12 अगस्त को

 उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की एक अदालत ने आज शुक्रवार (26 जुलाई) को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को तय की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी आज सुबह सुल्तानपुर की अदालत में पेश हुए थे।

शिकायतकर्ता के वकील संतोष कुमार पांडे ने कहा कि, "उन्होंने (राहुल गांधी) आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्हें राजनीतिक कारणों से और उनकी छवि खराब करने के लिए फंसाया जा रहा है। उन्होंने अदालत द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। अब हमें 12 अगस्त 2024 को सबूत पेश करने हैं।" यह मामला भाजपा नेता विजय मिश्रा द्वारा 2018 में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। अधिवक्ता संतोष कुमार पांडे ने कहा कि राहुल गांधी ने 8 मई, 2018 को बेंगलुरु में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने अमित शाह को हत्यारा कह था, जिसके जवाब में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। 

यह मामला 4 अगस्त, 2018 को एमपी-एमएलए कोर्ट सुल्तानपुर के जिला और सत्र न्यायालय में दायर किया गया था। राहुल गांधी ने कथित तौर पर कर्नाटक चुनाव से पहले बेंगलुरु में एक चुनावी रैली के दौरान यह टिप्पणी की थी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "वह (राहुल गांधी) अदालत में पेश होंगे। उन्हें परेशान करने के लिए देश भर में उनके खिलाफ 30-31 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी बहादुरी से लड़ रही है।"

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Jul 26 2024, 15:46

सीमा-अंजू के बाद अब मुंबई की सनम पहुंच गई पाकिस्तान, जाकर रचाई शादी


महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक 24 वर्षीय महिला ने सीमा हैदर एवं अंजू के समान सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंच गई। इस महिला पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी वीजा प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान पहुंचने के पश्चात्, महिला ने सोशल मीडिया पर मिले अपने दोस्त से शादी कर ली। वापस लौटने पर, तहकीकात में फर्जी दस्तावेजों का खुलासा हुआ, फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले की तहकीकात जारी है।

रिपोर्टों के मुताबिक, आरोपी महिला का नाम सनम खान है, जिसे नगमा नूर मकसूद के नाम से भी जाना जाता है। ठाणे के वर्तक नगर पुलिस ने तीन दिनों तक उससे पूछताछ की तथा फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 2 दिनों के पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि सनम खान ने पाकिस्तानी वीजा प्राप्त करने के लिए फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया था तथा उसने आधार और पैन कार्ड भी फर्जी दस्तावेजों के साथ बनवाए थे। सनम खान अब अपने पति से अलग हो चुकी है तथा ठाणे में अपनी मां के साथ रहती है।

पुलिस अफसरों के मुताबिक, सनम खान ने सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी व्यक्ति से दोस्ती की तथा उसके साथ मिलने के लिए पाकिस्तान जाने का फैसला लिया। वीजा प्राप्त करने में नाकामी के बाद, उसने एक भारतीय व्यक्ति से वर्चुअल शादी की और वीजा के लिए आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किए। पाकिस्तान पहुंचने के पश्चात्, उसने वहां एबटाबाद के एक युवक से फिर से शादी कर ली। इस मामले की तहकीकात के चलते ठाणे पुलिस ने पता लगाया कि फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में अन्य एजेंसियां भी सम्मिलित हैं। डीसीपी ठाणे अमरसिंह जाधव ने बताया कि यह मामला पाकिस्तान की सीमा हैदर तथा भारत की अंजू के समान एक नई घटना है।

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Jul 26 2024, 15:22

पेरिस में ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले बवाल, फ्रांसीसी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में तोड़फोड़*
#peris_olympic_opening_ceremony_malicious_attack_on_france_rail_network पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी से कुछ ही घंटे पहले फ्रांस हंगामे की खबर है। ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले फ्रांस के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर आगजनी की कई घटनाएं और हमले हुए है। रेल नेटवर्क को निशाना बनाकर किए गए हमलों के कारण कई रेल सेवाएं ठप हो गई हैं। फ्रांसीसी रेल कंपनी की और से एक बयान में कहा गया कि कई रेल लाइनों को निशाना बनाकर किए गए 'दुर्भावनापूर्ण कृत्यों' की वजहों से ओलंपिक से पहले ट्रेन परिचालन बुरी तरह बाधित हुआ. ट्रेन ऑपरेटर एसएनसीएफ (Train Operator SNCF) ने एएफपी को बताया, "यह टीजीवी नेटवर्क को हानि बनाने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया हमला है." इस हमले के चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पडा. राष्ट्रीय रेल परिचालक ने कहा, "एसएनसीएफ रात भर में एक साथ कई दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का शिकार हुआ।" हमलों से इसकी अटलांटिक, उत्तरी और पूर्वी लाइनें प्रभावित हुईं. प्रभावित लाइनों पर यातायात 'भारी रूप से बाधित' है। जानकारी के मुताबिक इस तोड़फोड़ और आगजनी के कारण जो नुकसान हुआ है उसके मरम्मत में कम से कम रविवार तक का समय लग सकता है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबित फ्रांस की खेल मंत्री ने इस हिंसा पर आक्रोश जताते हुए इसे भयावह बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेलों को निशाना बनाना फ्रांस को ही निशाना बनाने के बराबर है। वहीं फ्रांस के परिवहन मंत्री ने रेल नेटवर्क के खिलाफ किए गए इन हमलों को आपराधिक बताया है। SNCF के मुख्य कार्यकारी जीन-पियरे ने बताया है इससे करीब 8 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं।

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Jul 26 2024, 14:44

*क्या फिर होगा बंगाल का बंटवारा? उत्तर बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के विलय का सुकांत मजूमदार ने दिया प्रस्ताव

#propasaltomakenorthbengalaseparate_state

अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटें, तो देश के इतिहास में बंगाल विभाजन एक बड़ी घटना है। ब्रिटिश काल में साल 1905 में लार्ड कर्जन ने बंगाल विभाजन की घोषणा की थी। एक मुस्लिम बहुल प्रान्त का सृजन करने के उद्देश्य सेलार्ड कर्जन की घोषणा के बाद पूरा बंगाल जल उठा था और इसके खिलाफ पूरे बंगाल में उग्र प्रदर्शन हुए थे और अंततः लार्ड कर्जन को विभाजन का प्रस्ताव वापस लेना पड़ा था। बड़े पैमाने पर राजनीतिक विरोध के कारण 1911 में विभाजन रद्द कर दिया गया। हालांकि, 1936 में धार्मिक आधार पर नहीं बल्कि भाषाई आधार पर बंगाल बंट गया।बिहार और उड़ीसा प्रांत बंगाल से अलग करके बनाया गया। 1947 में बंगाल दूसरी बार, इस बार धार्मिक आधार पर, विभाजित हुआ। यह पूर्वी पाकिस्तान बन गया। 

ये बातें पृष्भूमि में हैं। असम मसला ये है कि एक बार फिर बंगाल को विभाजित करने की बातें होने लगी हैं।भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बंगाल के बंटवारे की बात कहकर हलचल मचा दिया है।मजूमदार का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कहा है कि राज्य के उत्तरी हिस्सों को उत्तर पूर्व क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है।बुधवार को भाजपा के बंगाल ईकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्होंने उत्तर बंगाल के आठ राज्यों को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ विलय का प्रस्ताव दिया।

मजूमदार के इस बयान को लेकर नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों ने इसे अलगाववादी कदम करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसे लागू नहीं किया जा सकता। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने मजूमदार के इस प्रस्ताव का बचाव किया। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख मजूमदार ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर पश्चिम बंगाल को डोनर मंत्रालय के अंतर्गत शामिल करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया है। 

सुकांत मजूमदार ने उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि उत्तर बंगाल को भी सिक्किम की तरह उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास के मद में मिलने वाले आवंटन का लाभ मिल सके।मजूमदार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास से संबंधित मंत्रालय के राज्य मंत्री हैं। ऐसे में उनका यह प्रस्ताव महत्वपूर्ण हो जाता है। वे पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष भी हैं, जिससे मांग का राजनीतिक महत्व बढ़ जाता है।

टीएमसी ने साधा निशाना

टीएमसी नेता ने कहा, 'सुकांत मजूमदार को याद रखना चाहिए कि बंगाल के लोग ऐसी मांग बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर वे इस तरह से बात करेंगे तो जिस तरह से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) और कांग्रेस शून्य हो गए ठीक उसी तरह बंगाल में भाजपा भी शून्य हो जाएगी।'

पहले भी उठी है उत्तर बंगाल को अलग राज्य की मांग

हालांकि, ऐसा नहीं है कि पश्चिम बंगाल में अभी उत्तर बंगाल को अलग राज्य की मांग उठी है। इसके पहले भी उत्तर बंगाल में अलग राज्य की मांग उठती रही है। केवल उत्तर बंगाल में ही दार्जिलिंग में अलग गोरखालैंड की मांग, कूचबिहार में ग्रेटर कूचबिहार की मांग, कामतापुरी अलग राज्य की मांग और दक्षिण बंगाल में अलग राज्य रार बंगाल गठित करने की मांग उठती रही है।

सुकांत मजूमदार से पहले साल 2021में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अलीपुरद्वार से पूर्व सांसद जॉन बारला सहित कुछ भाजपा नेताओं ने उत्तर बंगाल के आठ जिलों कूचबिहार, दार्जिलिंग, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, जलपाईगुड़ी, मालदा, अलीपुरद्वार और कलिम्पोंग को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने का सुझाव दिया था। जॉन बारला की मांग पर जब हंगामा मचने लगा था, उस समय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने उस मांग से किनारा कर लिया था।

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Jul 26 2024, 13:47

कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों को लगाना होगा नेम प्लेट, जारी रहेगी यूपी सरकार के आदेश पर रोक

# kanwar_yatra_route_name_plate_dispute_supreme_court 

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों, ढाबों और ठेलों पर नेम प्लेट लगाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे के बाद भी आदेश पर रोक जारी रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड और एमपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है। उसके बाद याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद अगले सोमवार को सुनवाई की जाएगी। तब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा।

इससे पहले यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसके दिशा-निर्देश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन और पारदर्शिता कायम करने के लिए उद्देश्य से दिए गए थे। निर्देश के पीछे का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम करना और यात्रा के दौरान उपभोक्ताओं/कांवड़ियों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था। ये निर्देश कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर दिए गए ताकि वे गलती से कुछ ऐसा न खाएं, जो उनकी आस्थाओं के खिलाफ हो। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं। हलफनामे में कहा गया है, मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली दुकानदारों को दुकान पर नाम लिखने के दिशा निर्देश जारी किए थे। सरकार के इन दिशा-निर्देशों की खूब आलोचना हुई। सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुईं, जिन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब राज्य सरकार का हलफनामा मिलने के बाद भी अदालत ने आदेश पर रोक जारी रखने का फैसला किया है।

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Jul 26 2024, 12:15

कारगिल विजय दिवस पर लद्दाख पहुंचे पीएम मोदी,शहीदों को दी श्रद्धांजलि, विश्व की सबसे ऊंची सुरंग का भी करेंगे शिलान्यास

#kargil_vijay_diwas_pm_modi_visit_kargil_war_memorial

देश आज कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मना रहा है। आज ही के दिन 25 साल पहले भारतीय सेना ने अपने शौर्य और साहस के दम पर भारत में घुसी पाकिस्तानी सेना और उसके घुसपैठियों को बाहर खदेड़ दिया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के करगिल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वर्चुअली लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग (टनल) परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे। शिंकुन ला सुरंग 4.1 किमी लंबी होगी और इसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा।

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, '26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है। हम 25वां कारगिल विजय दिवस मनाएंगे। यह उन सभी को श्रद्धांजलि देने का दिन है जो हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। मैं कारगिल युद्ध स्मारक जाऊंगा और हमारे बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।'

पीएम मोदी ने जानकारी दी है कि उनके लद्दाख दौरे के दौरान शिंकुन ला सुरंग परियोजना के काम का उद्घाटन भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह सुरंग परियोजना लेह से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। यह लेह में सभी मौसम में कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी। काम पूरा होने के बाद शिंकुन ला दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।

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Jul 26 2024, 12:09

कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब, जानें क्या बताई वजह

#kanwaryatranameplatedisputeupgovtfiledreplyinsupremecourt 

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नामपट्टिका लगाने के अपने आदेश का बचाव किया है। सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए यूपी सरकार ने कहा, यह आदेश इसीलिए लागू किया गया था जिससे गलती से भी कांवड़िए किसी दुकान से कुछ ऐसा न खा लें जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो।

उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों में मालिक के नाम की नेम प्लेट लगाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। यह मामला मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ था जिसके बाद योगी सरकार के आदेश देने के बाद यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया था। इस आदेश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 22 जुलाई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से शुक्रवार (26 जुलाई) तक जवाब मांगा था और राज्यों के जवाब देने तक इस आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद इस मामले में अगली सुनवाई आज 26 जुलाई को होगी।

आदेश का उद्देश्य पारदर्शिता कायम करना

इससे पहले यूपी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसके दिशा-निर्देश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन और पारदर्शिता कायम करने के लिए उद्देश्य से दिए गए थे। निर्देश के पीछे का उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान पारदर्शिता कायम करना और यात्रा के दौरान उपभोक्ताओं/कांवड़ियों को उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देना था। ये निर्देश कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर दिए गए ताकि वे गलती से कुछ ऐसा न खाएं, जो उनकी आस्थाओं के खिलाफ हो। 

+संभावित भ्रम से बचने का उपाय

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं। हलफनामे में कहा गया है, मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने किया याचिकाओं का विरोध

उत्तर प्रदेश सरकार ने नेमप्लेट विवाद में दाखिल याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है कि, हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने के नाते, प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करता है, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो। राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा कदम उठाता है कि सभी धर्मों के त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाएं।

India

Jul 26 2024, 11:50

असम में अहोम वंश के मोइदम को भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया, जानिए इससे जुड़ी बातें

असम में अहोम वंश के मोइदम को शुक्रवार को नई दिल्ली में 46वें विश्व धरोहर समिति सत्र के दौरान भारत का 43वाँ विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

अहोम वंश के मोइदम कौन हैं?

मोइदम असम में अहोम राजाओं, रानियों और कुलीनों के दफन टीले हैं। "मोइदम" नाम ताई शब्द "फ्रांग-मै-डैम" या "मै-टैम" से आया है, जिसका अर्थ है मृतकों की आत्मा को दफनाना। 

मोइदम में क्या होता है?

प्रत्येक मोइदम के तीन मुख्य भाग होते हैं:

1. एक तिजोरी या कक्ष जहाँ शव रखा जाता है।

2. कक्ष को ढकने वाला अर्धगोलाकार मिट्टी का टीला।

3. वार्षिक प्रसाद के लिए शीर्ष पर एक ईंट की संरचना (चाव-चाली) और एक मेहराबदार प्रवेश द्वार के साथ एक अष्टकोणीय सीमा दीवार।

मोइडम का आकार मृतक की स्थिति और संसाधनों के आधार पर छोटे टीलों से लेकर बड़ी पहाड़ियों तक होता है। मूल रूप से, तिजोरियाँ लकड़ी के खंभों और बीम से बनी होती थीं, लेकिन राजा रुद्र सिंह (ई. 1696-1714) के शासनकाल के दौरान उन्हें पत्थर और ईंट से बदल दिया गया।

तिजोरी के अंदर, मृतकों को उनके कपड़ों, आभूषणों और हथियारों सहित उनके सामान के साथ दफनाया जाता था। दफनाने में कीमती सामान और कभी-कभी जीवित या मृत परिचारक भी शामिल होते थे।

लोगों को जिंदा दफनाने की प्रथा को राजा रुद्र सिंह ने खत्म कर दिया था।

अबतक भारत मे 42 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स थे जिसमे हम्पी सबसे प्रसिद्ध है। मोदी सरकार का कहना है की वे भारत की खोई हुई धरोहर वापस लेकर आएँगे और विश्व स्टार पर भारत की गरिमा को बढ़ने में प्रयत्नशील है। इस अभियान का एक बड़ा पहलु हमे नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर जीवीकरण भी था, जिसके नए प्रसार का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने हाल ही में किया है।