अब तय नहीं करनी होगी लंबी दूरी, पहाड़ी कोरवाओं को नजदीक के दुकानों में मिलेगी राशन पूरी, कोरबा के छह दूरस्थ गांव के ग्रामीणों का सहारा बना पीडीएस
रायपुर- बेहतर वितरण प्रणाली से देश-विदेश में अपनी पहचान साबित कर चुकी छत्तीसगढ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस ) सही मायने में ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है। दूरस्थ अंचल तक शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित होनें से पहाडी व सरहदी इलाकों में बसने वाले ग्रामीणों को सहूलियते बढ गई है साथ ही सैकड़ों गरीब परिवारों को समय पर खाद्यान्न मिलने की गारंटी भी हो गई है। राज्य में ऐसे कई ग्राम पंचायत है जो दूरस्थ क्षेत्र में होने के साथ ही मजरा टोले एवं पारा से जुड़े है और इन ग्रामों की आबादी न तो घनी है है और न ही अधिकांश घर आस पास है। विषम परिस्थितियों के बीच बसर करने वाले ग्रामीणों का शासकीय उचित मूल्य की दुकान खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत मिल रही खाद्यान्न ही एकमात्र सहारा है, जहां इन्हें प्रत्येक माह चावल समेत दूसरी सामग्री मिलने की गारंटी होती है। कोरबा जिले के सुदूर वनांचल लामपहाड़ सहित बगदरीडांड, परसाखोला, बहेरा, खोरी भावना,सरडीह के कार्डधारियों को पहले अपने ग्राम पंचायत में 12 से 17 किलोमीटर तक की दूरी तय कर खाद्यान्न लाना पड़ता था। इस दौरान उन्हें खाद्यान्न लाने के लिए किराए का वाहन तक भी लेना पड़ता था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुशार कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग ने राशन दुकान से बहुत दूर आश्रित ग्रामों के कार्डधारियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न लेने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा दूरस्थ क्षेत्र लाम पहाड, सरडीह, बगदरीडांड में रहने वाले पहाड़ी कोरवा लाभन्वित हुए हैं।
कोरबा विकासखंड से लगभग 80 किलोमीटर दूर ग्राम लामपहाड में बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा निवास करते हैं। लामपहाड़ ग्राम पंचायत बड़गांव का आश्रित ग्राम है। जो कि बड़गांव से 12 किलोमीटर दूर है। लामपहाड़ से लगभग 4 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत अरसेना के शासकीय उचित मूल्य के दुकान में 78 राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न प्रदान करने की सुविधा प्रदान की गई है। इसी तरह ग्राम पंचायत बेला से 6 किलोमीटर दूर परसाखोला के 66 राशनकार्डधारियों को दो किलोमीटर दूर चुईया के राशन दुकान में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। ग्राम सोनगुड़ा के आश्रित ग्राम तराईडांड की दूरी 5 किलोमीटर दूर होने पर नजदीक के ग्राम 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोनपुरी में, गढ़उपरोड़ा के आश्रित ग्राम बहेरा की दूरी 10 किमी होने पर तीन किलोमीटर दूर सतरेंगा में और ग्राम पंचायत केराकछार के आश्रित ग्राम बगदरीडांड, खोरीभावना, सरडीह की दूरी लगभग 17 किलोमीटर थी। जिसे 5 किलोमीटर दूर मदनपुर के शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में स्थानान्तरित कर में हितग्राहियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। शासकीय उचित मूल्य की दूकान से कार्डधारी ग्रामीणों को अनाज एवं अन्य सामग्री, शक्कर, नमक तथा चना प्राप्त होता है। अलग-अलग गांव के ग्रामीणों की जरूरतों की पूर्ति महीने के निर्धारित दिनों में होती है। ग्रामीणों की माने तो पहले लंबी दूरी तय कर चावल लाना बड़ी चुनौती थी।
महीने भर की चिंता से मिलती है मुक्ति-
ग्राम लामपहाड का पहाड़ी कोरवा संतोष कुमार और उनकी पत्नी दिलेश्वरी बाई, रघुवीर कोरवा और उनकी पत्नी सुखमती बाई, मंगलू कोरवा, धनसिंह मजदूरी का काम करता है। पहाड़ी कोरवा बताते हैं कि सरहदी पहाड़ी इलाका होने की वजह से खेती कार्य आसान नही है, ऐसी स्थिति में राशन कार्ड उनके परिवार का प्रमुख सहारा है। पहाड़ी कोरवा संतोष बताता है कि महीने में एक बार 12 किलोमीटर दूर बड़गांव के राशन दुकान में जाने में बहुत समय लगता था। वहां से अनाज को उठाकर इतनी दूरी तय करना भी मुश्किल था, इसलिए किराए में वाहन करना पड़ जाता था। अब पास के ही दुकान में खाद्यान्न उपलब्ध होने से उनका समय और किराए के वाहन का पैसे भी बचेंगे।

रायपुर- बेहतर वितरण प्रणाली से देश-विदेश में अपनी पहचान साबित कर चुकी छत्तीसगढ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस ) सही मायने में ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है। दूरस्थ अंचल तक शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित होनें से पहाडी व सरहदी इलाकों में बसने वाले ग्रामीणों को सहूलियते बढ गई है साथ ही सैकड़ों गरीब परिवारों को समय पर खाद्यान्न मिलने की गारंटी भी हो गई है। राज्य में ऐसे कई ग्राम पंचायत है जो दूरस्थ क्षेत्र में होने के साथ ही मजरा टोले एवं पारा से जुड़े है और इन ग्रामों की आबादी न तो घनी है है और न ही अधिकांश घर आस पास है। विषम परिस्थितियों के बीच बसर करने वाले ग्रामीणों का शासकीय उचित मूल्य की दुकान खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत मिल रही खाद्यान्न ही एकमात्र सहारा है, जहां इन्हें प्रत्येक माह चावल समेत दूसरी सामग्री मिलने की गारंटी होती है। कोरबा जिले के सुदूर वनांचल लामपहाड़ सहित बगदरीडांड, परसाखोला, बहेरा, खोरी भावना,सरडीह के कार्डधारियों को पहले अपने ग्राम पंचायत में 12 से 17 किलोमीटर तक की दूरी तय कर खाद्यान्न लाना पड़ता था। इस दौरान उन्हें खाद्यान्न लाने के लिए किराए का वाहन तक भी लेना पड़ता था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुशार कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग ने राशन दुकान से बहुत दूर आश्रित ग्रामों के कार्डधारियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न लेने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा दूरस्थ क्षेत्र लाम पहाड, सरडीह, बगदरीडांड में रहने वाले पहाड़ी कोरवा लाभन्वित हुए हैं।
रायपुर- सूरजपुर जिले के अंतर्गत ग्राम रमेशपुर के ग्रामीणों में खुशी की लहर छाई है, क्योंकि नए ट्रांसफार्मर लगने से पूरा रमेशपुर जगमगा उठा है। वहां के ग्रामीण लगातार लो वोल्टेज और अघोषित बिजली कटौती, बार-बार ट्रांसफार्मर का खराब हो जाने जैसी समस्या से लंबे समय से परेशान थे। यहां के किसानों द्वारा धान की बुवाई हेतु लगाए गए थरहा पर्याप्त वर्षा न होने के कारण सुख जा रहा था, किसानों का कहना था कि यदि बिजली रहेगी तो हम मोटर पंप के जरिए धान के थरहा को सूखने से बचा सकते हैं। इन सभी समस्याओं से ग्रामवासियों ने महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को अवगत कराया।
रायपुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर एक वृक्ष माँ के नाम अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में लगातार वृक्षारोपण किया जा रहा है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में भी एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया। नवा रायपुर स्थित आयोग कार्यालय के परिसर में आयोग के सचिव गोपाल वर्मा सहित उप सचिव आभा तिवारी, अवर सचिव गीता दीवान, अतुल वर्मा, प्रदीप गौर, रजनी सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण में आम, अमरूद, जामुन, करौंदा, अनार, पीपल, बड़, नीम, सीताफल, सन्तरा, आँवला, चीकू, नीबू आदि फलदार पौधों के साथ ही पारिजात, मोंगरा, कचनार, मधुमालती गुलमोहर आदि फूलों के पौधे लगाए गए। इस दौरान सूचना आयोग के कर्मचारियों ने पौधों को अपनी माँ को समर्पित कर पौधों की सुरक्षा करने का भी संकल्प लिया।
रायपुर- खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा रायपुर में संचालित आवासीय तीरंदाजी अकादमी के लिए 20 बालक तथा 20 बालिकाओं का चयन किया गया है। राज्य स्तरीय चयन ट्रायल का आयोजन दिनांक 25 एवं 26 जून को रायपुर के स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम एवं खेल संचालनालय परिसर तीरंदाजी एरिना में सम्पन्न हुआ।
रायपुर- बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर स्कूली बच्चों ने जन जागरुकता की कमान संभाली ली है। गांवों में रैली निकाल कर मलेरिया और डायरिया से बचाव का संदेश दे रहे हैं। कोटा ब्लॉक के विभिन्न गांवों में स्कूली बच्चों को प्रार्थना के समय जागरूक किया जा रहा है। बच्चे भी रैली के जरिए ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। बच्चों को स्वच्छता अभियान के अंतर्गत डायरिया से बचाव और सुरक्षा हेतु स्कूल में भाषण और प्रेजेंटेशन के जरिए जागरूक किया जा रहा है।
रायपुर- बलौदाबाजार हिंसा मामले पर सदन में हंगामा मच गया. विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में तीखी नोक-झोंक हुई. विधानसभा अध्यक्ष के स्थगन को अग्राह्य करते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. आखिरकार विपक्ष के नारेबाजी और हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
रायपुर- विधानसभा में शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने भाजपा नेताओं से राम लला को भेंट किए बेर पर घेर दिया. उन्होंने कहा कि कहा कि अभी बेर का सीजन नहीं है, बेर न शिवरीनारायण में मिल रहा, न रायपुर में, फिर अयोध्या बेर कहां से ले गए.
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने वनभूमि पट्टा के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का मामला उठाया. मंत्री टंकराम वर्मा के जवाब पर विपक्ष ने असंतोष जताते हुए कार्रवाई की मांग की.
रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हो रही है. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप समेत अन्य सदस्य मौजूद हैं.
Jul 22 2024, 17:55
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