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पुष्पा के हौंसलों को मिली उड़ान, लखपति दीदी बनने का सपना हुआ साकार, कभी स्कूटी नहीं चला पाती थी पुष्पा, अब ड्रोन उड़ाकर खेतों में कर रही स्प्रे

रायपुर- मजबूत इरादे और भरपूर आत्मविश्वास से ग्रामीण महिलाओं के लखपति दीदी बनने का सपना साकार हो रहा है। एक समय था जब मेरे लिए स्कूटी चलाना भी संभव नहीं था, घर के कामकाज तक ही सीमित थी, लेकिन मुझे ड्रोन चलाने के लिए चयन किया गया। यकीनन मेरे के लिए एक बड़ा अवसर था, मैने यह कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कोई काम कर पाउंगी, लेकिन प्रशिक्षण के बाद अब मैं ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षित हो गई हूं। यह कहना है आरंग के ग्राम गुल्लू की पुष्पा यादव का।

श्रीमती यादव कहती है कि गांवों के खेतों में फसलों के ऊपर ड्रोन चलाकर कीटनाशक का छिड़काव कर रही हूं। अप्रैल माह में 20 दिनों का ड्रोन पायलेट का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद श्रीमती यादव ने यह कार्य प्रारंभ किया है। वह कहती है कि प्रति एकड़ कीटनाशक के छिड़काव करने पर उन्हें 300 रूपए की आय होती है। विगत डेढ़ माह में ही वह 26 हजार रूपए की आय अर्जित कर चुकी है। वे कहती है कि केंद्र सरकार की योजना एन.आर.एल.एम बिहान की सदस्य हूं। साथ ही महिला किसान भी हूं। खेती-बाड़ी कार्य कर अपना जीवन यापन कर रही हूं। बिहान योजना इफ्को के सहयोग से ड्रोन पायलेट का सफल प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण किसानों को सेवा प्रदाता के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हूं। वे कहती है कि स्वयं की खेती, पशुपालन, नरेगा मैट, ड्रोन पायलेट का कार्य कर सालभर में 1 लाख 50 हजार रूपए से अधिक कमा रही हूं। श्रीमती यादव कहती है कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए कारगर है और मेरे जैसी कई गरीब महिलाओं के लखपति दीदी बनने का सपना भी साकार हो रहा है। इसके लिए श्रीमती यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया।

मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा नेे नेशनल लोक अदालत के अवसर पर राज्य के सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड के माध्यम से किया निरीक्षण


रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य में द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ उच्च न्यायालय-सह- मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुडकर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया। सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद व चर्चा की गई और लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया। मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया।

मुख्य न्यायाधिपति श्री सिन्हा द्वारा लोक अदालत का वर्चुअल मोड में निरीक्षण के दौरान जिला न्यायालय रायगढ़ के एक प्रकरण में जहां एक उम्रदराज पति पत्नी के मध्य घरेलु हिंसा का विवाद था और वे अलग अलग रह रहे थे और लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की गई और दम्पत्ति को भविष्य के खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दी गई।

मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दो खण्डपीठों का भी भ्रमण किया गया और लोक अदालत कार्यवाहियों का जायजा लेते हुए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों को निराकृत कराये जाने की बात कही गई।

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधिपति की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तिगणों द्वारा भी अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निपटाने के लिये प्रोत्साहित किया गया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गणों के द्वारा नेशनल लोक अदालत के दिन अपने पोर्टफोलियो जिले में उपस्थित रहना लोक अदालत व्यवस्था की विश्वसनीयता को पारदर्शी व विश्वसनीय बनायेगा और इसे एक नई उंचाई प्रदान करने वाला होगा।

मुख्य न्यायाधिपति श्री सिन्हा द्वारा सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड से निरीक्षण जहां आधुनिक तकनीक का न्यायालयीन कार्यवाहियों में उपयोग को दर्शाता है। वहीं मुख्य न्यायाधिपति की यह पहल लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ पक्षकारों में विश्वास सृजित करेगा और लोक अदालत को और विश्वसनीयता और प्रमाणिकता प्रदान करेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में आज 13 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में सात लाख तिहत्तर हजार से अधिक प्री-लिटिगेशन प्रकरण तथा चौंसठ हजार पांच सौ से अधिक लंबित मामलों सहित लगभग आठ लाख से अधिक मामलों का निराकरण करते हुए लगभग 199 करोड़ रूपये का अवार्ड पारित किया।

मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तिगण जो लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपने पोर्टफोलियो के जिलों में लोक अदालत के अवसर पर गए थे, उनका विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ-ही-साथ मुख्य न्यायाधिपति द्वारा उच्च न्यायालय में गठित लोक अदालत की दो खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्तिगण व सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा राज्य के सभी सम्मानित प्रधान जिला न्यायाधीशगणों और नेशनल लोक अदालत के संबंध में राज्य में गठित सभी खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों और खण्डपीठ के सदस्यों सभी न्यायालयीन कर्मचारियों के साथ-साथ सभी पैरालीगल वालेण्टियर, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पक्षकारों तथा अन्य सभी लोगों जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को एतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया है, को धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी धन्यवाद ज्ञापित किया गया है, जिन्होनें इस लोक अदालत के प्रचार-प्रसार व लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने में विशेष योगदान दिया।

रामलला के दर्शन कर लौटा साय मंत्रिमंडल, कांग्रेस के सवाल पर मंत्रियों ने कहा- कांग्रेस ने प्रभु राम के अस्तित्व को ही नकारा, इसके लिए पहले देश

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज अपने मंत्रिमंडल के साथ अयोध्या पहुंचे, जहां हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद रामलला के दर्शन किए. मुख्मयंत्री साय ने रामलला के दर्शन कर भगवान राम को बेर की पोटली अर्पित की. दर्शन करके राजधानी रायपुर लौटने पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा आज मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हम सब मंत्रिमंडल के साथी भगवान श्रीराम के दर्शन करने गए थे. उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है. हम प्रधानमंत्री को बधाई और धन्यवाद देते हैं. मंत्री कश्यप ने कांग्रेस के उठाए सवाल का जवाब दिया और कहा कि कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने श्रीराम के अस्तित्व को ही नकार दिया था.

मंत्री कश्यप ने कहा कि छत्तीगसढ़ प्रभु श्रीराम का ननिहाल है. भगवान राम का वनवास का अधिकतम समय छत्तीसगढ़ के वनों में बीता है. हमारा प्रभु श्रीराम के साथ आत्मीय संबंध है. भांजा के रूप में मानते हैं. पैर पखारते हैं. मंत्री कश्यप ने कहा कि हम यहां से बेर, चिरौंजी, महुआ लेकर गए थे और प्रभु श्रीराम को भेंट किए हैं.

उन्होंने कहा कि 500 साल के बाद पूर्वजों ने तपस्या, बलिदान और संघर्ष किया, लंबी लड़ाई लड़ी उसके पश्चात प्रभु श्रीराम का मंदिर बन पाया. छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए रामलला दर्शन योजना बनाई हैं. आम जनता भी इसका ज्यादा ज्यादा लाभ लेगी. प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद और कृपा हम सब पर बनी रहे.

कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवाल कि अयोध्या से पहले चंदखुरी जाकर माता कौशल्या के मंदिर दर्शन के जवाब में मंत्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस को पहले देश से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने श्रीराम के अस्तित्व को ही नकार दिया था. यहीं कांग्रेस ने मंदिर के शुभारंभ कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया था. इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए.

वहीं रामविचार नेताम ने कहा अयोध्या धाम को इतिहास के पन्नों से गायब करने का काम पूर्व की सरकारों ने किया था. आज वही सब गायब हो गए. विरासत को बचाने उसे लौटाने का काम भाजपा ने किया. हमारी सनातन संस्कृति और परंपरा को पुर्नजीवित करने का काम किया. पीएम नरेंद्र मोदी का हम सब आभार जताते हैं कि उन्होंने भगवान श्रीराम मंदिर का भव्य मंदिर निर्माण कराने का किया है. हम सबके लिए गौरव की बात.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि हम सबने रामलला का आशीर्वाद लिया है. कांग्रेस के मित्रों से दो सवालों का जवाब चाहता हूं. पहला, कांग्रेस के लोगों ने प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को नकारने का काम किया, इस पर क्या कहेंगे ? दूसरा, श्रीराम मंदिर के लोकार्पण समारोह का बहिष्कार करके क्या मैसेज दिया ?. इन दो सवालों का जवाब कांग्रेस पहले दे फिर सवाल करे?.

राम के शरण में साय सरकार : छत्तीसगढ़ के CM अपने मंत्रिमंडल के साथ पहुंचे अयोध्या, रामलला के किए दर्शन

अयोध्या- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने मंत्रिमंडल के साथ आज अयोध्या पहुंचे. उन्होंने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद रामलला के दर्शन किए.

मुख्मयंत्री विष्णुदेव साय ने रामलला के दर्शन कर भगवान राम को बेर की पोटली अर्पित की. साथ ही छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए कामना की. सीएम साय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने, अवधपुरी धाम में छत्तीसगढ़ के भांचा, प्रभु श्री रामलला के दर्शन का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ. दशरथ नंदन श्रीराम से 3 करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की.

करोड़ों सनातनियों की आस्था को मिला बल – CM साय

सीएम साय ने लिखा कि श्री रामलला के चरणों में माता शबरी की पवित्र धरती शिवरीनारायण के बेर, जल, महुआ का फल, विष्णुभोग चावल, कोसा वस्त्र, करी लड्डू, अनरसा और सीताफल अर्पित किया. प्रभु श्रीराम के साक्षात दर्शन पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं, साथ ही अलौकिक आनंद की अनुभूति हो रही है. सियावर रामचंद्र की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे. यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पित प्रयासों से इस भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है, जिससे करोड़ों सनातनियों की आस्था को बल मिला है. इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का भी सानिध्य प्राप्त हुआ. जय श्री राम.

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने कही ये बात

सीएम साय के साथ वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी मौजूद है. ओपी चौधरी ने कहा कि हिंदू किसी सेट का नाम नहीं है. यह एक विचार है. जिसे मानने वाला हर व्यक्ति, चाहे वह किसी मजहब का हो, अयोध्या धाम की माटी छूना उसके लिए सौभाग्य की बात है. ओपी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान रामलला का ननिहाल है. वहां माता कौशल्या का मंदिर है. मैं सौभाग्यशाली समझता हूं कि यहां आने का मौका मिला.

*जे.आर. दानी स्कूल को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी सौगात, सभागार निर्माण के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा

रायपुर-   समग्र रूप से, छात्राओं की शिक्षा न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को सुधारती है बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए लड़कियों को शिक्षित करना हम सभी की अहम जिम्मेदारी है यह बात रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को जे आर दानी में कही।

बृजमोहन अग्रवाल जे.आर. दानी शासकीय कन्या उत्कृष्ट हिंदी विद्यालय के शाला प्रवेश उत्सव एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल परिसर में पूज्यनीय माता जी की स्मृति में 'एक पेड़ मां के नाम' लगाकर किया। अपने संबोधन की शुरुवात बृजमोहन अग्रवाल ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के साथ की उन्होंने कहा कि, मां के नाम पर पेड़ लगाना, मां की सेवा, त्याग, प्रेम और उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने का एक तरीका है। यह एक स्थायी स्मारक है जो मां के प्रति सम्मान और प्रेम को दर्शाता है।

"एक पेड़ मां के नाम" न केवल पर्यावरण और समाज के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह व्यक्तिगत और भावनात्मक स्तर पर भी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि हमारी सबसे ज्यादा चिंता करने वाली और हमें सबसे ज्यादा प्यार देने वाली मां होती है। यह धरती भी हमारी मां है जिसको बचाना हम सबका कर्तव्य है। आज ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे इंसानों के साथ-साथ यहां रहने वाले पशु पक्षियों के ऊपर भी खतरा मंडराने लगा है। और इससे बचने का एकमात्र तरीका है कि हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर इस पृथ्वी को बचा सके। उन्होंने छात्राओं से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने और दूसरों को भी पौधा लगाने के लिए प्रेरित करने का आहृवाहन किया।

बृजमोहन अग्रवाल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि, जे आर दानी स्कूल पूरे छत्तीसगढ़ में लड़कियों का सबसे उत्कृष्ट स्कूल है और आप सभी सौभाग्यशाली है कि आपको यहां पर पढ़ने का मौका मिल रहा है। यहां की पढ़ी हुई छात्राएं आज देश दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रही हैं। यह स्कूल केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि छात्रों के बहुमुखी विकास को ध्यान में रखते हुए काम करता है, जिसके कारण यहां की छात्राएं खेल-कूद, गीत-संगीत और दूसरे क्षेत्रों में भी अपना नाम रोशन करती आ रही हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने सालों पहले मंत्री पद पर रहते हुए यहां पर छात्रावास का निर्माण कराया था। जिसका फायदा आज हजारों छात्रों को हो रहा है। उन्होंने कहा कि, छात्राओं में शिक्षा का महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है और समाज के संपूर्ण विकास के लिए अनिवार्य है। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करती है, बल्कि यह आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति को भी बढ़ावा देती है। शिक्षित महिलाएं अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रखती हैं।वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाती हैं। शिक्षा महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती है।

श्री अग्रवाल ने स्कूल प्रबंधन को नई शिक्षा नीति के तहत काम करने को कहा जिससे छात्राओं का बहुमुखी विकास हो सके और पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास के जरिए भी उनको आत्मनिर्भर बनाया जा सके। श्री बृजमोहन ने स्कूल में सभागार निर्माण के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा भी की।

कार्यक्रम में बृजमोहन अग्रवाल ने 10वीं और 12वीं की मेघावी छात्रों के साथ ही शिक्षा, खेलकूद, संगीत, एनसीसी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया तथा छात्राओं को गणवेश एवं पुस्तक और साइकिल भी वितरित की। बृजमोहन अग्रवाल के हाथों सम्मान मिलने पर छात्राएं काफी खुश नजर आईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम सुभाष तिवारी ने की, पार्षद डॉ सीमा कंदोई, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, प्रभारी प्राचार्य हितेश दीवान, मनोज वर्मा, मृत्युंजय दुबे, सरिता वर्मा, सविता दुबे समेत शिक्षक, शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

धरती माँ का श्रृंगार और हरियाली का जतन: एक पेड़ माँ के नाम’

रायपुर-  भारतीय संस्कृति में माँ सदैव पूजनीय रही हैं। माँ की महिमा को अलग-अलग धर्मों में विभिन्न तरीकों से वर्णित किया गया है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों देशवासियों से आह्वान किया है कि आइए माँ के नाम एक पेड़ लगाइए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुधारना और धरती माँ को हरियाली से सजाना है।

भारत भूमि पर पेड़-पौधों का महत्व हमारे धर्मग्रंथों में व्यापक रूप से वर्णित है। जिस तरह अलग-अलग अंचलों में विभिन्न बोली-भाषाओं का चलन है, उसी प्रकार यहाँ विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे भी पाए जाते हैं। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस पहल को साकार करने के लिए हर व्यक्ति माँ के नाम पर एक पौधा अवश्य लगाए।

धरती माँ का श्रृंगार हरियाली में निहित है। हमारी धरती को माँ के रूप में माना गया है और माटी को भी माँ का दर्जा दिया गया है। छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने अनुपम सौगात दी है, जहाँ लगभग 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। सरगुजा संभाग हरियाली का मुकुट धारण किए हुए है और बस्तर अंचल हरियाली के श्रृंगार से सजा हुआ है। यहाँ के मोहला और गरियाबंद के जंगल भी मन को मोह लेते हैं।

इस समय प्रदेश में ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के लिए वन विभाग सहित शासकीय, अशासकीय संस्थाओं और समितियों द्वारा पौधारोपण जोर-शोर से किया जा रहा है।

धरती को उर्वरा, मौसम को खुशनुमा, स्वच्छ पर्यावरण, प्रदूषण रहित हवा, जलस्रोत को बढ़ावा और जल-जमीन-जंगल और जीवों के जतन की जिम्मेदारी हम सबकी सहभागिता से पूरी होगी। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और धरती को फिर से बेहतर बनाने के लिए हमें ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान में हिस्सेदारी करते हुए पौधे लगाना होगा।

परिवार के हर सदस्य को एक पौधा रोपण करने की आवश्यकता है इनकी देखभाल छोटे बच्चों की तरह देखभाल करनी होगी। जब यह पौधा पेड़ बनेगा, तो यह प्राणवायु के साथ फल देगा, माँ के आँचल की तरह इसके पत्ते लह-लहाएँगे, पेड़ों में चिड़ियों का वास होगा और उनकी चह-चहाहट सुनने को मिलेगी। इससे वर्तमान और नई पीढ़ी पेड़-पौधों की महत्ता को समझ सकेगी।

आओ, हम सब मिलकर इस पहल में भाग लें और धरती माँ को हरियाली का श्रृंगार पहनाएँ। एक पेड़ माँ के नाम लगाकर हम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएँ। इससे न केवल धरती हरी-भरी होगी, बल्कि हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।

जिले के बदले गए डीईओ, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

बलौदाबाजार- शिक्षा विभाग में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है. बलौदाबाजार के जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय का रायगढ़ तबादला किया गया है. वहीं अब जिले में शिक्षा विभाग की कमान विजय कुमार लहरे संभालेंगे. इसका आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया है. बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी बनने से पहले विजय लहरे नवागढ़ जांजगीर चांपा में बीईओ थे.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बरसते पानी के बीच पहुंचे बैगा बाहुल्य गांव, उल्टी-दस्त से मौतों पर सरकार को घेरा…

कवर्धा-   कबीरधाम जिला के बैगा बाहुल्य क्षेत्र सोनवाही गांव में बीते तीन दिनों में उल्टी-दस्त से दो बैगा आदिवासियों की मौत हो गई थी. मौत की सूचना पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल बरसते बारिश में सोनवाही पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया. 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वनांचल क्षेत्र के ग्राम झलमला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना और डॉक्टरों से मरीजों के बारे में जानकारी ली. इसके साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की बात कही. इस दौरान भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि ग्राम सोनवाही में 5 बैगा आदिवासियों की उल्टी-दस्त से मौत को जिला प्रशासन छुपाने की कोशिश कर रहा है. सोनवाही गांव में उल्टी-दस्त से मौत होने के बाद स्वास्थ्य कैम्प लगाया, और कल 94 लोगों की स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जिसमें 25 ग्रामीण मलेरिया पॉजिटिव पाए गए है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों के घर में ही आज मच्छरदानी वितरण किए, जबकि सोनवाही गांव के सभी घरों में मच्छर दानी वितरण करना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता जिले के बैगा बाहुल्य क्षेत्र में स्वास्थ्य परीक्षण होना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग, पीएचई को पानी का सेंपल लेकर जांच किया जाना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार की नाकामी के चलते ग्राम सोनवाही में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की मौत हो रही है.

राम मंदिर में गूंजा नारा, छत्तीसगढ़ के भांचा राम, जय श्री राम, जय श्री राम

रायपुर-   अयोध्या धाम में पवित्र राम जन्मभूमि में श्री रामलला के दर्शन के लिए जैसे ही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट के सहयोगी पहुंचे। पूरे मंदिर परिसर में नारा गूंज उठा। छत्तीसगढ़ के भांचा राम, जय श्री राम, जय श्री राम। इस तरह पूरा परिसर राम भक्ति के माहौल में, ननिहाल से आए भक्तों की स्नेह सिक्त वाणी से गुंजायमान हो गया। जिस तरह माता शबरी की शिवरीनारायण में भगवान श्री राम के पुण्य दर्शन की इच्छा पूरी हुई थी। वही साध ननिहाल के हर राम भक्त को होती है। उसी तरह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी कैबिनेट की भी रामलला के दर्शन की इच्छा आज पूरी हो गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित उनके कैबिनेट के सदस्यों ने आज अयोध्या धाम पहुंचकर श्रीरामलला के दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर भाँचा राम के ननिहाल का उपहार भी प्रभु के चरणों में अर्पित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ से शबरी माता की भूमि शिवरीनारायण से बेर तथा पवित्र जल, विष्णु भोग का चावल, अनारसा, करी लड्डू तथा कोसे के वस्त्र प्रभु को अर्पित किए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रभु श्री राम से छत्तीसगढ़ के लोगों की सुख समृद्धि की कामना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग पूरी कैबिनेट के साथ श्री रामलला के दर्शन के लिए आज अयोध्या धाम आए। भगवान श्रीराम हमारे छत्तीसगढ़ के भांजे हैं। भांचा राम के दर्शन के लिए हम लोग बहुत उत्सुक थे। भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से वो शुभ घड़ी आ गई है जब हम लोगों को अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन का सौभाग्य मिला।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने अयोध्या धाम जाने का निर्णय लिया तो सोचा कि जब अपने भांजे के दर्शन के लिए जाएंगे तो उनके लिए ननिहाल की तरफ से क्या उपहार लेकर जाएं।

फिर विचार आया कि इससे अच्छा उपहार भगवान श्रीराम के लिए क्या हो सकता है कि हम उस पवित्र भूमि शिवरीनारायण से बेर ले जाकर भगवान को भेंट करें, जहां के बेर खुद माता शबरी ने प्रभु श्रीराम को अपने हाथों से खिलाये थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन जूठे बेरों का स्मरण हमेशा के लिए लोक स्मृति में दर्ज हो गया है। माता शबरी की इस धरती से भगवान श्रीराम के लिए यह उपहार ले जाने का हमें सौभाग्य मिला इससे बढ़कर हमें क्या चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनजातीय प्रदेश है। यहां माता शबरी और अनेक जनजातीय विभूतियों ने भगवान श्रीराम का स्वागत किया है। हमारी यह धरती धन्य है। यह अद्भुत संयोग है कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल भी है और यह उनके वन गमन पथ का हिस्सा भी है। रामकथा से जुड़े विद्वान बताते हैं कि श्रीराम ने अपने वनवास के चौदह वर्षों में दस वर्ष यहीं गुजारे।

उन्होंने रामायण के प्रसंगों से भी अपनी बात बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण के प्रसंग जनजातीय लोगों से श्रीराम के अद्भुत स्नेह तथा प्रभु श्रीराम के जनजातीय लोगों से अपार प्रेम की कहानी कहते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि प्रदेश के मुखिया के रूप में अयोध्या पहुंच कर छत्तीसगढ़ के लोगों के अपने आराध्य के प्रति अगाध स्नेह और भक्ति व्यक्त करने का माध्यम बना हूँ। रामलला के दर्शनों से अभिभूत मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम ने हमें रामराज्य का आदर्श दिया है। छत्तीसगढ़ में रामराज्य के आदर्श को लेकर हम चल रहे हैं। श्रीरामलला का दर्शन कर हमने प्रभु से अपने प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या धाम श्रीरामलला दर्शन योजना के माध्यम से हमारे प्रदेश के बहुत से श्रद्धालु श्रीरामलला के दर्शन का पुण्य लाभ ले चुके हैं। उन सबसे श्रीरामलला के भव्य मंदिर और उनकी मंजुल मूर्ति की प्रशंसा सुनकर मन बहुत प्रसन्न होता था। आज हमें भी रामलला के दर्शन का सौभाग्य मिल गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के कैबिनेट के सहयोगी उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, खेल मंत्री टंक राम वर्मा भी मौजूद रहे। इसके साथ ही किरण देव, अजय जामवाल एवं पवन साय भी मौजूद रहे।

डायरिया से 5 बैगा आदिवासियों की मौत, मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने बनाई कमेटी

रायपुर-  कवर्धा जिले में डायरिया से बैगा आदिवासियों की मौत मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जांच कमेटी गठित की है. डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू के नेतृत्व में 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी गांव का दौरा कर ग्रामीणों से बातचीत करेंगे और अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे.

जांच कमेटी में विधायक इंद्रशाह मंडावी, जनकध्रुव, पूर्व विधायक ममता चंद्राकर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होरी राम, नेता महेश चंद्रवंशी, नीलकंठ चंद्रवंशी शामिल हैं. बता दें कि सोनवाही और बोड़ला में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है. डायरिया से 5 बैगाओं की मौत हुई है.