एम्स रायबरेली बन सकता है मरीजों की कब्रगाह, नौसिखिया डाक्टरों के हाथ में दिया गया एम्स रायबरेली का हृदयरोग विभाग
एम्स रायबरेली बन सकता है मरीजो
लखनऊ/रायबरेली। ह्रदयरोग विभाग एम्स रायबरेली में मरीजों की जिंदगी को खतरे में डालने की व्यवस्था अबाध रूप से जारी है, जिसमें, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायबरेली के प्रेसीडेंट, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर(ई.डी.), डीन, डिप्टी डारेक्टर (प्रशासन), ए.एम.एस. और विभागाध्यक्ष आदि शामिल प्रतीत होते हैं। ऐसा ह्रदयरोग से पीड़ित लखनऊ के मरीज विजय कुमार पाण्डेय का कहना है l
मामला यह था कि, दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज विजय पाण्डेय का सफल आपरेशन प्रोफ़ेसर अंकित गुप्ता द्वारा 2023 में किया गया था, उसके बाद से उन्हीं की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था लेकिन, सोमवार, 6 मई, 2024 को सीने में दर्द की शिकायत होने पर एम्स पहुंचे जहाँ, उन्होंने डा अंकित गुप्ता का पर्चा बनाने को कहा लेकिन, उन्हें यह कहते हुए पर्चा बनाने से इंकार कर दिया गया क्योंकि, डा.अंकित गुप्ता की ओ.पी.डी. नहीं होने दी जाती, इसलिए आप चाहें तो डा. ए.पी. सिंह को दिखा लें या डाक्टर से परमीशन लेकर आईए, उसके बाद वे ओ.पी.डी. यह पता करने चले गए कि, डा.ए.पी.सिंह कैसे डाक्टर हैं लेकिन, वहां पूंछने पर बेहाल इधर-उधर भटक रहे मरीजों और तीमारदारों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि, डा. अंकित गुप्ता को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायबरेली के प्रेसीडेंट, डा.ए.के.सिंह,एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ई.डी.), डा. अरविंद राजवंशी, डीन, डा. नीरज कुमारी, डिप्टी डारेक्टर (प्रशासन), एस.के.सिंह, ए.एम.एस., डा. सुयश सिंह विभागाध्यक्ष एवं डा. अर्चना वर्मा इलाज नहीं करने देना चाहते ऐसी खबरे, मीडिया में आयीं थी, इसके स्थान पर डा. ए.पी.सिंह को सभी लोग मिलकर प्रमोट करना चाहते हैं जबकि, अभी हाल ही में डा. ए.पी.सिंह की लापरवाही से एक स्वस्थ मरीज की जान चली गयी, जिसके रिकार्ड भी गायब कराने की योजना है क्योंकि, उनके परिवारीजन रिकार्ड की मांग कर रहे हैं लेकिन, उन्हें दिया नहीं जा रहा है l
मामला यह था कि, दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज विजय पाण्डेय का सफल आपरेशन प्रोफ़ेसर अंकित गुप्ता द्वारा 2023 में किया गया था, उसके बाद से उन्हीं की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था लेकिन, सोमवार, 6 मई, 2024 को सीने में दर्द की शिकायत होने पर एम्स पहुंचे जहाँ, उन्होंने डा अंकित गुप्ता का पर्चा बनाने को कहा लेकिन, उन्हें यह कहते हुए पर्चा बनाने से इंकार कर दिया गया क्योंकि, डा.अंकित गुप्ता की ओ.पी.डी. नहीं होने दी जाती, इसलिए आप चाहें तो डा. ए.पी. सिंह को दिखा लें या डाक्टर से परमीशन लेकर आईए, उसके बाद वे ओ.पी.डी. यह पता करने चले गए कि, डा.ए.पी.सिंह कैसे डाक्टर हैं लेकिन, वहां पूंछने पर बेहाल इधर-उधर भटक रहे मरीजों और तीमारदारों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि, डा. अंकित गुप्ता को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायबरेली के प्रेसीडेंट, डा.ए.के.सिंह,एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ई.डी.), डा. अरविंद राजवंशी, डीन, डा. नीरज कुमारी, डिप्टी डारेक्टर (प्रशासन), एस.के.सिंह, ए.एम.एस., डा. सुयश सिंह विभागाध्यक्ष एवं डा. अर्चना वर्मा इलाज नहीं करने देना चाहते ऐसी खबरे, मीडिया में आयीं थी, इसके स्थान पर डा. ए.पी.सिंह को सभी लोग मिलकर प्रमोट करना चाहते हैं जबकि, अभी हाल ही में डा. ए.पी.सिंह की लापरवाही से एक स्वस्थ मरीज की जान चली गयी, जिसके रिकार्ड भी गायब कराने की योजना है क्योंकि, उनके परिवारीजन रिकार्ड की मांग कर रहे हैं लेकिन, उन्हें दिया नहीं जा रहा है l
मालूम करने पर पता चला कि, जूनियर डाक्टर ए.पी.सिंह इन लोगों के करीबी है इसलिए जांच या कार्यवाही करने के बजाय ए.एम.एस. डा० सुयश सिंह और ई०डी० डा० अरविंद राजवंशी मरीजों की जान खतरे में डालकर उनको ओ०पी०डी० और आपरेशन करने की अनुमति नियम कानून को ताक पर रखकर दे रखी है जबकि, हृदयरोग विभाग बहुत ही संवेदनशील विभाग है, किसी जूनियर और अनुभवहीन डाक्टर को उन्मुक्त रूप से कार्य करने की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि, यह मरीज के जीवन से जुड़ा मामला है यदि करना है तो किसी सीनियर की देखरेख, सलाह और सहायता से किया जाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, रोस्टर बिना किसी अधिकार के, मनमानी तरीके से ऐसा बना दिया गया है कि, पेशेट अपने डाक्टर को दिखा ही नहीं सकता, विभाग के प्रमुख को दरकिनार करके मनमानी तरीके से डा.ए.पी.सिंह को प्रमुखता देने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं, इसके बाद पीड़ित डाक्टर को बिना दिखाए ही वापस आ गया और, सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सहित विभिन उच्च अधिकारियीं स्थिति से अवगत कराते हुए हस्तक्षेप किए जाने संबंधी लिखित शिकायत की इसके बाद एम्स के ए.एम.एस., डा. सुयश सिंह ने फोन करके पीड़ित को फोन पर धमकी और अभद्रता की, मर्रीज विजय पाण्डेय ने बताया कि, इसकी भी लिखित जानकारी सभी को दे दी गयी है जिसमें उन्होंने भारी संख्या में आने वाले ह्रदयरोग के मरीजों के हित में कदम उठाने के साथ-साथ ए.एम.एस., डा. सुयश सिंह के विरुद्ध कार्यवाही की मांग भी की है, उन्होंने आगे कहा कि, यदि अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार मरीजों की जिंदगी के साथ किए जाने वाले इस खिलवाड़ को नहीं रोंकती या कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो वे जनहित में अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे क्यंकि, यह भारी संख्या में आने वाले मरीजों की जिंदगी से जुड़ा मामला हैः l
May 10 2024, 19:30