चांडिल अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली गजराज की झुंड ने डाला डेरा ,रात के अंधेरों में कर रहे हैँ किसानो के फैसल नष्ट
सरायकेला : कोल्हान के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों में जंगली गजराज की झुंड अपना डेरा डाल हुआ है। जंगली गजराज की झुंड शाम ढलने के बाद जंगल छोड़ कर गरीब किसान की खेतों में लगी फसल को अपना निवाला बनाकर सुबह पूर्ण रूप से जंगल-ओर पलास के वन में घुस जा रहे हैं।
सूत्र के अनुसार ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के लावा पहाड़ में 110से 15 की संख्या में जंगली हाथियों का झुंड डेरा डाला हुआ है।
वहीं नीमडीह थाना क्षेत्र के सीमा गांव के पास चांडिल डैम जलाश्य के किनारे वाले क्षेत्रों में भी 15से 20 की संख्या में जंगली हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। ओर जलश्य में जलक्रीड़ा करते देखा गया ।भीषण गर्मी के दौरान यह गजराज की झुंड आए दिन इस क्षेत्र में भोजन और पानी की तलास में भटक कर पहुंच रहा हे।ओर मजे में इस क्षेत्र में रहने लगा ।
हाथियों के झुंड को पहले जुगीलौंग पुड़ियारा, कादला
, वनडीह गांव के आस पास देखा गया था। आबादी वाले क्षेत्रों में गजराजों के पहुंचने के बाद ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। शुक्रवार की दोपहर हाथियों का झुंड सीमा गांव के पास से पानी पीने के लिए चांडिल डैम पहुंचे थे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि झुंड में छोटे-बड़े मिला कर 15 से 20 की संख्या में हाथी है।
वापस जंगल की ओर पहुंचाए जाएंगे हाथी चांडिल के वन क्षेत्र पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा ने बताया कि नीमडीह प्रखंड के सीमा और ईचागढ़ प्रखंड के लावा में जंगली हाथियों का झुंड घुम रहा है। झुंड में ट्रास्कार गजराज भी शामिल है। साथ ही एक दो स्थानों में झुंड से बिछड़े हाथी के पहुंचने की जानकारी दिया गया ।
उन्होंने बताया कि जंगल से आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचे हाथियों के झुंड को वापस जंगल में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार की शाम को हाथी भगाओ दस्ता सीमा भेजा जाएगा।
सूत्र के अनुसार चांडिल दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आए दिन जंगल के विभिन्न जगह पर आग लगने के कारण जंगली गजराज का झुंड सेंचुरी से भटक कर दलमा सेंचुरी से सटे छोटे बड़े पहाड़ी में भोजन और पानी की तलास में आ पहुंचा ।जंगल की अवेध रूप से पेड़ की कटाई और तस्करी के साथ जंगल में भोजन और प्रज्जाप्त भोजन नही मिलने के साथ विभिन्न जल स्रोत सूखने की कगार पर हे। पानी की कमी महसूस किया जा रहा हे। जिसे जंगली वन्य जीवजंतु सेंचुरी छोड़कर पलायन करते हे।
एलिफेंट ड्राइव टीम के सदस्य द्वारा हाथियों के झुंड को वापस जंगल की ओर पहुंचाने का काम करेंगे।उन्होंने बताया कि जंगली हाथियों का झुंड इस बार कहीं अधिक नुकसान नहीं पहुंचाया है।खेतों में लगी फसल को हाथी अपना आहार बना रहे हैं। रेंजर ने कहा कि जंगली हाथियों से ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग सजगता के साथ प्रयास कर रही है।
May 03 2024, 16:57