एनएसडीसी और इस्कॉन ने पूरे भारत में आदिवासी एवं हाशिए पर पड़े युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए साझेदारी की
लखनऊ/नई दिल्ली। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) ने हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त करने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत ये कई राज्यों में आदिवासी और वंचित युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक साथ आगे आए हैं। इस रणनीतिक साझेदारी द्वारा शुरुआत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में आदिवासी और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और आगे भविष्य में अन्य स्थानों में भी इसे विस्तार दिया जाएगा।
संयुक्त रूप से संचालित किए जाने वाले शार्ट-टर्म कोर्स के माध्यम से, प्रतिभागियों को स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म के माध्यम से उद्योग-मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट प्राप्त होंगे, जिससे उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल समापन पर, कुशल युवाओं को देश के भीतर रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, वे ग्लोबल मोबिलिटी और प्लेसमेंट व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट के लिए पात्र होंगे। इस साझेदारी के हिस्से के रूप में, इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला सम्बन्धी स्कूल की स्थापना करेगा। विशेष रूप से, प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ किचेन में नियोजित होने का अवसर मिलेगा, जिसमें एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में इन्टरनेशनल मोबिलिटी के प्रावधानों की सुविधा होगी। इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेन्टरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है, जिसमें आदिवासी युवाओं, महिलाओं और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी के तहत दो एडिशनल प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रोजेक्ट को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान), और मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) जिसमें कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं, जैसे क्षेत्रों में समान आत्मनिर्भर और टिकाऊ प्रतिष्ठान स्थापित करके महाराष्ट्र के पालघर के गोवर्धन इको विलेज (जीईवी) जैसी सफलता को दोहराना है। दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस्कॉन के साथ साझेदारी में इंडिया स्किल सेन्टरों की स्थापना करके, यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी। एनएसडीसी के स्किल इंडिया सेन्टरों के पास विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को सशक्त बनाने, वर्कफोर्स में उनके प्रवेश की सुविधा प्रदान करने और ग्लोबल मोबिलिटी के अवसरों की खोज करने के लिए रिसोर्स और सहायता प्रदान करने का एक पुराना ट्रैक रिकॉर्ड है। प्री-इन्क्यूबेशन और ऑन्तरप्रेन्योरशिप डेवलपमेन्ट ट्रेनिंग के माध्यम से, उभरते उद्यमियों को प्रोटोटाइप डेवलपमेन्ट, क्रेडिट तक पहुंच, मेन्टरशिप और मार्केट लिंकेज स्थापित करने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। एनएसडीसी और इस्कॉन के बीच साझेदारी कौशल वृद्धि के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों को अवसरों तक पहुंच प्राप्त हो जिससे आर्थिक समृद्धि और सभी का सामाजिक समावेशन हो सके।
Apr 23 2024, 18:21