/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा सकता है रूस, जानें क्या है ऐसा कदम उठाने के पीछे की मुख्य वजह India
तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा सकता है रूस, जानें क्या है ऐसा कदम उठाने के पीछे की मुख्य वजह

डेस्क: रूस जल्द ही तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा सकता है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि रूस फिलहाल तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है। 

इस संबंध में हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन उनके बढ़ते सौहार्दपूर्ण संबंधों का एक संकेत मई में रूस के कजान शहर में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के लिए तालिबान का निमंत्रण है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पहले भी तालिबान के साथ चर्चा शुरू की है और जब संगठन ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण किया तो रूस एक राजनयिक को मान्यता देने वाले कुछ देशों में से एक था।

अफगानिस्तान के राजनीतिक एवं आर्थिक संकट और यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों का मतलब है कि दोनों पक्षों को मजबूत रिश्ते से कुछ हासिल करना होगा। वर्ष 1999 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 1267 को अपनाया था। कुछ महीने बाद, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने और तालिबान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने संबंधी एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए।

 रूस के उच्चतम न्यायालय ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए कहा कि इसने चेचन्या में अवैध सशस्त्र बलों के साथ संबंध बनाए रखे और उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान तथा किर्गिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश की। रूस ने खुद को एक शांति दूत के रूप में पेश करने प्रयास के रूप में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत के लिए 2017 में एक क्षेत्रीय पहल शुरू की। इन वार्ताओं का उद्देश्य अफगानिस्तान संकट का समाधान निकालना था।

अब तक किसी भी देश ने नहीं दी है तालिबान को मान्यता

अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। तालिबान चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध वापस लिए जाएं और जब्त की गई संपत्तियों को मुक्त किया जाए ताकि देश के आर्थिक विकास में मदद मिल सके। 

यदि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध वापस ले लिए जाते हैं, तो अफगानिस्तान को महत्वपूर्ण लापीस-लाजुली व्यापार गलियारे के विकास से आर्थिक रूप से लाभ होना चाहिए जो अफगानिस्तान को इस्तांबुल और यूरोप और उज्बेकिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान रेलवे लाइन से जोड़ता है। रूस द्वारा तालिबान को अपनी आतंकवाद सूची से हटाना वर्तमान अफगानिस्तान सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता की दिशा में पहला कदम होगा।

तालिबान को क्यों आतंकी सूची से हटाना चाहता है रूस

तालिबान के साथ सहयोग से रूस को भी लाभ होता है। इसका लक्ष्य खुद को क्षेत्र के सुरक्षा प्रदाता के रूप में पेश करना है। क्षेत्र की स्थिरता, मादक पदार्थों की तस्करी और इस्लामी आतंकवाद के खतरों के बारे में भी चिंताएं है। खासकर मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल पर हाल में आईएसआईएस-के हमले के बाद। क्षेत्र में अपनी भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक मौजूदगी बढ़ाने के लिए रूस पहले से बनाए गए गठबंधनों का इस्तेमाल कर सकता है। 

तालिबान और रूस के बीच बढ़ते सहयोग का रूस और पश्चिम के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में निहितार्थ है। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस ने अन्य देशों को अपने इस रणनीतिक दृष्टिकोण को समझाने का प्रयास किया है कि युद्ध क्यों हो रहा है।

पंजाब से सामने अाई दिल दहलाने वाली घटना, पति बना हैवान, आपसी झगड़े के बाद गर्भवती पत्नी को बिस्तर में बांधकर जिंदा जलाया

पंजाब के अमृतसर के पास बुल्ले नांगल नांगल गांव से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के बाद पति ने अपनी 23 वर्षीय पत्नी को बिस्तर से बांधकर आग लगा दी। इससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह 6 महीने की गर्भवती थी। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपी पति फरार है।

पुलिस ने बताया कि,”सुखदेव और पिंकी के बीच तनावपूर्ण संबंध थे और वे विभिन्न मुद्दों पर झगड़ते थे। शुक्रवार को भी उनके बीच तीखी बहस हुई जिसके बाद सुखदेव ने पिंकी की हत्या कर दी और भाग गया।”

वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने पंजाब पुलिस से इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “अमृतसर में हुई भयावह घटना से स्तब्ध हैं, जहां एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी गर्भवती पत्नी को आग लगा दी। इस कृत्य की क्रूरता अकल्पनीय है। माननीय अध्यक्ष एनसीडब्ल्यू शर्मारेखा ने अपराधी को गिरफ्तार करने और कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के लिए डीजीपी पंजाब को एक पत्र लिखा है।

अगर ईरान ने रोका यह 40 Km चौड़ा यह रास्ता तो तेल को तरसेगी दुनिया, भारत को भी लगेगा झटका

डेस्क: ईरान-इजराइल संघर्ष पर विश्लेषकों के अनुसार अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया तो कच्चे तेल और एलएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस जलडमरूमध्य से भारत जैसे देश सऊदी अरब, इराक और यूएई से कच्चा तेल आयात करते हैं। ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है। ईरान ने पहले इजराइल पर ड्रोन और रॉकेट हमले किए। इसके बाद इजराइल ने मिसाइल दागकर जवाबी कार्रवाई की।

90 डॉलर पर पहुंचे कच्चे तेल के दाम

संघर्ष के बाद से कच्चे तेल की कीमतें 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गईं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि हालांकि तनाव कम करने के प्रयासों से संकट पर नियंत्रण होने की संभावना है, लेकिन अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध किया तो तेल और एलएनजी की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी।

क्या है होर्मुज जलडमरूमध्य?

होर्मुज जलडमरूमध्य ओमान और ईरान के बीच लगभग 40 किलोमीटर चौड़ी एक समुद्री पट्टी है। इस मार्ग के जरिए सऊदी अरब (63 लाख बैरल प्रति दिन), यूएई, कुवैत, कतर, इराक (33 लाख बैरल प्रति दिन) और ईरान (13 लाख बैरल प्रति दिन) कच्चे तेल का निर्यात करते हैं। वैश्विक एलएनजी व्यापार का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा इसके जरिए जाता है।

 इसमें कतर और यूएई से लगभग सभी एलएनजी निर्यात शामिल हैं। मोतीलाल ओसवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है। भारत सऊदी अरब, इराक और यूएई से तेल के साथ ही एलएनजी का आयात इसी मार्ग से करता है।

IPL 2024 के रोमांच के बीच क्रिकेट के फैंस को लगने वाला है बड़ा झटका! इन 7 कप्तानों पर मंडरा रहा बैन होने का खतरा

 आईपीएल 2024 का रोमांच चरम पर है, लेकिन जल्द ही कुछ बड़ा उलटफेर हो सकता है। बीसीसीआई धीमी ओवर गति के मुद्दे पर सख्ती से पेश आ रहा है और 7 टीमों के कप्तानों पर बैन लगाने की तैयारी में है। 

बता दें कि, आईपीएल 2024 के बीच एक-दो फ्रेंचाइजियों के नहीं, बल्कि कुल 7 टीमों के कप्तानों पर बैन लगाया जा सकता है। इससे फ्रेंचाइजी अभी से टेंशन में आ गए हैं। कल तक तो इस लिस्ट में सिर्फ 5 कप्तानों के नाम शामिल थे, जिसे बैन किया जा सकता था, लेकिन अब 2 और कप्तानों का नाम इस अनचाहा लिस्ट में दर्ज हो गया है।

इनमें शामिल हैं:

रुतुराज गायकवाड़ (चेन्नई सुपर किंग्स)

केएल राहुल (लखनऊ सुपर जायंट्स)

ऋषभ पंत (दिल्ली कैपिटल्स)

हार्दिक पांड्या (मुंबई इंडियंस)

शुभमन गिल (गुजरात टाइटन्स)

संजू सैमसन (राजस्थान रॉयल्स)

श्रेयस अय्यर (कोलकाता नाइट राइडर्स)

इन कप्तानों पर क्यों हो सकता है बैन?

बीसीसीआई ने धीमी ओवर गति के लिए नियमों को सख्त कर दिया है। कई बार जुर्माना लगाने के बाद भी कुछ कप्तान नहीं सुधर रहे हैं। अगर तीसरी बार किसी कप्तान पर जुर्माना लगा, तो उन्हें एक मैच के लिए बैन किया जा सकता है।

किसके लिए सबसे ज्यादा खतरा?

दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत पर पहले ही दो बार जुर्माना लग चुका है। अगर पंत पर तीसरी बार जुर्माना लगा, तो उन्हें एक मैच के लिए बैन किया जा सकता है।

बैन का क्या होगा असर

अगर किसी कप्तान पर बैन लगा, तो इससे ना सिर्फ फ्रेंचाइजी की बल्कि करोड़ों फैंस को भी झटका लगेगा। फ्रेंचाइजी को बीच सीजन में कप्तान बदलने पड़ सकते हैं।आईपीएल के बीच बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है।

चेन्नई और लखनऊ के बीच हुए मुकाबले में दोनों टीमों के कप्तानों पर 12-12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। लखनऊ ने यह मैच जीतकर 4 जीत हासिल कर ली हैं, जबकि चेन्नई भी 4 जीत के साथ अंक तालिका में तीसरे स्थान पर है। यह खबर निश्चित रूप से आईपीएल 2024 के रोमांच को और बढ़ा देगी।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने की 1 सैनिक समेत 3 की हत्या, बारूदी सुरंग में विस्फोट से 2 किशोर मरे*

डेस्क: उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में रविवार को दो अलग-अलग आतंकी घटनाओं में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात लोगों ने फ्रंटियर कोर के कम से कम एक सैनिक और दो सरकारी अधिकारियों की हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि दोनों घटनाएं प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में हुईं। पिछले कुछ महीनों में प्रांत के दक्षिणी जिलों में सुरक्षाकर्मियों पर हमले कई गुना बढ़ गए हैं। जिले के यारक टोल प्लाजा पर बंदूकधारियों ने एक सरकारी वाहन पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें दो अधिकारियों की मौत हो गई और सीमा शुल्क खुफिया विभाग के दो अन्य अधिकारी घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों मामलों में हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए। अधिकारी ने बताया कि किसी भी समूह ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। पिछले चार दिनों में सीमा शुल्क खुफिया विभाग के वाहन पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले हुए एक हमले में जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने पांच सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बारूदी सुरंग में विस्फोट में दो किशोरों की मौत पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रविवार को एक बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से कम से कम दो किशोरों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी। ये किशोर खैबर जिले में तिराह घाटी की पहाड़ियों में मशरूम खोज रहे थे, तभी उनमें से एक का पैर बारूदी सुरंग पर पड़ गया, जिससे एक भयानक विस्फोट हुआ। पुलिस ने बताया कि एक किशोर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुए एक अन्य 16 वर्षीय किशोर का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
अब छोटा राजन गैंग के सदस्य पर पुलिस का शिकंजा, 5 लाख की मांगी थी रंगदारी, केस दर्ज कर तलाश में जुटी पुलिस

डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की कमिश्नरेट पुलिस ने माफिया अतीक अहमद गैंग पर शिकंजा कसने के बाद अब बाकी गैंग संचालकों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक राजनीतिक सहारा लेकर बचते रहे छोटा राजन गैंग के सदस्य बच्चा पासी पर पुलिस ने रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया है। धूमनगंज थाने में बच्चा पासी सहित चार लोगों पर रंगदारी सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

पीड़ित महिला का आरोप है कि बच्चा पासी और उसके गैंग के लोगों ने मकान बनवाने से पहले पांच लाख रुपये जमा करने को कहा था। उसने 50 हजार दिया भी, लेकिन रंगदारी का बाकी पैसा लेने के लिए उसे डराया-धमकाया जा रहा है। बच्चा पासी दो बार पार्षद रह चुका है। इस बार इसकी बहन पार्षद चुनी गई है।

गैंग में कितने लोग करते हैं काम?

बच्चा पासी के गैंग में 15 से ज्यादा लोग काम करते हैं। प्रयागराज पुलिस ने कई साल पहले बच्चा पासी गैंग को रजिस्टर्ड किया था। पुलिस की फाइल ने नेहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी का गैंग D संख्या- 46 में रजिस्टर्ड है। इसके ऊपर हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, रंगदारी के दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे प्रयागराज के अलग-अलग थानों में दर्ज है और पुलिस ने इसे कई साल पहले माफिया के तौर पर चिन्हित किया था। कानून से बचने के लिए बच्चा पासी पहले मायावती की पार्टी से जुड़ा और पार्षद बना। फिर सत्ता में रही अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के संपर्क में रहा, इससे उसको फायदा भी मिला।

प्रयागराज के धूमनगंज के रम्मन का पुरवा में रहने वाला नेहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी छोटा राजन गैंग का भी सदस्य रह चुका है। छोटा राजन गैंग में इसकी एंट्री मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन जफर सुपारी के भाई यूपी के गैंगस्टर खान मुबारक ने करवाई थी। छोटा राजन गैंग से जुड़ने के बाद मुंबई में काला घोड़ा शूटआउट हुआ था, जिसमें बच्चा पासी का भी नाम आया था। हालांकि, कोर्ट ने उसको इस केस से बरी कर दिया था। इसके अलावा प्रयागराज के कचहरी के सामने डाकघर में डकैती हुई थी, जिसमें दो गार्ड की हत्या की गई थी। उसमें भी बच्चा पासी और उसके करीबी गैंगस्टर राजेश यादव का नाम आया था और दोनों इस केस में जेल भी गए थे।

आलीशान घर को किया गया ध्वस्त 

पूर्व की सरकारों ने बच्चा पासी पर ज्यादा शिकंजा नहीं कस पाया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद ऑपरेशन माफिया की जद में बच्चा पासी का भी गैंग आया और पुलिस ने इसके गैंग पर शिकंजा कसना शुरू किया। इसी तहत प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसके आलीशान घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था और इसके मुकदमे की फाइल फिर से खोल दी, लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए बच्चा पासी ने बीजेपी के कुछ विधायकों से संपर्क कर लिया और उनसे नजदीकियां बढ़ा ली। हालांकि, प्रयागराज में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद बच्चा पासी के बुरे दिन फिर से शुरू हो गए।

सुरक्षाकर्मियों की बड़ी कार्रवाई, छत्तीसगढ़ में जहां हुआ सबसे कम मतदान, वहां 48 घंटे के अंदर मारा गया नक्सली

डेस्क: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की एक टीम को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था और सुबह करीब साढ़े पांच बजे जब टीम भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशकुतुल गांव के पास जंगल में पहुंची तो वहां नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। गोलीबारी के थमने के बाद घटनास्थल से एक नक्सली का शव और हथियार बरामद किए गए हैं। 

लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान के पहले चरण में छत्तीसगढ़ की एकमात्र बस्तर सीट पर मतदान हुआ। यहां सबसे कम मतदान बीजापुर में हुआ और मतदान खत्म होने के 48 घंटे के अंदर नक्सली मारा गया है। चुनाव आयोग के अनुसार बस्तर लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में सबसे कम वोटिंग बीजापुर में हुई। यहां 42.50 प्रतिशत लोगों ने मतदान कियआ। वहीं, सबसे ज्यादा बस्तर में 83.05 फीसदी मतदान हुआ। बीजापुर एकमात्र विधानसभा क्षेत्र रहा, जहां 50 फीसदी से कम मतदान हुआ।

कवासी पंडारू की तलाश में भेजी गई थी टीम

पुलिस अधिकारी के अनुसार राजधानी रायपुर से लगभग 400 किलोमीटर दूर स्थित केशकुतुल-केशमुंडी जंगलों में माओवादियों के कमांडर कवासी पंडारू और 15-20 अन्य कैडरों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया था। अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी के थमने के बाद घटनास्थल से एक नक्सली का शव, एक हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि इलाके में तलाश अभियान अभी जारी है। 

2024 में 80 नक्सली ढेर

पुलिस के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में इस साल अब तक 80 नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है। बस्तर क्षेत्र में बीजापुर सहित सात जिले आते हैं। पुलिस ने पहले कहा था कि 16 अप्रैल को क्षेत्र के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।

जेल की रिपोर्ट बस झूठ... केजरीवाल की हत्या की है साजिश', AAP का बड़ा आरोप

डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल की हेल्थ रिपोर्ट को लेकर बवाल मचा है। उनके शुगर लेवल और इंसुलिन की डोज को लेकर आम आदमी पार्टी और तिहाड़ जेल प्रशासन के बीच ठन गई है और साथ ही इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल के बयान भी शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाया है और कहा है कि, ''तिहाड़ जेल की रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है... सबसे पहले, शुगर को बेतरतीब ढंग से मापा गया है और जब भी शुगर का स्तर कम हुआ है, रिपोर्ट में केवल वही रिकॉर्ड है। जेल में सीएम अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश हो रही है।”

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि आम आदमी पार्टी झूठे आरोप लगा रही है और अब प्रशासन खुद कह रहा है कि अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन की जरूरत नहीं है। कल तक कह रहे थे कि हमारे पास सारे स्पेशलिस्ट हैं और अब एम्स को चिट्ठी लिखकर डायबिटोलॉजिस्ट की मांग कर रहे हैं, ये सब साजिश नहीं तो क्या है।

जेल प्रशासन क्यों झूठ बोल रहा

सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'जेल में मुझे नहीं पता कि डॉक्टर कैसे नियुक्त किए गए हैं, उनकी सिफारिशों पर ये सभी हेरफेर किए जा रहे हैं और केजरीवाल को इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल को 20 साल से डायबिटीज है और गत 12 वर्षों से वह इंसुलिन ले रहे हैं। इंसुलिन से ही उनका डायबिटीज कंट्रोल हो सकता है, उन्हें जेल में भी इंसुलिन की जरूरत है लेकिन उन्हें इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है। . उन्होंने कहा कि अगर इंसुलिन नहीं दे सकते तो मेरे डॉक्टर से वीडियो कॉल पर बात करा दीजिए लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी भी इजाजत नहीं दी। 

जेल प्रशासन ने कहा था कि केजरीवाल झूठ बोल‌ रहे हैं. लेकिन कल तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली एम्स को चिट्ठी लिखकर डायबिटीज एक्सपर्ट भेजने के लिए कहा है। ईडी की कस्टडी में अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 46 हो गया था. लेकिन उन्हें दवा नहीं दी जा रही है।'

लोकसभा चुनाव के बीच मुरादाबाद से बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश सिंह का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन, कल ही क्षेत्र में डाला गया था वोट

मुरादाबाद से बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश सिंह का निधन हो गया है. दिल्ली एम्स में उन्होंने आखरी सांस ली है. बीजेपी प्रत्याशी का बीमारी के चलते देहांत हुआ है. वोटिंग के एक दिन बाद ही बीजेपी उम्मीदवार का निधन हुआ है. मुरादाबाद सीट पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. सर्वेश सिंह 5 बार के विधायक और एक बार सांसद रह चुके थे, साल 2014 में सर्वेश सिंह मुरादाबाद से सांसद बने थे. इस बार भी बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया था. मुरादाबाद से बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हुआ है.सर्वेश सिंह को पहले चरण के मतदान के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे और फेफड़ों तक संक्रमण फैल गया था. बताया गया है कि उन्हें हार्ट अटैक आया था. मुरादाबाद की सीट पर कल ही मतदान हुआ था. इस पूरे चुनाव में सर्वेश सिंह बीमारी के चलते प्रचार में एक्टिव नहीं रह सके थे. 

मुरादाबाद लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. इस सीट पर बीजेपी ने सर्वेश सिंह को उम्मीदवार बनाया था. वहीं समाजवादी पार्टी ने मौजूदा सांसद एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था. इसके साथ ही बसपा ने इरफान सैफी को इस सीट पर उम्मीदवार घोषित किया था.

74 के हुए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू, तिरुमाला मंदिर में तोड़े गए 750 नारियल

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू के शनिवार को 74 वर्ष के होने पर राज्य भर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जन्मदिन मनाया। अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए अनंतपुर जिले में प्रचार कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना जन्मदिन रायदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र में मनाया। उन्होंने बच्चों और पार्टी नेताओं के साथ केक काटा। इस अवसर पर पंडितों, मौलवियों और पादरियों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। टीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चंद्रबाबू नायडू को बधाई दी और उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की। नायडू की पत्नी एन. भुवनेश्वरी ने चित्तूर जिले के उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम में केक काटकर पार्टी नेताओं के साथ उनका जन्मदिन मनाया। कुप्पम में एक मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद वह पार्टी नेताओं के साथ जश्न में शामिल हुईं। एक अन्य कार्यक्रम में, भुवनेश्वरी ने मुस्लिम महिलाओं के एक समूह के साथ समारोह में भाग लिया। बाद में, उन्होंने 'अन्नदानम' का आयोजन किया और कुप्पम में अन्ना कैंटीन में गरीबों को खाना खिलाया। इस अवसर पर टीडीपी नेताओं ने उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हुए तिरुमाला मंदिर में 750 नारियल तोड़े। हैदराबाद में, आईटी कंपनियों के कर्मचारियों का एक समूह साइबर टावर्स में नायडू के जन्मदिन समारोह का आयोजन करने के लिए इकट्ठा हुआ। 1990 के दशक के मध्य में बनाया गया यह पहला आईटी पार्क था। उस समय नायडू संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। टीडीपी पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना और बीजेपी के साथ गठबंधन में विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ रही है।